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गीत 84

बढ़ते हैं आगे

बढ़ते हैं आगे

(मत्ती 9:37, 38)

  1. 1. यहोवा खूब जानता हमें,

    पाते खुशी किन कामों में।

    तरीके सौ देता हमें

    कि उम्र-भर सेवा करें।

    (कोरस)

    हैं तैयार सब करने

    याह की सेवा में।

    ज़रूरत हो जहाँ, प्यार से हम

    बढ़ते हैं आगे।

  2. 2. सारे जग में काम हैं याह के,

    जहाँ हो माँग, मदद करते।

    रुकेंगे ना हम तो कभी,

    हम को परवाह है लोगों की।

    (कोरस)

    हैं तैयार सब करने

    याह की सेवा में।

    ज़रूरत हो जहाँ, प्यार से हम

    बढ़ते हैं आगे।

  3. 3. जाएँ हम दूर या पास रहें,

    सीखते हुनर याह के काम में।

    शायद सीखें नयी बोली

    कि दें सबको हम खुशखबरी।

    (कोरस)

    हैं तैयार सब करने

    याह की सेवा में।

    ज़रूरत हो जहाँ, प्यार से हम

    बढ़ते हैं आगे।