गीत 100
मेहमान-नवाज़ी किया करें
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1. यहोवा है बड़ा ही मेहमान-नवाज़।
वो करता एक-जैसे हम सबकी परवाह।
बिन देखे वो रंग-रूप,
देता बारिश और धूप;
हर एक कमी वो पूरी करे।
जब हम भी करते दीन लोगों पे दया,
हम याह के बच्चे हैं, होता है बयाँ।
वो फल हमें देगा,
हमारी नेकी का
जब दूसरों का खयाल हम रखें।
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2. बाइबल की लु-दि-या जैसे हम कहें,
‘आप आएँ मेरे घर और आराम पाएँ।’
करें खातिरदारी,
अनजाने हों तब भी;
गर हो कमी, तो पूरी करें।
ना जानें कब-कहाँ नेकी फल लाए,
ज़रूरतमंदों की जब मदद करें;
याह माने कर्ज़ इसे,
आशीषें दे उन्हें
जो बनते मेहरबान उस जैसे।
(प्रेषि. 16:14, 15; रोमि. 12:13; 1 तीमु. 3:2; इब्रा. 13:2; 1 पत. 4:9 भी देखें।)