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गीत 107

यहोवा के प्यार की मिसाल

यहोवा के प्यार की मिसाल

(1 यूहन्‍ना 4:19)

  1. 1. दिखायी जो राह यहोवा ने प्यार की,

    है कमाल, बेमिसाल!

    चलने को इस पे उसी ने सिखाया

    बनके मिसाल, उम्दा मिसाल!

    जिगर के टुकड़े की देके कुरबानी,

    कीमत की अदा, दी पाप से रिहाई।

    गवाही यूँ दी उसने अपने प्यार की।

    ये राह सही, है याह के प्यार की।

  2. 2. चलते हैं जब हम यहोवा की राह पे,

    करते प्यार, सच्चा प्यार।

    ये हो ना सके कि प्यार करें याह से

    और करें बैर भा-इ-यों से।

    हो कोई नया या फिर सालों-साल से,

    करते हम परवाह सबकी तहे-दिल से,

    सबको करते माफ और देते सबूत ये,

    करते हैं प्यार, सबसे सच्चा प्यार।

  3. 3. आपस में बने इक रिश्‍ता हमारा

    जब करें प्यार याह से।

    हम सबका पिता अब करता गुज़ारिश:

    “जान लो ज़रा, एका है क्या!”

    इस प्यार की मिठास चख लें आओ मिलके;

    वचन में याह ने उभारा ये करने,

    छिड़काते चलें प्यार का इत्र सब पे।

    प्यार याह की राह, यहोवा है प्यार।