गीत 109
गहरा प्यार करें
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गहरा प्यार करते हैं जब हम,
करते हैं खुश तब याह का मन।
प्यार ही तो गुण उसका अहम,
हमको भी जो भाए।
आँखों से झलके सच्चा प्यार,
होता कहीं ना स्वार्थ इसमें,
करता कदर रिश्तों की ये,
त्याग करे बिन बोले।
मुश्-किल में हों दोस्त अगर,
फेरेंगे नहीं उनसे नज़र।
समझेंगे दर्द उनका हम,
देंगे ऐसे में हम साथ।
यीशु ने समझाया हमें,
याह हमसे गहरा प्यार करे;
छू लिया दिल को यूँ उसने,
प्यार हम ऐसा ही करें,
दिल की ग-ह-रा-ई से।
(1 पत. 2:17; 3:8; 4:8; 1 यूह. 3:11 भी देखें।)