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गीत 111

हमारी खुशी के कई कारण

हमारी खुशी के कई कारण

(मत्ती 5:12)

  1. 1. हज़ारों हैं कारण खुशी के,

    हर दिन मिलता कारण नया,

    जब देखें खूबसूरत लोगों से

    है सज गया आँगन याह का।

    सिर्फ कहने की ना है खुशी ये,

    बुन्‌-याद इसकी याह का वचन;

    हर दिन उसकी शिक्षा हम लेके,

    बढ़ते हैं विश्‍वास में हरदम।

    घिरे हों हम लाखों दुखों से,

    पर मानें ना जीवन में हार;

    दिलासा और सब्र याह देता,

    तो कर सकते हर मुश्‌-किल पार।

    (कोरस)

    खुशी है जुड़ी याह से ही,

    देता है वो कारण कई।

    बेजोड़ उसके काम, वो सबसे महान,

    भलाई करे हर घड़ी।

  2. 2. निहारें याह की चित्रकारी,

    तो उठती खुशी की लहर;

    अजूबे नहीं तो ये क्या हैं,

    समंदर, ज़मीं और अंबर!

    ली सत्ता जब यीशु ने स्वर्ग में,

    ज़ोरों से गूँजी जयजयकार;

    मुश्‌-किल है चुप रहना हमारा,

    करते हैं ये सब पे इज़हार।

    नयी धरती और नया अंबर,

    बरसों से जिनका इंतज़ार;

    बदल देंगे रौनक जहाँ की,

    लाएँगे खुश्‌-यों की बहार!

    (कोरस)

    खुशी है जुड़ी याह से ही,

    देता है वो कारण कई।

    बेजोड़ उसके काम, वो सबसे महान,

    भलाई करे हर घड़ी।