गीत 111
हमारी खुशी के कई कारण
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1. हज़ारों हैं कारण खुशी के,
हर दिन मिलता कारण नया,
जब देखें खूबसूरत लोगों से
है सज गया आँगन याह का।
सिर्फ कहने की ना है खुशी ये,
बुन्-याद इसकी याह का वचन;
हर दिन उसकी शिक्षा हम लेके,
बढ़ते हैं विश्वास में हरदम।
घिरे हों हम लाखों दुखों से,
पर मानें ना जीवन में हार;
दिलासा और सब्र याह देता,
तो कर सकते हर मुश्-किल पार।
(कोरस)
खुशी है जुड़ी याह से ही,
देता है वो कारण कई।
बेजोड़ उसके काम, वो सबसे महान,
भलाई करे हर घड़ी।
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2. निहारें याह की चित्रकारी,
तो उठती खुशी की लहर;
अजूबे नहीं तो ये क्या हैं,
समंदर, ज़मीं और अंबर!
ली सत्ता जब यीशु ने स्वर्ग में,
ज़ोरों से गूँजी जयजयकार;
मुश्-किल है चुप रहना हमारा,
करते हैं ये सब पे इज़हार।
नयी धरती और नया अंबर,
बरसों से जिनका इंतज़ार;
बदल देंगे रौनक जहाँ की,
लाएँगे खुश्-यों की बहार!
(कोरस)
खुशी है जुड़ी याह से ही,
देता है वो कारण कई।
बेजोड़ उसके काम, वो सबसे महान,
भलाई करे हर घड़ी।
(व्यव. 16:15; यशा. 12:6; यूह. 15:11 भी देखें।)