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गीत 132

अब हम एक हुए

अब हम एक हुए

(उत्पत्ति 2:23, 24)

  1. आखिर मिला हमदम ऐसा,

    जो मेरा अंग और हिस्सा बना।

    याह से तोहफा मिला प्यारा,

    दिल का गुलशन खिला!

    आज से हम-तुम, दो ना रहे,

    एक तन बने, लो सरगम जुड़े;

    बनाया आशियाँ हमने,

    मिलके सँवारेंगे।

    संग चलें, हर दिन याह की राह पे।

    रोज़ बरसाएँ प्यार,

    एक-दूजे पे हम सच्चा।

    वादे किए सामने याह के

    तो हम सदा निभाएँ इन्हें।

    हम दोनों की है दुआ ये,

    रखें सँभाले हम ये प्यार।