गीत 138
पके बालों की खूबसूरती
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1. साथ हमारे हैं बुज़ुर्ग,
धीरज की मिसाल।
चलते हैं वफा से वो
हर घड़ी, हर हाल।
ना रहे हमदम कुछ के,
छोड़ा साथ बीच राह।
तू ना छोड़ेगा उन्हें,
हाँ, यकीं दिला।
(कोरस)
याह नहीं तू भूला,
उनके कामों को;
दे उन्हें शाबाशी,
पा लें हिम्-मत वो।
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2. बाल पके बुज़ुर्गों के,
शोभा उनकी ये।
याह को है पसंद कि वो
चलते नेकी पे।
याद हमेशा हम रखें,
थे वो भी जवान;
जोश से याह की सेवा की,
देके दिल और जान।
(कोरस)
याह नहीं तू भूला,
उनके कामों को;
दे उन्हें शाबाशी,
पा लें हिम्-मत वो।
(भज. 71:9, 18; नीति. 20:29; मत्ती 25:21, 23; लूका 22:28; 1 तीमु. 5:1 भी देखें।)