गीत 139
जब होंगे नयी दुनिया में!
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1. सोचो ज़रा कुछ पल इस पे,
जब हम सब होंगे नयी दुन्-या में।
सोचो कैसा होगा समाँ,
कोई बुरा जब ना हो यहाँ।
चैनो-अमन की है फिज़ा,
यीशु जो राज करे हर जगह।
तब होगी जहान की नयी शु-रु-आत,
निकलेगी हर दिल की
गह-राई से आवाज़:
(कोरस)
“यहोवा, करते तारीफ हम तेरी!
तूने हर चीज़ है बनायी नयी!
मानते हैं हक तेरा, शहंशाह-ए-जहान,
तू का-बि-ले-ता-रीफ, बुलंद है तेरी शान!”
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2. देखो ये भी, जग में नए,
ना दर्द रहा, ना आँसू अब बहें।
ज़खम दिल के सब भर चले,
ऐसा लगाया मरहम याह ने।
सब की निगाह होगी हैराँ
करिश्मा देखके यहोवा का;
बरसों से जो मौत की हैं नींद में सोए,
आँख मलते जागेंगे,
गाएँगे इक सुर में:
(कोरस)
“यहोवा, करते तारीफ हम तेरी!
तूने हर चीज़ है बनायी नयी!
मानते हैं हक तेरा, शहंशाह-ए-जहान,
तू का-बि-ले-ता-रीफ, बुलंद है तेरी शान!”
(भज. 37:10, 11; यशा. 65:17; यूह. 5:28; 2 पत. 3:13 भी देखें।)