गीत 146
“सबकुछ नया बना रहा हूँ”
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1. याह ने था कहा कि वो लाएगा राज,
पहनाया है वक्त पे यीशु को ताज।
स्वर्ग में है खुशी कि शैतान हारा,
धरती को भी याह जल्द सँवारेगा।
(कोरस)
समाँ वो होगा खुश्-यों का!
यहोवा सबके संग होगा!
तब मौत को ही दफनाया जाएगा,
यहोवा गम के आँसू पोंछेगा।
वादा यहोवा का होगा पूरा,
‘कर दूँगा सब मैं नया।’
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2. राजा की “दुल्हन” है उसकी संगिनी,
गहनों से है खूब ये सजी-सँवरी।
नगरी है यरूशलेम ये नयी,
इस पे सिर्फ यहोवा की है रौशनी।
(कोरस)
समाँ वो होगा खुश्-यों का!
यहोवा सबके संग होगा!
तब मौत को ही दफनाया जाएगा,
यहोवा गम के आँसू पोंछेगा।
वादा यहोवा का होगा पूरा,
‘कर दूँगा सब मैं नया।’
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3. दिन-रात हैं दरवाज़े नगरी के खुले,
चलेगा जहान इसकी रौशनी में।
अनजान हैं कई इस हकीकत से,
तो सब पे हम रौशनी ये चमकाएँ।
(कोरस)
समाँ वो होगा खुश्-यों का!
यहोवा सबके संग होगा!
तब मौत को ही दफनाया जाएगा,
यहोवा गम के आँसू पोंछेगा।
वादा यहोवा का होगा पूरा,
‘कर दूँगा सब मैं नया।’
(मत्ती 16:3; प्रका. 12:7-9; 21:23-25 भी देखें।)