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यहोवा की आशीषों की नदियाँ

यहोवा की आशीषों की नदियाँ

बाइबल की कुछ आयतों में यहोवा से मिलनेवाली आशीषों की एक तसवीर पेश करने के लिए “नदी” और “पानी” की मिसाल दी गयी है। इन आयतों से हम जान सकते हैं कि यहोवा हमें किन तरीकों से आशीषें देता है। आइए उन पर गौर करें।

योएल 3:18 इस भविष्यवाणी में एक सोते की बात की गयी है जो यहोवा के भवन से निकलता है। यह सोता “बबूल के पेड़ों” की सूखी “घाटी” को सींचता है। इस तरह यहेजकेल की तरह योएल ने भी एक ऐसी नदी के बारे में बताया जो बेकार-सी जगह को उपजाऊ बना देती है या उसमें जान डाल देती है। दोनों भविष्यवाणियों में बताया गया है कि नदी यहोवा के भवन या मंदिर से निकलती है।

जकरयाह 14:8 भविष्यवक्‍ता जकरयाह ने एक दर्शन में देखा कि यरूशलेम से “जीवन देनेवाला पानी” बह रहा है। उसका आधा पानी पूर्वी सागर यानी मृत सागर की तरफ बहता है और आधा पानी पश्‍चिमी सागर यानी भूमध्य सागर में जा मिलता है। यरूशलेम “महाराजा” यहोवा का शहर था। (मत्ती 5:35) जकरयाह ने उस शहर के बारे में जो बताया, उससे हम समझ पाते हैं कि आनेवाले समय में यहोवा पूरी धरती पर राज करेगा। भविष्यवाणी में पानी के बारे में जो बताया गया है, उससे पता चलता है कि फिरदौस में यहोवा दो समूह के लोगों को आशीषें देगा। वे हैं, महा-संकट से बचनेवाले लोग और फिरदौस में ज़िंदा होनेवाले लोग।

प्रकाशितवाक्य 22:1, 2 प्रेषित यूहन्‍ना ने दर्शन में एक नदी देखी जो बिलकुल वैसी थी जैसे यहेजकेल ने देखी थी। मगर यूहन्‍ना ने देखा कि नदी किसी मंदिर से नहीं बल्कि यहोवा की राजगद्दी से बह रही है। यह दिखाता है कि यूहन्‍ना के दर्शन में भी जकरयाह के दर्शन की तरह हज़ार साल के राज में मिलनेवाली आशीषों की बात की गयी है।

हालाँकि यहोवा के राज से मिलनेवाली आशीषों और यहेजकेल के दर्शन में बतायी आशीषों में ज़रा-सा फर्क है, मगर सारी आशीषें देनेवाला यहोवा है और ये सारी आशीषें पानेवाले उसके वफादार लोग हैं।

भजन 46:4 गौर कीजिए कि इस आयत में उपासना और हुकूमत दोनों का ज़िक्र किया गया है। यहाँ लिखा है कि एक नदी से ‘परमेश्‍वर के नगर’ और ‘परम-प्रधान के महान पवित्र डेरे,’ दोनों को खुशियाँ मिलती हैं। “परमेश्‍वर का नगर” उसके राज और उसकी हुकूमत को दर्शाता है और पवित्र डेरा शुद्ध उपासना को दर्शाता है।

इन सारी आयतों पर ध्यान देने से हमें यकीन होता है कि यहोवा दो तरीकों से अपने वफादार लोगों को आशीषें देगा। पहला अपने राज के ज़रिए और दूसरा, शुद्ध उपासना के इंतज़ाम के ज़रिए। ये ऐसे इंतज़ाम हैं जिनसे हमें हमेशा फायदा होता रहेगा। तो आइए हम यहोवा और उसके बेटे से ‘जीवन का जल’ लेते रहें यानी हमेशा की ज़िंदगी देने के लिए उन्होंने जो इंतज़ाम किए हैं, उनसे फायदा पाते रहें।​—यिर्म. 2:13; यूह. 4:10.