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शासी निकाय का खत

शासी निकाय का खत

‘तुम्हें दूसरों को सिखाने के काबिल होना चाहिए।’ (इब्रा. 5:12) ज़रा गौर कीजिए, सबसे महान शिक्षक यहोवा ने हमें यह मौका दिया है कि हम दूसरों को उसके बारे में सिखाएँ! यहोवा के बारे में हम चाहे परिवार में सिखाएँ या मंडली में या फिर प्रचार में, यह हमारे लिए एक बहुत बड़ी आशीष है और एक भारी ज़िम्मेदारी भी। हम यह काम अच्छी तरह कैसे कर सकते हैं?

जवाब के लिए गौर कीजिए कि प्रेषित पौलुस ने तीमुथियुस से क्या कहा: ‘लोगों के सामने पढ़कर सुनाने, उन्हें बढ़ावा देने और सिखाने में जी-जान से लगा रह। ऐसा करने से तू अपना और तेरी बात सुननेवालों का भी उद्धार करेगा।’ (1 तीमु. 4:13, 16) आपके पास एक ऐसा संदेश है जिससे लोगों की जान बच सकती है। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि आप पढ़ने और सिखाने में कुशल बनें। ऐसा करने में यह ब्रोशर आपकी मदद करेगा। इसकी कुछ खासियतों पर गौर कीजिए।

हर पेज पर एक आयत दी गयी है। आयत में उस पेज पर बताए गुण से जुड़ा बाइबल का एक सिद्धांत दिया गया है या फिर लिखा है कि फलाँ व्यक्‍ति ने वह गुण कैसे दर्शाया

यहोवा हमारा “महान उपदेशक” है। (यशा. 30:20) भले ही आप इस ब्रोशर की मदद से पढ़ने और सिखाने में काबिल होते जाएँगे, मगर यह कभी मत भूलिए कि हम जो भी सिखाते हैं वह यहोवा की तरफ से है और वही लोगों को अपनी तरफ खींचता है। (यूह. 6:44) इसलिए हमेशा पवित्र शक्‍ति के लिए प्रार्थना कीजिए। परमेश्‍वर के वचन का ज़्यादा-से-ज़्यादा इस्तेमाल कीजिए। सुननेवालों का ध्यान यहोवा की तरफ खींचिए, न कि अपनी तरफ। उनके दिल में यहोवा के लिए गहरा प्यार बढ़ाइए।

आपको इतना ज़रूरी संदेश बताने का मौका दिया गया है, जितना कि पहले कभी इंसानों को नहीं दिया गया था। हमें पूरा यकीन है कि आप ‘परमेश्‍वर से मिलनेवाली शक्‍ति पर निर्भर होकर’ दूसरों को सिखाने का काम अच्छी तरह कर पाएँगे।​—1 पत. 4:11.

आपके संगी शिक्षक,

यहोवा के साक्षियों का शासी निकाय