पाठ 18
सच्चे मसीहियों को कैसे पहचानें?
आज दुनिया में करोड़ों लोग खुद को ईसाई या मसीही कहते हैं। लेकिन उनमें आपस में ही बहुत फर्क है। कोई कुछ मानता है, तो कोई कुछ। वे सब अपने-अपने उसूलों के हिसाब से जीते हैं। तो हम कैसे पहचानें कि सच्चे मसीही कौन हैं?
1. मसीही किसे कहते हैं?
जो यीशु मसीह को मानते हैं या उसके शिष्य हैं, उन्हें मसीही कहते हैं। (प्रेषितों 11:26 पढ़िए।) लेकिन वे कैसे साबित कर सकते हैं कि वे यीशु के शिष्य या चेले हैं? यीशु ने कहा, “अगर तुम हमेशा मेरी शिक्षाओं को मानोगे, तो तुम सचमुच मेरे चेले ठहरोगे।” (यूहन्ना 8:31) तो फिर एक व्यक्ति को तभी सच्चा मसीही कहा जा सकता है, जब वह यीशु की शिक्षाओं को मानता हो। यीशु ने जो भी सिखाया वह परमेश्वर के वचन से था। उसी तरह सच्चे मसीही जो कुछ मानते हैं, वह परमेश्वर के वचन बाइबल पर आधारित होता है।—लूका 24:27 पढ़िए।
2. सच्चे मसीही कैसे दिखाते हैं कि वे एक-दूसरे से प्यार करते हैं?
यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, “तुम एक-दूसरे से प्यार करो जैसे मैंने तुमसे प्यार किया है।” (यूहन्ना 15:12) यीशु ने कैसे दिखाया कि उसे अपने शिष्यों से प्यार है? उसने उनके लिए वक्त निकाला, उनका हौसला बढ़ाया और उनकी मदद की। यहाँ तक कि उसने उनके लिए अपनी जान भी दे दी। (1 यूहन्ना 3:16) उसी तरह, सच्चे मसीही सिर्फ सिखाते ही नहीं कि एक-दूसरे से प्यार करो, बल्कि अपनी बातों और कामों से दिखाते भी हैं कि वे सच में एक-दूसरे से प्यार करते हैं।
3. सच्चे मसीही किस काम में लगे हुए हैं?
यीशु ने अपने शिष्यों को एक काम सौंपा था। उसने उन्हें ‘परमेश्वर के राज का प्रचार करने भेजा।’ (लूका 9:2) इसलिए शुरू के मसीही सिर्फ उपासना की जगहों में ही नहीं, बल्कि घर-घर जाकर और जहाँ कहीं लोग मिलते थे, उन्हें खुशखबरी सुनाते थे। (प्रेषितों 5:42 और 17:17 पढ़िए।) आज सच्चे मसीही भी जहाँ कहीं लोग मिलते हैं, उन्हें बाइबल का संदेश सुनाते हैं। उन्हें लोगों से प्यार है इसलिए वे खुशी-खुशी इस काम में मेहनत करते हैं और अपना समय लगाते हैं।—मरकुस 12:31.
और जानिए
सच्चे मसीही यीशु की शिक्षाओं को मानते हैं और उसके जैसा बनने की कोशिश करते हैं। इस बारे में और जानने से आप समझ पाएँगे कि कौन सच्चे मसीही हैं और कौन नहीं।
4. वे बाइबल से जानना चाहते हैं कि सच क्या है
कई लोग मसीही होने का दावा तो करते हैं, पर उन्हें नहीं लगता कि बाइबल में दी सच्चाई को जानना ज़रूरी है। वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
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कुछ चर्च किस तरह यीशु की शिक्षाओं से दूर चले गए?
यीशु ने हमेशा परमेश्वर के वचन से सच्चाई सिखायी। यूहन्ना 18:37 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
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जैसा यीशु ने कहा, जो मसीही “सच्चाई के पक्ष में” हैं वे क्या करेंगे?
5. वे लोगों को खुशखबरी सुनाते हैं
स्वर्ग लौटने से पहले यीशु ने अपने शिष्यों को एक काम सौंपा जो आज तक चल रहा है। मत्ती 28:19, 20 और प्रेषितों 1:8 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:
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खुशखबरी सुनाने का काम किस हद तक किया जाएगा?
6. वे जो सिखाते हैं, उसके हिसाब से चलते भी हैं
टॉम को कैसे यकीन हो गया कि उसे वे लोग मिल गए जो यीशु के सच्चे शिष्य हैं? जानने के लिए वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
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टॉम का धर्मों पर से विश्वास क्यों उठ गया था?
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टॉम को किस बात से यकीन हुआ कि उसे सच्चाई मिल गयी है?
अकसर लोग हमारी बातों से ज़्यादा हमारे कामों पर ध्यान देते हैं। मत्ती 7:21 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
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यीशु किस बात पर ध्यान देता है? हम जो कहते हैं उस पर या हम जो करते हैं, उस पर?
7. वे एक-दूसरे से सच्चा प्यार करते हैं
क्या सच्चे मसीहियों में वाकई ऐसा प्यार होता है कि वे एक-दूसरे के लिए अपनी जान दे दें? जानने के लिए वीडियो देखिए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
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भाई लॉयड किस वजह से भाई योहान्सन के लिए अपनी जान देने को तैयार था?
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क्या आपको लगता है, भाई लॉयड ने वही किया जो एक सच्चे मसीही को करना चाहिए?
यूहन्ना 13:34, 35 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:
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यीशु के शिष्य (यानी सच्चे मसीही) दूसरे राष्ट्र या जाति के लोगों के साथ कैसा व्यवहार करेंगे?
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सच्चे मसीही उस वक्त भी कैसे पेश आएँगे जब युद्ध चल रहा हो?
कुछ लोग कहते हैं: “ईसाइयों ने बहुत-से बुरे काम किए हैं। उनके पास सच्चाई कहाँ होगी?”
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आप बाइबल का कौन-सा वचन दिखाकर समझाएँगे कि सच्चे मसीही उनसे अलग हैं?
अब तक हमने सीखा
सच्चे मसीही बाइबल की शिक्षाओं को मानते हैं और बाइबल से लोगों को सच्चाई सिखाते हैं। उनमें ऐसा प्यार होता है कि वे एक-दूसरे के लिए अपनी जान भी दे सकते हैं।
आप क्या कहेंगे?
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सच्चे मसीही जो भी मानते हैं, वह किस पर आधारित होता है?
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किस गुण से सच्चे मसीहियों की पहचान होती है?
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सच्चे मसीही किस काम में लगे हुए हैं?
ये भी देखें
एक ऐसा समूह है जो यीशु मसीह की शिक्षाओं को मानता है और उसके नक्शे-कदम पर चलता है। आइए उसके बारे में जानें।
एक स्त्री, जो पहले नन थी, कैसे परमेश्वर के लोगों से मिली और उसे परिवार जैसा प्यार मिला? आइए जानें।
“उन्होंने हर सवाल का जवाब बाइबल से दिया!” (प्रहरीदुर्ग, जुलाई-सितंबर, 2014)
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