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पाठ 41

यौन-संबंध के बारे में बाइबल में क्या बताया गया है?

यौन-संबंध के बारे में बाइबल में क्या बताया गया है?

जब यौन-संबंध या सेक्स की बात आती है, तो कई लोग इस बारे में बात करने से झिझक महसूस करते हैं। लेकिन बाइबल में इस विषय के बारे में साफ-साफ बताया गया है और वह भी पूरी गरिमा के साथ। इसमें दी सलाह को मानने से हमारा ही फायदा होता है। और क्यों न हो, आखिर ये बातें हमारे सृष्टिकर्ता यहोवा की तरफ से जो हैं। उससे अच्छी सलाह और कौन दे सकता है! उसकी सलाह मानने से हमें पल-भर की खुशी नहीं, बल्कि हमेशा की खुशी मिलेगी और हम यहोवा का दिल भी खुश कर पाएँगे।

1. यौन-संबंध के बारे में यहोवा की क्या सोच है?

यौन-संबंध एक तोहफे की तरह है जो यहोवा ने इंसानों को दिया है। वह चाहता है कि एक आदमी और औरत एक-दूसरे से शादी करने के बाद ही इस तोहफे का आनंद उठाएँ। इस तोहफे के ज़रिए पति-पत्नी न सिर्फ बच्चे पैदा कर पाते हैं, बल्कि एक-दूसरे के लिए अपना प्यार जता पाते हैं और एक-दूसरे को खुशी दे पाते हैं। इसलिए बाइबल में लिखा है, “अपनी जवानी की पत्नी के साथ खुश रह।” (नीतिवचन 5:18, 19) यहोवा मसीहियों से उम्मीद करता है कि वे अपने जीवन-साथी से वफा निभाएँ। इसलिए वे व्यभिचार नहीं करेंगे यानी किसी दूसरे के साथ यौन-संबंध नहीं रखेंगे।​—इब्रानियों 13:4 पढ़िए।

2. नाजायज़ यौन-संबंध का क्या मतलब है?

बाइबल में लिखा है, ‘नाजायज़ यौन-संबंध रखनेवाले परमेश्‍वर के राज के वारिस नहीं होंगे।’ (1 कुरिंथियों 6:9, 10) बाइबल लेखकों ने नाजायज़ यौन-संबंध के लिए यूनानी भाषा में शब्द पोर्निया  इस्तेमाल किया। इस शब्द में ये बातें शामिल हैं: (1) ऐसे दो लोगों के बीच यौन-संबंध जिनकी आपस में शादी नहीं हुई, a (2) समलैंगिक संबंध और (3) जानवरों के साथ यौन-संबंध। जब हम “नाजायज़ यौन-संबंधों से दूर” रहते हैं, तो हम यहोवा का दिल खुश करते हैं और इससे हमारा ही भला होता है।​—1 थिस्सलुनीकियों 4:3.

और जानिए

आप नाजायज़ यौन-संबंध से कैसे दूर रह सकते हैं? अपना चालचलन शुद्ध बनाए रखने से आपको क्या फायदे होंगे? आइए जानें।

3. नाजायज़ यौन-संबंध से दूर भागिए!

यूसुफ परमेश्‍वर का एक वफादार सेवक था। उसे अपना चालचलन शुद्ध बनाए रखने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। उत्पत्ति 39:1-12 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  • यूसुफ ने वहाँ से फौरन भागने का फैसला क्यों किया?​—वचन 9 देखिए।

  • क्या आपको लगता है कि यूसुफ ने सही फैसला किया? आप ऐसा क्यों कहेंगे?

यूसुफ की तरह आज नौजवान कैसे नाजायज़ यौन-संबंध से दूर भाग सकते हैं? वीडियो देखिए

यहोवा हम सबसे चाहता है कि हम नाजायज़ यौन-संबंध को ठुकराएँ। पहला कुरिंथियों 6:18 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  • ऐसे कौन-से हालात आते हैं जिनमें एक व्यक्‍ति नाजायज़ यौन-संबंध के फंदे में फँस सकता है?

  • आप नाजायज़ यौन-संबंध से कैसे दूर भाग सकते हैं?

4. आप गलत इच्छाओं को ठुकरा सकते हैं!

हम गलत इच्छाओं को ठुकराना चाहते हैं और नाजायज़ यौन-संबंध से दूर रहना चाहते हैं। लेकिन किन कारणों से हमारा यह इरादा कमज़ोर पड़ सकता है? वीडियो देखिए फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

  • जब भाई को एहसास हुआ कि अपनी सोच और कामों की वजह से वह अपनी पत्नी से बेवफाई कर बैठेगा, तो उसने कौन-से कदम उठाए?

वफादार मसीहियों के लिए भी अपनी सोच शुद्ध बनाए रखना कभी-कभी मुश्‍किल हो सकता है। आप क्या कर सकते हैं ताकि आप गलत बातों के बारे में सोचते न रहें? फिलिप्पियों 4:8 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  • हमें किन बातों के बारे में सोचना चाहिए?

  • बाइबल पढ़ने और यहोवा की सेवा में व्यस्त रहने से आप कैसे गलत इच्छाओं को ठुकरा पाएँगे और पाप करने से दूर रह पाएँगे?

5. यहोवा के स्तरों को मानने से हमें फायदे होते हैं

यहोवा जानता है कि हमारे लिए सबसे अच्छा क्या है। उसने बताया है कि हम अपना चालचलन कैसे शुद्ध बनाए रख सकते हैं और इससे हमें क्या फायदे होंगे। नीतिवचन 7:7-27 पढ़िए या वीडियो देखिए फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  • उस नौजवान ने ऐसा क्या किया जिससे वह लुभाया गया?​—नीतिवचन 7:8, 9 देखिए।

  • नीतिवचन 7:23, 26 में बताया गया है कि नाजायज़ यौन-संबंध रखने के खतरनाक अंजाम हो सकते हैं। अगर हम अपना चालचलन शुद्ध बनाए रखें, तो हम किन समस्याओं से बच पाएँगे?

  • अगर हम हमेशा के लिए खुश रहना चाहते हैं, तो शुद्ध चालचलन बनाए रखना क्यों ज़रूरी है?

बाइबल में समलैंगिकता के बारे में जो बताया है, उससे कुछ लोगों को लगता है कि परमेश्‍वर समलैंगिक लोगों से नफरत करता है। लेकिन ऐसा नहीं है। यहोवा प्यार करनेवाला परमेश्‍वर है और वह चाहता है कि हर कोई हमेशा के लिए खुशी से जीए। मगर ऐसी ज़िंदगी पाने के लिए हमें उसके स्तरों को मानना होगा। पहला कुरिंथियों 6:9-11 पढ़िए। फिर आगे दिए सवाल पर चर्चा कीजिए:

  • क्या परमेश्‍वर की नज़र में सिर्फ समलैंगिक इच्छाएँ ही गलत हैं?

परमेश्‍वर को खुश करने के लिए हर किसी को अपने अंदर कोई-न-कोई बदलाव करना पड़ता है और इसमें मेहनत लगती है। लेकिन क्या ऐसा करने का कोई फायदा है? भजन 19:8, 11 पढ़िए। फिर आगे दिए सवालों पर चर्चा कीजिए:

  • क्या आपको लगता है कि यहोवा के नैतिक स्तरों को मानना सही है? आप ऐसा क्यों कहेंगे?

यहोवा ने उसके नैतिक स्तरों के मुताबिक जीने में कई लोगों की मदद की है। वह आपकी भी मदद कर सकता है

कुछ लोग कहते हैं: “अगर कोई किसी से प्यार करता है तो संबंध बनाने में कोई हर्ज़ नहीं, फिर चाहे वह कोई भी हो।”

  • आप क्या जवाब देंगे?

अब तक हमने सीखा

यौन-संबंध एक तोहफे की तरह है जो यहोवा ने इंसानों को दिया है। वह चाहता है कि सिर्फ एक पति-पत्नी ही इसका आनंद उठाएँ।

आप क्या कहेंगे?

  • नाजायज़ यौन-संबंध में कौन-सी बातें शामिल हैं?

  • हम नाजायज़ यौन-संबंध से कैसे दूर रह सकते हैं?

  • यहोवा के नैतिक स्तरों को मानने से हमें क्या फायदा होता है?

लक्ष्य

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