मसीही
यीशु के चेले कैसे मसीही कहलाए जाने लगे?
सच्चे मसीहियों की पहचान क्या है?
यूह 13:15, 35; 15:17; 1पत 2:21
ये भी देखें: गल 5:22, 23; फिल 2:5, 6; 1यूह 2:6; 4:20
सच्चे मसीही किस आधार पर बचाए जाएँगे?
प्रेष 4:12; 1थि 5:9; प्रक 7:10
ये भी देखें: प्रेष 5:30, 31; रोम 6:23
सच्चे मसीही यीशु को अपना राजा क्यों मानते हैं?
दान 7:13, 14; इफ 5:24; फिल 2:9, 10; कुल 1:13
ये भी देखें: भज 2:6; 45:1, 6, 7; यूह 14:23; इफ 1:19-22
सच्चे मसीही दुनिया के मामलों में क्यों नहीं पड़ते?
यूह 15:19; याकू 4:4; 1यूह 2:15
ये भी देखें: “दुनिया के साथ दोस्ती” और “सरकारें—मसीही निष्पक्ष रहते हैं”
सच्चे मसीही सरकार की आज्ञा क्यों मानते हैं?
रोम 13:1, 6, 7; तीत 3:1; 1पत 2:13, 14
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इससे जुड़े किस्से:
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मत 22:15-22—यीशु ने समझाया कि उसके चेले क्यों कर देते हैं
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प्रेष 4:19, 20; 5:27-29—यीशु के चेलों ने दिखाया कि ऐसे कुछ मामले हैं, जब मसीही सरकार की आज्ञा नहीं मानेंगे
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मसीही किस मायने में सैनिक हैं?
ये भी देखें: इफ 6:12, 13; 1ती 1:18
मसीही जो सिखाते हैं उन्हें क्यों उसके मुताबिक चलना भी चाहिए?
ये भी देखें: इफ 4:17, 19-24; याकू 3:13
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इससे जुड़े किस्से:
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प्रेष 9:1, 2; 19:9, 23—मसीही जिस तरह उपासना करते हैं, उसे “प्रभु की राह” कहा गया है। यह दिखाता है कि मसीहियों को यीशु के नक्शे-कदम पर चलना चाहिए
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सच्चे मसीहियों को क्यों परमेश्वर यहोवा के बारे में गवाही या साक्षी देनी चाहिए?
यश 43:10, 12; यूह 17:6, 26; रोम 15:5, 6; प्रक 3:14
ये भी देखें: इब्र 13:15
सच्चे मसीहियों को क्यों यीशु मसीह के बारे में भी गवाही देनी चाहिए?
प्रेष 1:8; 5:42; 10:40-42; 18:5; प्रक 12:17
ये भी देखें: प्रेष 5:30, 32; 13:31
सभी सच्चे मसीहियों को क्यों खुशखबरी सुनानी चाहिए?
ज़ुल्म और विरोध के बारे में मसीहियों की क्या सोच होनी चाहिए?
ये देखें: “ज़ुल्म”
क्या सभी सच्चे मसीही स्वर्ग जाएँगे?
ये भी देखें: 1पत 1:3, 4
ज़्यादातर सच्चे मसीहियों को हमेशा की ज़िंदगी कहाँ मिलेगी?
क्या यीशु को माननेवाले हर समूह या चर्च में थोड़े-बहुत सच्चे मसीही हैं?
क्या ईसाई कहलानेवाले सभी लोग सच में यीशु के चेले हैं?
मत 7:21-23; रोम 16:17, 18; 2कुर 11:13-15; 2पत 2:1
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इससे जुड़े किस्से:
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मत 13:24-30, 36-43—यीशु ने एक मिसाल देकर समझाया कि बहुत-से नकली मसीही भी होंगे
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2कुर 11:24-26—पौलुस ने बताया कि उस पर कई मुश्किलें आयीं, जैसे उसे “झूठे भाइयों” का सामना करना पड़ा
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1यूह 2:18, 19—प्रेषित यूहन्ना ने बताया कि बहुत-से भाई-बहन ‘मसीह के विरोधी’ बन गए हैं और उन्होंने सच्चाई छोड़ दी है
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