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धीरज

धीरज

क्या यहोवा के सेवकों को धीरज के गुण की ज़रूरत है?

जब लोग हमारा संदेश नहीं सुनते या हमारा विरोध करते हैं, तो हमें क्यों हैरानी नहीं होती?

मत 10:22; यूह 15:18, 19; 2कुर 6:4, 5

  • इससे जुड़े किस्से:

    • 2पत 2:5; उत 7:23; मत 24:37-39​—नूह ‘नेकी का प्रचारक’ था, फिर भी ज़्यादातर लोगों ने उसकी नहीं सुनी। इसलिए सिर्फ वह और उसका परिवार जलप्रलय से बचा

    • 2ती 3:10-14​—पौलुस ने अपनी मिसाल देकर तीमुथियुस को धीरज रखने का बढ़ावा दिया

जब हमारे परिवारवाले हमारा विरोध करते हैं, तब भी हमें क्यों हैरानी नहीं होती?

मत 10:22, 36-38; लूक 21:16-19

  • इससे जुड़े किस्से:

    • उत 4:3-11; 1यूह 3:11, 12​—कैन दुष्ट था, इसलिए उसने अपने भाई हाबिल को मार डाला जो नेक था

    • उत 37:5-8, 18-28​—यूसुफ के भाइयों ने उसे पड़कर गुलामी में बेच दिया। इसकी एक वजह थी कि यूसुफ ने उन्हें अपने सपने के बारे में बताया था, जो यहोवा ने उसे दिखाया था

जब हम पर ज़ुल्म होता है, तो हमें मौत से क्यों नहीं डरना चाहिए?

मत 10:28; 2ती 4:6, 7

ये भी देखें: प्रक 2:10

  • इससे जुड़े किस्से:

    • दान 3:1-6, 13-18​—शदरक, मेशक और अबेदनगो मरने के लिए तैयार थे, पर मूरत के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं थे

    • प्रेष 5:27-29, 33, 40-42​—प्रेषितों को जान से मार डालने की धमकी दी गयी, फिर भी उन्होंने धीरज रखा और वे प्रचार करने में लगे रहे

जब हमें सुधारा जाता है तब भी यहोवा के वफादार रहने में क्या बात हमारी मदद करेगी?

नीत 3:11, 12; इब्र 12:5-7

  • इससे जुड़े किस्से:

    • गि 20:9-12; व्य 3:23-28; 31:7, 8​—जब यहोवा ने मूसा को सुधारा, तो मूसा निराश हो गया। फिर भी उसने धीरज रखा और अंत तक यहोवा की सेवा करता रहा

    • 2रा 20:12-18; 2इत 32:24-26​—जब राजा हिजकियाह को उसकी गलती के लिए सुधारा गया, तो उसने खुद को नम्र किया, धीरज रखा और यहोवा की सेवा करता रहा

जब दूसरे यहोवा की सेवा करना छोड़ देते हैं, तो हमारे लिए धीरज रखना क्यों मुश्‍किल हो सकता है?

यिर्म 1:16-19; हब 1:2-4

  • इससे जुड़े किस्से:

    • भज 73:2-24​—जब एक भजन के लिखनेवाले ने देखा कि दुष्ट लोग चैन की ज़िंदगी जी रहे हैं, तो उसे लगा कि यहोवा की सेवा करते रहने का क्या फायदा

    • यूह 6:60-62, 66-68​—कई लोगों ने यीशु का साथ छोड़ दिया, फिर भी पतरस अपने विश्‍वास की वजह से उसके पीछे चलता रहा

हम धीरज कैसे रख सकते हैं?

यहोवा के करीब रहकर

बाइबल पढ़कर और सीखी बातों पर मनन करके

लगातार दिल खोलकर प्रार्थना करके

रोम 12:12; कुल 4:2; 1पत 4:7

  • इससे जुड़े किस्से:

    • दान 6:4-11​—दानियेल तब भी यहोवा से प्रार्थना करता रहा, जब ऐसा करने की वजह से उसकी जान जा सकती थी

    • मत 26:36-46; इब्र 5:7​—अपनी मौत से एक रात पहले यीशु ने गिड़गिड़ाकर प्रार्थना की और दूसरों को भी ऐसा करने का बढ़ावा दिया

भाई-बहनों के साथ यहोवा की उपासना करके

भविष्य की आशा पर मनन करके

यहोवा और भाई-बहनों के लिए अपना प्यार बढ़ाकर

यहोवा के नेक स्तरों को पहली जगह देकर

अपना विश्‍वास मज़बूत करके

यह याद रखकर कि जब हम मुश्‍किलों में भी यहोवा के वफादार रहते हैं, तो वह खुश होता है

जब हम धीरज रखते हैं, तो इसके क्या फायदे होते हैं?

यहोवा की महिमा होती है

नीत 27:11; यूह 15:7, 8; 1पत 1:6, 7

  • इससे जुड़े किस्से:

    • अय 1:6-12; 2:3-5​—शैतान ने यहोवा पर इलज़ाम लगाया कि वह इंसानों की हिफाज़त करता है, इसलिए वे उसकी सेवा करते हैं। पर अय्यूब ने धीरज रखकर शैतान को झूठा साबित किया

    • रोम 5:19; 1पत 1:20, 21​—आदम यहोवा का वफादार नहीं रहा, जबकि यीशु मरते दम तक यहोवा का वफादार रहा। इस तरह धीरज रखकर यीशु ने साबित किया कि एक परिपूर्ण इंसान मुश्‍किल-से-मुश्‍किल हालात में भी यहोवा का वफादार रह सकता है

दूसरों को भी धीरज रखने का बढ़ावा मिलता है

प्रचार काम में अच्छे नतीजे मिलते हैं

यहोवा हमसे खुश होता है और हमें इनाम भी देगा