मातम मनाना
बाइबल के किन उदाहरणों से पता चलता है कि किसी की मौत होने पर रोना या मातम मनाना गलत नहीं है?
उत 23:2; 24:67; 37:34, 35; 42:36; यूह 11:19, 31, 33-36
ये भी देखें: 2शम 1:17-27; प्रेष 9:36-39
क्या दिखाता है कि यहोवा शोक मनानेवालों को दिलासा देना चाहता है?
मरने पर एक इंसान का क्या होता है, यह जानकर हमें क्या दिलासा मिलता है?
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इससे जुड़े किस्से:
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लूक 20:37, 38—यीशु ने कहा कि भले ही लोग मर जाएँ, पर यहोवा की नज़र में वे ज़िंदा हैं। इस तरह उसने बताया कि मरे हुओं को ज़िंदा किए जाने की आशा पक्की है
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यूह 11:5, 6, 11-14—जब यीशु के एक अच्छे दोस्त लाज़र की मौत हुई, तो यीशु ने मौत की तुलना नींद से की
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इब्र 2:14, 15—पौलुस ने समझाया कि हमें मौत से डरने की ज़रूरत नहीं है
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यह क्यों कहा जा सकता है कि एक इंसान के मौत का दिन उसके जन्म के दिन से बेहतर है?
बाइबल में मौत की तुलना किससे की गयी है और यहोवा मौत का क्या करेगा?
हम क्यों यकीन रख सकते हैं कि भविष्य में मरे हुओं को ज़िंदा किया जाएगा?
यश 26:19; यूह 5:28, 29; प्रेष 24:15
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इससे जुड़े किस्से:
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बाइबल में नौ लोगों के दोबारा ज़िंदा किए जाने के किस्से दर्ज़ हैं, जिनमें से आठ को दोबारा धरती पर ज़िंदा किया गया। अगर आपके किसी अपने की मौत हुई है, तो हर किस्सा पढ़ने से आपको दिलासा और आशा मिल सकती है
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1रा 17:17-24—भविष्यवक्ता एलियाह ने सीदोन के सारपत नगर में एक विधवा के बेटे को ज़िंदा किया
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2रा 4:32-37—भविष्यवक्ता एलीशा ने शूनेम नगर में एक लड़के को दोबारा ज़िंदा किया और उसे उसके माँ-बाप को सौंप दिया
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2रा 13:20, 21—एक आदमी दोबारा ज़िंदा हो गया जब उसकी लाश भविष्यवक्ता एलीशा की हड्डियों से जा लगी
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लूक 7:11-15—नाईन शहर में यीशु ने देखा कि लोग एक विधवा के बेटे की लाश को ले जा रहे थे। यीशु ने बेटे को ज़िंदा कर दिया
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लूक 8:41, 42, 49-56—यीशु ने सभा-घर के एक अधिकारी याइर की बेटी को दोबारा ज़िंदा किया
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यूह 11:38-44—यीशु ने अपने अच्छे दोस्त लाज़र को दोबारा ज़िंदा किया, जिस वजह से वह अपनी बहनों, मारथा और मरियम से फिर से मिल पाया
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प्रेष 9:36-42—पतरस ने एक मसीही बहन दोरकास को दोबारा ज़िंदा किया, जो भले काम करने और दान देने के लिए जानी जाती थी
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प्रेष 20:7-12—पौलुस ने एक जवान, युतुखुस को दोबारा ज़िंदा किया, जिसकी खिड़की से गिरने की वजह से मौत हो गयी
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यहोवा ने यीशु को स्वर्ग में जीने के लिए दोबारा ज़िंदा किया और उसे अमर जीवन दिया। इससे यह बात पक्की होता है कि यहोवा के सारे वादे ज़रूर पूरे होंगे
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यीशु वह पहला इंसान था जिसे स्वर्ग में जीने के लिए दोबारा ज़िंदा किया गया और अमर जीवन दिया गया। पर वह आखिरी इंसान नहीं था। उसके 1,44,000 चेलों को भी यह इनाम दिया जाता है
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हम उन लोगों की मदद कैसे कर सकते हैं, जो अपने किसी अज़ीज़ को खोने का गम मना रहे हैं?