आज्ञा मानना
आज्ञा मानना क्यों ज़रूरी है?
निर्ग 19:5; व्य 10:12, 13; सभ 12:13; याकू 1:22
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इससे जुड़े किस्से:
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1शम 15:17-23—जब राजा शाऊल ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी, तो भविष्यवक्ता शमूएल ने उसे डाँटा और इस बात पर ज़ोर दिया कि आज्ञा मानना ज़्यादा ज़रूरी है
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इब्र 5:7-10—यीशु हमेशा अपने पिता की आज्ञा मानता था, पर जब वह धरती पर आया तो उसने मुश्किल हालात में भी आज्ञा माननी सीखी
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एक मसीही को क्या करना चाहिए जब सरकार उसे परमेश्वर की आज्ञा तोड़ने के लिए कहे?
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इससे जुड़े किस्से:
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दान 3:13-18—तीन इब्री आदमी तब भी राजा नबूकदनेस्सर की खड़ी की गयी मूरत के आगे नहीं झुके, जब उनकी जान पर बन आयी थी
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मत 22:15-22—यीशु ने बताया कि उसके चेले तब तक सरकार की आज्ञा मानेंगे, जब तक वह यहोवा की आज्ञा तोड़ने के लिए ना कहे
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प्रेष 4:18-31—अधिकारियों ने प्रेषितों को हुक्म दिया कि वे प्रचार करना बंद कर दें, फिर भी प्रेषित निडर होकर प्रचार करते रहे
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यहोवा की आज्ञा मानते रहने के लिए हमें क्या करना होगा?
व्य 6:1-5; भज 112:1; 1यूह 5:2, 3
ये भी देखें: भज 119:11, 112; रोम 6:17
यहोवा और यीशु की आज्ञा मानने के लिए क्या बात हमें उभारनी चाहिए?
आज्ञा मानने से कैसे पता चलता है कि हममें विश्वास है?
रोम 1:5; 10:16, 17; याकू 2:20-23
ये भी देखें: व्य 9:23
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इससे जुड़े किस्से:
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उत 6:9-22; इब्र 11:7—नूह ने जहाज़ ठीक वैसे ही बनाया, जैसे यहोवा ने उसे बताया था और इस तरह उसने अपना विश्वास ज़ाहिर किया
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इब्र 11:8, 9, 17—अब्राहम को यहोवा पर विश्वास था, इसलिए उसने उसकी बात मानकर ऊर शहर छोड़ दिया, यहाँ तक कि अपने बेटे की बलि करने के लिए भी तैयार हो गया
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यहोवा आज्ञा माननेवालों को कौन-सी आशीषें देता है?
यिर्म 7:23; मत 7:21; 1यूह 3:22
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लैव 26:3-6—यहोवा ने वादा किया कि जो लोग उसकी आज्ञा मानेंगे, वह उन्हें आशीषें देगा और उनकी देखभाल करेगा
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गि 13:30, 31; 14:22-24—कालेब यहोवा की आज्ञा मानता था, इसलिए यहोवा ने उसे आशीष दी
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अगर हम आज्ञा नहीं मानेंगे तो क्या होगा?
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इससे जुड़े किस्से:
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उत 2:16, 17; 3:17-19—आदम और हव्वा ने यहोवा की आज्ञा नहीं मानी, इसलिए वे अपरिपूर्ण हो गए और फिरदौस में हमेशा जीने का मौका गँवा दिया
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व्य 18:18, 19; प्रेष 3:12, 18, 22, 23—यहोवा ने भविष्यवाणी की थी कि मूसा से भी बड़ा एक भविष्यवक्ता होगा और जो उसकी आज्ञा नहीं मानेंगे उन्हें सज़ा मिलेगी
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यहू 6, 7—कुछ स्वर्गदूतों ने और सदोम और अमोरा के लोगों ने यहोवा की बात नहीं मानी, इसलिए उसका क्रोध उन पर भड़क उठा
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हमें यीशु मसीह की आज्ञा क्यों माननी चाहिए?
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इससे जुड़े किस्से:
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यूह 12:46-48; 14:24—यीशु ने बताया कि अगर कोई उसकी बात नहीं मानेगा, तो उसे सज़ा दी जाएगी
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मसीही, निगरानों की आज्ञा क्यों मानते हैं?
एक मसीही पत्नी को क्यों अपने पति के अधीन रहना चाहिए?
बच्चों को क्यों अपने माता-पिता का कहना मानना चाहिए?
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उत 37:3, 4, 8, 11-13, 18—नौजवान यूसुफ यह जानता था कि उसके भाई उससे नफरत करते हैं, फिर भी अपने पिता के कहने पर वह उनसे मिलने गया
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लूक 2:51—यीशु परिपूर्ण था जबकि उसके माता-पिता, यूसुफ और मरियम अपरिपूर्ण थे, फिर भी वह उनके अधीन रहा
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नौकरी की जगह पर हमें तब भी मालिक की बात क्यों माननी चाहिए, जब कोई ना देख रहा हो?
मसीही क्यों सरकार की आज्ञा मानते हैं?