गीत 152
इस जगह से तेरी महिमा होगी
1. आसमानों में तू ना समाता,
धरती पे रहेगा कैसे?
पर नज़र तेरी हरदम यहाँ,
हम उपासना जहाँ करते।
लोग रौशनी में तेरी हैं चलते,
मिल-जुल सभी करते सेवा,
तो बढ़ती तेरे घर की शोभा,
खुशी पाए तू बेपनाह।
(खास पंक्तियाँ)
तेरा ही अब तुझे,
करें अर्पित यहोवा।
हमें जो भी मिला है,
तेरा ही तो सारा।
(कोरस)
ये घर तेरे नाम का यहोवा,
प्यारा और मनोहर बना।
महिमा और भी फैले तेरी,
करते दिल से यही दुआ।
2. पूरी हुई आरज़ू हमारी,
तूने घर दिया ये हमें;
यहाँ भूख हम बंदों की मिटे,
चलते जो तेरी राहों पे।
काम यीशु ने सौंपा है हमको,
पूरा जिसे करना हमें;
भर गया है जोश हममें नया,
अपना तन-मन लगाएँगे।
(खास पंक्तियाँ)
देंगे सारा तुझे,
जो अनमोल है हमारा।
हक है तेरा ही इन पे,
तू ही तो है दाता।
(कोरस)
ये घर तेरे नाम का यहोवा,
प्यारा और मनोहर बना।
महिमा और भी फैले तेरी,
करते दिल से यही दुआ।