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क्या आप मरे हुओं से डरते हैं?

क्या आप मरे हुओं से डरते हैं?

क्या आप मरे हुओं से डरते हैं?

कई लोग फटाक-से जवाब देते हैं, “नहीं, मैं क्यों डरूँ?” उनका मानना है कि जो मर गया सो मर गया, अब उससे क्या डरना। मगर दूसरी तरफ, ऐसे लाखों लोग हैं जो दावे के साथ कहते हैं कि जब एक इंसान की मौत हो जाती है तो उसका सिर्फ शरीर मिट जाता है, मगर उसके अंदर से आत्मा या साए जैसी कोई चीज़ निकल जाती है जो ज़िंदा रहती है।

पश्‍चिम अफ्रीका के बेनिन देश में ज़्यादातर लोग मानते हैं कि जो मर गए हैं, वे अपने परिवार के ज़िंदा लोगों की जान लेने के लिए लौट आते हैं। इसलिए वे उन मरे हुओं को खुश करने के लिए जानवरों की बलि चढ़ाते हैं और कई रस्मों-रिवाज़ मनाते हैं। यह सब करने में इतना खर्च होता है कि इसके लिए वे कभी-कभी अपनी चीज़ें तक बेच डालते हैं या भारी कर्ज़ लेते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि इंसान के मरने के बाद, उसमें से साए जैसी कोई चीज़ निकल जाती है और ज़िंदा लोगों से बात कर सकती है। इसलिए लोग मरे हुओं से संपर्क करने की कोशिश करते हैं। कई लोगों के साथ बड़े ही डरावने हादसे हुए हैं और उनका मानना है कि यह सब मरे हुओं का ही काम है।

ऐसा ही एक हादसा आगबूला नाम के एक आदमी के साथ हुआ था। वह बेनिन और नाइजीरिया के सरहद के पास रहता है। वह कहता है: “हमारे यहाँ मरे हुओं के बारे में इतनी सारी धारणाएँ हैं कि इनका असर लोगों की रोज़मर्रा ज़िंदगी में देखा जा सकता है। मसलन, जब कोई मर जाता है तो उसकी लाश को रस्मों के मुताबिक नहलाया जाता है ताकि वह अदृश्‍य लोक में प्रवेश कर सके। ऐसे मौकों पर साबुन के जो टुकड़े बच जाते हैं, उन्हें मैं इकट्ठा करके कुछ तरह की पत्तियों में मिला देता था। और फिर शिकार के लिए जाते वक्‍त इस मिश्रण को अपनी बंदूक पर लगाते हुए ज़ोर से पुकारकर कहता था कि फलाँ जानवर मेरी बंदूक का निशाना बन जाए। हमारे यहाँ इस तरह के काम बहुत आम हैं और इनमें काफी कामयाबी भी मिलती है। लेकिन मरे हुओं के मामले में कुछ बातें दिल दहलानेवाली होती हैं।

मेरे दो बेटे बिना किसी कारण, अचानक मर गए। इस पर मुझे शक होने लगा कि ज़रूर किसी ने मेरे खिलाफ जादू-टोना किया है। इसी सिलसिले में मैं एक बूढ़े आदमी के पास गया, जो अदृश्‍य लोक से संपर्क करने की शक्‍ति रखता था और बहुत मशहूर था। उसने भी यही बताया कि किसी ने मेरे खिलाफ जादू-टोना किया है। और-तो-और, उसने यह भी कहा कि अब मेरे बेटे अदृश्‍य लोक में इस इंतज़ार में हैं कि कब उनका कातिल मर जाए और वे उस कातिल के नौकर बन जाएँ। उसने यह भी कहा कि मेरे तीसरे बेटे का भी यही हश्र होगा। और कुछ दिनों बाद यही हुआ, तीसरा लड़का भी मर गया।”

इस हादसे के बाद आगबूला की मुलाकात जॉन नाम के एक यहोवा के साक्षी से हुई, जो पास के नाइजीरिया का रहनेवाला था। जॉन ने आगबूला को बाइबल से दिखाया कि मरे हुए किस दशा में हैं। इस सच्चाई से आगबूला की ज़िंदगी की कायापलट हो गयी। अगर आप भी यह सच्चाई जानें तो आप भी एक नयी ज़िंदगी पा सकते हैं।

क्या मरे हुए कहीं ज़िंदा हैं?

इस सवाल का सही-सही जवाब कौन दे सकता है? कोई भी इंसान नहीं दे सकता, फिर चाहे वह मरे हुओं से संपर्क करने की शक्‍ति रखने के लिए कितना ही मशहूर क्यों न हो। इसका जवाब सिर्फ सच्चा परमेश्‍वर यहोवा दे सकता है क्योंकि वह सबका बनानेवाला है। उसी ने सबको जीवन दिया है। उसी ने ‘स्वर्ग और पृथ्वी’ के सभी प्राणियों की और ‘दृश्‍य और अदृश्‍य चीज़ों’ की सृष्टि की है। (कुलुस्सियों 1:16, NHT) उसने अदृश्‍य लोक में रहने के लिए स्वर्गदूतों को और धरती पर रहने के लिए इंसानों और जानवरों को बनाया है। (भजन 104:4, 23, 24) हर किसी की ज़िंदगी का दारोमदार उसी पर है। (प्रकाशितवाक्य 4:11) तो आइए देखें कि वह अपने लिखित वचन, बाइबल में मौत के बारे में क्या बताता है।

दरअसल, मौत के बारे में ज़िक्र करनेवाला सबसे पहला शख्स यहोवा ही था। उसने आदम और हव्वा को आगाह किया था कि अगर वे उसकी आज्ञा तोड़ेंगे तो मर जाएँगे। (उत्पत्ति 2:17) मरने पर उनका क्या होता? यहोवा ने आदम को साफ बताया था: “तू मिट्टी तो है और मिट्टी में फिर मिल जाएगा।” (उत्पत्ति 3:19) इंसान मिट्टी से बना है, इसलिए जब वह मर जाता है तो उसका शरीर सड़कर दोबारा मिट्टी बन जाता है। इस तरह उसका वजूद पूरी तरह मिट जाता है।

आदम और हव्वा ने जानबूझकर यहोवा की आज्ञा तोड़ी थी, इसलिए उन्हें मौत की सज़ा दी गयी। लेकिन दुनिया में जो इंसान सबसे पहले मरा वह न तो आदम था न हव्वा, बल्कि उनका बेटा हाबिल था। हाबिल को उसके बड़े भाई, कैन ने मार डाला था। (उत्पत्ति 4:8) अपने भाई का कत्ल करने के बाद, कैन इस बात से नहीं डरा कि उसका मरहूम भाई उससे बदला लेने आएगा। इसके बजाय, कैन को ज़िंदा लोगों से डर था कि वे उसे मार डालेंगे।—उत्पत्ति 4:10-16.

इस वाकये के सदियों बाद एक और घटना घटी जो दिखाती है कि मरे हुए किसी भी तरह की शक्‍ति नहीं रखते। यहूदिया प्रदेश में हेरोदेस नाम का राजा राज करता था। जब उसे पता चला कि उसके राज्य में “यहूदियों का राजा” यीशु पैदा हुआ है, तो उसकी रातों की नींद उड़ गयी। उसे डर था कि यह बच्चा बड़ा होकर उसकी राजगद्दी हथिया लेगा। इसलिए उसने एक साज़िश रची कि वह बेतलेहेम नाम के कसबे में, जहाँ यीशु पैदा हुआ था, उन सभी लड़कों को मरवा डालेगा जो दो साल या उससे कम उम्र के थे। मगर एक स्वर्गदूत ने यीशु के पिता यूसुफ को बताया कि वह यीशु और मरियम को लेकर ‘मिस्र देश भाग जाए।’—मत्ती 2:1-16.

फिर जब हेरोदेस मर गया तो उस स्वर्गदूत ने यूसुफ से कहा कि वह अपने देश इसराएल लौट जाए “क्योंकि जो बालक के प्राण लेना चाहते थे, वे मर गए” थे। (मत्ती 2:19, 20) यह स्वर्गदूत, जो खुद अदृश्‍य लोक में रहता है, जानता था कि अब हेरोदेस यीशु का कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यूसुफ भी मरहूम राजा, हेरोदेस से नहीं डरा। मगर वह हेरोदेस के तानाशाही बेटे, अरखिलाउस से डरता था जो अब हेरोदेस की जगह हुकूमत कर रहा था। इसलिए यूसुफ अपने परिवार को लेकर गलील में जा बसा, क्योंकि यह इलाका अरखिलाउस की रियासत के बाहर था।—मत्ती 2:22.

इन वाकयों से पता चलता है कि मरे हुए किसी भी तरह की शक्‍ति नहीं रखते। तो फिर आगबूला जैसे लोगों के साथ जो हादसे होते हैं, उनके पीछे किसका हाथ है?

‘दुष्टात्माएं’ यानी दुष्ट स्वर्गदूत

जब यीशु धरती पर था, तो उसका सामना कई बार दुष्ट स्वर्गदूतों से हुआ। उन्होंने यीशु को पहचान लिया और उसे ‘परमेश्‍वर का पुत्र’ पुकारा। और यीशु भी जानता था कि वे कौन थे। उसने उन्हें ‘दुष्टात्माएं’ कहा, जिसका मतलब है दुष्ट स्वर्गदूत या दुष्ट अदृश्‍य प्राणी, न कि मरे हुए इंसानों से निकलनेवाली साए जैसी कोई चीज़।—मत्ती 8:29-31; 10:8; मरकुस 5:8.

बाइबल दो तरह के स्वर्गदूतों के बारे में बताती है। एक हैं, अच्छे स्वर्गदूत जो हमेशा से परमेश्‍वर के वफादार हैं और दूसरे हैं, दुष्ट स्वर्गदूत जिन्होंने परमेश्‍वर के खिलाफ बगावत की। उत्पत्ति की किताब कहती है कि जब आदम और हव्वा ने यहोवा की आज्ञा तोड़ी तो उसने उन दोनों को अदन बाग से निकाल दिया। और उस बाग का पहरा देने के लिए उसके पूरब की तरफ दो करूबों यानी वफादार स्वर्गदूतों को तैनात किया ताकि आदम-हव्वा फिर कभी अंदर न जाने पाएँ। (उत्पत्ति 3:24) शायद यही वह पहला वाकया है जब स्वर्गदूत इंसानों को नज़र आए थे।

इस घटना के कुछ समय बाद, बहुत-से स्वर्गदूत इंसान बनकर धरती पर आए। उन्हें यहोवा ने नहीं भेजा था। इसके बजाय, वे अपनी मरज़ी से धरती पर चले आए। उन्होंने अपना स्वार्थ पूरा करने के लिए अदृश्‍य लोक यानी स्वर्ग में “अपने निज निवास को छोड़ दिया।” (यहूदा 6) और यहाँ धरती पर उन्होंने स्त्रियों से शादी की और फिर उनकी दोगली संतान पैदा हुई जो नेफिलिम कहलायी। नेफिलिम और उनके बगावती पिताओं यानी दुष्ट स्वर्गदूतों ने धरती पर हर कहीं खून-खराबा और बुराइयाँ फैला दीं। (उत्पत्ति 6:1-5) तब यहोवा इस बुराई का अंत करने के लिए नूह के दिनों में सारी धरती पर एक जलप्रलय ले आया। इस जलप्रलय में सभी दुष्ट लोग मारे गए, स्त्री-पुरुष और नेफिलिम सब। मगर उन दुष्ट स्वर्गदूतों का क्या हुआ जो धरती पर आए थे?

उन्हें मजबूरन अदृश्‍य लोक लौटना पड़ा। मगर वहाँ यहोवा ने उन्हें दोबारा वह “पद” नहीं दिया जो पहले उनके पास था। (यहूदा 6) बाइबल कहती है: “परमेश्‍वर ने उन स्वर्गदूतों को जिन्हों ने पाप किया नहीं छोड़ा, पर नरक [“तारतरस,” NHT, फुटनोट] में भेजकर अन्धेरे कुण्डों में डाल दिया, ताकि न्याय के दिन तक बन्दी रहें।”—2 पतरस 2:4.

तारतरस कोई सचमुच की जगह नहीं है, बल्कि यह बागी स्वर्गदूतों की गिरी हुई हालत को दर्शाता है। यहोवा ने उन पर बंदिशें लगा दी हैं जिस वजह से वे मानो कैद में हैं। इसलिए ये दुष्ट स्वर्गदूत अब पहले की तरह इंसानों का रूप धारण नहीं कर सकते। मगर फिर भी वे लोगों के दिलो-दिमाग पर और उनकी ज़िंदगी पर गहरा असर कर सकते हैं। वे इंसानों और जानवरों में समाकर उन्हें अपने कब्ज़े में भी कर सकते हैं। (मत्ती 12:43-45; लूका 8:27-33) और वे इंसानों को धोखा देने के लिए ऐसा ढोंग करते हैं मानो वे मरे हुओं में से निकली कोई साए जैसी चीज़ हैं। वे ऐसा क्यों करते हैं? क्योंकि वे नहीं चाहते कि इंसान यहोवा की उपासना उस तरीके से करें जैसा वह चाहता है। साथ ही, वे मरे हुओं की असल दशा के बारे में गलत धारणाएँ फैलाना चाहते हैं।

डर पर काबू कैसे पाएँ

आगबूला ने पाया कि बाइबल, मौत और स्वर्गदूतों के बारे में जो बताती है वह यकीन करने लायक है। उसे एहसास हुआ कि उसे इस बारे में और ज़्यादा जानने की ज़रूरत है। इसलिए वह जॉन की मदद से बाइबल का और इसकी समझ देनेवाली किताबों-पत्रिकाओं का अध्ययन करने लगा। आगबूला को बाइबल से यह जानकर काफी तसल्ली मिली कि उसके बेटे किसी अदृश्‍य लोक में अपने कातिल के नौकर बनने का इंतज़ार नहीं कर रहे हैं, बल्कि कब्र में मौत की नींद सो रहे हैं।—यूहन्‍ना 11:11-13.

आगबूला ने यह भी समझा कि उसे मरे हुओं से जुड़े रस्मों-रिवाज़ों से पूरी तरह नाता तोड़ना होगा। इसलिए उसके पास जादू-टोने से ताल्लुक रखनेवाली जो भी चीज़ें थीं, वह सब उसने जला दीं। (प्रेरितों 19:19) इस पर उसकी बिरादरी के कुछ लोग कहने लगे कि मरे हुओं की आत्माएँ उस पर भड़क उठेंगी। मगर वह बिलकुल भी नहीं डरा। उसने इफिसियों 6:11, 12 में दर्ज़ इस सलाह पर अमल किया: “परमेश्‍वर के सारे हथियार बान्ध लो; . . . क्योंकि हमारा यह मल्लयुद्ध . . . दुष्टता की आत्मिक सेनाओं से है।” परमेश्‍वर के दिए हथियार बाँधने में यह शामिल है कि हम सच्चाई सीखें, धार्मिकता के काम करें, शांति के सुसमाचार का प्रचार करें, विश्‍वास दिखाएँ और पवित्र शक्‍ति की तलवार, यानी परमेश्‍वर के वचन का इस्तेमाल करें। परमेश्‍वर के दिए हथियार ज़बरदस्त ताकत रखते हैं और दुष्ट स्वर्गदूतों से आपकी हिफाज़त कर सकते हैं!

जब आगबूला ने मरे हुओं से जुड़े रिवाज़ों को मानना छोड़ दिया, तो उसके कुछ दोस्त और रिश्‍तेदार उसके साथ रूखा व्यवहार करने लगे। मगर उसे यहोवा के साक्षियों के राज्य घर में नए दोस्त मिले जो बाइबल की शिक्षाओं को मानते हैं।

अब आगबूला, यहोवा के इस मकसद के बारे में जान गया है कि वह बहुत जल्द धरती से बुराई मिटा देगा और दुष्ट स्वर्गदूतों के काम पर पूरी तरह रोक लगा देगा। इसके बाद, वह समय भी आएगा जब परमेश्‍वर उन्हें नाश कर देगा। (प्रकाशितवाक्य 20:1, 2, 10) आगबूला ने यह भी सीखा कि आज जो लाखों लोग मौत की नींद सो रहे हैं, उन्हें परमेश्‍वर दोबारा इस धरती पर ज़िंदा करेगा। (यूहन्‍ना 5:28, 29) उनमें हाबिल और वे मासूम बच्चे भी होंगे जिन्हें राजा हेरोदेस ने मरवा डाला था। आगबूला को विश्‍वास है कि उसके तीनों बेटे भी ज़िंदा होंगे। अगर आपका कोई अज़ीज़ मर गया है तो वह भी उन जी उठनेवालों में हो सकता है। उस वक्‍त ज़िंदा होनेवाले ये सभी लोग खुद बताएँगे कि वे जिस घड़ी मर गए थे, तब से लेकर दोबारा ज़िंदा किए जाने तक वे पूरी तरह अचेत थे। और उनकी खातिर जो रस्मों-रिवाज़ मनाए गए थे, उन सबकी उन्हें कोई सुध नहीं थी।

मरे हुओं की दशा के बारे में हमने जो सीखा, उससे ज़ाहिर होता है कि आपके जो अज़ीज़ मर गए हैं, उनसे आपको डरने की कोई ज़रूरत नहीं। इसके बजाय, आप उस वक्‍त की राह देख सकते हैं, जब वे दोबारा जी उठेंगे और आप उनसे मिल सकेंगे। उस समय की राह देखने के साथ-साथ, क्यों न आप बाइबल का अध्ययन करके हमारे सिरजनहार पर अपना विश्‍वास मज़बूत करें? इसके अलावा, ऐसे लोगों के साथ संगति कीजिए जो बाइबल में बतायी सच्चाई पर यकीन करते हैं। अगर आप मरे हुओं से जुड़े रस्मों-रिवाज़ों को मानते हैं या सिर्फ मज़े के लिए जादू-टोने के काम करते हैं, तो तुरंत ऐसे काम बंद कीजिए। दुष्ट स्वर्गदूतों से खुद की हिफाज़त करने के लिए “परमेश्‍वर के सारे हथियार” पहन लीजिए। (इफिसियों 6:11) ऐसा करने में यहोवा के साक्षी खुशी-खुशी आपकी मदद करेंगे। वे लोगों के घर जाकर बाइबल असल में क्या सिखाती है? * किताब की मदद से उन्हें बाइबल सिखाते हैं और इसके लिए कोई पैसा नहीं लेते।

आगबूला अब पहले की तरह मरे हुओं से नहीं डरता। और उसने दुष्ट स्वर्गदूतों का विरोध करना सीख लिया है। वह कहता है: “मैं नहीं जानता कि मेरे तीनों बेटों की मौत के पीछे किसका हाथ था। मगर जब से मैंने यहोवा की सेवा करनी शुरू की है, मेरे सात और बच्चे हुए हैं। और आज तक अदृश्‍य लोक से उन्हें कोई भी नुकसान नहीं पहुँचा सका है।” (w09 1/1)

[फुटनोट]

^ इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।