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“जहां कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं”

“जहां कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं”

“जहां कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं”

“ये वे ही हैं, कि जहां कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं।”—प्रका. 14:4.

1. यीशु के पीछे चलने के बारे में उसके सच्चे चेलों ने कैसा रवैया दिखाया?

 बात तब की है, जब यीशु की सेवा को करीब ढाई साल हो चुके थे। वह “कफरनहूम के एक आराधनालय में उपदेश” दे रहा था। उसकी बातें कई लोगों को नागवार लगीं। नतीजा यह हुआ कि “उसके चेलों में से बहुतेरे उल्टे फिर गए और उसके बाद उसके साथ न चले।” जब यीशु ने अपने 12 प्रेरितों से पूछा कि क्या तुम भी चले जाना चाहते हो, तो शमौन पतरस ने जवाब दिया: “हे प्रभु हम किस के पास जाएं? अनन्त जीवन की बातें तो तेरे ही पास हैं। और हम ने विश्‍वास किया, और जान गए हैं, कि परमेश्‍वर का पवित्र जन तू ही है।” (यूह. 6:48, 59, 60, 66-69) जी हाँ, यीशु के सच्चे चेलों ने उसके पीछे चलना नहीं छोड़ा। पवित्र शक्‍ति से अभिषिक्‍त होने के बाद भी वे लगातार उसके मार्गदर्शन में चलते रहे।—प्रेरि. 16:7-10.

2. (क) “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” या ‘विश्‍वास-योग्य भण्डारी’ कौन है? (ख) दास वर्ग ने किस तरह ‘मेम्ने के पीछे हो लेने’ में एक बढ़िया रिकॉर्ड कायम किया है?

2 आज हमारे समय में अभिषिक्‍त मसीहियों के बारे में क्या कहा जा सकता है? यीशु ने अपनी “उपस्थिति” (NW) और “जगत के अन्त” की भविष्यवाणी में धरती पर अभिषिक्‍त चेलों के समूह को “विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास” या ‘विश्‍वास-योग्य भण्डारी’ कहा। (मत्ती 24:3, 45; लूका 12:42) ‘जहां कहीं मेम्ना जाता है, उसके पीछे हो लेने’ में इस समूह ने एक बढ़िया रिकॉर्ड कायम किया है। (प्रकाशितवाक्य 14:4, 5 पढ़िए।) इसके सदस्य इस मायने में कुंवारे हैं कि उन्होंने ‘बड़े बाबुल’ यानी दुनिया-भर में साम्राज्य की तरह फैले झूठे धर्म के विश्‍वासों और कामों से खुद को अशुद्ध नहीं किया है। (प्रका. 17:5) वे अपने “मुँह से” झूठी शिक्षाएँ नहीं फैलाते और शैतान की इस दुनिया में खुद को “निर्दोष” बनाए रखते हैं। (यूह. 15:19) भविष्य में बचे हुए अभिषिक्‍त जनों को मेम्ने के “पीछे” स्वर्ग जाने का सम्मान मिलेगा।—यूह. 13:36.

3. हमें क्यों दास वर्ग पर भरोसा रखना चाहिए?

3 यीशु ने विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास को “अपने नौकर चाकरों पर” अधिकारी ठहराया है, ताकि वह “समय पर उन्हें भोजन दे।” यहाँ नौकर-चाकर का मतलब है, दास वर्ग का हर सदस्य। यीशु ने इस दास को “अपनी सारी संपत्ति पर” भी अधिकारी ठहराया है। (मत्ती 24:45-47) इस संपत्ति में ‘अन्य भेड़ों’ की “बड़ी भीड़” भी शामिल है, जो दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती जा रही है। (यूह. 10:16, NW; प्रका. 7:9) क्या अभिषिक्‍त जनों और ‘अन्य भेड़ों’ के हर सदस्य को दास वर्ग पर भरोसा नहीं रखना चाहिए? दास वर्ग पर भरोसा रखने की कई वजह हैं। इनमें से दो अहम वजह हैं: (1) यहोवा, दास वर्ग पर भरोसा करता है। (2) यीशु को भी दास वर्ग पर भरोसा है। आइए उन सबूतों की जाँच करें, जो दिखाते हैं कि यहोवा परमेश्‍वर और यीशु दोनों को विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास पर पूरा भरोसा है।

यहोवा, दास वर्ग पर भरोसा करता है

4. दास वर्ग हमें जो आध्यात्मिक भोजन परोसता है, उस पर हम क्यों पूरा भरोसा रख सकते हैं?

4 विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास समय पर पौष्टिक आध्यात्मिक भोजन कैसे दे पाता है? यहोवा कहता है: “मैं तुझे बुद्धि दूँगा और जिस मार्ग पर तुझे चलना है उसमें तेरी अगुवाई करूंगा, मैं अपनी दृष्टि तुझ पर लगाए रखकर तुझे सम्मति दूंगा।” (भज. 32:8, NHT) जी हाँ, यहोवा ही दास वर्ग को निर्देशन देता है। इसलिए यह दास बाइबल से जो जानकारी और समझ देता है, साथ ही जो मार्गदर्शन देता है, उस पर हमें पूरा भरोसा रखना चाहिए।

5. क्या बात दिखाती है कि परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति दास वर्ग को सामर्थ दे रही है?

5 निर्देशन देने के अलावा, यहोवा दास वर्ग को अपनी पवित्र शक्‍ति भी देता है। हालाँकि हम पवित्र शक्‍ति को देख नहीं सकते, लेकिन हम उसके कामों का असर साफ देख सकते हैं। गौर कीजिए कि दास वर्ग यहोवा, यीशु और राज के बारे में गवाही देने में किस हद तक कामयाब हुआ है। यहोवा के उपासक, 230 से भी ज़्यादा देशों और द्वीप-समूहों में राज का संदेश पूरे जोश के साथ सुना रहे हैं। क्या इससे हमें ठोस सबूत नहीं मिलता कि परमेश्‍वर की पवित्र शक्‍ति दास वर्ग को सामर्थ दे रही है? (प्रेरितों 1:8 पढ़िए।) पूरी दुनिया में यहोवा के लोगों को समय पर आध्यात्मिक भोजन मुहैया कराने के लिए दास वर्ग को कई ज़रूरी फैसले करने पड़ते हैं। ऐसा करते वक्‍त वह प्रेम, कोमलता और पवित्र शक्‍ति के दूसरे फल दिखाता है।—गल. 5:22, 23.

6, 7. यहोवा को विश्‍वासयोग्य दास पर कितना भरोसा है?

6 यहोवा को विश्‍वासयोग्य दास पर कितना भरोसा है, इसे समझने के लिए ध्यान दीजिए कि उसने दास वर्ग के सदस्यों से क्या वादा किया है। इस बारे में प्रेरित पौलुस ने लिखा: “तुरही फूंकी जाएगी और मुर्दे अविनाशी दशा में उठाए जाएंगे, और हम बदल जाएंगे। क्योंकि अवश्‍य है, कि यह नाशमान देह अविनाश को पहिन ले, और यह मरनहार देह अमरता को पहिन ले।” (1 कुरि. 15:52, 53) जब मसीह के वफादार अभिषिक्‍त चेलों की मौत होती है, तो उन्हें स्वर्ग में जिलाया जाता है और वह चीज़ दी जाती है जो आत्मिक प्राणियों के पास भी नहीं है। उन्हें अमरता मिलती है, यानी ऐसा जीवन जो अविनाशी और अंतहीन है। इसके अलावा, उन्हें ऐसा शरीर दिया जाता है जो सड़ता नहीं और ना ही पोषण के लिए किसी पर निर्भर रहता है। प्रकाशितवाक्य 4:4 पुनरुत्थान पाए इन अभिषिक्‍त जनों के बारे में बताता है कि वे सिंहासनों पर बैठे हैं और उनके सिरों पर सोने के मुकुट हैं। इससे पता चलता है कि उन्हें राजाओं की हैसियत से हुकूमत करने का गौरव मिलेगा। ऐसे और भी सबूत हैं, जो दिखाते हैं कि परमेश्‍वर को दास वर्ग पर भरोसा है।

7 प्रकाशितवाक्य 19:7, 8 कहता है: “मेम्ने का ब्याह आ पहुंचा: और उस की पत्नी ने अपने आप को तैयार कर लिया है। और उस को शुद्ध और चमकदार महीन मलमल पहिनने का अधिकार दिया गया, क्योंकि उस महीन मलमल का अर्थ पवित्र लोगों के धर्म के काम है।” जी हाँ, यहोवा ने अभिषिक्‍त मसीहियों को अपने बेटे की दुल्हन बनने के लिए चुना है। अमरता, अविनाशी जीवन, राजा बनने का गौरव और ‘मेम्ने से ब्याह’—वाह, ये क्या ही अनोखे वरदान हैं! ये सारे सबूत दिखाते हैं कि परमेश्‍वर को उन अभिषिक्‍त मसीहियों पर कितना भरोसा है, जो “जहां कहीं मेम्ना जाता है, वे उसके पीछे हो लेते हैं।”

यीशु को दास वर्ग पर भरोसा है

8. यीशु ने कैसे दिखाया कि उसे अपने अभिषिक्‍त चेलों पर भरोसा है?

8 इस बात के क्या सबूत हैं कि यीशु को अपने अभिषिक्‍त चेलों पर पूरा भरोसा है? धरती पर अपनी ज़िंदगी की आखिरी रात, यीशु ने अपने 11 वफादार प्रेरितों से एक वादा किया: “तुम वह हो, जो मेरी परीक्षाओं में लगातार मेरे साथ रहे। और जैसे मेरे पिता ने मेरे लिये एक राज्य ठहराया [‘मेरे साथ राज्य की वाचा बाँधी,’ NW] है, वैसे ही मैं भी तुम्हारे लिये ठहराता [‘तुम्हारे साथ वाचा बाँधता,’ NW] हूं, ताकि तुम मेरे राज्य में मेरी मेज पर खाओ-पिओ; बरन सिंहासनों पर बैठकर इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करो।” (लूका 22:28-30) यीशु ने 11 प्रेरितों के साथ जो वाचा बाँधी थी, उसमें सभी 1,44,000 अभिषिक्‍त मसीही शामिल किए जाएँगे। (लूका 12:32; प्रका. 5:9, 10; 14:1) अगर यीशु को अभिषिक्‍त मसीहियों पर भरोसा नहीं होता, तो क्या वह उनसे यह वाचा बाँधता कि वे उसके साथ हुकूमत करेंगे?

9. “[मसीह की] सारी संपत्ति” में क्या-क्या शामिल हैं?

9 इसके अलावा, यीशु मसीह ने विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास को धरती पर “अपनी सारी संपत्ति” यानी राज से जुड़ी हर चीज़ पर अधिकारी ठहराया है। (मत्ती 24:47) इसमें राज के काम में इस्तेमाल होनेवाली इमारतें जैसे, यहोवा के साक्षियों के मुख्यालय, अलग-अलग देशों में मौजूद शाखा दफ्तर, सम्मेलन भवन और राज्य घर शामिल हैं। यही नहीं, इसमें राज का प्रचार और चेला बनाने का काम भी शामिल है। ज़रा सोचिए, अगर एक व्यक्‍ति को किसी इंसान पर भरोसा न हो, तो क्या वह उसे अपनी कीमती चीज़ें रखने या उनका इस्तेमाल करने देगा?

10. क्या दिखाता है कि यीशु मसीह अपने अभिषिक्‍त चेलों के साथ है?

10 पुनरुत्थान के बाद और स्वर्ग लौटने के थोड़े समय पहले, यीशु अपने वफादार चेलों को दिखायी दिया और उसने उनसे वादा किया: “देखो, मैं जगत के अन्त तक सदैव तुम्हारे संग हूं।” (मत्ती 28:20) क्या यीशु ने अपना वादा निभाया? जी हाँ। पिछले 15 सालों में, दुनिया-भर में यहोवा के साक्षियों की कलीसियाएँ 70 हज़ार से बढ़कर 1 लाख से भी ज़्यादा हो गयी हैं, जो कि 40 प्रतिशत से भी ज़्यादा की बढ़ोतरी है। इन 15 सालों में कितने लोग नए चेले बने? करीब 45 लाख लोगों ने बपतिस्मा लिया, यानी हर दिन औसतन 800 से भी ज़्यादा लोग चेले बने। यह शानदार बढ़ोतरी इस बात का साफ सबूत है कि मसीह, कलीसिया की सभाओं और चेला बनाने के काम में अपने अभिषिक्‍त चेलों का मार्गदर्शन कर रहा है।

दास विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान है

11, 12. दास वर्ग ने खुद को कैसे विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान साबित किया है?

11 जब यहोवा परमेश्‍वर और यीशु मसीह, विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास पर पूरा भरोसा करते हैं, तो क्या हमें भी दास वर्ग पर भरोसा नहीं करना चाहिए? आखिर, दास वर्ग को जो काम सौंपा गया है उसमें वह विश्‍वासयोग्य साबित हुआ है। उदाहरण के लिए, पिछले 130 सालों से प्रहरीदुर्ग पत्रिका छापी जा रही है। और नियमित तौर पर जो सभाएँ, सम्मेलन और अधिवेशन रखे जाते हैं, उनसे हमारा विश्‍वास मज़बूत होता है।

12 विश्‍वासयोग्य होने के साथ-साथ यह दास बुद्धिमान भी है। वह किसी भी काम में उतावली नहीं करता, बल्कि यहोवा से निर्देशन पाने का इंतज़ार करता है। दूसरी तरफ, निर्देशन मिलने पर वह उसे मानने में ज़रा-भी देर नहीं करता। इसकी बुद्धिमानी की एक मिसाल लीजिए। आज लोगों के स्वार्थ और भक्‍तिहीन कामों को देखकर झूठे धर्म के अगुवे मन-ही-मन इनकी मंज़ूरी देते हैं या खुल्लम-खुल्ला कहते हैं कि इनमें कोई बुराई नहीं। लेकिन दास वर्ग शैतान के इन फंदों के खिलाफ हमें खबरदार करता है। वह बुद्धिमानी से और समय पर इसलिए चेतावनी दे पाता है, क्योंकि यहोवा और यीशु उसके साथ हैं। इसलिए हमें दास वर्ग पर पूरा भरोसा करना चाहिए। हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास पर भरोसा है?

अभिषिक्‍त जनों के ‘संग चलिए,’

जैसे वे मेम्ने के पीछे चलते हैं

13. जकर्याह की भविष्यवाणी के मुताबिक, हम विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास पर कैसे भरोसा दिखा सकते हैं?

13 बाइबल में जकर्याह किताब “दस मनुष्य” का ज़िक्र करती है, जो “एक यहूदी पुरुष” के पास जाकर उससे कहते हैं: “हम तुम्हारे संग चलेंगे।” (जकर्याह 8:23 पढ़िए।) इस आयत में “यहूदी पुरुष” के लिए शब्द ‘तुम्हारा’ बहुवचन में इस्तेमाल किया गया है, इससे पता चलता है कि वह पुरुष एक समूह को दर्शाता है। हमारे समय में यह पुरुष बचे हुए अभिषिक्‍त मसीही हैं, जो “परमेश्‍वर के इस्राएल” का हिस्सा हैं। (गल. 6:16) “भांति भांति की भाषा बोलनेवाली सब जातियों में से दस मनुष्य,” अन्य भेड़ों की बड़ी भीड़ को दर्शाते हैं। जिस तरह अभिषिक्‍त मसीही जहाँ कहीं यीशु जाता है, उसके पीछे हो लेते हैं, उसी तरह बड़ी भीड़ के लोग भी दास वर्ग के ‘संग चलते’ हैं। इन लोगों को यह बताने में कभी लज्जित महसूस नहीं करना चाहिए कि वे उनके साथी हैं, जो “स्वर्गीय बुलाहट में भागी” हैं। (इब्रा. 3:1) खुद यीशु भी अभिषिक्‍त जनों को “भाई” कहने से नहीं लजाता।—इब्रा. 2:11.

14. हम किस तरह मसीह के अभिषिक्‍त भाइयों का साथ दे सकते हैं?

14 यीशु के मुताबिक जो उसके भाइयों का वफादारी से साथ निभाता है, वह मानो यीशु का साथ निभाता है। (मत्ती 25:40 पढ़िए।) तो अब सवाल है कि धरती पर जीने की आशा रखनेवाले किस तरह मसीह के अभिषिक्‍त भाइयों का साथ दे सकते हैं? सबसे पहला और अहम तरीका है, राज के प्रचार काम में उनका हाथ बँटाकर। (मत्ती 24:14; यूह. 14:12) धरती पर अभिषिक्‍त जनों की गिनती घटती जा रही है, जबकि अन्य भेड़ के लोगों की संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है। इसलिए जब ये लोग गवाही देने में हिस्सा लेते हैं और कुछ पूरे समय के प्रचारक बनकर ऐसा करते हैं, तब उस मायने में वे चेला बनाने के काम में अभिषिक्‍त भाइयों का साथ देते हैं। (मत्ती 28:19, 20) हम इस बात को भी नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते कि कई तरीकों से रुपए-पैसे दान में देकर भी प्रचार काम में सहयोग दिया जा सकता है।

15. दास वर्ग की ओर से मिलनेवाले आध्यात्मिक भोजन और संगठन के बारे में किए फैसलों की तरफ हरेक मसीही का कैसा रवैया होना चाहिए?

15 हममें से हरेक मसीही के बारे में क्या? बाइबल की समझ देनेवाली किताबों-पत्रिकाओं और मसीही सभाओं के ज़रिए विश्‍वासयोग्य दास हमें समय पर जो आध्यात्मिक भोजन परोसता है, हम उसके बारे में कैसा नज़रिया रखते हैं? क्या हम एहसान-भरे दिल से इस भोजन का लुत्फ उठाते हैं और सीखी बातों पर फौरन अमल करते हैं? संगठन के बारे में किए दास वर्ग के फैसलों की तरफ हमारा क्या रवैया होता है? अगर हम दास वर्ग से मिलनेवाले निर्देशन को खुशी-खुशी मानें, तो हम दिखाएँगे कि हमें यहोवा के ठहराए इंतज़ाम पर पूरा भरोसा है।—याकू. 3:17.

16. सभी मसीहियों को यीशु के भाइयों की क्यों सुननी चाहिए?

16 यीशु ने कहा: “मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं।” (यूह. 10:27) यह बात अभिषिक्‍त मसीहियों के बारे में सोलह आने सच है। लेकिन इन मसीहियों के ‘संग चलनेवालों’ के बारे में क्या? उन्हें भी यीशु की सुननी चाहिए। साथ ही, उन्हें उसके भाइयों की भी सुननी चाहिए। क्योंकि इन्हीं भाइयों को परमेश्‍वर के लोगों की देखभाल करने और उन्हें मार्गदर्शन देने की अहम ज़िम्मेदारी सौंपी गयी है। मसीह के भाइयों की सुनने में क्या शामिल है?

17. दास वर्ग की सुनने में क्या शामिल है?

17 आज विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास का नुमांइदा है, शासी निकाय। यह निकाय दुनिया-भर में हो रहे प्रचार काम की अगुवाई करता और उसे संगठित करता है। शासी निकाय के सदस्य पवित्र शक्‍ति से अभिषिक्‍त और तजुरबेकार प्राचीन होते हैं। खासकर उनके बारे में कहा जा सकता है कि वे ‘हमारे अगुवे’ हैं। (इब्रा. 13:7) दुनिया-भर में 1 लाख से भी ज़्यादा कलीसियाओं में करीब 70 लाख प्रचारकों की देखभाल करने में ये अभिषिक्‍त अध्यक्ष ‘प्रभु की सेवा में ढेर सारे काम’ करते हैं। (1 कुरि. 15:58, NW) दास वर्ग की सुनने का मतलब है, उसके शासी निकाय को पूरा सहयोग देना।

दास वर्ग की सुननेवाले आशीष पाएँगे

18, 19. (क) विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास की सुननेवाले क्या आशीष पाएँगे? (ख) हमें क्या करने की ठान लेनी चाहिए?

18 जब से विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास ने अपनी ज़िम्मेदारी सँभाली है, तब से उसने ‘बहुतों को धार्मिकता की ओर बढ़ाया’ है। (दानि. 12:3, NHT) इनमें वे लोग शामिल हैं, जो इस दुष्ट संसार पर आनेवाले विनाश से बचने की उम्मीद करते हैं। वाकई, परमेश्‍वर के सामने शुद्ध और धर्मी ठहरना कितनी बड़ी आशीष है!

19 भविष्य में ‘पवित्र नगर नया यरूशलेम [यानी 1,44,000 जन] दुल्हिन के समान अपने पति के लिए सिंगार किए हुए स्वर्ग पर से परमेश्‍वर के पास से उतरेगा।’ उस समय वे लोग क्या अनुभव करेंगे जो दास वर्ग की बात सुनते आए हैं? बाइबल बताती है “परमेश्‍वर आप उन के साथ रहेगा; . . . और वह उन की आंखों से सब आंसू पोंछ डालेगा; और इस के बाद मृत्यु न रहेगी, और न शोक, न विलाप, न पीड़ा रहेगी; पहिली बातें जाती रहीं।” (प्रका. 21:2-4) तो फिर आइए हम ठान लें कि हम मसीह और उसके भरोसेमंद अभिषिक्‍त भाइयों की सुनेंगे।

आपने क्या सीखा?

• क्या सबूत दिखाते हैं कि यहोवा विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास पर भरोसा करता है?

• क्या दिखाता है कि यीशु मसीह को दास वर्ग पर पूरा भरोसा है?

• हमें क्यों विश्‍वासयोग्य भंडारी पर भरोसा रखना चाहिए?

• हम कैसे दिखाते हैं कि हमें दास वर्ग पर भरोसा है?

[अध्ययन के लिए सवाल]

[पेज 25 पर तसवीर]

क्या आप जानते हैं कि यहोवा ने अपने बेटे की दुल्हन बनने के लिए किसे चुना है?

[पेज 26 पर तसवीरें]

यीशु मसीह ने विश्‍वासयोग्य और बुद्धिमान दास को अपनी “संपत्ति” पर अधिकारी ठहराया है

[पेज 27 पर तसवीर]

गवाही देने के काम में हिस्सा लेकर हम अभिषिक्‍त जनों का साथ देते हैं