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परमेश्‍वर की सेवा में व्यस्त और खुश

परमेश्‍वर की सेवा में व्यस्त और खुश

परमेश्‍वर की सेवा में व्यस्त और खुश

यहोवा चाहता है कि आप खुश रहें। (भज. 100:2) और उसके सेवक होने के नाते आप ज़रूर उसकी सेवा में खुश और व्यस्त होंगे। हो सकता है, जब आपने यहोवा को अपना समर्पण किया था तब आप इतना मसरूफ नहीं रहे होंगे। लेकिन अब शायद आप महसूस करें कि घर की और मसीही ज़िम्मेदारियों को निभाना आपके लिए मुश्‍किल हो रहा है। आपका मन आपको इस बात के लिए भी कोसे कि आप जो करना चाहते हैं उसे पूरा नहीं कर रहे हैं। सवाल यह है कि आप अपनी ज़िम्मेदारियों के बीच अच्छा तालमेल कैसे बिठा सकते हैं? और आप यहोवा से मिलनेवाली खुशी को बरकरार कैसे रख सकते हैं?—नहे. 8:10.

आप जानते हैं कि यह समय संकटों से भरा है और आप पर कई दबाव आते हैं। इसलिए यह बेहद ज़रूरी है कि आप अपना काम करने के लिए अच्छी योजना बनाएँ। इस मामले में प्रेषित पौलुस की यह सलाह खासकर कारगर है: “खुद पर कड़ी नज़र रखो कि तुम्हारा चालचलन कैसा है, मूर्खों की तरह नहीं बल्कि बुद्धिमानों की तरह चलो। तय वक्‍त का पूरा-पूरा इस्तेमाल करो जिससे तुम्हें फायदा हो, क्योंकि दिन बुरे हैं।”—इफि. 5:15, 16.

इस बुद्धि-भरी सलाह को ध्यान में रखते हुए, आप किस तरह ऐसे लक्ष्य रख सकते हैं जिन्हें पाना आपके लिए मुमकिन हो? और आप निजी अध्ययन, परिवार की देखभाल, प्रचार का काम, नौकरी और दूसरे ज़रूरी कामों के बीच तालमेल कैसे बिठा सकते हैं?

क्या आपको याद है, जब आपने परमेश्‍वर को अपना समर्पण किया था और बपतिस्मा लिया था, तब आपकी खुशी का ठिकाना नहीं था! यह खुशी आपको यहोवा और उसके उद्देश्‍यों के बारे में जानने से मिली थी। हो सकता है, यह समझ और खुशी पाने के लिए आपने महीनों तक गहरा अध्ययन किया हो। मगर आपकी मेहनत आखिरकार रंग लायी। उस अध्ययन ने आपकी ज़िंदगी सँवार दी।

अपनी खुशी बरकरार रखने के लिए आपको परमेश्‍वर के ज्ञान का पौष्टिक आहार लेते रहना चाहिए। अगर बाइबल पढ़ने और उसका अध्ययन करने के लिए समय निकालना आपको मुश्‍किल लगे, तो अपने शेड्‌यूल की जाँच कीजिए। हर दिन चंद मिनट के लिए अध्ययन और मनन करने से आप यहोवा के करीब आ पाएँगे। और इससे आपकी खुशी बढ़ेगी।

परमेश्‍वर के ज़्यादातर सेवकों के लिए गैर-ज़रूरी कामों से वक्‍त निकालकर उसे ज़रूरी कामों में लगाना नामुमकिन नहीं। इसलिए खुद से पूछिए: ‘मैं अखबार या पत्रिकाएँ पढ़ने, टी.वी. देखने, गाने सुनने या अपना कोई शौक पूरा करने में कितना समय बिताता हूँ?’ मन बहलाने के इन तरीकों से हमें खुशी मिल सकती है बशर्ते ये एक हद में रहकर किए जाएँ। (1 तीमु. 4:8) अगर आपको लगता है कि आप समय का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे, तो अपने शेड्‌यूल में फेरबदल करने के लिए फौरन कदम उठाएँ।

तीन बच्चों का पिता और एक प्राचीन, ऐडम बताता है कि क्या बात उसे समय का सही इस्तेमाल करने में मदद देती है। वह कहता है: “मैं अपना जीवन सादा रखने की कोशिश करता हूँ। मैं ऐसे शौक नहीं पालता जो मेरा बहुत समय खाएँ और न ही मैं ऐसी चीज़ें खरीदता हूँ जिनका मुझे बहुत ध्यान रखना पड़े। इसका मतलब यह नहीं कि मैं खुद को हर खुशी से दूर रखता हूँ। मैं बस ऐसे मनोरंजन का मज़ा लेता हूँ जिसमें मेरा ज़्यादा समय और ताकत बरबाद न हो।”

मारयुश नाम का एक प्राचीन जिसके तीन बच्चे हैं, कहता है: “जब मैंने बाइबल का नियमित तौर पर अध्ययन करना शुरू किया, तब मैं भविष्य के बारे में अच्छी-अच्छी उम्मीदें करने लगा। हालाँकि आज भी मैं समय-समय पर मुश्‍किलों से गुज़रता हूँ और कई मुश्‍किलों के बारे में सिर्फ यहोवा ही जानता है। लेकिन मैं खुशी-खुशी भविष्य की आस लगा सकता हूँ क्योंकि यहोवा ने मुझे हर बार सँभाला है।” यह उदाहरण दिखाता है कि अगर आप अपने फैसलों के अच्छे नतीजों पर मनन करें, तो आपको नयी खुशी मिलेगी और आप एक सही नज़रिया रख पाएँगे।

लेकिन जैसा कि आपने मारयुश के मामले में देखा, सही नज़रिया रखने का यह मतलब नहीं कि आपकी सारी चिंताएँ दूर हो जाएँगी। मगर यह नज़रिया आपको मन की शांति देगा और ज़िंदगी में आनेवाली चुनौतियों का अच्छी तरह सामना करने में मदद देगा। बाइबल कहती है: “दुखिया के सब दिन दुःख भरे रहते हैं, परन्तु जिसका मन प्रसन्‍न रहता है, वह मानो नित्य भोज में जाता है।” (नीति. 15:15) इस बात पर भी मनन कीजिए कि यहोवा ने आपके लिए कैसा प्यार दिखाया है। इस तरह के मनन से यहोवा के लिए आपका प्यार गहरा होगा और उसकी सेवा में आपकी खुशी दुगुनी हो जाएगी।—मत्ती 22:37.

यहोवा और उसके कामों को ज़िंदगी में पहली जगह देने से परिवार की खुशी बढ़ती है। मसीही गुण दिखाने से परिवार में रगड़े-झगड़े कम होते हैं और घर के लोगों में प्यार बना रहता है। इस तरह आपका घर एकता और शांति का आशियाना बन जाएगा।—भज. 133:1.

साथ मिलकर मसीही कामों में हिस्सा लेने से परिवार के हर सदस्य को सच्ची खुशी मिलती है। मारयुश कहता है: “अपने परिवार के साथ मैं जो समय बिताता हूँ, वह मेरे लिए बेशकीमती है। मेरी पत्नी हर कदम पर मेरा साथ देती है। चाहे मैं प्रचार में जाऊँ या अधिवेशन से पहले स्टेडियम की साफ-सफाई करूँ, वह हर काम में मेरा हाथ बटाँती है। इतना ही नहीं, जब मैं दूसरी मंडलियों में जन भाषण देने जाता हूँ, तब भी वह साथ चलती है। इन सबसे मुझे बड़ा हौसला मिलता है।”

बाइबल मसीहियों को आज्ञा देती है कि वे अपने परिवार के खाने-पीने, ओढ़ने-पहनने की ज़रूरतें पूरी करें। (1 तीमु. 5:8) लेकिन अगर आपकी नौकरी आपका बहुत समय खाए और आपको थका दे तो यहोवा की सेवा में आपकी खुशी कम हो सकती है। इस बारे में यहोवा से प्रार्थना कीजिए। (भज. 55:22) कुछ भाई इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि परमेश्‍वर के राज को पहली जगह देने के लिए उन्हें अपनी नौकरी बदलनी होगी। भले ही एक मसीही की अच्छी-खासी नौकरी हो लेकिन अगर उसकी वजह से उसे अध्ययन, प्रचार, सभाओं वगैरह के लिए वक्‍त नहीं मिलता, तो उसे अपने हालात को देखकर भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।—नीति. 22:3.

अगर आप नौकरी कर रहे हैं या दूसरी नौकरी ढूँढ़ रहे हैं, तो अच्छा होगा कि आप उस नौकरी के फायदे और नुकसान के बारे में लिख लें। कौन ऐसी नौकरी नहीं चाहेगा जिसमें तनख्वाह और काम दोनों अच्छे हों? लेकिन फिलहाल आप जो नौकरी कर रहे हैं, क्या उससे आपके परिवार को आध्यात्मिक तरक्की करने में मदद मिलती है? इन सब बातों पर अच्छे से सोच-विचार कर लीजिए। फिर यहोवा के साथ अपने रिश्‍ते को पहली जगह देते हुए समझदारी से फैसला कीजिए।

अगर आप अपनी नौकरी की वजह से आध्यात्मिक तरक्की नहीं कर पा रहे, तो आपको अपने हालात में फेरबदल करना होगा। कई मसीहियों ने ज़बरदस्त बदलाव किए हैं, ताकि वे आध्यात्मिक बातों के लिए समय निकाल सकें। पोलैंड में रहनेवाला एक भाई कहता है: “बिज़नेस के सिलसिले में मुझे अकसर बाहर जाना पड़ता था। इस वजह से मेरे पास न तो आध्यात्मिक बातों के लिए कोई समय बचता था, न मेरे परिवार के लिए। मेरे सामने सिवा इसके और कोई रास्ता नहीं था कि मैं अपनी नौकरी छोड़ दूँ।” अब यह भाई एक ऐसी नौकरी कर रहा है जो उसका ज़्यादा समय और ताकत नहीं खाती।

दूसरों की मदद करने से खुशी पाइए

यीशु ने कहा: “लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।” (प्रेषि. 20:35) मसीहियों के पास ऐसा करने के बहुत-से मौके हैं। जब कभी आप किसी भाई या बहन को देखकर मुसकराते हैं, उसके साथ हाथ मिलाते हैं या परमेश्‍वर के काम में उसकी मेहनत के लिए दिल से धन्यवाद देते हैं, तो इससे आप दोनों को खुशी मिलती है।

प्रेषित पौलुस ने संगी मसीहियों को बढ़ावा दिया: “जो मायूस हैं, उन्हें अपनी बातों से तसल्ली दो, कमज़ोरों को सहारा दो।” (1 थिस्स. 5:14) हो सकता है, मायूस लोगों को लगे कि वे अपनी ताकत के बलबूते समस्याओं का सामना नहीं कर पाएँगे। क्या आप ऐसे लोगों की मदद कर सकते हैं? अगर आप देखें कि यहोवा की सेवा के लिए एक भाई की खुशी धीरे-धीरे खत्म हो रही है, तो उसकी हिम्मत बँधाने की कोशिश कीजिए। ऐसा करने से आपकी भी हिम्मत बँधेगी। कुछ समस्याएँ ऐसी होती हैं जिनका हल कोई इंसान नहीं कर सकता। मगर आप अपने मसीही भाई को सच्ची हमदर्दी दिखा सकते हैं और उसे उकसा सकते हैं कि वह यहोवा पर भरोसा रखे जो उसे कभी नहीं त्यागेगा। जो कोई यहोवा को अपना सहारा बनाता है, उसे कभी निराश नहीं होना पड़ता।—भज. 27:10; यशा. 59:1.

मदद करने का एक और कारगर तरीका है, उस भाई को अपने साथ प्रचार में आने के लिए कहना। जब यीशु ने अपने 70 चेलों को प्रचार में भेजा तो उसने उन्हें “दो-दो की जोड़ियों” में भेजा। (लूका 10:1) क्या आपको नहीं लगता कि यीशु के इस तरीके से हर चेले को अपने जोड़ीदार से हौसला मिला होगा? क्या आप यही तरीका अपनाकर यानी जिस भाई की खुशी कम हो गयी है, उसे अपने साथ प्रचार में आने का बुलावा देकर फिर से खुशी पाने में उसकी मदद कर सकते हैं?

माना कि हमारी ज़िंदगी में कई चिंताएँ और परेशानियाँ हैं। फिर भी पौलुस हमें उकसाता है: “प्रभु में हमेशा खुश रहो। मैं एक बार फिर कहता हूँ, खुश रहो!” (फिलि. 4:4) आप यहोवा से प्यार करते हैं, उसकी आज्ञा मानते हैं और उसके काम में पूरे जोश के साथ लगे रहते हैं, इसलिए आप एक मकसद-भरी ज़िंदगी जीते हैं। इससे आपको खुशी मिलती है। इतना ही नहीं, यहोवा आपको परेशानियों और तनाव से जूझने में मदद देता है।—रोमि. 2:6, 7.

हम अपने विश्‍वास की आँखों से देख पाते हैं कि नयी दुनिया बहुत करीब है जिसका वादा यहोवा ने किया था। उसके आने से हमें बेशुमार आशीषें और खुशियाँ मिलेंगी! (भज. 37:34) इसलिए हमारे पास खुश रहने की हर वजह है और हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि यहोवा आज भी हमें कितनी आशीषें दे रहा है। इस तरह हम “आनन्द से यहोवा की आराधना” या सेवा कर सकेंगे।—भज. 100:2.

[पेज 8 पर रेखाचित्र]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

खुश रहने के लिए शायद आपको इस मामले में फेरबदल करनी पड़े कि आप हर काम में कितना समय लगाएँगे

मन-बहलाव और मनोरंजन

घर और परिवार की देखभाल

नौकरी

मसीही सभाएँ

निजी अध्ययन

प्रचार

[पेज 10 पर तसवीरें]

क्या आप दूसरों को फिर से खुशी पाने में मदद दे सकते हैं?