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यीशु मसीह उसके संदेश का बड़े पैमाने पर असर

यीशु मसीह उसके संदेश का बड़े पैमाने पर असर

यीशु मसीह उसके संदेश का बड़े पैमाने पर असर

लेखक ग्रैग ईस्टरब्रुक का कहना है कि धरती पर यीशु ने जिस तरह अपनी ज़िंदगी जी, उसका असर आज तक लोगों पर हो रहा है। यह दिखाता है कि वह सचमुच एक महान व्यक्‍ति था। *

शब्दों में कमाल की ताकत होती है। नपे-तुले शब्द लोगों की भावनाओं को झंझोड़कर रख देते हैं, उनमें आशा की किरण जगाते हैं, यहाँ तक कि ज़िंदगी की कायापलट कर देते हैं। और यीशु मसीह के शब्दों में जो दम था, वह और किसी के शब्दों में नहीं। एक व्यक्‍ति जिसने यीशु का मशहूर उपदेश सुना, उसने बाद में लिखा: “जब यीशु ये बातें कह चुका, तो उसका ऐसा असर हुआ कि भीड़ उसका सिखाने का तरीका देखकर दंग रह गयी।”—मत्ती 7:28.

यीशु की कही बहुत-सी बातें आज भी लोगों के ज़हन में हैं। आइए उसकी कुछ बातों पर ध्यान दें, जिनमें गहरा अर्थ छिपा है।

“तुम परमेश्‍वर के दास होने के साथ-साथ धन-दौलत की गुलामी नहीं कर सकते।”—मत्ती 6:24.

“इसलिए जो कुछ तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उनके साथ वैसा ही करो।”—मत्ती 7:12.

“जो सम्राट का है वह सम्राट को चुकाओ, मगर जो परमेश्‍वर का है वह परमेश्‍वर को।”—मत्ती 22:21.

“लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।”—प्रेषितों 20:35.

यीशु ने ये बातें सिर्फ इसलिए नहीं कहीं कि लोग उन्हें सालों-साल याद रखें। उसने जो संदेश दिया उसमें ज़बरदस्त ताकत थी। क्योंकि इस संदेश में परमेश्‍वर के बारे में सच्चाई बयान की गयी थी, ज़िंदगी में सच्चा मकसद हासिल करने का तरीका बताया गया था और यह भी कि सिर्फ परमेश्‍वर का राज ही इंसान की तमाम दुख-तकलीफों को दूर कर सकता है। जब हम आगे के पन्‍नों पर यीशु के संदेश की जाँच करेंगे, तो हम जानेंगे कि क्यों यीशु की बातों और कामों का आज भी लोगों पर असर हो रहा है। (w10-E 04/01)

[फुटनोट]

^ माना जाता था कि कफरनहूम शहर में यीशु का घर था, जो गलील प्रदेश में था।—मरकुस 2:1.