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क्या यीशु ही प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल है?

क्या यीशु ही प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल है?

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क्या यीशु ही प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल है?

▪ अगर सीधे शब्दों में कहें तो इसका जवाब है, हाँ। देखा जाए तो बहुत-सी संस्कृतियों में किसी को एक-से-ज़्यादा नाम लेकर बुलाना एक रिवाज़ है। बाइबल में दिए कुछ नामों के बारे में भी यही बात कही जा सकती है। उदाहरण के लिए, बाइबल में कुलपिता याकूब को इसराएल नाम भी दिया गया है। (उत्पत्ति 35:10) और प्रेषित पतरस को पाँच अलग-अलग नामों से बुलाया गया है—शमौन, शमौन पतरस, कैफा, पतरस और सिमियन। (मत्ती 10:2; 16:16; यूहन्‍ना 1:42; प्रेषितों 15:7, 14, फुटनोट) यीशु के बारे में क्या? बाइबल में उसे मीकाएल भी कहा गया है। लेकिन यह हम इतने यकीन के साथ कैसे कह सकते हैं? आइए बाइबल में दिए कुछ सबूतों पर गौर करें।

बाइबल की पाँच अलग-अलग आयतों में शक्‍तिशाली आत्मिक प्राणी मीकाएल का ज़िक्र किया गया है, जिसमें से तीन बार यह दानिय्येल की किताब में दिया गया है। दानिय्येल 10:13 और 21 में मीकाएल को ‘मुख्य प्रधान’ और “तुम्हारे प्रधान” कहकर बुलाया गया है। इसमें दी घटना बताती है कि मीकाएल एक स्वर्गदूत को बचाता है, जिसे परमेश्‍वर की तरफ से एक काम सौंपा गया था। तीसरी बार यह नाम दानिय्येल 12:1 में आता है, जहाँ बताया गया है कि आखिरी समय में “मीकाएल नाम बड़ा प्रधान, जो तेरे जाति-भाइयों का पक्ष करने को खड़ा रहता है, वह उठेगा।”

मीकाएल का ज़िक्र प्रकाशितवाक्य 12:7 में भी किया गया है, जहाँ बताया गया है कि “मीकाएल और उसके स्वर्गदूतों ने” एक बहुत बड़ा युद्ध लड़ा जिसके आखिर में शैतान और उसके दुष्ट स्वर्गदूतों को स्वर्ग से नीचे फेंक दिया गया।

गौर कीजिए कि ऊपर दी हर घटना में मीकाएल को एक ऐसे स्वर्गदूत की तरह दर्शाया गया है जो परमेश्‍वर के लोगों की तरफ से लड़ता है और उनकी हिफाज़त करता है। इतना ही नहीं, वह यहोवा के सबसे बड़े दुश्‍मन शैतान का भी सामना करता है।

यहूदा 9 में मीकाएल को “प्रधान स्वर्गदूत” कहा गया है। बाइबल में “प्रधान स्वर्गदूत” शब्द मीकाएल के अलावा किसी और के लिए इस्तेमाल नहीं हुआ है। यहूदा 9 के अलावा इस शब्द का ज़िक्र सिर्फ 1 थिस्सलुनीकियों 4:16 में मिलता है, जहाँ पौलुस कहता है कि “प्रभु [यीशु] खुद स्वर्ग से बड़ी ललकार और प्रधान स्वर्गदूत की आवाज़ से पुकार लगाता हुआ परमेश्‍वर की तुरही की आवाज़ के साथ उतरेगा।” इन आयतों में प्रधान स्वर्गदूत यीशु मसीह को ही कहा गया है।

इन सारे सबूतों पर गौर करने के बाद हम किस नतीजे पर पहुँच सकते हैं? यही कि यीशु मसीह ही प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल है। मीकाएल (जिसका मतलब है “परमेश्‍वर जैसा कौन है”) और यीशु (जिसका मतलब है “यहोवा उद्धार करता है”) ये दोनों नाम परमेश्‍वर की हुकूमत की पैरवी करने में सबसे आगे रहनेवाले यीशु की भूमिका को दर्शाते हैं। फिलिप्पियों 2:9 कहता है: “परमेश्‍वर ने उसे पहले से भी ऊँचा पद देकर महान किया और मेहरबान होकर उसे वह नाम दिया जो दूसरे हर नाम से महान है।”

गौर करने लायक बात यह है कि यीशु की ज़िंदगी की शुरुआत धरती पर नहीं बल्कि स्वर्ग में हुई थी। क्योंकि यीशु के पैदा होने से पहले एक स्वर्गदूत ने मरियम से कहा, पवित्र शक्‍ति की मदद से वह एक बेटे को जन्म देगी और उसका नाम यीशु रखेगी। (लूका 1:31) यीशु अकसर लोगों को सिखाते वक्‍त बताता था कि धरती पर आने से पहले वह स्वर्ग में था।—यूहन्‍ना 3:13; 8:23, 58.

तो फिर हम यकीन के साथ कह सकते हैं कि यीशु ही प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल है, जो धरती पर आने से पहले स्वर्ग में था। अपने पुनरुत्थान के बाद जब यीशु स्वर्ग लौटा, तो वहाँ उसने प्रधान स्वर्गदूत मीकाएल के तौर पर अपनी सेवा दोबारा शुरू की, “जिससे परमेश्‍वर हमारे पिता की महिमा हो।”—फिलिप्पियों 2:11. (w10-E 04/01)