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2010 प्रहरीदुर्ग की विषय-सूची

2010 प्रहरीदुर्ग की विषय-सूची

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जिस अंक में लेख आया है, उसकी तारीख दी गयी है

अध्ययन लेख

‘अटल-कृपा’ अपनी बोली में ज़ाहिर कीजिए, 8/15

“अभी खास तौर पर मंज़ूरी पाने का वक्‍त है,” 12/15

आज हमारा जोशीला नेता, 9/15

आध्यात्मिक कटाई में पूरा-पूरा हिस्सा लीजिए, 7/15

आध्यात्मिक कामों से ताज़गी पाइए, 6/15

एक झुंड, एक चरवाहा, 3/15

एकता से सच्ची उपासना की पहचान होती है, 9/15

क्या आप मसीह के पीछे पूरी तरह चल रहे हैं? 4/15

क्या आप भाई-बहनों का आदर करने में पहल करते हैं? 10/15

“कौन है जो यहोवा का मन जान सका है?” 10/15

गुस्से को काबू रखते हुए “बुराई को जीतते रहो,” 6/15

जवानो—आप अपनी ज़िंदगी में क्या करना चाहते हैं? 11/15

जवानो—परमेश्‍वर के वचन के मार्गदर्शन में चलो, 11/15

जवानो—साथियों के दबाव का विरोध करो, 11/15

जीवन की सबसे बेहतरीन राह पर आपका स्वागत है! 2/15

“जो नेक हैं वे सूरज की तरह तेज़ चमकेंगे,” 3/15

“तुम्हारा एक ही नेता” है—मसीह, 9/15

दोहाई देनेवालों का उद्धार कौन करेगा? 8/15

‘निडर होकर परमेश्‍वर का वचन सुनाइए,’ 2/15

परमेश्‍वर के लोगों के बीच सुरक्षा पाइए, 6/15

“पवित्र शक्‍ति और वह दुल्हन कहती रहती हैं: ‘आ!’” 2/15

“पवित्र शक्‍ति की तलवार” का कुशलता से इस्तेमाल कीजिए, 2/15

पवित्र शक्‍ति के निर्देशन में चलनेवाले राजा से आशीष पाइए! 12/15

पवित्र शक्‍ति के मार्गदर्शन में चलो अपने समर्पण के मुताबिक जीओ, 3/15

‘पवित्र शक्‍ति परमेश्‍वर के गहरे रहस्यों की खोजबीन करती है,’ 7/15

पहले “उसकी धार्मिकता” की खोज करो, 10/15

पुरुषो, क्या आप मसीह के मुखियापन के अधीन रहते हैं? 5/15

फिरौती हमें कैसे बचाती है, 8/15

बच्चो और जवानो, यहोवा की सेवा करने की अपनी इच्छा बढ़ाइए, 4/15

बपतिस्मा लें—पिता, बेटे और पवित्र शक्‍ति के नाम से, 3/15

भाइयो, पवित्र शक्‍ति के लिए बोइए और सेवा में आगे बढ़िए! 5/15

मंडली का हौसला बढ़ाते रहिए, 6/15

मन को भानेवाली बोली से रिश्‍तों में मिठास आती है, 6/15

मसीह के सच्चे चेले होने का सबूत दीजिए, 1/15

मसीही एकता से परमेश्‍वर की महिमा होती है, 9/15

मसीही सभाओं से सबका हौसला बढ़े, इसके लिए आप क्या कर सकते हैं? 10/15

यहोवा का दिन क्या ज़ाहिर करेगा, 7/15

यहोवा की आशीष पाने के लिए मेहनत कीजिए, 9/15

यहोवा की पवित्र शक्‍ति को दुखी न करो, 5/15

यहोवा की महा-कृपा की बदौलत उसके होना, 1/15

यहोवा की हुकूमत बुलंद हुई! 1/15

यहोवा के मकसद को पूरा होने में पवित्र शक्‍ति की भूमिका, 4/15

यहोवा के लिए गीत गाओ! 12/15

यहोवा हमारा परमप्रधान है! 11/15

यीशु ने किस तरह परमेश्‍वर की नेकी बुलंद की, 8/15

व्यर्थ की चीज़ों से अपनी आँखें हटा दो! 4/15

शैतान के शासन का नाकाम होना तय है, 1/15

सच्ची उपासना के लिए जोशीले बनो, 12/15

स्त्रियो, आपको क्यों मुखियापन के अधीन रहना चाहिए? 5/15

“सोचो कि . . . तुम्हें कैसे इंसान होना चाहिए!” 7/15

हम खराई से चलते रहेंगे, 11/15

हमें अपनी ज़िंदगी यहोवा को क्यों समर्पित करनी चाहिए? 1/15

बाइबल

ज़िंदगी सँवारती है, 7/1

यहेजकेल 18:20 और निर्गमन 20:5 कैसे एक-दूसरे से मेल खाते हैं, 3/15

यीशु के बारे में सच-सच बताती है? 4/1

मसीही जीवन और गुण

आँख मूँदकर दुनिया की राय मत अपनाइए, 8/15

आपके बच्चे क्या जवाब देंगे? 12/15

उसने प्रभु से माफी का सबक सीखा (पतरस), 4/1

एक ही घर में कई लोगों के साथ रहना, 2/15

क्या यह वाकई बेईमानी है? 10/1

जब कोई दिल को ठेस पहुँचाए, 1/1

ज़िंदगी हर दिन परमेश्‍वर की महिमा के लिए इस्तेमाल, 1/15

जीवन-साथी की बेवफाई से उबरना, 6/15

जीवन-साथी को खास देखभाल की ज़रूरत, 7/1

“तुम सिद्ध बनो, जैसे स्वर्ग में . . . पिता भी सिद्ध है,” 11/15

परमेश्‍वर की सुनना, 1/1

“परमेश्‍वर पर विश्‍वास बढ़ाना, बच्चों का हक है,” 2/15

पारिवारिक ज़िंदगी, 7/1

फिर से बपतिस्मा, 2/15

बजट और खर्च, 1/1

बच्चों को एक ज़िम्मेदार इंसान बनना सिखाइए, 10/1

बच्चों को चुनौतियों का सामना करने में मदद दीजिए, 1/15

बच्चों को यहोवा के संगठन की जानकारी दीजिए, 10/15

बच्चों में पढ़ाई और अध्ययन के लिए प्यार जगाएँ, 7/15

बदलते हालात में भी परमेश्‍वर की मंज़ूरी पाना, 3/15

बीमार रिश्‍तेदार की देखभाल करना, 5/15

बुज़ुर्गों का आदर करें, 5/15

“मत डर, मैं तेरी सहायता करूंगा,” 7/15

“मन की शुद्धता” बनाए रखना, 3/15

मुझे कितना दान देना चाहिए, 1/1

विधवाएँ और विधुर, 10/1

शैतान के झूठ का डटकर मुकाबला कीजिए, 2/15

सफाई पेश करना, 10/15

समय का पाबंद क्यों हों, 8/15

‘सलामत रहो,’ 4/15

‘सिखाने में लगा रह,’ 7/15

सोचने-समझने की शक्‍ति को प्रशिक्षित कीजिए, 5/15

यहोवा

आपकी सलामती चाहता है, 4/15

क्या अपना पिता मानते हैं? 2/15

क्या परमेश्‍वर ने हमें छोड़ दिया है? 10/1

चाहता है कि हम कामयाब हों, 7/1

चुनाव करने का मौका देता है, 7/1

जब एक इंसान “टूटे और पिसे हुए मन से” माफी माँगता है, 10/1

‘तेरा राज्य सदा अटल बना रहेगा’ (दाविद), 4/1

दुखी मनवालों की गुहार सुनिए, 11/15

नम्र लोग अनमोल, 1/1

नोटों की बारिश का वादा, 1/1

न्यायी जो सही बात पर अटल, 1/1

पवित्र, 1/1

यहोवा को सवाल पूछने दो? 4/15

यहोवा हमसे क्या चाहता है? 7/1

सारी दुख-तकलीफों का हल! 7/1

यहोवा के साक्षी

जवानों की मदद के लिए नयी किताब (युवाओं के प्रश्‍न, वॉल्यूम 2), 2/15

दूसरे धर्मों के साथ मिलकर उपासना, 10/1

‘दिल तक पहुँचने में मदद मिली’ (राज पुस्तिका), 10/15

परमेश्‍वर की सेवा में उम्र कोई बंधन नहीं (स्पेन), 12/15

प्रोटेस्टेंट धर्म, 7/1

बल्गारिया, 9/15

‘यहोवा के लिए भेंट’ (दान), 11/15

सचेत रहिए (फिनलैंड), 7/15

सबके लिए न्यौता (बेथेल), 8/15

सालाना सभा, 6/15

यीशु मसीह

आनेवाला कल, 1/1

आज्ञा माननी सीखी, 4/1

ऐसा शख्स जिसने लोगों की ज़िंदगी बदल दी, 4/1

क्या प्रधान स्वर्गदूत है? 4/1

जिन्होंने उसके बारे में जानकारी लिखी, 10/1

तीन राजा वाकई यीशु को देखने आए? 7/1

बाइबल के अलावा सबूत, 4/1

मसीह क्यों कहा जाता है, 4/1

सच या झूठ, 4/1

स्त्री के पाप माफ हुए, 8/15

जीवन कहानियाँ

‘उन्होंने जो कुछ किया उसका लेखा उनके साथ गया’ (टी. जारज़), 11/15

कमाल की बढ़ोतरी के समय में सेवा करना (एच. हैरिस), 9/15

बाइबल सच्चाई की ताकत (वी. फ्राएज़ी), 12/15

मुश्‍किलों से यहोवा पर हमारा भरोसा बढ़ा (ए. डेलो स्ट्रीटो), 4/15

मैं यहोवा की सेवा में लगा रहा (वी. ज़ुबको), 10/15

विविध

आदम परमेश्‍वर की समानता में, 8/15

‘इंसान की उम्र अब 120 साल’ (उत्प 6:3), 12/15

उसने सूझ-बूझ से काम लिया (अबीगैल), 1/1

क्या आपकी ज़िंदगी तारों के कब्ज़े में है? 10/1

गिलाद देश का बलसान, 10/1

पाप, 10/1

पवित्र शक्‍ति, 7/1

“पुरानी मश्‍कों में नयी दाख-मदिरा,” 12/15

मरकुस—‘सेवा के लिए बहुत काम का,’ 3/15

यिर्मयाह, 7/1

शुरू का मसीही धर्म और रोम के देवता, 5/15

शेम, 7/1

शैतान असल? 7/1

सभा-घर, 4/1

सोने का बछड़ा बनाने के लिए हारून को सज़ा नहीं दी गयी, 5/15

हारान प्राचीन समय का चहल-पहलवाला शहर, 5/15