इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

साल का सबसे खास दिन आ रहा है—क्या आप इसके लिए तैयार हैं?

साल का सबसे खास दिन आ रहा है—क्या आप इसके लिए तैयार हैं?

साल का सबसे खास दिन आ रहा है—क्या आप इसके लिए तैयार हैं?

अपनी जान कुरबान करने से कुछ ही घंटे पहले यीशु ने अपनी मौत की यादगार मनाने का एक खास तरीका शुरू किया। यह समारोह ‘प्रभु का संध्या-भोज’ या “प्रभु भोज” के नाम से जाना गया। (1 कुरिंथियों 11:20; हिंदी—ओ.वी.) यह दिन कितनी अहमियत रखता है, इस बारे में यीशु ने आज्ञा दी: “मेरी याद में ऐसा ही किया करना।” (लूका 22:19) क्या आप यीशु की यह आज्ञा मानना चाहते हैं? अगर हाँ, तो आपके लिए यीशु की मौत की सालगिरह, साल का सबसे खास दिन होगा।

लेकिन आपको किस दिन यह समारोह मनाना चाहिए? और इस अहम दिन के मायने पूरी तरह समझने के लिए आप खुद को कैसे तैयार कर सकते हैं? ये कुछ ऐसे सवाल हैं, जिन पर हर मसीही को गौर करना चाहिए।

साल में कितनी बार?

अकसर ऐसा होता है कि हम कुछ खास घटनाओं को हर साल याद करते हैं। उदाहरण के लिए, 26 नवंबर, 2008 को मुंबई के ताज होटल में हुए आतंकवादी हमले के बारे में सोचिए। यह सच है कि वह हादसा उन लोगों को बार-बार याद आता है जिन्होंने उस दिन अपने अज़ीज़ों को खोया था, लेकिन हर साल जब भी वह तारीख आती है, तो वह दिन उनके लिए बाकी दिनों से ज़्यादा मायने रखता है।

उसी तरह पुराने ज़माने में लोग कुछ खास दिनों को हर साल याद किया करते थे। (एस्तेर 9:21, 27) यहोवा ने जब चमत्कार करके अपने लोगों, इसराएलियों को मिस्र की गुलामी से आज़ाद किया, तो उसने उन्हें आज्ञा दी कि वे हर साल इस दिन को ज़रूर मनाएँ। बाइबल उस त्योहार को फसह का त्योहार कहती है और सारे इसराएली साल में एक बार उसी तारीख को वह त्योहार मनाते थे।—निर्गमन 12:24-27; 13:10.

धरती पर अपनी आखिरी रात, यीशु ने अपने प्रेषितों के साथ पहले फसह का त्योहार मनाया, फिर उसने एक खास भोज की शुरूआत की और दिखाया कि उसकी मौत की यादगार किस तरह मनायी जानी चाहिए। (लूका 22:7-20) फसह का त्योहार साल में एक बार मनाया जाता था। इसलिए हम कह सकते हैं कि फसह की जगह मनाया जानेवाला यह नया समारोह भी साल में एक बार मनाया जाना चाहिए। लेकिन कौन-सी तारीख को?

कब?

इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमें दो बातें समझने की ज़रूरत है। पहली, बाइबल के ज़माने में दिन, सूरज ढलने के बाद से शुरू होता था और अगले दिन सूरज ढलने पर खत्म होता था। इस तरह उस ज़माने में एक दिन, एक शाम से लेकर दूसरी शाम तक चलता था।—लैव्यव्यवस्था 23:32.

दूसरी बात, बाइबल में जो कैलेंडर इस्तेमाल किया गया है, वह आज के कैलेंडर के मुताबिक नहीं है। उसमें मार्च और अप्रैल जैसे महीने नहीं होते थे, बल्कि अदार और निसान जैसे महीने होते थे। (एस्तेर 3:7) यहूदियों के मुताबिक जब नया चाँद दिखायी देता था तब उनका महीना शुरू होता था और तब तक चलता था जब तक दूसरा नया चाँद दिखायी न दे। वे फसह का त्योहार अपने कैलेंडर के मुताबिक साल के पहले महीने निसान की 14 तारीख को मनाते थे। (लैव्यव्यवस्था 23:5; गिनती 28:16) उसी दिन यानी निसान 14 को रोमी लोगों ने हमारे प्रभु यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाया था। यह वही तारीख थी, जब 1,545 साल पहले इसराएलियों ने पहली बार फसह का त्योहार मनाया था। इसलिए निसान 14 हमारे लिए बहुत ही खास दिन है!

लेकिन हमारे कैलेंडर में निसान 14 कब पड़ता है? यह पता लगाने का एक आसान-सा तरीका है। वसंत विषुव (यानी जब दिन और रात दोनों बराबर होते हैं और उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु शुरू होती है) के आस-पास जब यरूशलेम में सूरज ढलने पर नया चाँद दिखायी देता है, तब निसान महीने का पहला दिन शुरू होता है। उस दिन से अगर हम चौदह दिन आगे गिनें तो हमें पता चल जाएगा कि निसान 14 कब पड़ेगा। इस दिन अकसर पूरा चाँद दिखायी देता है। बाइबल पर आधारित इस तरीके का इस्तेमाल करके पता लगाया गया है कि इस साल निसान 14, गुरुवार 5 अप्रैल को सूरज ढलने के बाद शुरू होगा।

इस साल भी यहोवा के साक्षी उन सभी लोगों के साथ इकट्ठा होने की तैयारी कर रहे हैं, जो यीशु की मौत को याद करना चाहते हैं। वे इसके लिए तहेदिल से आपको न्यौता देते हैं। कृपया अपने इलाके के यहोवा के साक्षियों से पता कीजिए कि वे कहाँ और किस समय इस समारोह के लिए इकट्ठा होंगे। वे सुबह या दोपहर को नहीं बल्कि शाम को सूर्यास्त के बाद यह यादगार मनाएँगे। क्यों? क्योंकि बाइबल के हिसाब से यह समारोह “शाम” को मनाया जाना है। (1 कुरिंथियों 11:25) गुरुवार 5 अप्रैल, 2012 की शाम वह खास समारोह मनाया जाएगा जिसकी शुरूआत यीशु ने आज से 1,979 साल पहले की थी। उसी दिन शाम को निसान 14 शुरू होगा, जिस दिन यीशु की मौत भी हुई थी। उसकी मौत की यादगार मनाने के लिए इससे अच्छा दिन और कौन-सा हो सकता है?

कैसे तैयारी करें

साल में एक बार मनाए जानेवाले इस दिन की तैयारी करने के लिए आप अभी से क्या कर सकते हैं? एक तरीका है, यीशु ने हमारे लिए जो किया है उस पर गहराई से सोचना। किताब बाइबल असल में क्या सिखाती है? * की मदद से लाखों लोग समझ पाए हैं कि यीशु की मौत उनके लिए क्या मायने रखती है और इस तरह यीशु के बलिदान के लिए उनके दिल में कदरदानी बढ़ी है।—मत्ती 20:28.

इस खास दिन के लिए खुद को तैयार करने का एक और तरीका है, इस धरती पर यीशु के जीवन के आखिरी दिनों की घटनाओं के बारे में पढ़ना। आगे एक चार्ट दिया गया है। उसमें दायीं तरफ बाइबल की अलग-अलग किताबों से कुछ आयतें दी गयी हैं, जिनमें यीशु की मौत से पहले के कुछ दिनों की घटनाएँ दर्ज़ हैं। इसके अलावा, किताब वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा * के वे अध्याय भी दिए गए हैं, जिनमें उन घटनाओं के बारे में बताया गया है।

चार्ट की बायीं तरफ बताया गया है कि वे दिन इस साल कौन-सी तारीख को पड़ रहे हैं। क्यों न आप हर दिन थोड़ा समय निकालकर बाइबल की उन आयतों को पढ़ें, जो प्रभु के संध्या-भोज और उससे पहले के दिनों के बारे में बताती हैं? इस तरह आप साल के सबसे खास दिन के लिए तैयार हो पाएँगे। (w11-E 02/01)

[फुटनोट]

^ इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है। पेज 47-56, 206-208 देखिए। आप वेब साइट www.watchtower.org पर भी यह किताब पढ़ सकते हैं।

^ इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।

[पेज 20 पर बड़े अक्षरों में लेख की खास बात]

यीशु की मौत का स्मारक मनाइए गुरुवार 5 अप्रैल, 2012

[पेज 21 पर तसवीर]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

आखिरी हफ्ता

2012 शनि. 31 मार्च

▪ सब्त

यूहन्‍ना 11:55-12:1

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 101, पैरा. 2-4 *

निसान 9 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

बाइबल के ज़माने में दिन, शाम को सूरज ढलने के बाद से शुरू होता था और अगले दिन सूरज ढलने पर खत्म होता था

▪ शमौन कोढ़ी के घर दावत में गया

▪ मरियम जटामाँसी के तेल से यीशु का अभिषेक करती है

▪ यहूदी, यीशु और लाज़र से मिलने आते हैं

मत्ती 26:6-13

मरकुस 14:3-9

यूहन्‍ना 12:2-11

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 101, पैरा. 5-9

2012 रवि. 1 अप्रैल

▪ यरूशलेम में विजयी प्रवेश

▪ मंदिर में लोगों को सिखाता है

मत्ती 21:1-11, 14-17

मरकुस 11:1-11

लूका 19:29-44

यूहन्‍ना 12:12-19

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 102

निसान 10 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

▪ बैतनिय्याह में रात गुज़ारता है

2012 सोम. 2 अप्रैल

▪ तड़के सुबह यरूशलेम जाता है

▪ मंदिर को शुद्ध करता है

▪ स्वर्ग से यहोवा की आवाज़ सुनायी देती है

मत्ती 21:12, 13, 18, 19

मरकुस 11:12-19

लूका 19:45-48

यूहन्‍ना 12:20-50

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 103, 104

निसान 11 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

2012 मंगल. 3 अप्रैल

▪ मंदिर में मिसालें देकर सिखाता है

▪ फरीसियों को धिक्कारता है

▪ एक विधवा के दान पर ध्यान देता है

▪ यरूशलेम के विनाश की भविष्यवाणी करता है

▪ भविष्य में अपनी मौजूदगी की निशानी देता है

मत्ती 21:19-25:46

मरकुस 11:20-13:37

लूका 20:1-21:38

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 105 से 112, पैरा. 1

निसान 12 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

2012 बुध. 4 अप्रैल

▪ बैतनिय्याह में अपने चेलों के साथ अकेले वक्‍त बिताता है

▪ यहूदा, यीशु को पकड़वाने की साज़िश रचता है

मत्ती 26:1-5, 14-16

मरकुस 14:1, 2, 10, 11

लूका 22:1-6

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 112, पैरा. 2-4

निसान 13 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

2012 गुरु. 5 अप्रैल

▪ पतरस और यूहन्‍ना फसह की तैयारी करते हैं

▪ यीशु और बाकी दस प्रेषित दोपहर के बाद वहाँ पहुँचते हैं

मत्ती 26:17-19

मरकुस 14:12-16

लूका 22:7-13

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 112, पैरा. 5 से 113, पैरा. 1

निसान 14 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

▪ फसह का त्योहार मनाता है

▪ प्रेषितों के पैर धोता है

▪ यहूदा को बाहर भेज देता है

▪ अपनी मौत के स्मारक की शुरूआत करता है

मत्ती 26:20-35

मरकुस 14:17-31

लूका 22:14-38

यूहन्‍ना 13:1-17:26

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 113, पैरा. 2 से 116 के आखिर तक

आधी रात

2012 शुक्र. 6 अप्रैल

▪ गतसमनी बाग में धोखे से पकड़वाया जाता है

▪ प्रेषित भाग जाते हैं

▪ महासभा में यीशु पर मुकद्दमा चलता है

▪ पतरस यीशु को जानने से इनकार करता है

मत्ती 26:36-75

मरकुस 14:32-72

लूका 22:39-62

यूहन्‍ना 18:1-27

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 117 से 120 के आखिर तक

▪ दोबारा महासभा के सामने लाया जाता है

▪ पीलातुस के, फिर हेरोदेस के और वापस पीलातुस के सामने लाया जाता है

▪ मौत की सज़ा देकर सूली पर चढ़ाया जाता है

▪ दोपहर करीब तीन बजे मौत हो जाती है

▪ यीशु का शव उतारकर कब्र में रख दिया जाता है

मत्ती 27:1-61

मरकुस 15:1-47

लूका 22:63-23:56

यूहन्‍ना 18:28-40

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 121 से 127, पैरा. 7

निसान 15 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

▪ सब्त

2012 शनि. 7 अप्रैल

▪ पीलातुस यीशु की कब्र पर पहरेदार तैनात करने की मंज़ूरी देता है

मत्ती 27:62-66

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 127, पैरा. 8-9

निसान 16 (सूरज ढलने के बाद शुरू होता है)

2012 रवि. 8 अप्रैल

▪ दोबारा ज़िंदा किया जाता है

▪ चेलों को दिखायी देता है

मत्ती 28:1-15

मरकुस 16:1-8

लूका 24:1-49

यूहन्‍ना 20:1-25

सर्वश्रेष्ठ मनुष्य 127, पैरा. 10 से 129, पैरा. 10

[फुटनोट]

^ यहाँ दिए गए नंबर किताब, वह सर्वश्रेष्ठ मनुष्य जो कभी जीवित रहा (सर्वश्रेष्ठ मनुष्य) के अध्यायों के नंबर हैं। यीशु की सेवा के आखिरी दिनों की घटनाएँ बाइबल में कहाँ-कहाँ दर्ज़ हैं, इसकी सूची के लिए नयी दुनिया अनुवाद—मसीही यूनानी शास्त्र में अतिरिक्‍त लेख के पेज 617-619 देखिए। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।