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पारिवारिक उपासना और निजी अध्ययन करने के सुझाव

पारिवारिक उपासना और निजी अध्ययन करने के सुझाव

पारिवारिक उपासना और निजी अध्ययन करने के सुझाव

सन्‌ 2009 से पूरी दुनिया में यहोवा के साक्षियों की सभाओं में एक बदलाव किया गया है। हफ्ते की दो सभाओं को मिला दिया गया जिससे हमें एक खाली शाम मिल गयी। और हमें यह बढ़ावा दिया गया कि हम उस शाम को पारिवारिक उपासना या निजी अध्ययन करें। क्या आप इस नए इंतज़ाम का फायदा उठा रहे हैं? क्या आपको इससे भरपूर फायदा हो रहा है?

कुछ लोगों को यह समझ नहीं आ रहा था कि उन्हें पारिवारिक उपासना में किस जानकारी पर चर्चा करनी चाहिए। शासी निकाय यह नहीं चाहता कि वह सभी परिवारों के लिए एक जैसा कार्यक्रम तैयार करे, इसका फैसला उसने हम पर छोड़ दिया है। सबके हालात अलग होते हैं इसलिए अच्छा होगा कि परिवार का मुखिया या निजी अध्ययन करनेवाला व्यक्‍ति खुद फैसला करे कि इस इंतज़ाम का ज़्यादा-से-ज़्यादा फायदा कैसे उठाया जा सकता है।

कुछ लोग पारिवारिक उपासना के दिन मंडली की सभाओं की तैयारी करते हैं, लेकिन ज़रूरी नहीं कि अध्ययन में सिर्फ यही किया जाए। दूसरे, बाइबल या बाइबल साहित्य पढ़ते और उन पर चर्चा करते हैं, यहाँ तक कि बच्चों के फायदे के लिए उन पर नाटक भी खेलते हैं। यह ज़रूरी नहीं कि हमेशा मंडली की सभाओं की तरह सवाल-जवाब के ज़रिए ही पारिवारिक उपासना की जाए। एक-दूसरे से अपने विचार बाँटने और अच्छी चर्चा के लिए हँसी-खुशी का माहौल अकसर अच्छा होता है। ऐसे माहौल में नए-नए विचार उठते हैं, जिससे उपासना की शाम सबके लिए मज़ेदार और यादगार बन जाती है।

तीन बच्चों का एक पिता लिखता है: “हम पारिवारिक उपासना ज़्यादातर बाइबल पढ़ाई पर ही करते आए हैं। हम पहले ही बाइबल के अध्याय पढ़ लेते हैं, फिर बच्चे किसी खास पहलू पर खोजबीन करते हैं और उन्हें जो भी जानकारी मिलती है, वे सबको बताते हैं। माइकल [उम्र 7] अकसर तसवीर बनाता है या पैराग्राफ लिखता है। डेविड और कैटलिन [उम्र 13 और 15] कभी-कभी एक दर्शक के नज़रिए से बाइबल की घटना लिखते हैं। उदाहरण के लिए, जब हम बाइबल का वह वृत्तांत पढ़ रहे थे जिसमें फिरौन के रोटी पकानेवाले और पिलानेवाले सेवकों ने सपना देखा था और यूसुफ ने उसका मतलब बताया था, तो कैटलिन ने जेल में मौजूद एक कैदी के नज़रिए से उस घटना का वर्णन किया।”—उत्प., अध्या. 40.

इसमें दो राय नहीं कि सबके हालात अलग होते हैं। एक परिवार या व्यक्‍ति को जिस बात से फायदा हो, ज़रूरी नहीं कि दूसरे को भी उससे फायदा हो। इस लेख के साथ दिए बक्स में कुछ ऐसे तरीके बताए गए हैं, जिन्हें पारिवारिक उपासना या निजी अध्ययन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। आप उनके अलावा कुछ और नए तरीकों के बारे में भी सोच सकते हैं।

[पेज 7, 6 पर बक्स/तसवीर]

किशोर बच्चोंवाले परिवारों के लिए:

युवाओं के प्रश्‍न—व्यावहारिक उत्तर पढ़िए और उस पर चर्चा कीजिए।

• किसी भी हालात का अभ्यास कीजिए “तब क्या जब . . . ?” (15 मई 1996 की प्रहरीदुर्ग का पेज 14, पैराग्राफ 17-18 देखिए।)

• छोटे और बड़े लक्ष्यों के बारे में बात कीजिए।

• समय-समय पर बाइबल पर आधारित वीडियो देखिए और चर्चा कीजिए।

प्रहरीदुर्ग में “हमारे नौजवानों के लिए” लेखों पर गौर कीजिए।

जिनके बच्चे नहीं हैं, ऐसे जोड़ों के लिए:

पारिवारिक सुख का रहस्य किताब के अध्याय 1, 3, 11-16 पर चर्चा कीजिए।

• बाइबल पढ़ाई में किसी मुद्दे पर की गयी खोज के बारे में बताइए।

• मंडली बाइबल अध्ययन या प्रहरीदुर्ग अध्ययन की तैयारी कीजिए।

• चर्चा कीजिए कि मसीही जोड़े के तौर पर आप और ज़्यादा प्रचार कैसे कर सकते हैं।

अविवाहित भाई-बहनों या ऐसे मसीहियों के लिए जिनके साथी साक्षी नहीं हैं:

• ज़िला अधिवेशन में मिलनेवाले नए साहित्य का अध्ययन कीजिए।

• नयी और पुरानी इयरबुक पढ़िए।

• आपके इलाके में आम तौर पर जो सवाल पूछे जाते हैं उनके जवाबों के लिए खोजबीन कीजिए।

• प्रचार के लिए पेशकश तैयार कीजिए।

जिन परिवारों में छोटे बच्चे हैं उनके लिए:

• बाइबल की घटनाओं को नाटक के तौर पर पेश कीजिए।

• याददाश्‍त के खेल खेलिए जैसा कि 2006 की सजग होइए! से कुछ अंकों में पेज 31 पर (आप क्या जवाब देंगे?) दिए गए हैं।

• कभी-कभी अपनी कल्पना के आधार पर कुछ कीजिए (15 फरवरी, 2011 की प्रहरीदुर्ग के पेज 11 पर दिया लेख “आपकी मेहनत रंग लाएगी!” देखिए।)

प्रहरीदुर्ग में आनेवाले खास लेख, “अपने बच्चों को सिखाइए” पर चर्चा कीजिए।