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परमेश्‍वर के दिए नियम क्यों फायदेमंद हैं?

परमेश्‍वर के दिए नियम क्यों फायदेमंद हैं?

परमेश्‍वर के वचन से सीखिए

परमेश्‍वर के दिए नियम क्यों फायदेमंद हैं?

इस लेख में कुछ ऐसे सवाल दिए गए हैं, जो शायद आपके मन में कभी उठे हों। इसमें बताया गया है कि आप इनके जवाब बाइबल में कहाँ पा सकते हैं। यहोवा के साक्षियों को आपके साथ इन सवालों पर चर्चा करने में खुशी होगी।

1. हमें परमेश्‍वर की आज्ञा क्यों माननी चाहिए?

परमेश्‍वर ने हमारी सृष्टि की है, इसलिए यह सही है कि हम उसकी आज्ञा मानें। यीशु ने भी हमेशा परमेश्‍वर की आज्ञा मानी। (यूहन्‍ना 6:38; प्रकाशितवाक्य 4:11) परमेश्‍वर के नियमों को मानने से हम दिखाते हैं कि हम उससे प्यार करते हैं।—1 यूहन्‍ना 5:3 पढ़िए।

यहोवा परमेश्‍वर के दिए सारे नियम हमारे भले के लिए हैं। ये सिखाते हैं कि हम आज अपनी ज़िंदगी को कैसे बेहतर बना सकते हैं और आगे चलकर हमेशा की ज़िंदगी कैसे पा सकते हैं।—भजन 19:7, 11; यशायाह 48:17, 18 पढ़िए।

2. परमेश्‍वर के नियमों को मानने से हमारी सेहत को क्या फायदा होता है?

पियक्कड़पन के खिलाफ परमेश्‍वर का दिया नियम मानने से हम कई जानलेवा बीमारियों और दुर्घटनाओं से बचते हैं। बहुत ज़्यादा शराब पीने से हमें उसकी लत लग सकती है और नशे में हम कोई बेवकूफी-भरा काम कर सकते हैं। (नीतिवचन 23:20, 29, 30) यहोवा के मुताबिक शराब पीना गलत नहीं है, लेकिन उसे सिर्फ एक सीमित मात्रा में लिया जाना चाहिए।—भजन 104:15; 1 कुरिंथियों 6:10 पढ़िए।

यहोवा हमें ईर्ष्या करने, गुस्से से बेकाबू होने और उन रवैयों से भी खबरदार करता है, जो हमें नुकसान पहुँचाते हैं। इन मामलों में उसकी सलाह मानने से हमारी सेहत अच्छी रहेगी।—नीतिवचन 14:30; 22:24, 25 पढ़िए।

3. परमेश्‍वर का नियम किस तरह हमारी हिफाज़त करता है?

परमेश्‍वर के नियम के मुताबिक शादी के बाहर यौन-संबंध रखना गलत है। (इब्रानियों 13:4) जो पति-पत्नी यह नियम मानते हैं, उन्हें यकीन होता है कि उनका साथी उन्हें धोखा नहीं देगा और बच्चों को भी घर में अच्छा माहौल मिलता है। दूसरी तरफ, व्यभिचार से अकसर तरह-तरह की बीमारियाँ लगती हैं, तलाक की नौबत आती है, मार-पीट होती है, निर्दोष साथी और बच्चों को गहरा सदमा पहुँचता है और परिवार टूट जाता है।—नीतिवचन 5:1-9 पढ़िए।

अगर हम उन हालात से दूर रहें जो हमें व्यभिचार करने के लिए लुभा सकते हैं, तो परमेश्‍वर के साथ हमारी मित्रता बनी रहेगी। हम दूसरों को भी नुकसान पहुँचाने से बचे रहेंगे।—1 थिस्सलुनीकियों 4:3-6 पढ़िए।

4. ज़िंदगी के लिए आदर दिखाने से क्या फायदा होता है?

ज़िंदगी परमेश्‍वर का दिया तोहफा है। जो लोग ज़िंदगी के लिए आदर दिखाते हैं और धूम्रपान और दूसरी जानलेवा आदतें छोड़ देते हैं, वे अच्छी सेहत का लुत्फ उठाते हैं। (2 कुरिंथियों 7:1) निर्गमन 21:22, 23 के मूल इब्रानी पाठ से पता चलता है कि परमेश्‍वर की नज़र में गर्भ में पल रहे बच्चे की ज़िंदगी भी अनमोल है। इसलिए हमें जानबूझकर एक अजन्मे बच्चे की जान नहीं लेनी चाहिए। साथ ही, जो लोग ज़िंदगी के बारे में परमेश्‍वर का नज़रिया रखते हैं, वे घर पर और काम की जगह पर एहतियात बरतते हैं और ध्यान रखते हैं कि उनकी गाड़ी सही हालत में हो। (व्यवस्थाविवरण 22:8) इतना ही नहीं, वे मज़े के लिए अपनी जान जोखिम में नहीं डालते।—भजन 36:9 पढ़िए।

5. लहू को पवित्र मानने से हमें क्या फायदा होता है?

लहू या खून पवित्र है क्योंकि परमेश्‍वर के मुताबिक यह एक प्राणी के जीवन की निशानी है। (उत्पत्ति 9:3, 4) परमेश्‍वर के नियम में भी बताया गया है कि लहू, ज़िंदगी के बराबर है। इसी नियम के आधार पर, परमेश्‍वर ने यह मुमकिन बनाया कि आज हमें अपने पापों की माफी मिले।—लैव्यव्यवस्था 17:11-13; इब्रानियों 9:22 पढ़िए।

वह कैसे? उसने इस धरती पर अपना बेटा भेजा ताकि वह हमारी खातिर अपनी जान दे। यीशु में कोई पाप नहीं था, इसलिए उसका बहाया लहू हमारे लिए बहुत अनमोल है। परमेश्‍वर के सामने उसने अपने बहाए लहू की कीमत पेश की जो उसके सिद्ध इंसानी जीवन की निशानी थी। (इब्रानियों 9:12) यीशु के लहू से हमारे लिए हमेशा की ज़िंदगी पाने का रास्ता खुला।—मत्ती 26:28; यूहन्‍ना 3:16 पढ़िए। (w11-E 11/01)

ज़्यादा जानकारी के लिए, बाइबल असल में क्या सिखाती है? इस किताब के अध्याय 12 और 13 देखिए। इसे यहोवा के साक्षियों ने प्रकाशित किया है।