इस जानकारी को छोड़ दें

विषय-सूची को छोड़ दें

यहोवा, “भेदों का खोलनेवाला”

यहोवा, “भेदों का खोलनेवाला”

यहोवा, “भेदों का खोलनेवाला”

“सच तो यह है कि तुम लोगों का परमेश्‍वर, सब ईश्‍वरों का ईश्‍वर, राजाओं का राजा और भेदों का खोलनेवाला है।”—दानि. 2:47.

आप क्या जवाब देंगे?

भविष्य के बारे में यहोवा ने कौन-सी जानकारी हम पर ज़ाहिर की है?

जंगली जानवर के पहले छ: सिर किन्हें दर्शाते हैं?

जंगली जानवर और नबूकदनेस्सर को सपने में दिखायी दी बड़ी मूर्ति के बीच क्या नाता है?

1, 2. यहोवा ने हम पर क्या ज़ाहिर किया है? और क्यों?

 जब परमेश्‍वर का राज सभी इंसानी सरकारों का अंत करेगा, उस वक्‍त कौन-सी सरकार पूरी दुनिया पर हुकूमत कर रही होगी? हम इसका जवाब जानते हैं क्योंकि ‘भेदों के खोलनेवाले’ यहोवा ने इसे हम पर ज़ाहिर किया है। उसने दानिय्येल नबी और प्रेषित यूहन्‍ना की लिखी किताबों के ज़रिए उन सरकारों के बारे में कुछ निशानियाँ दी हैं ताकि हम उन्हें पहचान सकें।

2 यहोवा ने दानिय्येल और यूहन्‍ना को जंगली जानवरों के कई दर्शन दिखाए। उसने दानिय्येल को धातुओं से बनी लंबी-चौड़ी मूर्ति के सपने का मतलब भी समझाया। और हमारे फायदे के लिए इन्हें बाइबल में दर्ज़ करवाया और महफूज़ रखा। (रोमि. 15:4) ताकि हमारी आशा और भी पक्की हो सके कि जल्द ही परमेश्‍वर का राज तमाम इंसानी सरकारों को चकना-चूर कर देगा।—दानि. 2:44.

3. दानिय्येल और यूहन्‍ना की भविष्यवाणियाँ समझने के लिए हमें सबसे पहले क्या समझना होगा? और क्यों?

3 दानिय्येल और यूहन्‍ना की भविष्यवाणियाँ हमें न सिर्फ आठ राजाओं यानी इंसानी सरकारों की पहचान कराती हैं बल्कि यह भी बताती हैं कि ये सरकारें किस क्रम में उभरेंगी। लेकिन इन भविष्यवाणियों को हम तभी सही तरह समझ सकते हैं, जब हम बाइबल में दर्ज़ सबसे पहली भविष्यवाणी का मतलब समझें। ऐसा क्यों? क्योंकि यह भविष्यवाणी बाइबल का खास विषय है और इसी पर बाकी सारी भविष्यवाणियाँ टिकी हुई हैं।

साँप का वंश और जंगली जानवर

4. स्त्री का वंश किन लोगों से मिलकर बना है? और यह वंश क्या करेगा?

4 अदन में हुई बगावत के तुरंत बाद यहोवा ने वादा किया कि “स्त्री,” एक “वंश” उत्पन्‍न करेगी। * (उत्पत्ति 3:15 पढ़िए।) यह वंश आखिरकार साँप यानी शैतान के सिर को कुचल डालेगा। आगे चलकर यहोवा ने ज़ाहिर किया कि वंश, अब्राहम के ज़रिए आएगा। यह वंश इसराएल राष्ट्र और यहूदा के गोत्र से होगा और राजा दाविद के खानदान में पैदा होगा। (उत्प. 22:15-18; 49:10; भज. 89:3, 4; लूका 1:30-33) इस वंश का मुख्य भाग, मसीह यीशु है। (गला. 3:16) और पवित्र शक्‍ति से अभिषिक्‍त मसीही इस वंश का दूसरा भाग हैं। (गला. 3:26-29) परमेश्‍वर का राज यीशु मसीह और इन्हीं अभिषिक्‍त जनों से मिलकर बना है और इसी राज के ज़रिए परमेश्‍वर, शैतान को कुचल देगा।—लूका 12:32; रोमि. 16:20.

5, 6. (क) दानिय्येल और यूहन्‍ना ने कितनी ताकतवर शक्‍तियों का ज़िक्र किया? (ख) प्रकाशितवाक्य में बताए जंगली जानवर के सिर किन्हें दर्शाते हैं?

5 अदन में की गयी पहली भविष्यवाणी में यह भी कहा गया था कि शैतान भी एक “वंश” उत्पन्‍न करेगा। और उसका वंश, स्त्री के वंश से बैर या नफरत करेगा। शैतान के वंश में कौन शामिल हैं? वे सब जो शैतान की तरह परमेश्‍वर से नफरत करते हैं और उसके लोगों का विरोध करते हैं। पूरे इतिहास के दौरान शैतान ने अपने वंश को सैन्य और धार्मिक संगठनों के अलावा, अलग-अलग सरकारों में संगठित किया है। (लूका 4:5, 6) लेकिन इनमें से गिनी-चुनी सरकारों ने ही परमेश्‍वर के लोगों यानी इसराएल राष्ट्र या अभिषिक्‍त मसीहियों से बनी मंडली पर अपना दबदबा चलाया है। यह बात गौर करने लायक है। क्यों? वह इसलिए क्योंकि दानिय्येल और यूहन्‍ना के दर्शनों में सिर्फ आठ ताकतवर शक्‍तियों का ज़िक्र किया गया है, जबकि दुनिया में कई सरकारें रही हैं।

6 ईसवी सन्‌ 96 के करीब, जी उठाए गए यीशु ने प्रेषित यूहन्‍ना को कई हैरतअंगेज़ दर्शन दिखाए। (प्रका. 1:1) इनमें से एक दर्शन में यूहन्‍ना ने एक अजगर को विशाल समुद्र के तट पर खड़े देखा। यह अजगर, शैतान को दर्शाता है। (प्रकाशितवाक्य 13:1, 2 पढ़िए।) इसके बाद, उसने एक अजीब से जंगली जानवर को समुद्र में से ऊपर आते देखा, जिसके सात सिर थे और उसे शैतान ने बड़ा अधिकार दिया। आगे चलकर यूहन्‍ना ने सुर्ख लाल रंग का एक जंगली जानवर देखा और उसके भी सात सिर थे। सुर्ख लाल रंग का यह जानवर, प्रकाशितवाक्य 13:1 में बताए जंगली जानवर की मूरत था। और उसके सात सिर, “सात राजा” या सरकारों को दर्शाते हैं। (प्रका. 13:14, 15; 17:3, 9, 10) जब यूहन्‍ना ये बातें लिख रहा था, तब उन सात सरकारों में से पाँच गिर चुकी थीं, एक मौजूद थी और ‘एक अभी आयी नहीं थी।’ ये सरकारें या विश्‍व शक्‍तियाँ कौन थीं? आइए प्रकाशितवाक्य की किताब में बताए सात सिरवाले इस जंगली जानवर के बारे में चर्चा करें और देखें कि ये सिर किन्हें दर्शाते हैं। हम यह भी देखेंगे कि इन सरकारों के बारे में दानिय्येल की किताब क्या बताती है। क्योंकि इनमें से कुछ सरकारों के वजूद में आने के सैकड़ों साल पहले ही दानिय्येल की भविष्यवाणी में उनके बारे में ब्यौरेदार जानकारी दी गयी थी।

मिस्र और अश्‍शूर—पहला और दूसरा सिर

7. जानवर का पहला सिर किसे दर्शाता है? और क्यों?

7 जंगली जानवर का पहला सिर मिस्र को दर्शाता है। क्यों? क्योंकि मिस्र ही वह पहली विश्‍व शक्‍ति थी, जिसने परमेश्‍वर के लोगों के खिलाफ नफरत दिखायी। परमेश्‍वर ने अब्राहम से वादा किया था कि स्त्री का वंश उसके खानदान से आएगा। इसराएली, अब्राहम के वंशज थे। मिस्र में आकर बसने के बाद उनकी तादाद दिन-दूनी रात-चौगुनी बढ़ती चली गयी। इसलिए मिस्री उन पर ज़ुल्म ढाने लगे। वंश के आने से पहले शैतान ने परमेश्‍वर के लोगों का नामो-निशान मिटाने की कोशिश की। कैसे? उसने मिस्र के राजा फिरौन को उभारा कि वह पैदा होनेवाले हर इसराएली लड़के को मरवा डाले। लेकिन यहोवा ने उसकी साज़िश को नाकाम कर दिया और अपने लोगों को मिस्र की गुलामी से छुड़ाया। (निर्ग. 1:15-20; 14:13) आगे चलकर, वह इसराएलियों को वादा किए देश में ले आया।

8. जानवर का दूसरा सिर किसे दर्शाता है? और उसने क्या करने की कोशिश की?

8 जानवर का दूसरा सिर अश्‍शूर को दर्शाता है। विश्‍व शक्‍ति अश्‍शूर ने भी परमेश्‍वर के लोगों को पूरी तरह मिटा डालने की कोशिश की। यह सच है कि यहोवा ने अश्‍शूरियों के ज़रिए दस गोत्रवाले राज्य को सज़ा दी क्योंकि वे मूर्तिपूजा में डूब गए थे और बगावत करने लगे थे। मगर फिर अश्‍शूर ने यरूशलेम पर हमला किया। शैतान ने सोचा होगा इस तरह वह शाही खानदान को खत्म कर देगा, जिस खानदान से आखिरकार यीशु आनेवाला था। यह हमला परमेश्‍वर के मकसद के खिलाफ था, इसलिए उसने चमत्कारी तौर पर हमलावरों को नाश किया और अपने वफादार लोगों को बचाया।—2 राजा 19:32-35; यशा. 10:5, 6, 12-15.

बैबिलोन—तीसरा सिर

9, 10. (क) यहोवा ने बैबिलोन को क्या करने की इजाज़त दी? (ख) भविष्यवाणी के पूरा होने के लिए क्या ज़रूरी था?

9 जानवर का तीसरा सिर, विश्‍व शक्‍ति बैबिलोन को दर्शाता है। परमेश्‍वर की इजाज़त से बैबिलोन ने यरूशलेम को हराया और उसके लोगों को बंदी बनाकर ले गया। मगर इससे पहले यहोवा परमेश्‍वर ने उन बगावती इसराएलियों को आगाह किया कि उनका क्या शर्मनाक हाल होनेवाला है। (2 राजा 20:16-18) उसने भविष्यवाणी की कि यरूशलेम में अपने “सिंहासन” पर से वह उनके राजाओं को हटा देगा। (1 इति. 29:23) मगर उसने यह भी वादा किया कि राजा दाविद के खानदान से एक शख्स या “अधिकारी” आएगा, जो हुकूमत करने के हक को अपने हाथों में दोबारा लेगा।—यहे. 21:25-27.

10 एक और भविष्यवाणी में बताया गया कि जब वादा किया गया मसीहा या अभिषिक्‍त जन आएगा, तो उस दौरान यहूदी, यरूशलेम के मंदिर में उपासना कर रहे होंगे। (दानि. 9:24-27) इसराएलियों को बंदी बनाकर बैबिलोनिया ले जाने से पहले एक भविष्यवाणी में कहा गया था कि मसीहा का जन्म बेतलेहेम में होगा। (मीका 5:2) इन भविष्यवाणियों के पूरे होने के लिए ज़रूरी था कि यहूदी, बैबिलोन की कैद से रिहा हों और अपने देश लौटकर मंदिर को दोबारा बनाएँ। मगर यह नामुमकिन-सा नज़र आ रहा था। क्यों? क्योंकि बैबिलोन का दस्तूर था कि वे अपने कैदियों को कभी रिहा नहीं करते थे। अब परमेश्‍वर के लोग कैसे अपने देश वापस लौट पाते? यहोवा ने इसका जवाब अपने भविष्यवक्‍ताओं पर ज़ाहिर किया।—आमो. 3:7.

11. बैबिलोन साम्राज्य को किन अलग-अलग निशानियों से दर्शाया गया? (फुटनोट देखिए।)

11 बैबिलोन की बंधुआई में जानेवालों में दानिय्येल नबी भी था। (दानि. 1:1-6) यहोवा ने दानिय्येल के ज़रिए बताया कि बैबिलोन के बाद कौन-सी विश्‍व शक्‍तियाँ दुनिया पर हुकूमत करेंगी। इस राज़ का खुलासा करने के लिए यहोवा ने तरह-तरह की निशानियाँ दीं। मिसाल के लिए, उसने बैबिलोन के राजा नबूकदनेस्सर को सपने में अलग-अलग धातुओं से बनी एक बड़ी मूर्ति दिखायी। (दानिय्येल 2:1, 19, 31-38 पढ़िए।) दानिय्येल के ज़रिए यहोवा ने बताया कि मूर्ति का सोने का सिर, बैबिलोन साम्राज्य को दर्शाता है। * उसकी चाँदी की छाती और भुजाएँ, अगली विश्‍व शक्‍ति को दर्शाती है। वह विश्‍व शक्‍ति कौन-सी होगी और परमेश्‍वर के लोगों के साथ कैसा बर्ताव करेगी?

मादी-फारस—चौथा सिर

12, 13. (क) यहोवा ने बैबिलोन साम्राज्य की हार के बारे में क्या बताया था? (ख) मादी-फारस को जानवर का चौथा सिर कहना क्यों सही होगा?

12 दानिय्येल के ज़माने से 100 से भी ज़्यादा साल पहले, यहोवा ने यशायाह नबी के ज़रिए खुलासा किया कि बैबिलोन पर कौन-सी विश्‍व शक्‍ति जीत हासिल करेगी। यहोवा ने न सिर्फ यह बताया कि किस तरह बैबिलोन शहर को हराया जाएगा, बल्कि यह भी बताया कि जीत हासिल करनेवाले योद्धा का नाम क्या होगा। वह योद्धा था फारस का राजा, कुस्रू। (यशा. 44:28-45:2) इसके अलावा, दानिय्येल को विश्‍व शक्‍ति मादी-फारस के बारे में दो और दर्शन दिखाए गए। एक दर्शन में इसे रीछ के समान दिखाया गया, जो एक पांजर के बल उठा हुआ था। उस रीछ से कहा गया कि वह ‘बहुत मांस खाए।’ (दानि. 7:5) दूसरे दर्शन में, दो साम्राज्य से मिलकर बनी इस विश्‍व शक्‍ति को दो सींगवाले मेढ़े के तौर पर दर्शाया गया।—दानि. 8:3, 20.

13 ठीक अपनी भविष्यवाणी के मुताबिक यहोवा ने मादी-फारस साम्राज्य के ज़रिए बैबिलोन को हराया और इसराएलियों को दोबारा उनके वतन में बहाल किया। (2 इति. 36:22, 23) लेकिन कुछ समय बाद यही विश्‍व शक्‍ति परमेश्‍वर के लोगों का सफाया करने पर उतारू हो गयी। बाइबल की एस्तेर की किताब में दर्ज़ ब्यौरा बताता है कि फारस के प्रधानमंत्री हामान ने एक षड्यंत्र रचा। उसने ठान लिया कि वह पूरे साम्राज्य से इसराएल जाति का नामो-निशान मिटा देगा। यही नहीं, उसने उनका काम तमाम करने की तारीख भी तय कर ली। मगर एक बार फिर यहोवा ने ऐन वक्‍त पर अपने लोगों को शैतान के वंश के कोप से बचाया। (एस्ते. 1:1-3; 3:8, 9; 8:3, 9-14) इसलिए मादी-फारस को प्रकाशितवाक्य की किताब में बताए जानवर का चौथा सिर कहना बिलकुल सही है।

यूनान—पाँचवा सिर

14, 15. प्राचीन यूनान साम्राज्य के बारे में यहोवा ने क्या ब्यौरेदार जानकारी दी?

14 प्रकाशितवाक्य की किताब में बताए जानवर का पाँचवा सिर, यूनान साम्राज्य को दर्शाता है। दानिय्येल ने नबूकदनेस्सर के जिस सपने का मतलब समझाया था, उसमें मूर्ति के पीतल के पेट और जाँघें इसी साम्राज्य को दर्शाती हैं। दानिय्येल को दो और दर्शन दिए गए थे, जिनमें बताया गया कि यह साम्राज्य कैसा होगा और इसका सबसे महान शासक कौन होगा।

15 एक दर्शन में दानिय्येल ने चार पंखोंवाला चीता देखा। यह चीता, यूनान को दर्शाता है, जो एक-के-बाद-एक तेज़ी से देशों पर जीत हासिल करता जाता है। (दानि. 7:6) दूसरे दर्शन में उसने एक बकरा देखा जिसका एक बड़ा सींग है। यह बकरा देखते-ही-देखते दो सींगवाले मेढ़े यानी मादी-फारस को मार गिराता है। यहोवा ने दानिय्येल को बताया कि वह बकरा यूनान साम्राज्य है और वह बड़ा सींग, जीत हासिल करनेवाला उसका एक राजा है। दानिय्येल ने आगे बताया कि यह बड़ा सींग टूटकर गिर जाएगा और उसकी जगह पर चार सींग और निकलेंगे। हालाँकि यह भविष्यवाणी यूनान के विश्‍व शक्‍ति बनने के करीब 200 साल पहले लिखी गयी थी, मगर इसकी छोटी-से-छोटी बात पूरी हुई। सिकंदर महान, जो प्राचीन यूनान का सबसे मशहूर राजा था, उसने मादी-फारस के खिलाफ जंग छेड़ दी। लेकिन जल्द ही यह बड़ा सींग टूट गया। जब सिकंदर अपनी कामयाबी की बुलंदियों पर था, तब 32 साल की उम्र में ही उसकी मौत हो गयी। इसके बाद, उसका साम्राज्य उसके चार सेनापतियों के बीच बँट गया।—दानिय्येल 8:20-22 पढ़िए।

16. एन्टियोकस चौथे ने क्या किया?

16 फारस पर जीत हासिल करने के बाद, यूनान ने परमेश्‍वर के लोगों की सर-ज़मीन पर राज किया। उस वक्‍त तक यहूदी वापस वादा किए देश में आकर बस गए थे और उन्होंने यरूशलेम के मंदिर को दोबारा खड़ा कर दिया था। वे अब भी परमेश्‍वर के चुने हुए लोग थे और दोबारा बनाया गया मंदिर, सच्ची उपासना का केंद्र था। लेकिन ईसा पूर्व दूसरी सदी में, यूनान जो जंगली जानवर का पाँचवा सिर था, उसने परमेश्‍वर के लोगों पर हमला किया। एन्टियोकस चौथे ने, जो यूनान साम्राज्य के बँटे हुए एक हिस्से का वारिस था, उसने यरूशलेम के मंदिर में झूठे देवताओं की एक वेदी बनवायी। और उसने कहा कि जो कोई यहूदी धर्म को मानेगा, उसे सज़ा-ए-मौत दी जाएगी। एक बार फिर शैतान के वंश की नफरत साफ दिखायी दे रही थी। मगर जल्द ही यूनान की जगह एक दूसरी विश्‍व शक्‍ति ने ले ली। जंगली जानवर का छठवाँ सिर कौन था?

रोम—छठवाँ सिर, “भयंकर और डरावना”

17. उत्पत्ति 3:15 में बतायी भविष्यवाणी को पूरा करने में छठे सिर ने क्या अहम भूमिका निभायी?

17 जब यूहन्‍ना को जंगली जानवर का दर्शन मिला, उस दौरान रोम विश्‍व शक्‍ति के तौर पर राज कर रहा था। (प्रका. 17:10) इस छठे सिर ने उत्पत्ति 3:15 में दर्ज़ भविष्यवाणी को पूरा करने में एक अहम भूमिका निभायी। शैतान ने रोमी अधिकारियों के ज़रिए स्त्री के वंश की “एड़ी” को डसा और उसे कुछ समय के लिए अपाहिज कर दिया। यह कैसे हुआ? उन्होंने यीशु पर देशद्रोही होने का झूठा इलज़ाम लगाया और उसे मरवा डाला। (मत्ती 27:26) लेकिन जल्द ही शैतान का दिया घाव ठीक हो गया क्योंकि यहोवा ने यीशु को मरे हुओं में से जी उठाया।

18. (क) यहोवा ने कौन-सा नया राष्ट्र चुना? और क्यों? (ख) किस तरह शैतान का वंश लगातार स्त्री के वंश के लिए नफरत दिखाता रहा?

18 इसराएल राष्ट्र के धर्म-गुरुओं ने रोम के साथ मिलकर यीशु के खिलाफ साज़िश रची। और-तो-और ज़्यादातर लोगों ने यीशु को मसीहा के तौर पर कबूल नहीं किया। इसलिए यहोवा ने पैदाइशी इसराएलियों को एक राष्ट्र के तौर पर ठुकरा दिया। (मत्ती 23:38; प्रेषि. 2:22, 23) अब उसने एक नए राष्ट्र को चुना, जिसे ‘परमेश्‍वर का इसराएल’ कहा गया। (गला. 3:26-29; 6:16) यह राष्ट्र, अभिषिक्‍त मसीहियों की मंडली था जो यहूदियों और गैर-यहूदियों से मिलकर बना था। (इफि. 2:11-18) यीशु के मरने और उसके जी उठाए जाने के बाद भी, शैतान का वंश लगातार स्त्री के वंश के लिए नफरत दिखाता रहा। कई बार रोम ने अभिषिक्‍त मसीहियों से बनी मंडली यानी स्त्री के वंश के दूसरे भाग को मिटाने की कोशिश की। *

19. (क) दानिय्येल ने छठी विश्‍व शक्‍ति के बारे में क्या बताया? (ख) हम अगले अध्याय में किस बात पर चर्चा करेंगे?

19 दानिय्येल ने नबूकदनेस्सर को जिस सपने का मतलब समझाया, उसमें लोहे के पाँव रोम को दर्शाते हैं। (दानि. 2:33) दानिय्येल ने एक और दर्शन देखा था, जिसमें न सिर्फ रोम साम्राज्य के बारे में बताया गया था बल्कि यह भी बताया गया था कि रोम से निकलनेवाली अगली विश्‍व शक्‍ति कौन-सी होगी। (दानिय्येल 7:7, 8 पढ़िए।) सदियों तक रोम अपने दुश्‍मनों के लिए “भयंकर और डरावना और बहुत सामर्थी” साबित हुआ। लेकिन भविष्यवाणी में बताया गया था कि इस साम्राज्य से “दस सींग” निकलेंगे और इनमें से एक सींग का दूसरों से ज़्यादा नाम होगा। ये दस सींग क्या हैं और छोटा सींग किसे दर्शाता है? यह छोटा सींग, नबूकदनेस्सर के सपने में बतायी बड़ी मूर्ति के किस हिस्से से ताल्लुक रखता है? पेज 14 पर दिया अध्ययन लेख इन सवालों के जवाब देगा।

[फुटनोट]

^ पैरा. 4 यह स्त्री, आत्मिक प्राणियों से बने यहोवा के स्वर्गीय संगठन को दर्शाती है और यह उसकी पत्नी के समान है।—यशा. 54:1; गला. 4:26; प्रका. 12:1, 2.

^ पैरा. 11 दानिय्येल की किताब में बतायी बड़ी मूर्ति का सिर और प्रकाशितवाक्य में बताए जंगली जानवर का तीसरा सिर दोनों बैबिलोन को दर्शाते हैं। कृपया पेज 12-13 पर दिया चार्ट देखिए।

^ पैरा. 18 हालाँकि ई. सन्‌ 70 में रोम ने यरूशलेम को पूरी तरह तबाह कर दिया, लेकिन यह तबाही उत्पत्ति 3:15 में बतायी भविष्यवाणी का हिस्सा नहीं थी। क्योंकि ई. सन्‌ 70 से पहले ही परमेश्‍वर ने इसराएल को अपने चुने हुए राष्ट्र के तौर पर ठुकरा दिया था।

[अध्ययन के लिए सवाल]