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सालाना सभा की रिपोर्ट

एक सभा जो देती एकता और रोमांचक योजनाओं की झलक

एक सभा जो देती एकता और रोमांचक योजनाओं की झलक

वॉच टावर बाइबल एण्ड ट्रैक्ट सोसाइटी ऑफ पेन्सिलवेनिया की सालाना सभाएँ हमेशा रोमांचक होती हैं। यही बात 127वीं सालाना सभा के बारे में कही जा सकती है जो शनिवार 1 अक्टूबर, 2011 को हुई थी। इस सभा के लिए दुनिया-भर से आए मेहमान, अमरीका के न्यू जर्सी राज्य के जर्सी शहर में यहोवा के साक्षियों के सम्मेलन भवन में इकट्ठे हुए थे।

शासी निकाय के भाई, गैरट लॉश ने कार्यक्रम की शुरूआत में, हाज़िर लोगों का गर्मजोशी से स्वागत किया। उन्होंने 85 देशों से आए भाई-बहनों से कहा कि वे एक अंतर्राष्ट्रीय परिवार का हिस्सा हैं, जिसके सदस्यों के बीच ऐसी एकता पायी जाती है जो और कहीं देखने को नहीं मिलती। उनकी एकता एक अच्छी गवाही देती है और इससे यहोवा की महिमा होती है। दरअसल इस सभा में कई बार एकता का ज़िक्र किया गया।

मेक्सिको से एक अच्छी रिपोर्ट

कार्यक्रम के पहले भाग में यहोवा के लोगों में पायी जानेवाली एकता के कुछ उदाहरण दिए गए। मध्य अमरीका के छः शाखा दफ्तरों को अब मेक्सिको के शाखा दफ्तर से मिला दिया गया है। इस सिलसिले में भाई बॉल्टासर पेर्ला ने मेक्सिको बेथेल के तीन सदस्यों का इंटरव्यू लिया और उनसे पूछा कि इस बदलाव का क्या असर हुआ है। उन्होंने बताया कि मेक्सिको के बेथेल परिवार में अब और भी अलग-अलग संस्कृति और देश के लोग आ गए हैं। इनकी संगति से सबका काफी हौसला बढ़ा है। ऐसा लगता है मानो परमेश्‍वर ने देशों के बीच की सरहदें मिटा दी हों।

इस बदलाव की वजह से एक चुनौती भी खड़ी हुई। वह थी, प्रचारकों को भरोसा दिलाना कि भले ही उनके देश का शाखा दफ्तर बंद हो गया है, मगर इसका मतलब यह नहीं कि वे यहोवा के संगठन का हिस्सा नहीं रहे। इसलिए हर मंडली के लिए एक सुरक्षित ई-मेल अकाउंट खोला गया ताकि दूर-दराज़ इलाकों की मंडलियाँ भी शाखा दफ्तर से सीधा संपर्क कर सकें।

जापान से खबर

जापान के शाखा दफ्तर से आए भाई जेम्स लिंटन ने बताया कि वहाँ मार्च 2011 में आए भूकंप और सुनामी का भाइयों पर क्या असर हुआ। इस हादसे ने कई भाइयों का सबकुछ छीन लिया यहाँ तक कि उनके अज़ीज़ों को भी। जिन इलाकों में इस विपत्ति का कहर नहीं बरपा, वहाँ के भाई-बहनों ने ज़रूरतमंदों के रहने के लिए 3,100 घरों का इंतज़ाम किया और सैकड़ों गाड़ियाँ इस्तेमाल के लिए मुहैया करायीं। इलाके की निर्माण-समितियों ने स्वयंसेवकों को भेजा जिन्होंने दिन-रात एक कर भाइयों के घरों की मरम्मत की। और 1,700 से भी ज़्यादा भाई-बहन किसी भी तरह की मदद करने के लिए आगे आए। इसके अलावा 575 भाई-बहनों ने राज-घरों की मरम्मत करने में हाथ बँटाया, जिनमें से एक टीम तो अमरीका से आयी थी।

इस कुदरती आफत के शिकार भाई-बहनों को दिलासा देने और उनका विश्‍वास मज़बूत करने के लिए बहुत कुछ किया गया। उनसे मिलने के लिए 400 से भी ज़्यादा प्राचीन गए। शासी निकाय ने दुर्घटना-ग्रस्त इलाके में भाई-बहनों की हिम्मत-अफज़ाई के लिए विश्‍व मुख्यालय से दो ज़ोन निगरानों को भेजा। इतना ही नहीं, पूरी दुनिया में रहनेवाले साक्षियों ने इन भाइयों के लिए जो प्यार और परवाह दिखायी, उससे भी भाइयों को काफी ढाढ़स मिला है।

कानूनी लड़ाइयों में मिली जीत

इसके बाद हाज़िर लोगों ने ब्रिटेन के शाखा दफ्तर से आए भाई स्टीवन हार्डी और दूसरे भाइयों के बीच हुई चर्चा बड़े गौर से सुनी। उन्होंने बताया कि हाल ही में हमें किन कानूनी लड़ाइयों में जीत मिली है। मिसाल के लिए, फ्राँस में यहोवा के साक्षियों के संघ से फ्राँस की सरकार 820 लाख अमरीकी डॉलर टैक्स की माँग कर रही थी। यह मसला तब सुलझा जब ‘मानव अधिकारों की यूरोपीय अदालत’ ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि फ्राँस की सरकार ने यूरोपीय करार की धारा 9 का उल्लंघन किया है, जिसके तहत हर किसी को अपना धर्म मानने की आज़ादी है। अदालत के सुनाए फैसले से पता चलता है कि यह मसला पैसों को लेकर नहीं था। इसके पीछे फ्राँस की सरकार का मकसद कुछ और ही था, क्योंकि फैसले में कहा गया था, “किसी धार्मिक संघ को मान्यता देने से इनकार करना, उसे बंद करवाने की कोशिश करना और उसके खिलाफ अपमानजनक बातें कहना, इस बात के सबूत हैं कि यूरोपीय करार की धारा 9 में बताए अधिकार का हनन हुआ है।”

यूरोपीय अदालत ने आर्मीनिया से जुड़े एक मुकद्दमे में भी हमारे पक्ष में फैसला सुनाया। सन्‌ 1965 से इस अदालत का मानना था कि यूरोपीय करार के तहत एक इंसान को फौजी सेवा से इनकार करने का अधिकार नहीं है। लेकिन यूरोपीय अदालत के ग्रैंड चैंबर ने, जो इस अदालत में सबसे बड़ा अधिकार रखता है, फैसला सुनाया कि अब से अगर कोई अपने धार्मिक विश्‍वास की वजह से फौजी सेवा से इनकार करता है, तो यह उसका अधिकार है और यूरोपीय करार को वह अधिकार उससे नहीं छीनना चाहिए। इस फैसले की वजह से आर्मीनिया के साथ-साथ अज़रबाइजान और तुर्की जैसे देशों को भी इस अधिकार को मान्यता देनी होगी।

निर्माण काम की योजनाएँ

इसके बाद शासी निकाय के भाई गाय पीयर्स ने हाज़िर लोगों से बात की। भाई ने कहा कि आप सभी न्यू यॉर्क राज्य में हमारे निर्माण काम के बारे में जानने के लिए उत्सुक होंगे। उन्होंने पहली बार एक वीडियो दिखाया जिसमें वॉलकिल, पैटरसन और हाल ही में न्यू यॉर्क के वॉरविक और टक्सीडो नाम की जगहों में खरीदी गयी ज़मीन में होनेवाले काम के बारे में बताया गया। वॉलकिल बेथेल में एक नयी इमारत का निर्माण हो रहा है, जिसमें भाई-बहनों के रहने के लिए 300 से भी ज़्यादा कमरे होंगे। यह काम 2014 तक पूरा हो जाएगा।

वॉरविक में हमारी 248 एकड़ की ज़मीन पर इमारतें खड़ी करने की योजना बनायी गयी है। भाई पीयर्स ने कहा, “हालाँकि हम ठीक-ठीक नहीं जानते कि वॉरविक के बारे में यहोवा की क्या मरज़ी है, लेकिन हम वहाँ पर निर्माण काम शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं। आगे चलकर यहोवा के साक्षियों का मुख्यालय वहीं होगा।” वॉरविक से करीब 10 किलोमीटर दूर 50 एकड़ की एक ज़मीन है, जहाँ निर्माण के दौरान मशीनें और निर्माण का ज़रूरी सामान रखने की योजनाएँ बनायी जा रही हैं। भाई पीयर्स ने कहा, “एक बार हमें निर्माण काम की इजाज़त मिल जाए, हम काम शुरू कर देंगे और उम्मीद है कि चार साल के अंदर-अंदर यह पूरा हो जाएगा। फिर हम अपनी ब्रुकलिनवाली जगह बेच सकते हैं।”

भाई पीयर्स ने हाज़िर लोगों से पूछा, “तो क्या इसका मतलब शासी निकाय को लगता है कि महा-संकट इतनी जल्दी नहीं आएगा?” उन्होंने जवाब दिया, “नहीं, ऐसी बात नहीं है। अगर निर्माण काम पूरा होने से पहले महा-संकट आ गया तो फिर क्या कहने! इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है!”

गरजते हुए शेर से खबरदार

फिर शासी निकाय के एक और सदस्य, भाई स्टीवन लैट ने 1 पतरस 5:8 के बारे में चर्चा की जहाँ लिखा है, “अपने होश-हवास बनाए रखो, चौकन्‍ने रहो। तुम्हारा दुश्‍मन शैतान, गरजते हुए शेर की तरह इस ताक में घूम रहा है कि किसे निगल जाए।” भाई लैट ने कहा, जब हम गौर करते हैं कि शेर किस तरह का जानवर है, तो हम समझ सकते हैं कि पतरस की यह मिसाल क्यों शैतान पर बिलकुल ठीक बैठती है।

शेर, इंसानों से कहीं ज़्यादा ताकतवर और तेज़ होता है। उसी तरह शैतान भी हमसे ज़्यादा ताकतवर है इसलिए हम अपने बलबूते न तो उससे लड़ सकते हैं, न ही उससे बच सकते हैं। हमें यहोवा की मदद की ज़रूरत है। (यशा. 40:31) शेर अकसर अँधेरे में शिकार करता है ताकि उसका शिकार उसे देख न सके। अगर हम शैतान के शिकार नहीं बनना चाहते, तो ज़रूरी है कि हम देखें यानी समझें कि शैतान किस तरह हम पर हमला करता है। जिस तरह एक शेर बड़ी बेरहमी से भोले-भाले बारहसिंगा या सोते हुए नन्हे-से जेबरा को मार डालता है, उसी तरह शैतान भी बड़ा बेरहम है और हमें जान से मार डालना चाहता है। और जब शेर अपने शिकार को फाड़ डालता है तो शिकार पहचान में नहीं आता। उसी तरह, जब शैतान एक मसीही को अपना शिकार बना लेता है, तो उसकी ‘अब की हालत उसकी पहले की हालत से भी बदतर’ हो जाती है। (2 पत. 2:20) इसलिए हमें शैतान का डटकर मुकाबला करना है और जिन बाइबल सिद्धांतों को हमने सीखा है, हमेशा उनके मुताबिक जीना है।—1 पत. 5:9.

यहोवा के भवन में अपनी जगह की कदर कीजिए

अगले वक्‍ता, शासी निकाय के भाई सैमयल हर्ड ने कहा कि “यहोवा के भवन में हम सभी की कोई-न-कोई जगह है।” परमेश्‍वर का “भवन” या आत्मिक मंदिर वह इंतज़ाम है जिसमें सभी मसीही, यीशु के फिरौती बलिदान के आधार पर परमेश्‍वर की उपासना करते हैं। हमें कितना शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि यहोवा ने अपने भवन में हमें जगह दी है! दाविद की तरह हमारी भी दिली तमन्‍ना है कि हम “जीवन भर यहोवा के भवन में रहने” पाएँ।—भज. 27:4.

भाई हर्ड ने भजन 92:12-14 का हवाला देकर हाज़िर लोगों से पूछा, “यहोवा हमें फलने-फूलने में कैसे मदद देता है?” उन्होंने समझाया, “आध्यात्मिक फिरदौस में परमेश्‍वर हमें सच्चाई का ताज़गी देनेवाला पानी देता है, हमारी हिफाज़त करता है और हमें एहसास दिलाता है कि वह हमसे प्यार करता है। हमें इसके लिए उसे धन्यवाद देना चाहिए।” फिर भाई हर्ड ने हाज़िर लोगों को बढ़ावा दिया, “आइए हम उसके भवन में हमेशा तक उसकी उपासना करने से खुशी पाएँ।”

मसीही, परमेश्‍वर के वचन का आदर करते हैं

शासी निकाय के एक और सदस्य, भाई डेविड स्प्लेन ने अपने भाषण में समझाया कि सच्चे मसीहियों ने हमेशा से परमेश्‍वर के वचन का आदर किया है। पहली सदी में, खतने के मसले को सुलझाने के लिए उन्होंने शास्त्र की मदद ली। (प्रेषि. 15:16, 17) मगर दूसरी सदी में खुद को मसीही कहलानेवाले कुछ लोग शास्त्र के बजाय यूनानी तत्त्वज्ञान को ज़्यादा तवज्जह देने लगे। आगे चलकर कुछ और लोग बाइबल की शिक्षाएँ सिखाने के बजाय रोमी सम्राटों और उन विद्वानों की बातें सिखाने लगे जिन्हें वे ‘चर्च फादर’ कहते थे। इस तरह झूठी शिक्षाओं की शुरूआत हुई।

भाई स्प्लेन ने बताया कि यीशु की एक मिसाल के मुताबिक सच्चाई की पैरवी करने के लिए इस धरती पर हमेशा से सच्चे अभिषिक्‍त मसीही रहे हैं। (मत्ती 13:24-30) हम पक्के तौर पर तो नहीं कह सकते कि वे कौन थे मगर सदियों से बहुतों ने झूठी शिक्षाओं और कामों के खिलाफ आवाज़ उठायी है। इनमें से कुछ थे: 9वीं सदी के लायॉन्स के आर्चबिशप ऐगोबार्ड; 12वीं सदी के ब्रुई के पीटर, लोज़ैन के हेनरी और वॉल्डीस या वॉल्डो; 14वीं सदी के जॉन विक्लिफ; 16वीं सदी के विलियम टिंडेल; और 19वीं सदी के हेनरी ग्रू और जॉर्ज स्टॉर्ज़। और आज के समय में, यहोवा के साक्षी बाइबल के स्तरों पर चलते हैं और बाइबल ही उनके विश्‍वास का आधार है। इसी वजह से शासी निकाय ने सन्‌ 2012 का सालाना वचन यूहन्‍ना 17:17 से लिया है जहाँ लिखा है, “तेरा वचन सच्चा है।”

बाइबल स्कूलों में की गयी रोमांचक फेरबदल

शासी निकाय के भाई एन्थनी मॉरिस ने मिशनरियों और खास पायनियरों के सिलसिले में होनेवाली कुछ फेरबदल के बारे में बताया। सितंबर 2012 से ‘मसीही जोड़ों के लिए बाइबल स्कूल’ कई देशों में शुरू किया जाएगा। पिछले साल अक्टूबर से गिलियड स्कूल का मकसद बदल गया है। अब इस स्कूल में उन लोगों को तालीम दी जाएगी जो पहले से खास पूरे समय की सेवा कर रहे हैं। जैसे, खास पायनियर, सफरी सेवक, बेथेल में सेवा करनेवाले भाई-बहन या वे जो मिशनरी के तौर पर सेवा कर रहे हैं, मगर अब तक गिलियड नहीं गए हैं। गिलियड के बाद उन्हें शाखा दफ्तरों में या सफरी काम में या घनी आबादीवाले इलाकों में भेजा जाएगा, जहाँ वे परमेश्‍वर के लोगों की हिम्मत बढ़ाएँगे और उन्हें प्रचार करने का बढ़ावा देंगे।

इसके अलावा, कुछ खास पायनियरों को नए या दूर-दराज़ इलाकों में प्रचार करने के लिए भेजा जाएगा। इस सिलसिले में एक घोषणा की गयी थी कि 1 जनवरी, 2012 से ‘अविवाहित भाइयों के लिए बाइबल स्कूल’ और ‘मसीही जोड़ों के लिए बाइबल स्कूल’ से तालीम पानेवाले कुछ भाई-बहनों को थोड़े समय के लिए खास पायनियरों के तौर पर भेजा जाएगा। वे उन इलाकों में जाकर प्रचार करेंगे जहाँ बहुत कम या एक भी प्रचारक नहीं है। शुरू में उन्हें एक-एक साल के लिए खास पायनियर ठहराया जाएगा और ऐसा तीन साल तक चलेगा। जिन पायनियरों को अपनी सेवा में अच्छी कामयाबी मिलेगी, उन्हें तीन साल के बाद स्थायी रूप से खास पायनियर ठहराया जाएगा।

सन्‌ 2011 की सालाना सभा ने वाकई हमारे दिलों को खुशी से भर दिया। प्रचार काम को बढ़ाने और भाइयों की बिरादरी को एकता में बाँधे रखने के लिए कई नए इंतज़ाम किए गए हैं। हमारी दुआ है कि यहोवा उन इंतज़ामों पर अपनी आशीष दे और इससे उसकी महिमा और बड़ाई हो।

[पेज 18, 19 पर बक्स/तसवीरें]

उनसे रू-ब-रू होना

सभा में एक ऐसा कार्यक्रम भी रखा गया जिसमें शासी निकाय के सदस्यों की नौ विधवाओं में से पाँच का इंटरव्यू लिया गया। वे बहनें थीं: मारीना सिड्‌लिक, ईडिथ सूटर, मलीटा जारज़, मेलबा बैरी और सिडनी बार्बर। उन्होंने बताया कि वे कैसे सच्चाई में आयीं और किस तरह पूरे समय की सेवा शुरू की। हरेक ने हाज़िर लोगों को अपने पति की कुछ खूबसूरत यादों, कुछ अच्छे गुणों और उन आशीषों के बारे में बताया जो साथ मिलकर यहोवा की सेवा करने से उन्हें मिली थीं। इंटरव्यू के बाद, हाज़िर लोगों ने मिलकर अँग्रेज़ी में गीत नंबर 86 गाया, जिसका शीर्षक है, “मसीही बहनें, वफादार स्त्रियाँ।”

[तसवीरें]

(ऊपर) डैनिएल और मारीना सिड्‌लिक; ग्रान्ट और ईडिथ सूटर; थियोडोर और मलीटा जारज़

(नीचे) लॉयड और मेलबा बैरी; कैरी और सिडनी बार्बर

[पेज 16 पर नक्शा]

(भाग को असल रूप में देखने के लिए प्रकाशन देखिए)

छ: शाखा दफ्तरों को मेक्सिको के शाखा दफतर से मिला दिया गया

मेक्सिको

ग्वाटेमाला

होण्डुरास

एल साल्वाडर

निकारागुआ

कोस्टारिका

पनामा

[पेज 17 पर तसवीर]

न्यू यॉर्क के वॉरविक में यहोवा के साक्षियों का विश्‍व मुख्यालय कुछ इस तरह दिखेगा