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यहोवा की दरियादिली और लिहाज़ दिखाने के गुण की कदर कीजिए

यहोवा की दरियादिली और लिहाज़ दिखाने के गुण की कदर कीजिए

“यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है।”—भज. 145:9.

1, 2. यहोवा के दोस्तों के आगे क्या मौका है?

 मोनिका नाम की एक मसीही बहन कहती है, “हमारी शादी को करीब 35 साल हो गए हैं। मेरे पति और मैं एक-दूसरे को बहुत अच्छी तरह जानते हैं। लेकिन इतने साल साथ गुज़ारने के बाद भी, हम दोनों एक-दूसरे के बारे में कुछ-न-कुछ नयी बात सीखते रहते हैं!” बेशक, यह बात कितने ही पति-पत्नियों और दोस्तों के बारे में कही जा सकती है।

2 हमें अपने दोस्तों और अज़ीज़ों के बारे में और ज़्यादा जानना अच्छा लगता है। लेकिन किसी भी दोस्ती से कहीं ज़्यादा, यहोवा के साथ हमारी दोस्ती हमारे लिए सबसे ज़्यादा मायने रखती है। हम उसके बारे में पूरी तरह कभी नहीं जान पाएँगे। (रोमि. 11:33) हमारे आगे क्या ही शानदार मौका है कि हम हमेशा-हमेशा तक यहोवा के गुणों के बारे में सीखते रहेंगे और उन गुणों के लिए अपनी कदरदानी बढ़ाते रहेंगे।—सभो. 3:11.

3. हम इस लेख में किस बारे में चर्चा करेंगे?

3 पिछले लेख ने हमें यहोवा के दो गुणों के लिए अपनी कदरदानी बढ़ाने में मदद दी। हमने सीखा कि कोई भी उससे बेझिझक बात कर सकता है और वह भेदभाव नहीं करता। अब आइए हम उसके और दो मनभावने गुणों पर गौर करें: उसकी दरियादिली और उसका लिहाज़ दिखाना। ये गुण हमें इस बात को और अच्छी तरह समझने में मदद देंगे कि “यहोवा सभों के लिये भला है, और उसकी दया उसकी सारी सृष्टि पर है।”—भज. 145:9.

यहोवा दरियादिल है

4. सच्ची दरियादिली का सार क्या है?

4 दरियादिल होने का क्या मतलब है? इसका जवाब हमें प्रेषितों 20:35 में दर्ज़ यीशु के शब्दों से मिलता है: “लेने से ज़्यादा खुशी देने में है।” इस साधारण-से वाक्य में यीशु ने सच्ची दरियादिली का सार बताया। दरियादिल इंसान दूसरों की भलाई के लिए दिल खोलकर अपना समय, ताकत और साधन लगाता है, और वह भी खुशी-खुशी। सच, एक इंसान की दरियादिली उसके दिए तोहफे के आकार से नहीं, बल्कि उसके इरादे से आँकी जाती है। (2 कुरिंथियों 9:7 पढ़िए।) दरियादिली दिखाने में खुशी के परमेश्‍वर, यहोवा से बढ़कर और कोई नहीं।—1 तीमु. 1:11.

5. यहोवा किन तरीकों से दरियादिली दिखाता है?

5 यहोवा कैसे दरियादिली दिखाता है? सभी इंसानों की ज़रूरतें पूरी करके, उनकी भी जो अभी तक उसके उपासक नहीं हैं। बेशक, “यहोवा सभों के लिये भला है।” वह “अच्छे और बुरे, दोनों तरह के लोगों पर अपना सूरज चमकाता है और नेक और दुष्ट दोनों पर बारिश बरसाता है।” (मत्ती 5:45) यही वजह है कि प्रेषित पौलुस अविश्‍वासियों से बात करते वक्‍त कह सका कि यहोवा “भलाई करता रहा और तुम्हें आकाश से बरसात और अच्छी पैदावार के मौसम देता रहा और तुम्हें जी भर के खाना और ढेरों खुशियाँ देकर तुम्हारे दिलों को आनंद से भरता रहा।” (प्रेषि. 14:17) इसमें कोई दो राय नहीं कि यहोवा सभी इंसानों को दरियादिली दिखाता है।—लूका 6:35.

6, 7. (क) यहोवा खास तौर पर किनकी ज़रूरतें पूरी करने में खुशी पाता है? (ख) उदाहरण देकर समझाइए कि परमेश्‍वर अपने वफादार सेवकों की ज़रूरतें कैसे पूरी करता है।

6 यहोवा खास तौर पर अपने वफादार सेवकों की ज़रूरतें पूरी करने में खुशी पाता है। राजा दाविद ने लिखा: “मैं लड़कपन से लेकर बुढ़ापे तक देखता आया हूं; परन्तु न तो कभी धर्मी को त्यागा हुआ, और न उसके वंश को टुकड़े मांगते देखा है।” (भज. 37:25) बहुत-से वफादार मसीहियों ने इसी तरह यहोवा की परवाह का अनुभव किया है। एक उदाहरण पर गौर कीजिए।

7 कुछ साल पहले, नैन्सी नाम की एक पायनियर बहन एक मुश्‍किल में थी। वह बताती है, “मुझे अगले दिन तक किराया देने के लिए 66 डॉलर (करीब 3000 रुपए) की ज़रूरत थी। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इतने पैसे मैं कहाँ से लाऊँगी। मैंने इस बारे में प्रार्थना की और फिर काम पर चली गयी। मैं एक रेस्तराँ में वेट्रेस की नौकरी करती थी। वह एक ऐसा दिन था जब रेस्तराँ में ज़्यादा लोग नहीं आते थे, इसलिए मुझे उस शाम कुछ खास टिप मिलने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन ताज्जुब की बात है, उस शाम रेस्तराँ में बहुत से लोग आए। जब मेरी शिफ्ट खत्म हुई और मैंने टिप में मिले पैसे जोड़े, तो देखा मुझे ठीक 66 डॉलर मिले थे।” नैन्सी को पूरा भरोसा है कि यहोवा ने दरियादिली दिखाते हुए उसे वही दिया, जिसकी उसे उस वक्‍त ज़रूरत थी।—मत्ती 6:33.

8. यहोवा की दरियादिली का सबसे बेहतरीन सबूत क्या है?

8 यहोवा की दरियादिली का सबसे बेहतरीन सबूत है, उसके बेटे का फिरौती बलिदान। यह तोहफा सभी के लिए मौजूद है। यीशु ने कहा: “परमेश्‍वर ने दुनिया से इतना ज़्यादा प्यार किया कि उसने अपना इकलौता बेटा दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्‍वास दिखाता है, वह नाश न किया जाए बल्कि हमेशा की ज़िंदगी पाए।” (यूह. 3:16) यहाँ पर “दुनिया” का मतलब है सभी इंसान। जी हाँ, यहोवा की तरफ से दिया सबसे नायाब तोहफा कबूल करने का मौका उन सभी इंसानों के आगे है, जो ऐसा करना चाहते हैं। जो यीशु पर विश्‍वास करेंगे, वे बहुतायत में ज़िंदगी पाएँगे, यानी उन्हें हमेशा-हमेशा की ज़िंदगी मिलेगी! (यूह. 10:10) क्या यहोवा की दरियादिली का इससे बढ़कर कोई सबूत हो सकता है?

यहोवा की तरह दरियादिल बनिए

इसराएलियों को यहोवा की तरह दरियादिल बनने का बढ़ावा दिया गया था ( पैराग्राफ 9 देखिए)

9. हम यहोवा की तरह दरियादिल कैसे बन सकते हैं?

 9 हम यहोवा की तरह दरियादिल कैसे बन सकते हैं? ठीक जैसे यहोवा “हमें सबकुछ भरपूर देता है,” ताकि हम खुश रहें, उसी तरह हमें भी अपनी चीज़ें “दूसरों में बाँटने के लिए तैयार” रहना चाहिए, ताकि वे खुश रहें। (1 तीमु. 6:17-19) अपने अज़ीज़ों को तोहफे देने और ज़रूरतमंदों की मदद करने में हम खुशी-खुशी अपने साधन लगाते हैं। (व्यवस्थाविवरण 15:7 पढ़िए।) क्या बात हमारी मदद कर सकती है कि हम कभी दरियादिली दिखाना न भूलें? कुछ मसीही यह कारगर तरीका अपनाते हैं: जब भी कोई उन्हें तोहफा देता है, तो वे भी किसी और को तोहफा देने का मौका ढूँढ़ते हैं। मसीही मंडली में ऐसे कई भाई-बहन हैं जो दरियादिली की अच्छी मिसाल हैं।

10. दरियादिली दिखाने का एक बेहतरीन तरीका क्या है?

10 दरियादिली दिखाने का एक बेहतरीन तरीका है, अपने शब्दों और कामों से खुद को दूसरों के लिए दे देना। यह हम कैसे कर सकते हैं? दूसरों का हौसला बढ़ाने और उनकी मदद करने के लिए अपना समय और अपनी ताकत लगाकर। (गला. 6:10) हम ऐसा कर रहे हैं या नहीं, यह जाँचने के लिए हम खुद से पूछ सकते हैं: ‘क्या दूसरे देख सकते हैं कि मैं उनकी बातें सुनने के लिए तैयार रहता हूँ? अगर कोई मुझसे कुछ मदद माँगता है, या कोई काम करने के लिए कहता है, तो जहाँ तक मुझसे हो सके, क्या मैं उसकी मदद करने के लिए तैयार रहता हूँ? आखिरी बार मैंने अपने परिवार या मंडली के किसी सदस्य की सच्चे दिल से सराहना कब की थी?’ अगर हम देने की आदत डालें, तो हम यहोवा और अपने अज़ीज़ों के और करीब महसूस करेंगे।—लूका 6:38; नीति. 19:17.

11. यहोवा को दरियादिली दिखाने के कुछ तरीके क्या हैं?

 11 हम यहोवा को भी दरियादिली दिखा सकते हैं। बाइबल हमें बढ़ावा देती है, “अपनी सम्पत्ति के द्वारा यहोवा का आदर करना।” (नीति. 3:9, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन) हमारी संपत्ति में हमारा समय, ताकत और साधन शामिल हैं, जिन्हें हम खुशी-खुशी परमेश्‍वर की सेवा में लगा सकते हैं। छोटे बच्चे भी यहोवा के लिए दरियादिली दिखाना सीख सकते हैं। जेसन नाम का एक पिता कहता है, “जब हमारा परिवार राज-घर में कुछ दान देता है, तो हम अपने बच्चों को दान-पेटी में पैसे डालने के लिए कहते हैं। उन्हें ऐसा करना बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि वे कहते हैं, वे ‘यहोवा को कुछ दे रहे हैं।’” जो बच्चे छुटपन से ही यहोवा को देने की खुशी अनुभव करते हैं, मुमकिन है वे बड़े होकर भी यहोवा को दरियादिली दिखाते रहेंगे।—नीति. 22:6.

यहोवा लिहाज़ दिखानेवाला परमेश्‍वर है

12. लिहाज़ दिखाने का क्या मतलब है?

12 यहोवा का एक और मनभावना गुण है कि वह लिहाज़ दिखानेवाला परमेश्‍वर है। लिहाज़ दिखाने का क्या मतलब है? नयी दुनिया अनुवाद मसीही यूनानी शास्त्र में, जिस यूनानी शब्द का अनुवाद अकसर ‘लिहाज़ दिखानेवाला’ किया गया है, उसका शाब्दिक मतलब है “झुकना।” (तीतु. 3:1, 2) लिहाज़ दिखानेवाला इंसान न तो हमेशा लकीर का फकीर होता है, न ही ज़रूरत से ज़्यादा सख्त, कड़ा या कठोर होता है। इसके बजाय, वह दूसरों के साथ कोमलता से पेश आता है और उनके हालात को समझने की कोशिश करता है। वह दूसरों की सुनने के लिए तैयार रहता है और जब मुनासिब हो तो उनकी बात मान लेता है।

13, 14. (क) यहोवा कैसे लिहाज़ दिखाता है? (ख) यहोवा लूत के साथ जिस तरह पेश आया, उससे हम लिहाज़ दिखाने के बारे में क्या सीख सकते हैं?

13 यहोवा कैसे लिहाज़ दिखाता है? वह अपने सेवकों की भावनाओं की कदर करता है, और अकसर उन्हें उनके तरीके से काम करने की छूट देता है। मिसाल के लिए, गौर कीजिए कि यहोवा नेक इंसान लूत के साथ किस तरह पेश आया। जब यहोवा ने फैसला किया कि वह सदोम और अमोरा शहरों का नाश कर देगा, तब उसने लूत को पहाड़ों पर भाग जाने की साफ हिदायत दी। लेकिन कुछ कारण से लूत ने यहोवा से बिनती की कि क्या वह कहीं और जा सकता है। ज़रा सोचिए, लूत ने यहोवा से यह पूछने की जुर्रत की कि क्या यहोवा अपनी हिदायत बदल सकता है!—उत्पत्ति 19:17-20 पढ़िए।

14 हो सकता है यह पढ़कर हमें लगे कि लूत में विश्‍वास की कमी थी या वह परमेश्‍वर की आज्ञा के खिलाफ जा रहा था। इसमें कोई शक नहीं कि यहोवा लूत को कहीं पर भी ज़िंदा रख सकता था। तो फिर उसके पास चिंता करने का कोई वाजिब कारण नहीं था। मगर लूत डर गया था। लूत को जो भी लगा हो, मगर यहोवा ने उसकी भावनाओं को दरकिनार नहीं किया और उसे दूसरे शहर जाने की इजाज़त दे दी, हालाँकि यहोवा ने उस शहर का भी नाश करने की ठान ली थी। (उत्पत्ति 19:21, 22 पढ़िए।) ज़ाहिर है यहोवा कठोर नहीं है, वह अपनी बात मनवाने पर अड़ा नहीं रहता। इसके बजाय, वह झुकने के लिए तैयार रहता है और लिहाज़ दिखाता है।

15, 16. मूसा के कानून से कैसे यहोवा का लिहाज़ दिखाने का गुण झलकता है? (पेज 12 पर दी तसवीर देखिए।)

15 मूसा के कानून से भी इस बात की झलक मिलती है कि यहोवा लिहाज़ दिखाता है। अगर एक इसराएली गरीब होता और बलि के लिए मेम्ना या बकरी नहीं चढ़ा सकता था, तो वह दो फाख्ता या दो कबूतर चढ़ा सकता था। लेकिन तब क्या अगर उसकी दो फाख्ता या कबूतर खरीदने तक की भी हैसियत नहीं होती? ऐसे में यहोवा उससे भेंट के तौर पर थोड़ा-सा मैदा तक कबूल करने के लिए तैयार था। लेकिन क्या आपने ध्यान दिया, भेंट के लिए उसे कोई भी आटा नहीं, बल्कि “मैदा” ही चढ़ाना होता था, जो इसराएली अपने खास मेहमानों के लिए खाना बनाते वक्‍त इस्तेमाल करते थे। (उत्प. 18:6) यह बात क्यों इतनी मायने रखती है?—लैव्यव्यवस्था 5:7, 11 पढ़िए।

16 कल्पना कीजिए कि आप एक बहुत ही गरीब इसराएली हैं। आप निवासस्थान में भेंट के लिए थोड़ा-सा मैदा लेकर पहुँचते हैं, कि तभी आपकी नज़र उन अमीर इसराएलियों पर पड़ती है, जो भेंट के लिए मवेशी ला रहे हैं। अपनी मामूली-सी भेंट देखकर आपको शर्म महसूस होती है। लेकिन फिर आपको याद आता है कि यहोवा की नज़र में आपकी भेंट भी अहमियत रखती है। क्यों? क्योंकि यहोवा जानता है कि आप भी अपना उत्तम-से-उत्तम दे रहे हैं। याद है, कानून में यहोवा ने यह माँग की थी कि इसराएली उत्तम-से-उत्तम किस्म का आटा, यानी “मैदा” चढ़ाएँ? तो एक तरह से यहोवा उन गरीब इसराएलियों से कह रहा था: ‘मैं जानता हूँ कि तुम दूसरों के जितना नहीं दे सकते, पर मैं यह भी जानता हूँ कि तुम मेरे लिए अपनी तरफ से सबसे अच्छी भेंट चढ़ा रहे हो।’ सच, यहोवा अपने सेवकों की सीमाओं और उनके हालात को बखूबी समझता है और उन्हें लिहाज़ दिखाता है। वह कभी उनसे हद-से-ज़्यादा की माँग नहीं करता।—भज. 103:14.

17. यहोवा किस तरह की उपासना कबूल करता है?

 17 हमें इस बात से कितना दिलासा मिलता है कि यहोवा लिहाज़ दिखाता है और तन-मन से की गयी हमारी उपासना कबूल करता है। (कुलु. 3:23) इटली में रहनेवाली कॉनस्टन्स नाम की एक बुज़ुर्ग बहन कहती है, “अपने सिरजनहार के बारे में दूसरों को बताना, यह काम मुझे दुनिया के सभी कामों से प्यारा लगता है। इसीलिए आज भी मैं लोगों को प्रचार करती हूँ और बाइबल अध्ययन चलाती हूँ। कभी-कभी मुझे दुख होता है कि मैं अपनी खराब सेहत के चलते यहोवा की सेवा ज़्यादा नहीं कर पा रही हूँ। लेकिन मुझे यकीन है कि यहोवा मेरी कमज़ोरियों के बारे में जानता है, वह मुझसे प्यार करता है और मैं जितना कर पाती हूँ, उसकी वह कदर करता है।”

यहोवा की तरह लिहाज़ दिखाइए

18. एक तरीका बताइए जिससे माता-पिता यहोवा की मिसाल पर चल सकते हैं।

18 हम यहोवा की तरह लिहाज़ कैसे दिखा सकते हैं? यहोवा लूत के साथ जिस तरह पेश आया, उस वाकए पर ज़रा फिर से गौर कीजिए। लूत को कहाँ जाना चाहिए और कहाँ नहीं, यह तय करने का हक यहोवा को था। लेकिन फिर भी, जब लूत ने यहोवा के आगे अपनी भावनाएँ ज़ाहिर कीं, तो यहोवा ने उसकी सुनी। इस तरह, उसने लूत को लिहाज़ दिखाया और उसे वहाँ जाने दिया जहाँ वह जाना चाहता था। अगर आप माँ या पिता हैं, तो क्या आप यहोवा की मिसाल पर चल सकते हैं? जब बच्चे आपसे कुछ गुज़ारिश करते हैं, तो क्या आप उनकी सुन सकते हैं, और जब मुनासिब हो, तो उनकी बात मान सकते हैं? इस बारे में 1 सितंबर, 2007 की प्रहरीदुर्ग में बताया गया था कि कुछ माता-पिता जब घर के नियम बनाते हैं, तो वे अपने बच्चों की राय भी लेते हैं। मान लीजिए आप अपने बच्चों के घर वापस आने का समय तय कर रहे हैं। हालाँकि आपके पास समय तय करने का पूरा हक है, फिर भी शायद आप अपने बच्चों की राय ले सकते हैं। कुछ मामलों में माता-पिता बच्चों को उनके चुने हुए समय पर घर लौटने की इजाज़त दे सकते हैं, बशर्ते यह बाइबल के किसी सिद्धांत के खिलाफ न हो। हो सकता है आप पाएँ कि इस तरह घर के नियमों के बारे में बच्चों की राय जानने से, वे समझ पाएँगे कि क्यों आपने फलाँ नियम बनाया है और वे उसे मानने के लिए तैयार भी होंगे।

19. प्राचीन कैसे यहोवा की तरह लिहाज़ दिखाने की कोशिश कर सकते हैं?

19 मंडली के प्राचीनों को भी यहोवा की तरह लिहाज़ दिखाने की कोशिश करनी चाहिए। वे ऐसा कैसे कर सकते हैं? भाई-बहनों के हालात पर ध्यान देकर। याद कीजिए कि यहोवा ने गरीब इसराएलियों की छोटी-सी भेंट को भी अनमोल समझा। उसी तरह, कुछ भाई-बहन ढलती उम्र या खराब सेहत की वजह से प्रचार काम में ज़्यादा नहीं कर पाते। ऐसे में अगर ये प्यारे भाई-बहन निराश हो जाएँ, तो प्राचीन क्या कर सकते हैं? वे उन्हें यकीन दिला सकते हैं कि यहोवा उनसे बहुत प्यार करता है, क्योंकि वे अपनी तरफ से सबसे अच्छा कर रहे हैं।—मर. 12:41-44.

20. क्या खुद पर लिहाज़ दिखाने का यह मतलब है कि हम परमेश्‍वर की सेवा में थोड़ा पीछे हट जाएँ? समझाइए।

20 जब खुद पर लिहाज़ दिखाने की बात आती है, तो हमें यह कभी नहीं सोचना चाहिए कि परमेश्‍वर की सेवा में हम थोड़ा पीछे हट जाएँ और इस तरह “खुद पर दया” करें। (मत्ती 16:22) यहोवा की सेवा में ढीले पड़कर हम यह सफाई नहीं देना चाहते कि हम खुद को लिहाज़ दिखा रहे हैं। इसके बजाय, हम सभी राज के कामों में अपना सहयोग देने के लिए “जी-तोड़ संघर्ष” करना चाहते हैं। (लूका 13:24) हम इन दोनों सिद्धांतों की तरफ सही नज़रिया बनाए रखने की कोशिश करते हैं। एक तरफ, हम जी-तोड़ संघर्ष करते हैं, और अपनी सेवा में पीछे नहीं हटना चाहते। दूसरी तरफ, हम याद रखते हैं कि यहोवा हमसे हद-से-ज़्यादा की माँग नहीं करता। जब हम उसे अपना उत्तम-से-उत्तम देते हैं, तो हम पूरा भरोसा रख सकते हैं कि वह हमसे खुश होता है। क्या हम अपने लिहाज़ दिखानेवाले और कदरदान परमेश्‍वर की सेवा करने में खुशी नहीं पाते? अगले लेख में हम यहोवा की खूबसूरत शख्सियत के दो और गुणों पर गौर करेंगे।—भज. 73:28.

‘अपनी सम्पत्ति के द्वारा यहोवा का आदर कीजिए।’—नीति. 3:9, अ न्यू हिंदी ट्रांस्लेशन ( पैराग्राफ 11 देखिए)

‘तुम चाहे जो भी काम करो, उसे तन-मन लगाकर करो।’—कुलु. 3:23 ( पैराग्राफ 17 देखिए)