पहले पेज का विषय | बाइबल को कोई नहीं मिटा पाया
एक कहानी, ज़रूरी है जाननी
आज दुनिया में बहुत-से धर्म-ग्रंथ हैं, मगर बाइबल उन सब से बहुत अलग है। इसकी शिक्षाएँ माननेवाले लोग बहुत-से हैं और वह भी लंबे अरसे से। दूसरी तरफ, इस किताब की सबसे ज़्यादा जाँच की गयी है ताकि इसमें गलतियाँ ढूँढ़ी जा सकें।
उदाहरण के लिए, कुछ विद्वानों का कहना है कि बाइबल के आज जितने भी अनुवाद हैं, उन पर यकीन नहीं किया जा सकता। धर्मों पर अध्ययन करनेवाले एक प्रोफेसर ने कहा, “हम पक्के तौर पर नहीं कह सकते कि आज बाइबल का सही से अनुवाद हुआ है। क्योंकि आज हमारे पास बाइबल की जितनी भी हस्तलिपियाँ हैं, वे सब गलतियों से भरी हैं। इसके अलावा, ज़्यादातर हस्तलिपियाँ बाइबल के लिखे जाने के सैकड़ों साल बाद तैयार की गयी थीं। इसलिए ज़ाहिर-सी बात है कि आज बाइबल के जो अनुवाद हैं वे उसकी असली कॉपियों से बहुत अलग हैं।”
दूसरे लोग अपने धर्म की वजह से बाइबल पर यकीन नहीं करते। जैसे, फैज़ल को सिखाया गया कि बाइबल एक पाक किताब है, पर इसमें लिखी बातें बदल दी गयी हैं। इसलिए वह कहता है, “जब भी कोई मुझसे बाइबल के बारे में बात करने की कोशिश करता था, तो मैं मना कर देता था। क्योंकि मैं सोचता था, उसके पास असली बाइबल थोड़ी ना है! जो है वह बदल दी गयी है।”
अगर बाइबल बदल भी दी गयी है, तो क्या इससे कोई फर्क पड़ता है? पड़ता है। ज़रा इन सवालों पर ध्यान दीजिए: बाइबल में भविष्य के बारे में जो बढ़िया आशा दी गयी है, क्या आप उस पर यकीन कर पाएँगे, अगर आपको पता ही नहीं होगा कि ये बातें बाइबल की असली कॉपी में लिखी थीं या नहीं? (रोमियों 15:4) अगर आज की बाइबलें गलतियों से भरी हैं तो क्या आप इनमें दिए सिद्धांत मानकर नौकरी, परिवार या उपासना से जुड़े ज़रूरी फैसले लेंगे?
यह सच है कि जब बाइबल लिखी गयी थी, तो उस समय की हस्तलिपियाँ आज नहीं हैं। फिर भी उसकी दूसरी हज़ारों हस्तलिपियाँ हैं जिनमें से कुछ बहुत ही पुरानी हैं। हम उनका अध्ययन करके देख सकते हैं। पर ये हस्तलिपियाँ ऐसी चीज़ों से बनी थीं जो ज़्यादा सालों तक नहीं टिकतीं। ऊपर से कुछ लोगों ने इन्हें मिटाने की कोशिश की और कुछ ने तो इसमें लिखी बातों को बदलने की कोशिश की। इन सबके बावजूद ये हस्तलिपियाँ आज तक कैसे बच पायीं? यह जानकर कैसे आप आज की बाइबल में लिखी बातों को सच मान सकते हैं? इन सवालों के जवाब जानने के लिए आगे दिए लेख पढ़िए।