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यहोवा के इंतज़ामों से पूरा फायदा पाइए

यहोवा के इंतज़ामों से पूरा फायदा पाइए

“मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूँ।”—यशा. 48:17.

गीत: 20, 37

1, 2. (क) यहोवा के साक्षी बाइबल के बारे में कैसा महसूस करते हैं? (ख) आपको बाइबल की कौन-सी किताब पसंद है?

यहोवा के साक्षी होने के नाते हमें बाइबल से बहुत लगाव है। इससे हमें दिलासा, आशा और ऐसी हिदायतें मिलती है, जिन पर हम भरोसा कर सकते हैं। (रोमि. 15:4) बाइबल इंसानों के विचारों से भरी कोई किताब नहीं है, यह “परमेश्वर का वचन” है।—1 थिस्स. 2:13.

2 बाइबल में हम सभी की कुछ पसंदीदा किताबें होंगी। कुछ लोगों को खुशखबरी की किताबें बहुत पसंद हैं, क्योंकि उनमें यीशु के ज़रिए यहोवा की खूबसूरत शख्सियत पेश की गयी है। (यूह. 14:9) कई ऐसे हैं जिन्हें भविष्यवाणियों की किताबें पसंद हैं, जैसे प्रकाशितवाक्य की किताब, जो बताती है कि “बहुत जल्द क्या-क्या होना है।” (प्रका. 1:1) कुछ लोगों को भजन की किताब पढ़कर बहुत दिलासा मिलता है और कुछ लोगों को नीतिवचन की किताब में दी फायदेमंद सलाह पढ़ने में मज़ा आता है। सच में, बाइबल ऐसी किताब है जो हर किसी के लिए है!

3, 4. (क) हम अपनी किताबों-पत्रिकाओं के बारे में कैसा महसूस करते हैं? (ख) कौन-सी किताबें-पत्रिकाएँ कुछ खास लोगों के लिए तैयार की जाती हैं?

3 बाइबल से लगाव होने की वजह से हमें अपनी किताबों-पत्रिकाओं से भी लगाव है, क्योंकि ये परमेश्वर के वचन पर आधारित होती हैं। हमें जो भी किताबें, पत्रिकाएँ, ब्रोशर और दूसरे साहित्य मिलते हैं, वे सब यहोवा की तरफ से हैं। इन सबकी वजह से हम उसके करीब बने रह पाते हैं और अपना विश्वास मज़बूत बनाए रख पाते हैं।—तीतु. 2:2.

4 हमारी बहुत-सी किताबें-पत्रिकाएँ सभी यहोवा के साक्षियों को ध्यान में रखकर लिखी जाती हैं। लेकिन कुछ किताबें-पत्रिकाएँ ऐसी हैं, जो कुछ लोगों को ध्यान में रखकर लिखी जाती हैं, जैसे नौजवान या माता-पिता। हमारी वेबसाइट पर दिए ज़्यादातर लेख और वीडियो खासकर उन लोगों के लिए तैयार किए जाते हैं जो यहोवा के साक्षी नहीं हैं। सच कितनी अलग-अलग तरह की किताबें-पत्रिकाएँ तैयार की जा रही हैं। यह दिखाता है कि यहोवा सभी लोगों को बहुतायत में हिदायतें देने का अपना वादा बखूबी निभा रहा है।—यशा. 25:6.

5. यहोवा किस बात से खुश होता है?

5 हममें से ज़्यादातर चाहते हैं कि बाइबल और हमारी किताबें-पत्रिकाएँ पढ़ने के लिए काश हमारे पास और वक्‍त हो। पर हम शायद हर साहित्य का अध्ययन करने में हमेशा बराबर समय न लगा पाते हों। फिर भी अगर हम अपनी किताबें-पत्रिकाएँ पढ़ने और उनका अध्ययन करने में बुद्धिमानी से अपना समय लगाएँगे, तो हम यकीन रख सकते हैं कि इससे यहोवा खुश होगा। (इफि. 5:15, 16) लेकिन एक खतरा भी है जिससे हमें सावधान रहना चाहिए। वह क्या?

6. कैसी सोच होने से हम यहोवा के कुछ इंतज़ामों से फायदा पाने से चूक सकते हैं?

6 अगर हम ध्यान न दें तो शायद हम सोचने लगें कि बाइबल के कुछ हिस्सों में या हमारी कुछ किताबों-पत्रिकाओं में दी जानकारी हम पर लागू नहीं होती। उदाहरण के लिए, सोचिए अगर बाइबल का कोई हिस्सा हमारे लिए इतना कारगर नहीं लगता, तब हम क्या करते हैं? या अगर कोई किताब या पत्रिका कुछ खास लोगों को ध्यान में रखकर लिखी गयी हो और हम उनमें से न हों, तब हम क्या करते हैं? क्या हम वह जानकारी जल्दी-जल्दी पढ़ लेते हैं या बिलकुल भी नहीं पढ़ते? अगर ऐसा है, तो हम वह ज़रूरी जानकारी पाने से चूक सकते हैं जो हमारे लिए फायदेमंद होगी। तो हम इस खतरे से कैसे बच सकते हैं? हमें याद रखना चाहिए कि हमें जितनी भी जानकारी मिलती है वह सब यहोवा की तरफ से है। भविष्यवक्ता यशायाह के ज़रिए उसने कहा, “मैं ही तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ जो तुझे तेरे लाभ के लिये शिक्षा देता हूँ।” (यशा. 48:17) इस लेख में हम ऐसे तीन सुझावों पर चर्चा करेंगे, जिनसे हमें यहोवा के सभी इंतज़ामों से फायदा पाने में मदद मिलेगी।

बाइबल पढ़ाई से फायदा पाने के लिए सुझाव

7. हमें खुले दिमाग से बाइबल क्यों पढ़नी चाहिए?

7 खुले दिमाग से पढ़िए। यह सच है कि बाइबल के कुछ हिस्से किसी एक खास व्यक्‍ति या खास समूह के लिए लिखे गए थे। लेकिन बाइबल साफ बताती है कि ‘पूरा शास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है और फायदेमंद है।’ (2 तीमु. 3:16) इसलिए हमें खुले दिमाग से बाइबल पढ़नी चाहिए। एक भाई बाइबल पढ़ते वक्‍त यह ध्यान रखने की कोशिश करता है कि एक ही ब्यौरे से कई बातें सीखी जा सकती हैं। इस वजह से वह ऐसी बातें सीख पाता है, जो कोई घटना पढ़ते वक्‍त आसानी से पता नहीं चलतीं। इसलिए बाइबल पढ़ने से पहले हमें यहोवा से प्रार्थना में बुद्धि और मदद माँगनी चाहिए, ताकि हम खुले दिमाग से बाइबल पढ़ सकें और वे बातें सीख सकें जो वह हमें सिखाना चाहता है।—एज्रा 7:10; याकूब 1:5 पढ़िए।

आपको अपनी बाइबल पढ़ाई से जो फायदे हो सकते हैं, क्या आप वे सभी फायदे पा रहे हैं? (पैराग्राफ 7 देखिए)

8, 9. (क) बाइबल पढ़ते वक्‍त हम खुद से क्या पूछ सकते हैं? (ख) मसीही प्राचीनों के लिए दी योग्यताओं से हमें यहोवा के बारे में क्या पता चलता है?

8 सवाल कीजिए। जब आप बाइबल पढ़ते हैं, तो थोड़ा रुककर खुद से पूछिए, ‘यह मुझे यहोवा के बारे में क्या बताता है? मैं इसे अपनी ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकता हूँ? मैं इस जानकारी से दूसरों की कैसे मदद कर सकता हूँ?’ जब हम इन सवालों पर मनन करेंगे, तो हमें अपनी बाइबल पढ़ाई से और भी फायदा होगा। आइए इसका एक उदाहरण देखें। बाइबल में कुछ योग्यताएँ दी गयी हैं जो मसीही प्राचीनों में होनी चाहिए। (1 तीमुथियुस 3:2-7 पढ़िए।) पर हममें से ज़्यादातर प्राचीन नहीं हैं, इसलिए हम शायद सोचें कि यह जानकारी हमारे काम की नहीं है। अभी हमने जिन तीन सवालों का ज़िक्र किया आइए उनसे हम यह जानने की कोशिश करें कि ये योग्यताएँ कैसे हम सभी की मदद कर सकती हैं।

9 ये मुझे यहोवा के बारे में क्या बताती हैं? यहोवा ने हमें प्राचीनों की योग्यताओं की सूची दी है। उसने प्राचीनों के लिए ऊँचे स्तर ठहराए हैं, यानी उनके लिए जो मंडली की देखभाल करते हैं। इससे पता चलता है कि मंडली, यहोवा के लिए अनमोल है। बाइबल बताती है कि इसे “उसने अपने बेटे के लहू से मोल लिया है।” (प्रेषि. 20:28) इसलिए यहोवा प्राचीनों से उम्मीद करता है कि वे अच्छी मिसाल रखें। उन्हें उसको यह जवाब देना है कि वे मंडली के सदस्यों के साथ कैसे पेश आते हैं। यहोवा चाहता है कि हम उनकी देखभाल में सुरक्षित महसूस करें। (यशा. 32:1, 2) तो जब हम ये योग्यताएँ पढ़ते हैं, तो हमें पता चलता है कि सच में यहोवा को हमारी कितनी परवाह है।

10, 11. (क) जब हम प्राचीनों के लिए दीं योग्यताएँ पढ़ते हैं, तो वह जानकारी हम अपनी ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकते हैं? (ख) हम इस जानकारी से दूसरों की मदद कैसे कर सकते हैं?

10 मैं इन्हें अपनी ज़िंदगी में कैसे लागू कर सकता हूँ? अगर आप एक प्राचीन हैं, तो आपको समय-समय पर इन योग्यताओं की मदद से अपनी जाँच करनी चाहिए और खुद में सुधार करने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आप ‘निगरानी के पद की ज़िम्मेदारी पाने की कोशिश में आगे बढ़ रहे हैं,’ तो आपको अपनी काबिलीयतों के हिसाब से इन योग्यताओं पर खरे उतरने की पूरी कोशिश करनी चाहिए। (1 तीमु. 3:1) दरअसल इन योग्यताओं से हर मसीही कुछ-न-कुछ सीख सकता है। उदाहरण के लिए, यहोवा हम सभी से उम्मीद करता है कि हम लिहाज़ करनेवाले हों और सूझ-बूझ से काम लें। (फिलि. 4:5; 1 पत. 4:7) जब प्राचीन “झुंड के लिए मिसाल” बनते हैं, तो हम उनसे सीख सकते हैं और “उनके विश्वास की मिसाल” पर चल सकते हैं।—1 पत. 5:3; इब्रा. 13:7.

11 मैं इस जानकारी से दूसरों की कैसे मदद कर सकता हूँ? बाइबल में मसीही प्राचीनों के लिए जो योग्यताएँ दी गयी हैं, उनसे हम बाइबल विद्यार्थियों और दिलचस्पी दिखानेवालों को समझा सकते हैं कि प्राचीन, धर्मगुरुओं से कैसे अलग होते हैं। इन योग्यताओं से हम यह भी याद रख सकते हैं कि प्राचीन मंडली में कितनी मेहनत करते हैं। इससे हम इन भाइयों का आदर कर पाएँगे। (1 थिस्स. 5:12) जितना हम उनका आदर करेंगे, उतना ही उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी निभाने में खुशी मिलेगी।—इब्रा. 13:17.

12, 13. (क) हमारे पास जो औज़ार हैं, उनकी मदद से हम क्या खोजबीन कर सकते हैं? (ख) एक उदाहरण देकर समझाइए कि किसी ब्यौरे की आगे-पीछे की जानकारी होने से कैसे हम वे बातें सीख सकते हैं, जो हमें फौरन पता नहीं चलतीं।

12 खोजबीन कीजिए। जब हम बाइबल का अध्ययन करते हैं, तो हमें इन सवालों के जवाब ढूँढ़ने चाहिए:

  • बाइबल का यह भाग किसने लिखा?

  • यह कहाँ और कब लिखा गया था?

  • जब यह किताब लिखी गयी थी, तब कौन-सी ज़रूरी घटनाएँ घटी थीं?

ऐसी जानकारी की मदद से हम वे बातें सीख सकते हैं, जो शायद हमें पढ़ते वक्‍त फौरन पता न चलें।

13 उदाहरण के लिए, यहेजकेल 14:13, 14 में लिखा है, “जब किसी देश के लोग मुझ से विश्वासघात करके पापी हो जाएँ, और मैं अपना हाथ उस देश के विरुद्ध बढ़ाकर उसका अन्नरूपी आधार दूर करूँ, और उसमें अकाल डालकर उसमें से मनुष्य और पशु दोनों को नाश करूँ, तब चाहे उस में नूह, दानिय्येल, और अय्यूब ये तीनों पुरुष हों, तौभी वे अपने धर्म के द्वारा केवल अपने ही प्राणों को बचा सकेंगे; प्रभु यहोवा की यही वाणी है।” अगर हम खोजबीन करें, तो हम जान पाएँगे कि यहेजकेल ने ये शब्द मसीह से करीब 612 साल पहले लिखे थे। इससे सैकड़ों साल पहले ही नूह और अय्यूब की मौत हो चुकी थी, फिर भी उन वफादार सेवकों को यहोवा ने याद रखा। लेकिन इस दौरान दानिय्येल ज़िंदा था। उसके बारे में जब यहोवा ने कहा कि वह नूह और अय्यूब की तरह धर्मी या नेक है, तब वह कोई 20 साल का ही था। इससे हम क्या सीखते हैं? यहोवा अपने सभी वफादार सेवकों को याद रखता है और उनकी कदर करता है, यहाँ तक कि नौजवानों की भी।—भज. 148:12-14.

हर तरह के साहित्य से फायदा पाइए

14. (क) नौजवानों के लिए तैयार की जानेवाली किताबों-पत्रिकाओं से उन्हें क्या फायदे होते हैं? (ख) इस जानकारी से दूसरों को भी कैसे फायदा हो सकता है? (लेख की शुरूआत में दी तसवीर देखिए।)

14 जवानों के लिए साहित्य। हमने सीखा कि हम बाइबल के सभी हिस्सों से फायदा पा सकते हैं। उसी तरह, हम सभी किताबों-पत्रिकाओं से भी फायदा पा सकते हैं। आइए कुछ उदाहरणों पर गौर करें। पिछले कुछ सालों में, यहोवा ने नौजवानों के लिए बहुत जानकारी दी है। [1] इस जानकारी से उन्हें स्कूल में आनेवाले दबावों का और बड़े होने के साथ-साथ आनेवाली चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलती है। लेकिन इस जानकारी से हम सब कैसे फायदा पा सकते हैं? जब हम यह जानकारी पढ़ते हैं, तो हम समझ पाते हैं कि नौजवान किन-किन समस्याओं से गुज़रते हैं। इससे हम और भी अच्छी तरह उनकी मदद कर पाते हैं और उनका हौसला बढ़ा पाते हैं।

15. नौजवानों के लिए दी जानकारी में, बड़ी उम्र के मसीहियों को क्यों दिलचस्पी लेनी चाहिए?

15 बड़ी उम्र के मसीहियों को यह नहीं सोचना चाहिए कि उन्हें वह जानकारी पढ़ने की ज़रूरत नहीं है, जो नौजवानों के लिए है। दरअसल उन लेखों में जिन चुनौतियों पर चर्चा की जाती है, उनमें से ज़्यादातर का सभी मसीहियों को सामना करना होता है। जैसे, हम सभी को अपने विश्वास की पैरवी करनी होती है, अपनी भावनाओं पर काबू रखना है, साथियों से आनेवाले दबाव का सामना करना है, बुरी सोहबत से बचना है और गलत किस्म के मनोरंजन से दूर रहना है। इसलिए हालाँकि ये साहित्य नौजवानों के लिए लिखे गए हैं, लेकिन इनमें दी जानकारी बाइबल से ली गयी है और इससे सभी मसीहियों को फायदा हो सकता है।

16. हमारी किताबों-पत्रिकाओं से नौजवानों को और क्या करने में मदद मिलती है?

16 नौजवानों के लिए तैयार की गयी किताबों-पत्रिकाओं से उन्हें यहोवा के साथ अपनी दोस्ती मज़बूत करने में भी मदद मिलती है। (सभोपदेशक 12:1, 13 पढ़िए।) इससे बड़ों को भी फायदा हो सकता है। उदाहरण के लिए, जुलाई 2009 की सजग होइए में “नौजवान पूछते हैं . . . मैं अपनी बाइबल पढ़ाई मज़ेदार कैसे बनाऊँ?” लेख दिया गया था। उस लेख में कई बढ़िया सुझाव दिए गए थे और एक बक्स भी था, जिसे काटकर रखा जा सकता था और अध्ययन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था। क्या इससे बड़ों को कोई फायदा हुआ? एक पत्नी जो एक माँ भी है, उसने कहा कि उसके लिए बाइबल पढ़ाई करना हमेशा मुश्किल रहा। लेकिन उसने इस लेख में दिए सुझाव लागू किए। अब उसे यह देखकर खुशी होती है कि बाइबल की किताबें कैसे एक-दूसरे से जुड़ी हैं और एक बढ़िया तसवीर पेश करती हैं। उसने कहा, “अब मैं बाइबल पढ़ने का इंतज़ार करती हूँ।” उसने यह भी कहा, “मैं बाइबल पढ़ने के लिए इतनी उत्सुक कभी नहीं रही।”

17, 18. जनता के लिए तैयार किए गए साहित्य से हमें कैसे फायदा हो सकता है? एक उदाहरण दीजिए।

17 जनता के लिए साहित्य। सन्‌ 2008 से हम प्रहरीदुर्ग के अध्ययन संस्करण का मज़ा ले रहे हैं। यह पत्रिका खास तौर पर यहोवा के साक्षियों के लिए लिखी जाती है। लेकिन हमारे पास ऐसी पत्रिकाएँ भी हैं, जो खास तौर पर जनता के लिए लिखी जाती हैं। हम उनसे कैसे फायदा पा सकते हैं? आइए एक उदाहरण पर गौर करें। जब आप एक व्यक्‍ति को सभाओं के लिए बुलाते हैं और वह वहाँ आता है, तो उसे देखकर आप बहुत खुश हो जाते हैं। जब वक्ता भाषण देता है, तो आप उस व्यक्‍ति के बारे में सोचते हैं। आप सोचते हैं कि यह व्यक्‍ति जो बातें सुन रहा है, उनके बारे में यह कैसा महसूस कर रहा होगा और यह जानकारी इसकी ज़िंदगी पर कैसे असर कर सकती है। ऐसा करने से वह जानकारी आपके दिल को छू जाती है और उसके लिए आपकी कदरदानी और बढ़ जाती है।

18 ऐसा ही कुछ हमारे साथ तब भी हो सकता है जब हम जनता के लिए तैयार किए गए साहित्य पढ़ते हैं। उदाहरण के लिए, जनता के लिए आनेवाली प्रहरीदुर्ग में और jw.org वेबसाइट पर दिए लेखों में, बाइबल की बातें आसान शब्दों में समझायी जाती हैं। जब हम यह जानकारी पढ़ते हैं, तो बाइबल की उन सच्चाइयों के बारे में हमारी समझ और कदरदानी बढ़ जाती है, जिन्हें हम पहले से जानते हैं। इसके अलावा, हम अपने विश्वास के बारे में गवाही देने के नए-नए तरीके भी सीख सकते हैं। उसी तरह सजग होइए! पत्रिका से सच्चे परमेश्वर के वजूद पर हमारा विश्वास मज़बूत होता है। इससे हम यह भी सीखते हैं कि हम अपने विश्वास की पैरवी कैसे कर सकते हैं।—1 पतरस 3:15 पढ़िए।

19. हम यहोवा के इंतज़ामों के लिए कदरदानी कैसे ज़ाहिर कर सकते हैं?

19 यहोवा ने हमारे फायदे के लिए बहुत-सी सलाहें और हिदायतें दी हैं। (मत्ती 5:3) उसने हमें जो जानकारी दी, आइए हम वह सब लगातार पढ़ते रहें और लागू करते रहें। अगर हम ऐसा करेंगे, तो हमें फायदा होगा और हम यह ज़ाहिर करेंगे कि हम यहोवा के सभी इंतज़ामों की कदर करते हैं।—यशा. 48:17.

^ [1] (पैराग्राफ 14) इस जानकारी में युवाओं के प्रश्न—व्यावहारिक उत्तर किताब और “नौजवानों के सवाल” श्रृंखला शामिल है। यह श्रृंखला अब सिर्फ इंटरनेट पर निकाली जाती है।