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पुरानी शख्सियत उतार फेंकिए और उसे दोबारा मत पहनिए

पुरानी शख्सियत उतार फेंकिए और उसे दोबारा मत पहनिए

“पुरानी शख्सियत को उसकी आदतों समेत उतार फेंको।”​—कुलु. 3:9.

गीत: 52, 54

1, 2. लोगों ने यहोवा के साक्षियों के बारे में क्या गौर किया है?

बहुत-से लोगों ने गौर किया है कि यहोवा के साक्षी औरों से अलग हैं। मिसाल के लिए, ऐन्टौन गिल नाम के एक लेखक ने उन साक्षियों की तारीफ की जो जर्मनी में नात्ज़ी हुकूमत के दौरान जीए थे। उसने लिखा, “यहोवा के साक्षी नात्ज़ी सरकार की दुश्मनी का खास निशाना बने। . . . सन्‌ 1939 तक 6,000 साक्षी [यातना शिविरों] में थे।” उसने यह भी लिखा कि साक्षियों को बुरी तरह सताया गया, फिर भी वे इस बात के लिए जाने गए कि वे भरोसेमंद हैं, अपने परमेश्वर के वफादार हैं, मुश्किलों के दौरान शांत रहते हैं और उनके बीच एकता है।

2 दक्षिण अफ्रीका के लोगों ने भी हाल में गौर किया कि यहोवा के साक्षी दूसरों से अलग हैं। वह कैसे? एक वक्‍त था जब रंग-भेद की वजह से साक्षी एक-दूसरे के साथ खुलकर इकट्ठा नहीं हो सकते थे। लेकिन 18 दिसंबर, 2011 में जोहैनसबर्ग के सबसे बड़े स्टेडियम में एक खास कार्यक्रम रखा गया जिसमें 78,000 से भी ज़्यादा साक्षी इकट्ठा हुए। गौर करनेवाली बात है कि ये लोग दक्षिण अफ्रीका और आस-पास के देशों की अलग-अलग जातियों से थे। स्टेडियम के एक मैनेजर ने कहा, “मैंने कभी ऐसे लोग नहीं देखे जो शांत और अदब से पेश आते हों। आप सभी कितने साफ-सुथरे और अच्छे कपड़े पहने हैं। आप लोगों ने तो स्टेडियम को चमका दिया है। सबसे अनोखी बात है कि आप सब अलग-अलग जाति से हैं।”

3. भाइयों की हमारी बिरादरी क्यों अनोखी है?

3 इन बातों से ज़ाहिर है कि दुनिया-भर में फैली भाइयों की हमारी बिरादरी वाकई अनोखी है। (1 पत. 5:9) हम क्यों दूसरे संगठनों से अलग हैं? क्योंकि हमने बाइबल और परमेश्वर की पवित्र शक्‍ति की मदद से ‘पुरानी शख्सियत को उतार फेंका है’ और “नयी शख्सियत” पहन ली है। (कुलु. 3:9, 10) हमने यह बदलाव करने में कड़ी मेहनत की है ताकि हम यहोवा को खुश कर सकें।

4. इस लेख में हम क्या चर्चा करेंगे और क्यों?

4 पुरानी शख्सियत को उतार फेंकने के बाद यह ज़रूरी है कि हम उसे दोबारा न पहनें। इस लेख में हम सीखेंगे कि हम कैसे पुरानी शख्सियत को उतार फेंक सकते हैं और ऐसा करना क्यों ज़रूरी है। हम यह भी देखेंगे कि एक व्यक्‍ति के लिए अपनी ज़िंदगी में बड़े-बड़े बदलाव करना मुमकिन है फिर चाहे उसने बुरे-से-बुरे काम क्यों न किए हों। इसके बाद हम चर्चा करेंगे कि जो मसीही कई सालों से सच्चाई में हैं, वे कैसे पुरानी शख्सियत और उसकी आदतों से दूर रह सकते हैं। हमारे लिए इन बातों पर गौर करना क्यों ज़रूरी है? क्योंकि दुख की बात है कि यहोवा के कुछ सेवक धीरे-धीरे वहीं काम करने लगे जो उन्होंने सच्चाई सीखते वक्‍त छोड़े थे। इसलिए हमें इस बात को गंभीरता से लेना चाहिए, “जो सोचता है कि वह मज़बूती से खड़ा है, वह खबरदार रहे कि कहीं गिर न पड़े।”​—1 कुरिं. 10:12.

नाजायज़ यौन-इच्छाओं को उखाड़ फेंकिए

5. (क) उदाहरण देकर समझाइए कि पुरानी शख्सियत को फौरन उतार फेंकना क्यों ज़रूरी है? (लेख की शुरूआत में दी तसवीर देखिए।) (ख) कुलुस्सियों 3:5-9 में किन कामों को पुरानी शख्सियत की आदतें बताया गया है?

5 अगर आपको पता चलता है कि आपके कपड़े गंदे हैं और उनसे बदबू आ रही है तो आप क्या करेंगे? आप फौरन उन्हें उतार फेंकेंगे। उसी तरह, अगर हमें पता चलता है कि हम कुछ ऐसा कर रहे हैं जिससे यहोवा को नफरत है तो हमें तुरंत उस काम को छोड़ देना चाहिए। ऐसे ही कुछ कामों के बारे में पौलुस ने कहा, “तुम इन सब बातों को खुद से पूरी तरह दूर करो।” आइए उनमें से दो कामों पर गौर करें, एक है नाजायज़ यौन-संबंध और दूसरा है अशुद्धता।​—कुलुस्सियों 3:5-9 पढ़िए।

6, 7. (क) पौलुस के शब्दों से कैसे पता चलता है कि पुरानी शख्सियत को उतार फेंकने में मेहनत लगती है? (ख) साकूरा किस तरह की ज़िंदगी जी रही थी? किस बात ने उसे खुद को बदलने की हिम्मत दी?

6 नाजायज़ यौन-संबंध। बाइबल में “नाजायज़ यौन-संबंध” का मतलब है, ऐसे दो व्यक्‍तियों का आपस में यौन-संबंध रखना जिनकी एक-दूसरे से शादी नहीं हुई है और समान लिंग के व्यक्‍तियों का आपस में यौन-संबंध रखना। पौलुस ने कहा कि मसीहियों को अपने उन ‘अंगों को मार डालना’ चाहिए जिनमें नाजायज़ यौन-संबंध जैसी लालसाएँ पैदा होती हैं। इससे पता चलता है कि हमें बुरी इच्छाओं को उखाड़ फेंकने में कड़ी मेहनत करनी होगी। यह आसान नहीं है लेकिन हम ऐसा करने में कामयाब हो सकते हैं।

7 जापान की रहनेवाली एक बहन ने ऐसा ही किया, जिसका नाम साकूरा है। * जब साकूरा बड़ी हो रही थी तो वह अपने आपको अकेला महसूस करती थी और उदास रहती थी। अपना अकेलापन दूर करने के लिए वह 15 साल की उम्र से अलग-अलग लोगों के साथ यौन-संबंध रखने लगी और उसने तीन बार गर्भपात करवाया। वह कहती है, “शुरू-शुरू में मुझे लगा कि लोग मुझसे प्यार करते हैं। लेकिन जितना मैं इन कामों में लगी रही, उतना ही मुझे खालीपन लगने लगा।” साकूरा 23 साल की उम्र तक ऐसी ही ज़िंदगी जीती रही। फिर उसने यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन शुरू किया। उसके दिल में बाइबल की सच्चाइयों के लिए प्यार बढ़ने लगा। यहोवा की मदद से वह अपनी बदचलन ज़िंदगी छोड़ पायी और शर्मिंदगी और दोष की भावना पर काबू कर पायी। आज साकूरा एक पायनियर है और अब वह खुद को अकेला महसूस नहीं करती। वह कहती है, “मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मैं हर दिन महसूस करती हूँ कि यहोवा मुझसे बेहद प्यार करता है।”

उन आदतों को छोड़िए जो अशुद्ध करती हैं

8. ऐसे कुछ काम क्या हैं जिनसे हम परमेश्वर की नज़र में अशुद्ध बन सकते हैं?

8 अशुद्धता। बाइबल के मुताबिक “अशुद्धता” में नाजायज़ यौन-संबंध के अलावा और भी कई बातें शामिल हैं जैसे, सिगरेट पीना और गंदे चुटकुले सुनाना। (2 कुरिं. 7:1; इफि. 5:3, 4) या अकेले में चोरी-छिपे अश्‍लील तसवीरें देखना या ऐसी किताबें पढ़ना जिनसे यौन-इच्छाएँ जागे। इनकी वजह से एक व्यक्‍ति को हस्तमैथुन जैसी गंदी आदत लग सकती है।​—कुलु. 3:5. *

9. जिस इंसान के अंदर ‘वासनाएँ बेकाबू हो जाती हैं,’ उसे क्या अंजाम भुगतना पड़ सकता है?

9 जो इंसान अश्‍लील तसवीरें देखता रहता है, उसके अंदर ‘वासनाएँ बेकाबू हो जाती हैं।’ नतीजा, वह सेक्स का आदी हो जाता है। खोजकर्ताओं ने गौर किया कि अश्‍लील तसवीरें देखने की लत, शराब या ड्रग्स की लत जैसी होती है। इसलिए शराब या ड्रग्स की लत की तरह अश्‍लील तसवीरें देखने के भी खतरनाक अंजाम होते हैं। जैसे, एक व्यक्‍ति को बहुत शर्मिंदगी महसूस हो, वह अच्छी तरह काम न कर पाए, उसके परिवार की खुशी छिन जाए, तलाक की नौबत आ जाए या वह खुदकुशी कर बैठे। एक आदमी, जिसे अश्‍लील तसवीरें देखने की लत छोड़े एक साल हो चुका है कहता है, “अब मैं खुद से नज़र मिला पाता हूँ।”

10. रीबेरो अपनी लत कैसे छोड़ पाया?

10 कई लोगों के लिए यह लत छोड़ना और इससे दूर रहना एक कड़ा संघर्ष हो सकता है। लेकिन खुशी की बात है कि वे यह लड़ाई जीत सकते हैं। ब्राज़ील में रहनेवाले रीबेरो की मिसाल लीजिए। जब वह जवान हुआ तो उसने घर छोड़ दिया और एक ऐसी फैक्ट्री में काम करने लगा जहाँ पुराने कागज़ों को फिर से इस्तेमाल के लिए तैयार किया जाता है। वहाँ उसने कुछ अश्‍लील पत्रिकाएँ देखीं। वह कहता है, “धीरे-धीरे मुझे अश्‍लील तसवीरें देखने की लत लग गयी। उस वक्‍त मैं एक औरत के साथ रहता था। मेरी यह लत इतनी बढ़ गयी थी कि जैसे ही वह घर से बाहर जाती थी मैं तुरंत अश्‍लील वीडियो देखने लग जाता था।” एक दिन फैक्ट्री में किताबों के ढेर में रीबेरो को एक किताब मिली जिसका नाम था, पारिवारिक सुख का रहस्यउसने वह किताब उठायी और पढ़ने लगा। उसे वह इतनी अच्छी लगी कि वह यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन करने लगा। लेकिन रीबेरो को अपनी लत छोड़ने में काफी समय लगा। किस बात ने उसकी मदद की? वह समझाता है, “प्रार्थना, बाइबल का अध्ययन और सीखी बातों पर मनन करने से परमेश्वर के गुणों के लिए मेरी कदर बढ़ने लगी। फिर एक वक्‍त आया जब मैं अपनी गलत इच्छाओं से ज़्यादा यहोवा से प्यार करने लगा।” बाइबल और परमेश्वर की पवित्र शक्‍ति ने रीबेरो की मदद की जिससे वह अपने तौर-तरीके बदल पाया। उसने बपतिस्मा लिया और आज वह मंडली में एक प्राचीन के नाते सेवा कर रहा है।

11. अश्‍लील तसवीरों से दूर रहने में क्या बात एक इंसान की मदद करेगी?

11 गौर कीजिए कि रीबेरो ने अश्‍लील तसवीरों से दूर रहने के लिए सिर्फ बाइबल का अध्ययन नहीं किया। उसने सीखी बातों पर मनन भी किया ताकि ये बातें उसे सही काम करने के लिए उभार सकें। इसके अलावा, उसने प्रार्थना में गिड़गिड़ाकर यहोवा से मदद माँगी। इससे यहोवा के लिए उसका प्यार इतना मज़बूत हुआ कि वह अश्‍लील तसवीरें देखने की अपनी इच्छा पर काबू कर पाया। अगर हम इससे दूर रहना चाहते हैं, तो हमें भी यहोवा से गहरा प्यार करना चाहिए और बुराई से नफरत करनी चाहिए।​—भजन 97:10 पढ़िए।

गुस्सा, गाली-गलौज और झूठ को खुद से दूर करो

12. स्टीफन ने कैसे गुस्सा और गाली-गलौज करना छोड़ा?

12 कुछ लोगों को बहुत जल्दी गुस्सा आ जाता है और वे चुभनेवाली और अपमान करनेवाली बातें कहते हैं। इससे पूरा परिवार दुखी हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया के रहनेवाले स्टीफन की मिसाल लीजिए, जो एक पिता है। वह बहुत गाली-गलौज करता था और छोटी-छोटी बातों पर भड़क उठता था। वह कहता है, “मैं और मेरी पत्नी तीन बार अलग हुए थे और हमारा तलाक भी होनेवाला था।” उसी दौरान स्टीफन और उसकी पत्नी साक्षियों के साथ अध्ययन करने लगे। स्टीफन सीखी बातों को अपनी ज़िंदगी में लागू करने लगा। वह कहता है कि यहोवा को जानने से पहले जब भी उसे गुस्सा आता था तो उसे लगता था कि वह बम की तरह कभी-भी फट जाएगा। लेकिन बाइबल की सलाह पर चलने से स्टीफन खुद को बदलने लगा। वह कहता है, “घर का माहौल सुधरने लगा। यहोवा की मदद से अब मैं वह शांति और सुकून महसूस करता हूँ जो मैंने पहले कभी नहीं महसूस किया था।” आज स्टीफन सहायक सेवक है और उसकी पत्नी कई सालों से पायनियर सेवा कर रही है। स्टीफन की मंडली के प्राचीन कहते हैं, “स्टीफन एक शांत, मेहनती और नम्र भाई है।” वे यह भी कहते हैं कि उन्होंने उसे कभी गुस्सा होते नहीं देखा। क्या स्टीफन ये बदलाव अपने बल पर कर पाया है? वह कहता है, “मुझे जो भी आशीषें मिली हैं वे सब यहोवा की वजह से मिली हैं। सारा श्रेय उसी को जाता है। अगर उसने मेरी मदद न की होती, तो शायद ही मैं अपनी शख्सियत को पूरी तरह बदल पाता।”

13. गुस्सा करना क्यों खतरनाक है? इस बारे में बाइबल हमें क्या चेतावनी देती है?

13 बाइबल हमें गुस्सा करने, चुभनेवाली बातें बोलने और चीखने-चिल्लाने से खबरदार करती है। (इफि. 4:31) ये बातें एक इंसान को हिंसा करने के लिए उकसा सकती हैं। आज कई लोगों को लगता है कि गुस्सा करना और मार-पीट करना आम बात है। लेकिन इन कामों से हमारे सृष्टिकर्ता का अपमान होता है। बहुत-से लोगों को नयी शख्सियत पहनने के लिए ऐसे कामों को छोड़ना पड़ा है।​—भजन 37:8-11 पढ़िए।

14. क्या एक खूँखार इंसान नम्र बन सकता है?

14 हान्स की मिसाल लीजिए जो ऑस्ट्रिया की एक मंडली में प्राचीन है। प्राचीनों के निकाय का संयोजक उसके बारे में कहता है, “वह हमारी मंडली का सबसे नम्र भाई है।” लेकिन हान्स शुरू से ऐसा नहीं था। जवानी में ही उसे शराब पीने की लत लग गयी और वह बहुत खूँखार बन गया। एक बार जब वह नशे में था तो गुस्से में आकर उसने अपनी गर्लफ्रेंड का खून कर दिया। उसे 20 साल की जेल हो गयी। जेल में भी उसकी शख्सियत नहीं बदली। फिर उसकी माँ ने एक प्राचीन से कहा कि वह हान्स से जाकर मिले। हान्स बाइबल अध्ययन करने लगा। उसने कहा, “अपनी पुरानी शख्सियत को उतार फेंकना मेरे लिए आसान नहीं था। लेकिन बाइबल की कई आयतों ने मेरी हिम्मत बढ़ायी जैसे यशायाह 55:7 जहाँ लिखा है, ‘दुष्ट इंसान अपनी दुष्ट राह छोड़ दे।’ एक और आयत है 1 कुरिंथियों 6:11 जहाँ बुरे कामों को छोड़नेवालों के बारे में कहा गया है, ‘तुममें से कुछ लोग पहले ऐसे ही काम करते थे।’ यहोवा ने कई सालों तक मेरे साथ सब्र रखा और अपनी पवित्र शक्‍ति देकर मेरी मदद की ताकि मैं नयी शख्सियत पहन सकूँ।” जेल में रहते हुए हान्स ने बपतिस्मा लिया और साढ़े सत्रह साल बाद उसे रिहा किया गया। वह कहता है, “यहोवा ने मुझ पर अपार दया की है और मुझे माफ किया है। इसके लिए मैं उसका बहुत एहसानमंद हूँ।”

15. पुरानी शख्सियत की एक और आदत क्या है? बाइबल इस बारे में क्या बताती है?

15 झूठ बोलना भी पुरानी शख्सियत की एक आदत है। आज कई लोग झूठ का सहारा इसलिए लेते हैं क्योंकि वे टैक्स नहीं देना चाहते या फिर किसी मामले में अपनी गलती नहीं मानना चाहते। लेकिन यहोवा ‘सच्चाई का परमेश्वर’ है। (भज. 31:5) वह चाहता है कि उसके सभी सेवक “सच बोले,” झूठ नहीं। (इफि. 4:25; कुलु. 3:9) इसलिए हमें हर हाल में सच बोलना चाहिए तब भी जब हमें ऐसा करना मुश्किल लगे या इस वजह से हमें शर्मिंदा होना पड़े।​—नीति. 6:16-19.

वे कैसे अपनी लड़ाई जीत पाए?

16. हम कैसे पुरानी शख्सियत को उसकी आदतों समेत उतार सकते हैं?

16 हम अपनी ताकत से पुरानी शख्सियत को उसकी आदतों समेत नहीं उतार सकते। साकूरा, रीबेरो, स्टीफन और हान्स इन सबको अपने पुराने तौर-तरीके बदलने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। लेकिन परमेश्वर के वचन और पवित्र शक्‍ति से उन्हें ताकत मिली जिस वजह से वे अपनी लड़ाई जीत पाए। (लूका 11:13; इब्रा. 4:12) अगर हम भी यह ताकत पाना चाहते हैं तो हमें हर दिन बाइबल पढ़नी चाहिए, उस पर मनन करना चाहिए और लगातार यहोवा से प्रार्थना करनी चाहिए ताकि वह हमें सीखी बातों को लागू करने के लिए बुद्धि और हिम्मत दे। (यहो. 1:8; भज. 119:97; 1 थिस्स. 5:17) इसके अलावा, हमें सभाओं की तैयारी भी करनी चाहिए और उनमें हाज़िर होना चाहिए। (इब्रा. 10:24, 25) यही नहीं, यहोवा के संगठन ने जो ढेरों इंतज़ाम किए हैं जैसे, हमारी पत्रिकाएँ, JW ब्रॉडकास्टिंग, jw.org और JW लाइब्रेरी, इनका भी हमें फायदा उठाना चाहिए।​—लूका 12:42.

पुरानी शख्सियत को उतार फेंकने में हम कैसे कामयाब हो सकते हैं? (पैराग्राफ 16 देखिए)

17. अगले लेख में हम क्या चर्चा करेंगे?

17 अब तक हमने चर्चा की है कि कैसे एक मसीही पुरानी शख्सियत की कुछ आदतों को छोड़ सकता है और उससे दूर रह सकता है। लेकिन हमें एक और काम करना है। हमें नयी शख्सियत पहन लेना है और इसे हमेशा पहने रहना है। अगले लेख में हम चर्चा करेंगे कि हम यह कैसे कर सकते हैं।