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अध्ययन लेख 2

मंडली में यहोवा की तारीफ कीजिए

मंडली में यहोवा की तारीफ कीजिए

“मैं . . . मंडली के बीच तेरी तारीफ करूँगा।”​—भज. 22:22.

गीत 59 मेरे संग याह की तारीफ करो

लेख की एक झलक *

1. दाविद ने यहोवा के बारे में कैसा महसूस किया और इस बात ने उसे क्या करने के लिए उभारा?

राजा दाविद ने लिखा, “यहोवा महान है, सबसे ज़्यादा तारीफ के काबिल है।” (भज. 145:3) वह यहोवा से बेहद प्यार करता था और इसी प्यार ने उसे उभारा कि वह “मंडली के बीच” यहोवा की तारीफ करे। (भज. 22:22; 40:5) बेशक आप भी यहोवा से प्यार करते हैं। आप दाविद के इन शब्दों से भी सहमत होंगे, “हे हमारे पिता इसराएल के परमेश्‍वर यहोवा, युग-युग तक तेरी तारीफ होती रहे।”​—1 इति. 29:10-13.

2. (क) हम किस तरह यहोवा की तारीफ कर सकते हैं? (ख) कुछ भाई-बहन किस समस्या का सामना करते हैं? (ग) इस लेख में हम पहले क्या देखेंगे?

2 आज हम कई तरीकों से यहोवा की तारीफ करते हैं। उनमें से एक तरीका है, मसीही सभाओं में जवाब देना। ऐसे कई भाई-बहन हैं, जो सभाओं में जवाब तो देना चाहते हैं, लेकिन डर के मारे दे नहीं पाते। यह उनके लिए सच में एक बड़ी समस्या है। वे अपने डर पर काबू कैसे पा सकते हैं? ऐसे कौन-से सुझाव हैं जो हम सबकी मदद कर सकते हैं, ताकि हम हौसला बढ़ानेवाले जवाब दे सकें? इन सवालों के जवाब जानने से पहले आइए ऐसी चार अहम वजह देखें कि हम सभाओं में जवाब क्यों देते हैं।

हम सभाओं में जवाब क्यों देते हैं?

3-5. (क) इब्रानियों 13:15 के मुताबिक हम सभाओं में जवाब क्यों देते हैं? (ख) क्या हम सबको एक-जैसे जवाब देने हैं? समझाइए।

3 यहोवा ने हम सभी को यह सम्मान दिया है कि हम उसकी तारीफ करें। (भज. 119:108) जब हम सभाओं में जवाब देते हैं, तो एक तरह से हम यहोवा को “तारीफ का बलिदान” चढ़ाते हैं। यह बलिदान हमारे लिए कोई और नहीं चढ़ा सकता! (इब्रानियों 13:15 पढ़िए।) क्या यहोवा यह माँग करता है कि हम सब उसे एक-जैसा बलिदान चढ़ाएँ यानी एक-जैसे जवाब दें? बिलकुल नहीं!

4 यहोवा जानता है कि हमारे हालात एक-जैसे नहीं हैं और हममें एक-जैसी काबिलीयतें भी नहीं हैं। इस वजह से हम अपने हालात और काबिलीयत के मुताबिक उसे जो बलिदान चढ़ाते हैं, उसकी वह दिल से कदर करता है। ज़रा सोचिए कि इसराएल राष्ट्र में उसने अपने लोगों से कैसे-कैसे बलिदान स्वीकार किए। कुछ इसराएली उसे एक मेम्ना या बकरी चढ़ाते थे, तो कुछ इसराएली गरीब होने की वजह से उसे सिर्फ “दो फाख्ते या कबूतर के दो बच्चे” चढ़ाते थे। लेकिन जिस इसराएली की इतनी भी हैसियत नहीं थी कि वह दो चिड़ियाँ चढ़ा सके, तो वह “एपा का दसवाँ भाग मैदा” चढ़ावे के तौर पर दे सकता था। (लैव्य. 5:7, 11) दूसरे बलिदानों के मुकाबले मैदा सस्ता होता था, फिर भी यहोवा को वह चढ़ावा मंज़ूर था। उस इसराएली को बस इस बात का ध्यान रखना था कि चढ़ावे में किसी भी तरह का आटा नहीं, बल्कि “मैदा” देना है।

5 हमारा प्यारा परमेश्‍वर आज भी बदला नहीं है। वह यह माँग नहीं करता कि हम सबके जवाब अपुल्लोस की तरह हों जो बात करने में माहिर था, न ही पौलुस की तरह जो दूसरों को बड़ी आसानी से कायल कर सकता था। (प्रेषि. 18:24; 26:28) यहोवा बस इतना चाहता है कि हम अपनी काबिलीयत और हालात के हिसाब से अच्छे-से-अच्छा जवाब दें। उस विधवा को याद कीजिए, जिसने दो छोटे सिक्के दान किए थे। यहोवा उससे बहुत खुश हुआ, क्योंकि उसने अपनी हैसियत के मुताबिक सबसे अच्छा दान दिया था।​—लूका 21:1-4.

जवाब देने से हमें फायदा होता है और जवाब सुननेवालों को भी (पैराग्राफ 6-7 देखें) *

6. (क) इब्रानियों 10:24, 25 के मुताबिक दूसरों के जवाब सुनकर हम पर क्या असर हो सकता है? (ख) हम कैसे दिखा सकते हैं कि हमें उनके जवाबों की कदर है?

6 हम अपने जवाबों से एक-दूसरे की हिम्मत बँधाते हैं। (इब्रानियों 10:24, 25 पढ़िए।) सभाओं में अलग-अलग लोगों के जवाब सुनना किसे अच्छा नहीं लगता! जब कोई बच्चा एक-दो शब्दों में जवाब देता है, तो हमारे चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। या जब कोई भाई या बहन जोश के साथ जवाब देता है कि हाल ही में उसने कौन-सी नयी बात सीखी है, तो हममें भी जोश भर आता है। या फिर जब हम देखते हैं कि एक मसीही शर्मीला है या वह हमारी भाषा अभी सीख रहा है, फिर भी वह ‘हिम्मत जुटाकर’ जवाब देता है, तो हमें कितना अच्छा लगता है! (1 थिस्स. 2:2) हम इन भाई-बहनों की मेहनत की कदर कैसे कर सकते हैं? सभा के बाद हम उनका धन्यवाद कर सकते हैं कि उन्होंने अपने जवाब से हमारा हौसला बढ़ाया। एक और तरीका है, खुद जवाब देना। इस तरह सभाओं से न सिर्फ हमारा हौसला बढ़ेगा, बल्कि हम दूसरों का भी हौसला बढ़ाएँगे।​—रोमि. 1:11, 12.

7. सभाओं में जवाब देने से हमें कौन-से फायदे होते हैं?

7 जवाब देने से खुद हमें फायदा होता है। (यशा. 48:17) वह किस तरह? पहला, जब हम जवाब देने का लक्ष्य रखते हैं, तो हमें सभाओं की अच्छी तैयारी करने का बढ़ावा मिलता है। अच्छी तैयारी करने से हमें परमेश्‍वर के वचन की और भी गहरी समझ मिलती है और जितना हमारी समझ बढ़ती है, उतना ही हम सीखी बातों को अच्छे-से लागू कर पाते हैं। दूसरा, जब हम सभा में होनेवाली चर्चा में हिस्सा लेते हैं, तो हमें सभा में और भी मज़ा आता है। तीसरा, जवाबों की तैयारी करने में मेहनत लगती है, इसलिए अकसर हमें अपने जवाब सभाओं के बाद भी लंबे समय तक याद रहते हैं।

8-9. (क) जब हम सभाओं में जवाब देते हैं, तो मलाकी 3:16 के मुताबिक यहोवा क्या करता है? (ख) फिर भी कुछ लोग कैसा महसूस करते हैं?

8 सभाओं में अपना विश्‍वास ज़ाहिर करके हम यहोवा को खुश करते हैं। हम पूरा यकीन रख सकते हैं कि यहोवा हमारे जवाब सुनता है और हमारी कोशिशों की दिल से कदर करता है। (मलाकी 3:16 पढ़िए।) हमें आशीषें देकर वह ज़ाहिर करता है कि उसे हमारी मेहनत की सच में कदर है।​—मला. 3:10.

9 अब तक हमने सभाओं में जवाब देने की चार अहम वजह देखीं। फिर भी शायद कुछ लोग सभा में हाथ उठाने से डरें। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो निराश मत होइए। आइए बाइबल में दिए कुछ सिद्धांतों और उदाहरणों, साथ ही कुछ सुझावों पर ध्यान दें। इनसे हम सभाओं में ज़्यादा जवाब दे पाएँगे।

डर पर काबू कैसे पाएँ?

10. (क) हममें से कई लोगों को किस वजह से डर लगता है? (ख) जवाब देने से डरना दरअसल क्या दिखाता है?

10 क्या आपके साथ ऐसा होता है कि आप जवाब देना तो चाहते हैं, लेकिन जब मौका आता है, तो आपके हाथ-पैर फूल जाते हैं? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। सच कहें तो हममें से ज़्यादातर लोग जवाब देने से घबराते हैं। लेकिन इस डर पर काबू पाने के लिए पहले आपको समझना होगा कि आपको किस वजह से डर लगता है। क्या इस वजह से कि आप जवाब भूल जाएँगे या गलत जवाब दे देंगे? क्या आपको यह चिंता सताती है कि आपका जवाब दूसरों जितना अच्छा नहीं होगा? देखा जाए तो ऐसी चिंता या डर होना अच्छी बात है। यह दिखाता है कि आप नम्र हैं और दूसरों को खुद से बेहतर समझते हैं। यहोवा नम्र लोगों को देखकर खुश होता है। (भज. 138:6; फिलि. 2:3) लेकिन वह यह भी चाहता है कि आप सभाओं में उसकी तारीफ करें और भाई-बहनों का हौसला बढ़ाएँ। (1 थिस्स. 5:11) वह आपसे बहुत प्यार करता है और आपको जवाब देने की हिम्मत देगा।

11. बाइबल में दी कौन-सी आयतें हमारी मदद कर सकती हैं?

11 बाइबल में दी कुछ आयतों पर ध्यान दीजिए। बाइबल बताती है कि हम सब बोलने में गलतियाँ करते हैं। (याकू. 3:2) यहोवा हमसे परिपूर्णता की उम्मीद नहीं करता, न ही हमारे भाई-बहन करते हैं। (भज. 103:12-14) हम सब एक ही परिवार का हिस्सा हैं और हमारे भाई-बहन हमसे बेहद प्यार करते हैं। (मर. 10:29, 30; यूह. 13:35) वे समझते हैं कि कई बार जवाब देते वक्‍त हम जो कहना चाहते हैं, वह ठीक से नहीं कह पाते।

12-13. नहेमायाह और योना से हम क्या सीखते हैं?

12 अपने डर पर काबू पाने के लिए बाइबल में दिए कुछ उदाहरणों पर ध्यान दीजिए। ज़रा नहेमायाह के बारे में सोचिए। वह एक ताकतवर राजा के दरबार में सेवा करता था। वह यह सुनकर बहुत दुखी हो गया था कि यरूशलेम की शहरपनाह और फाटक अब भी उजाड़ पड़े हैं। (नहे. 1:1-4) जब राजा ने उसे उदास देखा, तो उसने इसकी वजह पूछी। सोचिए कि उस वक्‍त किस तरह नहेमायाह के हाथ-पैर फूल गए होंगे। मगर तभी उसने यहोवा से प्रार्थना की और राजा को वजह बतायी। इसका नतीजा यह हुआ कि राजा ने परमेश्‍वर के लोगों की बहुत मदद की। (नहे. 2:1-8) अब योना के बारे में सोचिए। जब यहोवा ने उसे नीनवे के लोगों को प्रचार करने के लिए कहा, तो वह इतना डर गया कि नीनवे से उलटी दिशा में भाग गया। (योना 1:1-3) लेकिन फिर यहोवा ने उसकी मदद की और वह नीनवे जाकर लोगों को प्रचार कर पाया। इससे वहाँ के लोगों का भला हुआ। (योना 3:5-10) नहेमायाह और योना से हम क्या सीखते हैं? नहेमायाह से हम सीखते हैं कि जवाब देने से पहले प्रार्थना करना कितना ज़रूरी है और योना से हम सीखते हैं कि चाहे हमें जो भी डर सताए, यहोवा की मदद से हम उसकी महिमा कर सकते हैं। ज़रा सोचिए, क्या किसी मंडली में जवाब देना नीनवे के लोगों को प्रचार करने से ज़्यादा मुश्‍किल है?

13 सभाओं में हौसला बढ़ानेवाले जवाब देने के लिए कुछ सुझाव आपके बहुत काम आ सकते हैं। आइए इन सुझावों पर ध्यान दें।

14. (क) हमें सभाओं की अच्छी तैयारी क्यों करनी चाहिए? (ख) हम यह तैयारी कब कर सकते हैं?

14 हर सभा की तैयारी कीजिए। जब आप पहले से योजना बनाकर सभा की अच्छी तैयारी करते हैं, तो आप हिम्मत से जवाब दे पाते हैं। (नीति. 21:5) बेशक सभाओं की तैयारी करने के लिए हम सब एक ही समय नहीं तय करते। बहन एलोवीज़ जिनकी उम्र 80 से ऊपर है, हफ्ते की शुरूआत से ही प्रहरीदुर्ग  अध्ययन की तैयारी करने लगती हैं। वे बताती हैं, “मैंने देखा है कि अगर मैं पहले से तैयारी करती हूँ, तो मुझे सभाओं से ज़्यादा फायदा होता है।” वहीं दूसरी तरफ जॉय नाम की एक बहन नौकरी करती है और वह सभा से एक दिन पहले प्रहरीदुर्ग  अध्ययन की तैयारी करती है। वह बताती है, “इस तरह तैयारी करने से मैं बातों को अच्छी तरह याद रख पाती हूँ।” आइक नाम का प्राचीन, जो मंडली के कामों में व्यस्त रहता है और एक पायनियर भी है, कहता है, “मैं एक ही बार में अध्ययन करने के बजाय पूरे हफ्ते के दौरान थोड़ा-थोड़ा अध्ययन करता हूँ, इससे मुझे ज़्यादा फायदा होता है।”

15. आप सभाओं की अच्छी तैयारी कैसे कर सकते हैं?

15 सभाओं की अच्छी तैयारी करने में क्या शामिल है? हर बार अध्ययन करने से पहले यहोवा से उसकी पवित्र शक्‍ति माँगिए। (लूका 11:13; 1 यूह. 5:14) फिर पूरे लेख पर एक नज़र दौड़ाइए। लेख के शीर्षक, उपशीर्षकों, तसवीरों और बक्स पर ध्यान दीजिए। इसके बाद हर पैराग्राफ का अध्ययन करते वक्‍त हो सके तो वहाँ दी गयी सभी आयतें पढ़िए। जानकारी पर गहराई से सोचिए और उन मुद्दों पर खास ध्यान दीजिए, जिनके बारे में आप जवाब देना चाहते हैं। आप जितनी अच्छी तैयारी करेंगे, उतना ही आपको फायदा होगा और सभा में जवाब देना भी आसान होगा।​—2 कुरिं. 9:6.

16. (क) डिजिटल रूप में आपके लिए क्या मदद हाज़िर है? (ख) आप इनका कैसे इस्तेमाल करते हैं?

16 आपकी भाषा में डिजिटल रूप में जो मदद हाज़िर है, उसका फायदा उठाइए। यहोवा ने अपने संगठन के ज़रिए हमें सभाओं की तैयारी करने के लिए डिजिटल रूप में काफी मदद दी है। JW लाइब्रेरी  ऐप में हम अध्ययन के लिए प्रकाशन अपने फोन में डाउनलोड कर सकते हैं। इस तरह हम कहीं भी और कभी-भी उन प्रकाशनों का अध्ययन कर सकते हैं या कम-से-कम उन्हें पढ़ या सुन सकते हैं। कुछ भाई-बहन इस ऐप के ज़रिए स्कूल या काम की जगह पर लंच ब्रेक में या सफर करते वक्‍त अध्ययन करते हैं। इसके अलावा अगर हमें किसी मुद्दे पर ज़्यादा खोजबीन करनी है, तो वॉचटावर लाइब्रेरी  और वॉचटावर ऑनलाइन लाइब्रेरी  की मदद से हम आसानी से ऐसा कर सकते हैं।

सभाओं की तैयारी करने के लिए आप कब समय निकालते हैं? (पैराग्राफ 14-16 देखें) *

17. (क) एक-से-ज़्यादा जवाब तैयार करना क्यों अच्छा है? (ख) यहोवा के दोस्त बनो​—जवाब देने की तैयारी करो  वीडियो से आपने क्या सीखा?

17 हो सके तो हर लेख में एक-से-ज़्यादा जवाब तैयार कीजिए। वह क्यों? क्योंकि ज़रूरी नहीं कि जब आप जवाब देने के लिए हाथ खड़ा करें, तो आपसे ही पूछा जाए। शायद उसी सवाल के लिए दूसरे लोग भी हाथ उठाएँ और सभा चलानेवाला भाई उनमें से किसी एक से पूछे। हो सकता है कि भाई समय पर सभा खत्म करने के लिए कुछ मुद्दों पर ज़्यादा लोगों से जवाब न पूछे। इस वजह से अगर अध्ययन की शुरूआत में वह आपसे जवाब नहीं पूछता, तो बुरा मत मानिए और न ही निराश होइए। एक-से-ज़्यादा जवाब तैयार करने से आपको चर्चा के दौरान जवाब देने के और भी मौके मिलेंगे। आप चाहे तो कोई आयत पढ़ने की सोच सकते हैं। लेकिन हो सके तो अपने शब्दों में भी जवाब देने की तैयारी कीजिए। *

18. छोटा जवाब देना क्यों ज़रूरी है?

18 छोटे जवाब दीजिए। अकसर देखा जाता है कि छोटे और आसान जवाब से ही हमारा हौसला बढ़ता है। इस वजह से अपने जवाब छोटे रखिए, हो सके तो 30 सेकंड के। (नीति. 10:19; 15:23) अगर आप सालों से सच्चाई में हैं, तो आपकी ज़िम्मेदारी बनती है कि आप छोटे जवाब देकर दूसरों के लिए अच्छी मिसाल रखें। अगर आप लंबे-चौड़े जवाब देंगे, तो दूसरों को लगेगा कि वे आपके जितना अच्छा जवाब नहीं दे सकते और वे शायद जवाब देने से हिचकिचाएँ। इसके अलावा छोटे जवाब देने से दूसरों को जवाब देने के और भी मौके मिलते हैं। जब किसी पैराग्राफ में पहले आपसे पूछा जाता है, तो सीधा-सीधा जवाब दीजिए। पैराग्राफ में दिए सभी मुद्दों पर जवाब मत दीजिए। मुख्य मुद्दे पर चर्चा हो जाने के बाद आप चाहे तो उससे जुड़े दूसरे मुद्दे बता सकते हैं।​—“ किस बारे में जवाब दें?” नाम का बक्स देखें।

19. सभा चलानेवाला भाई आपकी मदद कैसे कर सकता है, लेकिन इसके लिए आपको क्या करना होगा?

19 सभा चलानेवाले भाई को बताइए कि आप कौन-से पैराग्राफ में जवाब देना चाहते हैं। अगर आप ऐसा करना चाहते हैं, तो सभा शुरू होने से काफी पहले उसे बताइए। फिर जब उस पैराग्राफ पर सवाल किया जाता है, तो फौरन अपना हाथ उठाइए और अच्छे से उठाइए, ताकि सभा चलानेवाला भाई आपका हाथ देख सके।

20. मंडली की सभाएँ दोस्तों के साथ खाना खाने की तरह कैसे हैं?

20 मंडली की सभाओं की तुलना अच्छे दोस्तों के साथ खाना खाने से की जा सकती है। मान लीजिए, मंडली के कुछ दोस्तों ने तय किया है कि वे साथ मिलकर खाना खाएँगे। आपसे कहा जाता है कि आप भी कुछ बनाकर लाएँ। ऐसे में आपको थोड़ी-बहुत घबराहट तो होगी, फिर भी आप अपनी तरफ से अच्छे-से-अच्छा बनाने की कोशिश करेंगे, ताकि आपके दोस्त उसे पसंद करें। उसी तरह हमारा मेज़बान यहोवा सभाओं में हमारे लिए बढ़िया-बढ़िया चीज़ें परोसता है। (भज. 23:5; मत्ती 24:45) इस दावत में जब हम एक छोटा-सा तोहफा लेकर आते हैं यानी अपनी तरफ से अच्छे-से-अच्छा जवाब देने की कोशिश करते हैं, तो यहोवा बहुत खुश होता है। इस वजह से सभाओं की अच्छी तैयारी कीजिए और जितना हो सके, उनमें खुलकर भाग लीजिए। इस तरह आप यहोवा की मेज़ से न सिर्फ खाएँगे, बल्कि पूरी मंडली के लिए एक तोहफा लेकर आएँगे।

गीत 2 यहोवा तेरा नाम

^ पैरा. 5 भजन के एक लेखक दाविद की तरह हम भी यहोवा से प्यार करते हैं और उसकी तारीफ करने से खुशी पाते हैं। खासकर मसीही सभाओं में हमें मौका मिलता है कि हम जवाब देकर यहोवा के लिए अपना प्यार ज़ाहिर करें। लेकिन हममें से कुछ भाई-बहनों के लिए सभाओं में जवाब देना आसान नहीं होता। अगर आप इस मुश्‍किल का सामना कर रहे हैं, तो इस लेख से आपको काफी मदद मिलेगी। इससे आप समझ पाएँगे कि आपको जवाब देने से डर क्यों लगता है और आप इस डर पर काबू कैसे पा सकते हैं।

^ पैरा. 17 jw.org पर शास्त्र से जानिए > बच्चों के लिए भाग में यहोवा के दोस्त बनो​—जवाब देने की तैयारी करो  वीडियो देखें।

^ पैरा. 63 तसवीर के बारे में: एक मंडली के भाई-बहन प्रहरीदुर्ग  की चर्चा के दौरान खुशी-खुशी हिस्सा ले रहे हैं।

^ पैरा. 65 तसवीर के बारे में: उसी मंडली के कुछ भाई-बहन दिखाए गए हैं। हालाँकि उनके हालात अलग-अलग हैं, फिर भी वे समय निकालकर सभा की तैयारी कर रहे हैं।