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शैतान का एक खतरनाक फंदा​—⁠इससे कैसे बचें?

शैतान का एक खतरनाक फंदा​—⁠इससे कैसे बचें?

बात उस वक्‍त की है, जब इसराएली यरदन नदी पार करने ही वाले थे। वे उस देश में जाने की तैयारी कर रहे थे, जिसका वादा परमेश्‍वर ने उनसे किया था। तभी कुछ विदेशी औरतें इसराएली आदमियों को एक दावत का न्यौता देने आयीं। शायद कुछ आदमियों को लगा कि ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलेगा। वहाँ जाकर वे नए-नए दोस्त बना पाएँगे, नाच-गाने और लज़ीज़ खाने का मज़ा ले पाएँगे। हालाँकि उन औरतों के तौर-तरीके और नैतिक स्तर परमेश्‍वर के कानून से मेल नहीं खाते थे, फिर भी शायद उन आदमियों ने सोचा, ‘हमें अच्छा-बुरा पता है, हम सब सँभाल लेंगे।’

इसके बाद क्या हुआ? बाइबल उन इसराएलियों के बारे में बताती है, “वे मोआबी औरतों के साथ नाजायज़ यौन-संबंध रखने लगे।” दरअसल वे औरतें चाहती थीं कि इसराएली आदमी झूठे देवी-देवताओं की उपासना करें। उन्होंने ऐसा ही किया! नतीजा यह हुआ कि “इसराएल पर यहोवा का क्रोध भड़क उठा।”​—गिन. 25:1-3.

इसराएलियों ने दो तरीकों से परमेश्‍वर का कानून तोड़ा। एक तो उन्होंने मूर्तियों की पूजा की और दूसरा, उन्होंने नाजायज़ यौन-संबंध रखे। इस वजह से हज़ारों लोग मारे गए। (निर्ग. 20:4, 5, 14; व्यव. 13:6-9) यह घटना खासकर इस वक्‍त क्यों बहुत दर्दनाक थी? क्योंकि इसराएली वादा किए गए देश में कदम रखने ही वाले थे। अगर उन हज़ारों आदमियों ने यहोवा का कानून माना होता, तो वे यरदन नदी के उस पार वादा किए गए देश में होते।​—गिन. 25:5, 9.

इसराएलियों के बारे में प्रेषित पौलुस ने लिखा, “ये बातें जो उन पर बीतीं, हमारे लिए मिसाल हैं और हमारी चेतावनी के लिए लिखी गयी थीं जो दुनिया की व्यवस्थाओं के आखिरी वक्‍त में जी रहे हैं।” (1 कुरिं. 10:7-11) बेशक शैतान यह देखकर बहुत खुश हुआ होगा कि कुछ इसराएलियों ने गंभीर पाप किया और इस वजह से वे वादा किए गए देश में जाने के लायक नहीं रहे। हमें उनकी गलतियों से सबक सीखना चाहिए, क्योंकि शैतान आज भी यही कोशिश करता है कि हम किसी-न-किसी तरह परमेश्‍वर की नयी दुनिया में जाने के लायक न रहें।

एक खतरनाक फंदा

आज शैतान मसीहियों को अपने फंदे में फँसाना चाहता है। इसके लिए वह ऐसी चालें चलता है जो पहले भी उसने लोगों पर आज़मायीं और वह कामयाब रहा। जैसे हमने देखा, उसने इसराएलियों के समय में नाजायज़ यौन-संबंध का फंदा बिछाया। आज भी वह यही खतरनाक फंदा बिछाता है। इसके लिए वह एक ज़बरदस्त तरीका अपनाता है और वह है, पोर्नोग्राफी यानी अश्‍लील तसवीरें या वीडियो।

आज लोग बड़ी आसानी से अश्‍लील तसवीरें या वीडियो देख सकते हैं और अकसर किसी को इसकी भनक भी नहीं लगती। सालों पहले अगर कोई गंदी फिल्म देखना या अश्‍लील किताबें पढ़ना चाहता, तो उसे सिनेमा हॉल जाना पड़ता था या बाज़ार जाकर ऐसी किताबें खरीदकर लानी होती थीं। लेकिन कई लोग ऐसी जगह जाने से झिझकते थे, क्योंकि वे सोचते थे कि अगर किसी ने उन्हें देख लिया, तो क्या सोचेगा। मगर आज लोग इंटरनेट के ज़रिए अपने काम की जगह पर या कार में बैठे-बैठे ही ऐसी तसवीरें या वीडियो देख सकते हैं। कई देशों में तो आज आदमियों या औरतों को बाहर जाने की ज़रूरत ही नहीं पड़ती, वे घर के अंदर ही गंदी तसवीरें या वीडियो देख सकते हैं।

इतना ही नहीं, आज मोबाइल फोन की वजह से लोग कहीं भी, किसी भी वक्‍त अश्‍लील तसवीरें या वीडियो देख सकते हैं। चाहे लोग रास्ते में चल रहे हों या फिर बस या ट्रेन में सफर कर रहे हों, वे बड़ी आसानी से अपने मोबाइल या टैबलेट में ऐसी गंदी चीज़ें देख सकते हैं।

जैसे हमने देखा, अश्‍लील तसवीरें या वीडियो देखना और यह बात छिपाए रखना बहुत आसान हो गया है, इसलिए आज पहले से कहीं ज़्यादा लोग इसके शिकार हो रहे हैं। इससे उनकी शादीशुदा ज़िंदगी तबाह हो जाती है, वे अपनी ही नज़रों में गिर जाते हैं और उनका ज़मीर उन्हें कचोटता रहता है। परमेश्‍वर के साथ उनका रिश्‍ता भी खतरे में पड़ जाता है। यकीन मानिए, अश्‍लील तसवीरें या वीडियो बहुत खतरनाक हैं, देखनेवालों के दिलो-दिमाग पर इनका बहुत बुरा असर होता है। यह असर काफी लंबे समय तक रहता है और कई मामलों में तो कभी खत्म नहीं होता।

लेकिन यहोवा हमें शैतान के इस फंदे से बचाना चाहता है। उसकी हिफाज़त में रहने के लिए हमें वह करना होगा, जो इसराएली आदमी करने से चूक गए थे। वह है कि हम ‘सख्ती से परमेश्‍वर की आज्ञा का पालन करें।’ (निर्ग. 19:5) याद रखिए कि यहोवा अश्‍लील तसवीरों या वीडियो से सख्त नफरत करता है। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं?

यहोवा की तरह इससे नफरत कीजिए

ज़रा इस बात पर ध्यान दीजिए: परमेश्‍वर ने इसराएल राष्ट्र को जो नियम-कानून दिए थे, वे बाकी राष्ट्रों के कानून से बहुत अलग थे। परमेश्‍वर के कानून ने दीवार की तरह इसराएल राष्ट्र की हिफाज़त की, उन्हें आस-पास के लोगों और उनके घिनौने कामों से बचाए रखा। (व्यव. 4:6-8) उस कानून से इसराएलियों ने एक अहम सच्चाई सीखी। वह यह कि यहोवा नाजायज़ यौन-संबंध से घृणा करता है।

जब यहोवा आस-पास के राष्ट्रों के अनैतिक कामों का ज़िक्र कर रहा था, तो उसने इसराएलियों से कहा, “न ही तुम कनान के लोगों के जैसे काम करना, जहाँ मैं तुम्हें ले जा रहा हूँ। . . . वह देश अशुद्ध है और मैं उसमें रहनेवालों को उनके गुनाहों की सज़ा दूँगा।” इसराएल के पवित्र परमेश्‍वर की नज़र में कनान के लोगों का रहन-सहन इतना घिनौना था कि इस वजह से वह देश अशुद्ध या दूषित हो गया था।​—लैव्य. 18:3, 25.

यहोवा ने कनानियों को सज़ा दी थी, फिर भी दूसरे लोगों ने सबक नहीं सीखा। करीब 1,500 साल बाद जिन देशों में मसीही रहते थे, उनका ज़िक्र करते वक्‍त प्रेषित पौलुस ने बताया कि वहाँ के लोग “शर्म-हया की सारी हदें पार कर चुके हैं।” दरअसल “उन्होंने खुद को निर्लज्ज कामों के हवाले कर दिया है ताकि हर तरह का अशुद्ध काम करते रहें और उसकी और भी लालसा करें।” (इफि. 4:17-19) आज भी बहुत-से लोग अनैतिक काम करते हैं और उन्हें कोई शर्म महसूस नहीं होती। मगर सच्चे उपासकों को पूरी कोशिश करनी चाहिए कि वे दुनिया के लोगों के अनैतिक काम देखने से दूर रहें।

अश्‍लील तसवीरों या वीडियो से परमेश्‍वर का घोर अपमान होता है। वह कैसे? परमेश्‍वर ने इंसान को अपनी छवि में और अपने जैसा बनाया। उसने इंसान को इतनी समझ दी है कि वह सही-गलत में फर्क जान सकता है। उसने बड़ी बुद्धिमानी से यौन-संबंधों के बारे में कुछ नियम-कानून दिए और बताया कि शादी के दायरे में रहकर ही आदमी और औरत यौन-संबंधों का सुख ले सकते हैं। (उत्प. 1:26-28; नीति. 5:18, 19) लेकिन उन लोगों के बारे में क्या कहा जा सकता है, जो गंदी तसवीरें या वीडियो बनाते हैं या इनका बढ़ावा देते हैं? ऐसे दुष्ट लोग परमेश्‍वर के नैतिक स्तर ठुकरा रहे होते हैं, वे यहोवा का घोर अपमान करते हैं। यहोवा इन लोगों को ज़रूर सज़ा देगा।​—रोमि. 1:24-27.

लेकिन उन लोगों के बारे में क्या, जो जानबूझकर अश्‍लील जानकारी पढ़ते या फिर गंदी तसवीरें या वीडियो देखते हैं? शायद कुछ लोगों को लगे कि यह बस मन बहलाने का एक तरीका है, इससे कोई नुकसान नहीं होता। मगर ऐसे लोग दरअसल यहोवा के स्तर ठुकरानेवालों का साथ दे रहे होते हैं, फिर चाहे शुरू-शुरू में वे दुष्ट लोगों का साथ देने के इरादे से ऐसा न करें। लेकिन बाइबल साफ बताती है कि परमेश्‍वर के सच्चे उपासकों को अश्‍लील तसवीरों या वीडियो से सख्त नफरत करनी चाहिए। यह हमें बढ़ावा देती है, “यहोवा से प्यार करनेवालो, बुराई से नफरत करो।”​—भज. 97:10.

जो लोग गंदी चीज़ें देखना नहीं चाहते, उनके लिए कई बार उनसे नज़रें फेरना मुश्‍किल हो सकता है। हम सब अपरिपूर्ण हैं और शायद हमें गलत यौन-इच्छाएँ ठुकराने में संघर्ष करना पड़ता हो। यही नहीं, शायद हमारा धोखेबाज़ दिल हमसे कहे कि अश्‍लील तसवीरें या वीडियो देखना इतना भी बुरा नहीं है। (यिर्म. 17:9) लेकिन कई लोग इस लड़ाई में जीत हासिल कर पाए हैं और यहोवा की सेवा कर रहे हैं। अगर आप ऐसा संघर्ष कर रहे हैं, तो हिम्मत रखिए। आप भी जीत हासिल कर सकते हैं। अब आइए गौर करें कि शैतान के इस फंदे से बचने के लिए परमेश्‍वर का वचन कैसे हमारी मदद कर सकता है।

बुरे खयाल अपने मन से फौरन निकाल दीजिए

जैसे हमने शुरू में देखा, बहुत-से इसराएलियों ने गलत इच्छाओं को अपने अंदर बढ़ने दिया। नतीजा, वे गलत काम कर बैठे और उन्होंने इसके भयानक अंजाम भुगते। आज हमारे मन में भी गलत इच्छा पैदा हो सकती है। यीशु के भाई याकूब ने इस खतरे के बारे में कहा, “हर किसी की इच्छा उसे खींचती और लुभाती है, . . . फिर इच्छा गर्भवती होती है और पाप को जन्म देती है।” (याकू. 1:14, 15) जब एक व्यक्‍ति के मन में अनैतिक इच्छा ज़ोर पकड़ लेती है, तो मुमकिन है कि वह पाप कर बैठेगा। तो यह कितना ज़रूरी है कि जब हमारे मन में कोई अनैतिक खयाल आए, तो उस बारे में हम सोचते न रहें, बल्कि तुरंत उसे मन से निकाल दें।

अगर बुरे खयाल बार-बार आपको लुभाते हैं, तो फौरन कोई कदम उठाइए। यीशु ने कहा, “अगर तेरा हाथ या पैर तुझसे पाप करवाता है तो उसे काटकर दूर फेंक दे। . . . अगर तेरी आँख तुझसे पाप करवाती है तो उसे नोंचकर निकाल दे और दूर फेंक दे।” (मत्ती 18:8, 9) यीशु यह नहीं कह रहा था कि हमें सचमुच अपने हाथ-पैर काट देने चाहिए। वह दरअसल समझा रहा था कि हमें यह जानने की कोशिश करनी चाहिए कि हमारे मन में बुरे खयाल किस वजह से आते हैं और फिर तुरंत उस बारे में कुछ करना चाहिए। यह सलाह हम अश्‍लील तसवीरों या वीडियो के मामले में कैसे लागू कर सकते हैं?

अगर आपके सामने कोई गंदी तसवीर या वीडियो आता है, तो यह मत सोचिए, ‘मैं अपने आपको सँभाल लूँगा।’ फौरन  अपनी नज़रें फेर लीजिए। उसी वक्‍त  टीवी बंद कर दीजिए। अपना कंप्यूटर या मोबाइल फोन तुरंत  बंद कर दीजिए। साफ-सुथरी और सही चीज़ें देखिए। इससे आप अपनी सोच पर काबू रख पाएँगे, बजाय इसके कि गलत इच्छाएँ आपको अपने काबू में कर लें।

जब पुरानी यादें बार-बार सताएँ

अगर आपने अश्‍लील तसवीरें या वीडियो देखना छोड़ दिया है, लेकिन समय-समय पर इनकी यादें आपको सताती हैं, तब क्या? अश्‍लील तसवीरें या उससे जुड़े गंदे खयाल एक व्यक्‍ति के मन में लंबे समय तक रह जाते हैं। वे कभी-भी उसके मन में फिर से आ सकते हैं। जब ऐसा होता है, तो शायद हस्तमैथुन करने का आपका मन करे। इस वजह से ऐसे खयालों से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहिए।

अपना यह इरादा और मज़बूत कीजिए कि आप ऐसी बातों के बारे में सोचेंगे और ऐसे काम करेंगे, जैसे यहोवा चाहता है। प्रेषित पौलुस की तरह बनिए, जो ‘अपने शरीर को मारता-कूटता और उसे एक दास बनाकर काबू में रखता था।’ (1 कुरिं. 9:27) बुरी इच्छाओं को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए। इसके बजाय यह सलाह मानिए, “नयी सोच पैदा करो ताकि तुम्हारी कायापलट होती जाए। तब तुम परखकर खुद के लिए मालूम करते रहोगे कि परमेश्‍वर की भली, उसे भानेवाली और उसकी परिपूर्ण इच्छा क्या है।” (रोमि. 12:2) याद रखिए: बुरी बातों के बारे में सोचने और बुरे काम करने से आप खुश नहीं रहेंगे, जबकि परमेश्‍वर की इच्छा के मुताबिक सोच ढालने और काम करने से आप हमेशा खुश रहेंगे।

बुरी बातों के बारे में सोचने और बुरे काम करने से आप खुश नहीं रहेंगे, लेकिन परमेश्‍वर की इच्छा के मुताबिक सोच ढालने और काम करने से आप हमेशा खुश रहेंगे

बाइबल की कुछ आयतें मुँह-ज़बानी याद कीजिए, जैसे भजन 119:37; यशायाह 52:11; मत्ती 5:28; इफिसियों 5:3; कुलुस्सियों 3:5 और 1 थिस्सलुनीकियों 4:4-8. फिर जब भी बुरे खयाल मन में आएँ, तो अपना ध्यान उनसे हटाकर उन आयतों पर लगाने की कोशिश कीजिए। उन आयतों की मदद से आप अश्‍लील तसवीरों और वीडियो से उतनी ही नफरत करेंगे, जितनी यहोवा करता है और फिर आप वही करेंगे, जो वह आपसे उम्मीद करता है।

लेकिन जब अश्‍लील चीज़ों से नज़रें फेरना या मन से बुरे खयाल निकालना आपके लिए बहुत मुश्‍किल हो, तब आप क्या करेंगे? हमारे आदर्श यीशु के नक्शे-कदम पर नज़दीकी से चलिए। (1 पत. 2:21) यीशु के बपतिस्मे के बाद शैतान ने बार-बार उसे फुसलाने की कोशिश की। यीशु ने क्या किया? वह बार-बार उसका विरोध करता रहा। उसने हर बार शास्त्र के आधार पर शैतान को जवाब दिया और वह जिन चीज़ों से उसे लुभाने की कोशिश कर रहा था, उन्हें उसने ठुकरा दिया। उसने कहा, “दूर हो जा शैतान!” और शैतान उसे छोड़कर चला गया। शैतान से लड़ने में यीशु ने हार नहीं मानी, न ही आपको हार माननी चाहिए। (मत्ती 4:1-11) शैतान और उसकी दुनिया लगातार आपका दिमाग अनैतिक बातों से भरने की कोशिश करेंगे, लेकिन हार मत मानिए, उनसे लड़ते रहिए। आप इस लड़ाई में जीत हासिल कर सकते हैं। यहोवा की मदद से आप अपने दुश्‍मन को हरा सकते हैं।

यहोवा से प्रार्थना कीजिए और उसका कहना मानिए

लगातार यहोवा से प्रार्थना कीजिए, उससे मदद माँगिए। पौलुस ने कहा, “परमेश्‍वर से बिनतियाँ करो। तब परमेश्‍वर की वह शांति जो समझ से परे है, मसीह यीशु के ज़रिए तुम्हारे दिल की और तुम्हारे दिमाग के सोचने की ताकत की हिफाज़त करेगी।” (फिलि. 4:6, 7) परमेश्‍वर जो शांति देता है, उसकी वजह से आप पाप से लड़ पाएँगे। अगर आप यहोवा के करीब आएँगे, तो “वह [आपके] करीब आएगा।”​—याकू. 4:8.

किसी भी खतरे से बचने का सबसे बढ़िया तरीका यह है कि आप पूरे जहान के मालिक के करीब रहें। यीशु ने कहा था, “इस दुनिया का राजा [शैतान] आ रहा है और मुझ पर उसका कोई ज़ोर नहीं चलता।” (यूह. 14:30) यीशु को इतना यकीन क्यों था कि शैतान का उस पर कोई ज़ोर नहीं चलता? एक बार उसने कहा, “जिसने मुझे भेजा है वह मेरे साथ है। उसने मुझे अकेला नहीं छोड़ा, क्योंकि मैं हमेशा वही करता हूँ जिससे वह खुश होता है।” (यूह. 8:29) अगर आप वही करें, जिससे यहोवा खुश होता है, तो वह आपको भी कभी अकेला नहीं छोड़ेगा। ठान लीजिए कि आप अश्‍लील तसवीरें या वीडियो नहीं देखेंगे, आप शैतान के फंदे में नहीं फँसेंगे, तब शैतान का आप पर कोई ज़ोर नहीं चलेगा।