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अध्ययन लेख 11

क्या आप बपतिस्मे के लिए तैयार हैं?

क्या आप बपतिस्मे के लिए तैयार हैं?

‘बपतिस्मा आज तुम्हें बचा रहा है।’—1 पत. 3:21.

गीत 28 कौन है यहोवा का दोस्त?

लेख की एक झलक *

1. घर बनाने से पहले क्या करना होता है?

मान लीजिए एक आदमी घर बनाना चाहता है। उसने सोच लिया है कि उसका घर कैसा होना चाहिए। अब क्या उसे सीधे जाकर घर बनाने का सामान खरीद लेना चाहिए और काम शुरू कर देना चाहिए? नहीं। काम शुरू करने से पहले उसे एक और बात का ध्यान रखना होगा। उसे हिसाब लगाना होगा कि घर बनाने में कितना पैसा लगेगा। यह क्यों ज़रूरी है? क्योंकि अगर उसके पास काफी पैसे होंगे, तो ही उसका मकान पूरा बनकर तैयार होगा।

2. लूका 14:27-30 के मुताबिक बपतिस्मा लेने से पहले आपको किस बारे में अच्छे से सोचना चाहिए?

2 शायद आप बपतिस्मा लेने की सोच रहे होंगे, क्योंकि आप यहोवा से प्यार करते हैं और उसके एहसानमंद हैं। बपतिस्मा लेने का फैसला भी घर बनाने जैसा है। हम ऐसा क्यों कह सकते हैं? ध्यान दीजिए कि लूका 14:27-30 में यीशु ने क्या कहा है। (पढ़िए।) वहाँ यीशु समझा रहा है कि उसका चेला बननेवालों को कैसी ज़िंदगी जीने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें कई त्याग करने होते हैं और मुश्‍किलों का सामना करना होता है। यह सब पहले से सोचकर रखना ऐसा है जैसे कोई घर बनाने से पहले ‘खर्च जोड़ता’ है। (लूका 9:23-26; 12:51-53) आपको इस बारे में अच्छे से सोचना होगा कि मसीह के चेलों से क्या उम्मीद की जाती है। तब आप बपतिस्मा लेने के लिए खुद को तैयार कर पाएँगे और हमेशा यहोवा की सेवा करते रहेंगे।

3. इस लेख में हम किस बारे में चर्चा करेंगे?

3 आप शायद सोचें कि क्या बपतिस्मा लेकर इतनी भारी ज़िम्मेदारी उठाना सही होगा? बेशक सही होगा! क्योंकि बपतिस्मा लेने से आप बहुत-सी आशीषें पाएँगे, आज भी और भविष्य में भी। अब आइए बपतिस्मे के बारे में कुछ ज़रूरी सवालों पर चर्चा करें। तब आप समझ पाएँगे कि क्या आप बपतिस्मे के काबिल हैं और क्या आपको बपतिस्मा लेना चाहिए।

समर्पण और बपतिस्मे के बारे में आपको क्या पता होना चाहिए?

4. (क) समर्पण क्या होता है? (ख) खुद से “इनकार” करने का मतलब क्या है?

4 समर्पण क्या होता है?  बपतिस्मा लेने से पहले आपको अपना जीवन यहोवा को समर्पित करना चाहिए। समर्पण का मतलब है, प्रार्थना में यहोवा से वादा करना कि आप हमेशा के लिए उसकी सेवा करेंगे। इस तरह जब आप अपनी ज़िंदगी यहोवा को समर्पित करेंगे, तो आप खुद से “इनकार” कर रहे होंगे। (मत्ती 16:24 पढ़िए।) इसके बाद से आप यहोवा के हो जाएँगे, जो कि एक बहुत बड़ी आशीष है। (रोमि. 14:8) जब आप अपना जीवन यहोवा को समर्पित करते हैं, तो आप एक शपथ लेते हैं यानी उससे वादा करते हैं कि अब से आप उसकी मरज़ी के मुताबिक जीएँगे, न कि अपनी मरज़ी के मुताबिक। हमें इस वादे को कभी हलके में नहीं लेना चाहिए। हालाँकि यहोवा हमसे ज़बरदस्ती नहीं करता कि हम उससे वादा करें, लेकिन अगर हमने यह वादा किया है तो वह चाहता है कि हम उसे पूरा भी करें।—भज. 116:12, 14.

5. समर्पण और बपतिस्मे में क्या फर्क है?

5 समर्पण और बपतिस्मे में क्या फर्क है?  समर्पण अकेले में किया जाता है। यहोवा के सिवा और कोई नहीं जानता कि आपने उसे अपना जीवन समर्पित किया है। लेकिन बपतिस्मा लोगों के सामने लिया जाता है, आम तौर पर किसी सम्मेलन या अधिवेशन में। जब आप बपतिस्मा लेते हैं, तो लोगों को पता चलता है कि आपने अपना जीवन यहोवा को समर्पित कर दिया है। * वे जान पाते हैं कि आप पूरे दिल, पूरी जान, पूरे दिमाग और पूरी ताकत से यहोवा से प्यार करते हैं और आपने हमेशा-हमेशा तक उसकी सेवा करने का फैसला किया है।—मर. 12:30.

6-7. हमें किन दो वजहों से बपतिस्मा लेना चाहिए?

6 क्या बपतिस्मा लेना वाकई ज़रूरी है?  1 पतरस 3:18-22 पर ध्यान दीजिए। (पढ़िए।) नूह ने जो जहाज़ बनाया वह लोगों के सामने इस बात का सबूत था कि उसे परमेश्‍वर पर विश्‍वास है। उसी तरह आपका बपतिस्मा लोगों को दिखाएगा कि आपने यहोवा को अपना जीवन समर्पित किया है। लेकिन क्या बपतिस्मा लेना सचमुच ज़रूरी है? जी हाँ। पतरस ने इसकी दो वजह बतायी हैं। पहली वजह, बपतिस्मा लेने से आपकी जान बच सकती है। वह कैसे? अगर आप अपने कामों से दिखाते हैं कि आप यीशु पर विश्‍वास करते हैं और मानते हैं कि उसने आपके लिए अपनी जान दी, उसे ज़िंदा किया गया और अब वह “परमेश्‍वर के दायीं तरफ” बैठा है, तो आपका बपतिस्मा आपकी जान बचा सकता है।

7 दूसरी वजह, बपतिस्मा लेने से आप एक “साफ ज़मीर” पाएँगे। जब आप समर्पण करके बपतिस्मा लेंगे, तो यहोवा के साथ आपका एक खास रिश्‍ता बन जाता है। सच्चा पश्‍चाताप करने और फिरौती पर विश्‍वास करने की वजह से आपको पापों की माफी मिलेगी। इसलिए यहोवा की नज़र में आपका ज़मीर साफ रहेगा।

8. बपतिस्मा लेने की सबसे खास वजह क्या होनी चाहिए?

8 बपतिस्मा लेने की सबसे खास वजह क्या होनी चाहिए?  बाइबल का ध्यान से अध्ययन करने की वजह से आपने यहोवा के बारे में बहुत कुछ सीखा। जब आपने जाना कि यहोवा कितना भला परमेश्‍वर है, तो यह आपके दिल को छू गया और आप भी उससे प्यार करने लगे। तो यहोवा के लिए प्यार ही बपतिस्मा लेने की सबसे खास वजह होनी चाहिए।

9. “पिता, बेटे और पवित्र शक्‍ति के नाम से” बपतिस्मा लेने का क्या मतलब है?

9 बपतिस्मा लेने की एक वजह यह भी है कि आपने बाइबल से कई सच्चाइयाँ सीखी हैं। याद कीजिए कि जब यीशु ने चेला बनाने की आज्ञा दी तो उसने क्या कहा था। (मत्ती 28:19, 20 पढ़िए।) उसने कहा कि लोगों को “पिता, बेटे और पवित्र शक्‍ति के नाम से” बपतिस्मा दिया जाए। इसका क्या मतलब है? आप यहोवा, उसके बेटे यीशु और पवित्र शक्‍ति के बारे में बाइबल से जो सच्चाई सीखते हैं, उस पर आपको पूरे दिल से विश्‍वास करना चाहिए। ये सच्चाइयाँ आपके दिल पर ज़बरदस्त असर कर सकती हैं। (इब्रा. 4:12) आइए ऐसी ही कुछ सच्चाइयों पर बात करें।

10-11. आपने पिता के बारे में कौन-सी सच्चाइयाँ सीखीं और उन पर विश्‍वास किया?

10 याद कीजिए कि आपने पिता के बारे में क्या-क्या सीखा। आपने जाना कि “उसका नाम यहोवा है,” वह “सारी धरती के ऊपर परम-प्रधान है” और सिर्फ वही “सच्चा परमेश्‍वर” है। (भज. 83:18; यशा. 37:16) वह हमारा सृष्टिकर्ता है और वही “उद्धार करनेवाला” है। (भज. 3:8; 36:9) यहोवा ने हमें पाप और मौत से छुड़ाने का इंतज़ाम किया और हमेशा की ज़िंदगी की आशा दी है। (यूह. 17:3) जब आप अपना जीवन यहोवा को समर्पित करेंगे और बपतिस्मा लेंगे, तो आप यहोवा के एक साक्षी बन जाएँगे। (यशा. 43:10-12) आप यहोवा के लोगों के परिवार का हिस्सा बन जाएँगे जो पूरी दुनिया में फैला है। इस परिवार के लोग इस बात पर गर्व महसूस करते हैं कि उनकी पहचान परमेश्‍वर के नाम से होती है और वे दूसरों को भी यह नाम बताते हैं।—भज. 86:12.

11 यह हमारे लिए कितनी खुशी की बात है कि हमने बाइबल से हमारे पिता यहोवा के बारे में सच्चाइयाँ सीखीं हैं। इन सच्चाइयों पर विश्‍वास करने से आपका दिल आपको उभारेगा कि आप अपना जीवन यहोवा को समर्पित करें और बपतिस्मा लें।

12-13. आपने बेटे के बारे में कौन-सी सच्चाइयाँ सीखीं और उन पर विश्‍वास किया?

12 जब आपने बेटे के बारे में सच्चाई सीखी, तो आपको कैसा लगा? आपने सीखा कि पूरे विश्‍व में यहोवा के बाद यीशु ही सबसे महान है। उसने हमारी फिरौती के लिए खुशी-खुशी अपनी जान दी। जब हम अपने कामों से दिखाएँगे कि हमें फिरौती पर विश्‍वास है, तो हमारे पाप माफ किए जाएँगे, हम परमेश्‍वर के दोस्त बन पाएँगे और हमेशा की ज़िंदगी पाएँगे। (यूह. 3:16) यीशु हमारा महायाजक है। वह चाहता है कि हम फिरौती के इंतज़ाम से फायदा पाएँ और यहोवा के साथ एक नज़दीकी रिश्‍ता कायम करें। (इब्रा. 4:15; 7:24, 25) वह परमेश्‍वर के राज का राजा है। उसी के ज़रिए परमेश्‍वर अपने नाम को पवित्र करेगा, बुराई को मिटाएगा और फिरदौस में हमें आशीषें देगा। (मत्ती 6:9, 10; प्रका. 11:15) यीशु हमारे लिए एक आदर्श भी है। (1 पत. 2:21) उसने सारी ज़िंदगी यहोवा की मरज़ी पूरी की। इस तरह उसने हमारे लिए एक अच्छी मिसाल रखी है।—यूह. 4:34.

13 बाइबल यीशु के बारे में जो बताती है, उस पर यकीन करने से आप यीशु से प्यार करने लगेंगे। यही प्यार आपको उभारेगा कि आप यीशु की तरह सारी ज़िंदगी परमेश्‍वर की मरज़ी पूरी करें। इसलिए आप चाहेंगे कि आप अपना जीवन यहोवा को समर्पित करें और बपतिस्मा लें।

14-15. आपने पवित्र शक्‍ति के बारे में कौन-सी सच्चाइयाँ सीखीं और उन पर विश्‍वास किया?

14 जब आपने पवित्र शक्‍ति के बारे में सच्चाइयाँ सीखीं, तो आपको कैसा लगा? आपने सीखा कि यह कोई व्यक्‍ति नहीं बल्कि परमेश्‍वर की ज़ोरदार शक्‍ति है। यहोवा ने पवित्र शक्‍ति की प्रेरणा से बाइबल लिखवायी थी और इसी शक्‍ति की मदद से हम बाइबल को समझ पाते हैं और उसमें बतायी बातों पर चल पाते हैं। (यूह. 14:26; 2 पत. 1:21) जब यहोवा हमें पवित्र शक्‍ति देता है, तो हमें वह ताकत मिलती है “जो आम इंसानों की ताकत से कहीं बढ़कर है।” (2 कुरिं. 4:7) इसी ताकत से हम प्रचार कर पाते हैं, बुरी इच्छाओं को काबू में कर पाते हैं, निराशा से उबर पाते हैं और दुख-तकलीफें सह पाते हैं। हम परमेश्‍वर को भानेवाले गुण भी दिखा पाते हैं। (गला. 5:22) जो लोग परमेश्‍वर पर भरोसा करते हैं और उससे सच्चे दिल से पवित्र शक्‍ति माँगते हैं, उन्हें वह बेझिझक यह शक्‍ति देता है।—लूका 11:13.

15 इस बात से हमें कितनी हिम्मत मिलती है कि परमेश्‍वर की सेवा करने के लिए पवित्र शक्‍ति हमारी मदद कर सकती है। पवित्र शक्‍ति के बारे में आपने जो सीखा है, उस पर यकीन करने से आप अपनी ज़िंदगी यहोवा को समर्पित करेंगे और बपतिस्मा लेंगे।

16. अब तक हमने क्या सीखा?

16 समर्पण और बपतिस्मा आपकी ज़िंदगी का सबसे बड़ा फैसला होगा। जैसे हमने सीखा, आपको खर्च जोड़ना होगा यानी मसीह के चेले के नाते मुश्‍किलें झेलने और त्याग करने के लिए तैयार रहना होगा। लेकिन बपतिस्मा लेने से आपको इतनी आशीषें मिलेंगी कि उनके आगे ये मुश्‍किलें कुछ भी नहीं। आपकी जान बचेगी और परमेश्‍वर की नज़र में आपका ज़मीर साफ रहेगा। मगर आपको सिर्फ आशीषें पाने के लिए नहीं बल्कि इसलिए बपतिस्मा लेना चाहिए कि आपको यहोवा से प्यार है। आपको उन बातों पर भी यकीन करना चाहिए जो आपने पिता, बेटे और पवित्र शक्‍ति के बारे में सीखी हैं। तो अब तक हमने बपतिस्मे के बारे में जो बात की, उसे ध्यान में रखते हुए आप इस सवाल का क्या जवाब देंगे, “क्या आप बपतिस्मे के लिए तैयार हैं?”

बपतिस्मा लेने से पहले आपको क्या करना चाहिए?

17. बपतिस्मा लेने के लिए अब तक आपने क्या-क्या किया?

17 अगर आपको लगता है कि अब आप बपतिस्मे के काबिल हैं, तो इसका मतलब है कि आपने यहोवा से रिश्‍ता जोड़ने के लिए काफी कुछ किया होगा। * आपने नियमित तौर पर बाइबल का अध्ययन किया होगा और यहोवा और यीशु के बारे में बहुत कुछ सीखा होगा। इससे आपका विश्‍वास भी बढ़ा होगा। (इब्रा. 11:6) अब आपको यहोवा के वादों पर पूरा भरोसा होगा और पक्का यकीन होगा कि आपको पाप और मौत से छुटकारा मिलेगा, क्योंकि आप यीशु के फिरौती बलिदान पर विश्‍वास करते हैं। आपने अपने पापों का पश्‍चाताप किया होगा। आपने पहले जो गलतियाँ की थीं, उनके बारे में आपको बहुत अफसोस हुआ होगा और यहोवा से माफी माँगी होगी। आप पुरानी ज़िंदगी से पलटकर लौट आए होंगे, यानी आपने गलत तौर-तरीके छोड़ दिए होंगे और परमेश्‍वर जैसे चाहता है वैसे जी रहे होंगे। (प्रेषि. 3:19) आप जो मानते हैं, वह दूसरों को बड़ी उत्सुकता से बताते होंगे। आप बपतिस्मा-रहित प्रचारक बन गए होंगे और मंडली के साथ मिलकर प्रचार कर रहे होंगे। (मत्ती 24:14) अगर आपने ये सारे कदम उठाए हैं, तो आपने सचमुच यहोवा का दिल खुश किया है। उसे आप पर गर्व होता होगा।—नीति. 27:11.

18. बपतिस्मा लेने के लिए आपको और क्या-क्या करना होगा?

18 बपतिस्मा लेने के लिए आपको और भी कुछ करना होगा। जैसे हमने पहले बात की थी, आपको अपना जीवन यहोवा को समर्पित करना होगा। अकेले में यहोवा से प्रार्थना करके उससे वादा कीजिए कि अब से आप सिर्फ उसी की मरज़ी पूरी करेंगे। (1 पत. 4:2) फिर प्राचीनों के निकाय के संयोजक को बताइए कि आप बपतिस्मा लेना चाहते हैं। वह भाई कुछ प्राचीनों से कहेगा कि वे आपसे मिलकर बात करें। आप यह सोचकर मत घबराइए कि वे आपसे क्या बात करेंगे। प्राचीन आपको पहले से जानते हैं और वे आपसे प्यार करते हैं। वे आपसे बाइबल की बुनियादी शिक्षाओं के बारे में चर्चा करेंगे, जो आपने अध्ययन में सीखा है। वे बस यह पक्का करना चाहेंगे कि क्या आपने उन सच्चाइयों को सही-सही समझा है और क्या आप जानते हैं कि समर्पण करना और बपतिस्मा लेना एक बड़ा फैसला है। अगर प्राचीनों को लगता है कि आप बपतिस्मे के काबिल हैं, तो वे आपको बताएँगे कि आप अगले सम्मेलन या अधिवेशन में बपतिस्मा ले सकते हैं।

बपतिस्मा लेने के बाद आपको क्या करना चाहिए?

19-20. (क) बपतिस्मा लेने के बाद आपको क्या करना चाहिए? (ख) आप यह कैसे कर सकते हैं?

19 जब आपका बपतिस्मा हो जाएगा, तो इसके बाद आपको क्या करना चाहिए? * आपको याद होगा कि समर्पण एक शपथ है और यहोवा चाहता है कि आप उसे हर हाल में पूरा करें। तो बपतिस्मा लेने के बाद आपको अपना वादा पूरा करते रहना है। यह आप कैसे कर सकते हैं?

20 अपनी मंडली के साथ जुड़े रहिए। बपतिस्मा लेने पर आप ‘भाइयों की बिरादरी’ का हिस्सा बन जाएँगे। (1 पत. 2:17) आपकी मंडली के भाई-बहन आपका परिवार हैं। लगातार सभाओं में जाइए, तब भाई-बहनों के साथ आपका रिश्‍ता मज़बूत होगा। हर दिन परमेश्‍वर का वचन पढ़िए और उस पर मनन कीजिए। (भज. 1:1, 2) बाइबल की कुछ आयतें पढ़ने के बाद उनके बारे में गहराई से सोचिए। तब वे बातें आपके दिल पर असर करेंगी। ‘प्रार्थना करते रहिए।’ (मत्ती 26:41) सच्चे दिल से प्रार्थना करने से आप यहोवा के और करीब आएँगे। ‘पहले राज की खोज में लगे रहिए।’ (मत्ती 6:33) राज की खोज करने का मतलब यह है कि आप प्रचार काम को ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा अहमियत दें। प्रचार काम करते रहने से आपका विश्‍वास मज़बूत रहेगा और आप दूसरों को भी हमेशा की ज़िंदगी का रास्ता दिखा सकेंगे।—1 तीमु. 4:16.

21. बपतिस्मा लेने से आपको क्या-क्या आशीषें मिलेंगी?

21 अपना जीवन यहोवा को समर्पित करना और बपतिस्मा लेना आपकी ज़िंदगी का सबसे अहम फैसला होगा। यह सच है कि आपको कुछ मुश्‍किलें झेलनी पड़ सकती हैं। लेकिन इस पुरानी दुनिया में आप पर चाहे जो भी मुश्‍किलें आएँ, वे “पल-भर के लिए और हलकी हैं।” (2 कुरिं. 4:17) वहीं बपतिस्मा लेने से मिलनेवाली आशीषें सदा कायम रहेंगी। आप आज एक संतुष्ट जीवन जी सकेंगे और आनेवाले समय में “असली ज़िंदगी” पाएँगे। (1 तीमु. 6:19) इसलिए हम आपसे गुज़ारिश करते हैं कि इस बारे में प्रार्थना कीजिए और गहराई से सोचिए, “क्या मैं बपतिस्मे के काबिल हूँ और इसके लिए तैयार हूँ?”

गीत 50 समर्पण की मेरी प्रार्थना

^ पैरा. 5 क्या आप बपतिस्मा लेने की सोच रहे हैं? अगर ऐसा है, तो यह लेख खास तौर से आपके लिए है। इस लेख में हम बपतिस्मे के बारे में कुछ ज़रूरी सवालों पर चर्चा करेंगे। इन सवालों पर चर्चा करते वक्‍त सोचिए कि आपका क्या जवाब होगा। तब आप समझ पाएँगे कि क्या आप बपतिस्मे के काबिल हैं और क्या आपको बपतिस्मा लेना चाहिए।

^ पैरा. 19 अगर आपने अभी तक बाइबल हमें क्या सिखाती है  और परमेश्‍वर के प्यार के लायक बने रहिए  किताबों का अध्ययन पूरा नहीं किया है, तो आपको तब तक अध्ययन जारी रखना चाहिए जब तक कि दोनों किताबें पूरी न हों।