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अध्ययन लेख 20

आज “उत्तर का राजा” कौन है?

आज “उत्तर का राजा” कौन है?

“आखिरकार उसका अंत हो जाएगा और उसकी मदद करनेवाला कोई न होगा।”—दानि. 11:45.

गीत 95 बढ़ती है रौशनी सच्चाई की

लेख की एक झलक *

1-2. इस लेख से हम क्या जानेंगे?

आज हम इस दुनिया के आखिरी दिनों की आखिरी घड़ी में जी रहे हैं। इस बात के सबूत आज पहले से कहीं ज़्यादा दिखायी दे रहे हैं। बहुत जल्द यहोवा और यीशु मसीह दुनिया की सभी सरकारों का नाश कर देंगे, क्योंकि ये सरकारें परमेश्‍वर के राज का विरोध करती हैं। मगर तब तक उत्तर का राजा और दक्षिण का राजा एक-दूसरे से लड़ते रहेंगे और परमेश्‍वर के लोगों पर ज़ुल्म करते रहेंगे।

2 इस लेख में हम दानियेल 11:40–12:1 में दी गयी भविष्यवाणी पर चर्चा करेंगे। हम जानेंगे कि आज उत्तर का राजा कौन है। हम यह भी चर्चा करेंगे कि भविष्य में जब हम पर मुश्‍किल आएँगी, तब हमें क्यों घबराने की ज़रूरत नहीं होगी और हम क्यों भरोसा रख सकते हैं कि यहोवा हमें हर हाल में बचाएगा।

उत्तर का एक नया राजा

3-4. आज उत्तर का राजा कौन है? समझाइए।

3 सन्‌ 1991 में सोवियत संघ गिर गया। तब उसके बड़े इलाके में यहोवा के जितने भी लोग रहते थे, उन्हें थोड़ी आज़ादी मिली। जैसे दानियेल की भविष्यवाणी में कहा गया है, उन्हें “थोड़ी मदद” मिली। (दानि. 11:34) इस वजह से उन सभी देशों में साक्षी बिना रोक-टोक के प्रचार कर पाए जो पहले सोवियत संघ का हिस्सा थे। कुछ ही समय के अंदर उनकी गिनती बढ़कर लाखों में हो गयी। फिर कुछ साल बाद रूस और उसके मित्र राष्ट्र उत्तर का राजा बन गए। जैसे पिछले लेख में बताया गया था, किसी सरकार को उत्तर या दक्षिण का राजा तभी कहा जा सकता है जब उसमें तीन बातें होंगी। (1) वह सरकार ऐसे देश पर राज करती है जहाँ परमेश्‍वर के बहुत-से लोग रहते हैं या वह उन पर ज़ुल्म करती है। (2) वह सरकार यहोवा से नफरत करती है, इसलिए वह उसके लोगों के साथ बुरा सुलूक करती है। (3) वह सरकार या राजा दूसरे राजा से ऊपर उठने के लिए उससे लड़ता रहता है।

4 हम क्यों कह सकते हैं कि आज उत्तर का राजा रूस और उसके मित्र राष्ट्र हैं? ऐसा कहने के तीन कारण हैं: (1) उनके इलाकों में रहनेवाले लाखों साक्षियों पर उन्होंने ज़ुल्म किया और प्रचार काम पर रोक लगा दी। (2) इससे साफ पता चलता है कि वे यहोवा और उसके लोगों से नफरत करते हैं। (3) वे दक्षिण के राजा यानी ब्रिटेन और अमरीका से ज़्यादा ताकतवर बनने की कोशिश करते आए हैं। आइए इस बारे में खुलकर जानें।

उत्तर का राजा और दक्षिण का राजा आपस में भिड़ते रहते हैं

5. (क) दानियेल 11:40-43 में किस समय की भविष्यवाणी की गयी है? (ख) उस समय क्या-क्या होगा?

5 दानियेल 11:40-43 पढ़िए। इन आयतों में एक झलक दी गयी है कि अंत के समय में क्या-क्या घटनाएँ घटेंगी। इन आयतों में बताया गया है कि उत्तर के राजा और दक्षिण के राजा के बीच कैसे तकरार होती रहेगी। दक्षिण का राजा उत्तर के राजा से “भिड़ेगा” या “उससे सींग लड़ाएगा।”—दानि. 11:40, फु.

6. दोनों राजा कैसे एक-दूसरे से भिड़ते रहे हैं?

6 जैसे भविष्यवाणी में बताया गया है, दक्षिण का राजा और उत्तर का राजा पूरी दुनिया पर राज करने के लिए एक-दूसरे से होड़ लगाते रहे हैं। उदाहरण के लिए, दूसरे विश्‍व-युद्ध के बाद उत्तर के राजा सोवियत संघ और उसके मित्र राष्ट्रों ने यूरोप के एक बड़े इलाके पर कब्ज़ा कर लिया। यह देखकर दक्षिण के राजा ब्रिटेन-अमरीका ने दूसरे देशों के साथ मिलकर यह संधि कर ली कि ज़रूरत पड़ने पर वे अपनी सेनाओं को एक कर लेंगे और मिलकर उत्तर के राजा का मुकाबला करेंगे। इस संधि को उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन कहा जाता है। उत्तर का राजा और दक्षिण का राजा अपनी-अपनी सेना को मज़बूत करने में खूब पैसा लगा रहे हैं ताकि वे एक-दूसरे से ज़्यादा ताकतवर बनें। दोनों राजाओं ने आपसी दुश्‍मनी एक और तरीके से दिखायी है। उन्होंने अफ्रीका, एशिया और लातीनी अमरीका में हुए युद्धों में एक-दूसरे के दुश्‍मनों का साथ दिया है। हाल ही में रूस और उसके मित्र राष्ट्र बहुत ताकतवर हो गए। वे कंप्यूटर प्रोग्राम के ज़रिए भी दक्षिण के राजा से लड़ते रहे हैं। दोनों राजाओं ने एक-दूसरे पर इलज़ाम लगाया है कि वे कंप्यूटर प्रोग्रामों के ज़रिए एक-दूसरे का आर्थिक नुकसान करने और उनकी सरकार को कमज़ोर करने की कोशिश कर रहे हैं। और जैसे दानियेल ने भविष्यवाणी की थी, उत्तर का राजा परमेश्‍वर के लोगों पर लगातार ज़ुल्म कर रहा है।—दानि. 11:41.

उत्तर का राजा “सुंदर देश” में घुस गया

7. “सुंदर देश” का मतलब क्या है?

7 दानियेल 11:41 में यह भी बताया गया है कि उत्तर का राजा “सुंदर देश” में घुस जाएगा। यह देश क्या है? पुराने ज़माने में इसराएल देश को “दुनिया का सबसे सुंदर देश” माना जाता था। (यहे. 20:6) इस देश की सबसे बड़ी खासियत यह थी कि यहाँ यहोवा की उपासना की जाती थी। मगर ईसवी सन्‌ 33 से कोई एक देश “सुंदर देश” नहीं था, क्योंकि तब से यहोवा की उपासना करनेवाले लोग दुनिया के कई देशों में रहे हैं और आज वे पूरी दुनिया में फैले हुए हैं। तो आज के ज़माने में “सुंदर देश” का मतलब है, सच्ची उपासना से जुड़े काम जो यहोवा के लोग करते हैं। जैसे, सभाएँ और प्रचार काम।

8. इसका क्या मतलब है कि उत्तर का राजा “सुंदर देश” में घुस गया?

8 आखिरी दिनों में उत्तर का राजा “सुंदर देश” में कई बार घुस गया। मिसाल के लिए, जब जर्मनी उत्तर का राजा बना, तब वह “सुंदर देश” में घुस गया, खासकर दूसरे विश्‍व-युद्ध के दौरान। वह कैसे? जर्मनी की नात्ज़ी सरकार ने परमेश्‍वर के लोगों पर बहुत ज़ुल्म किए और उनमें से कई लोगों को मार डाला। दूसरे विश्‍व-युद्ध के बाद जब सोवियत संघ उत्तर का राजा बना, तो वह भी “सुंदर देश” में घुस गया। उसने भी परमेश्‍वर के लोगों को बहुत सताया और उन्हें अपने देश से निकाल दिया।

9. कुछ साल पहले रूस और उसके मित्र राष्ट्र कैसे “सुंदर देश” में घुस गए?

9 कुछ साल पहले आज के उत्तर के राजा यानी रूस और उसके मित्र राष्ट्र भी “सुंदर देश” में घुस गए। किस मायने में? सन्‌ 2017 में उन्होंने रूस में यहोवा के लोगों के काम पर रोक लगा दी और कुछ भाई-बहनों को जेल में डाल दिया। उत्तर के इस राजा ने हमारे प्रकाशनों पर भी रोक लगा दी, नयी दुनिया अनुवाद  बाइबल पर भी। इस राजा ने रूस में हमारे शाखा दफ्तर पर और राज-घरों और सम्मेलन भवनों पर कब्ज़ा कर लिया। यह सब देखने के बाद 2018 में शासी निकाय ने बताया कि रूस और उसके मित्र राष्ट्र आज उत्तर का राजा है। भले ही यहोवा के लोगों को बेरहमी से सताया जाता है, मगर वे सरकारों से बगावत नहीं करते और न ही सरकारों को बदलने की कोशिश करते हैं। इसके बजाय वे बाइबल की सलाह मानकर “उन सभी के लिए” प्रार्थना करते हैं “जो ऊँची पदवी रखते हैं।” जब सरकारें इस बारे में फैसला करती हैं कि साक्षियों को उपासना करने की आज़ादी मिलनी चाहिए या नहीं, तब साक्षी खास तौर से उनके लिए प्रार्थना करते हैं।—1 तीमु. 2:1, 2.

क्या उत्तर का राजा दक्षिण के राजा को हरा देगा?

10. क्या उत्तर का राजा दक्षिण के राजा को हरा देगा? समझाइए।

10 दानियेल 11:40-45 की भविष्यवाणी में खास तौर से उत्तर के राजा के बारे में बताया गया है कि वह क्या-क्या करेगा। लेकिन क्या इसका यह मतलब है कि वह दक्षिण के राजा को हरा देगा? नहीं, ऐसा नहीं है। यह हम क्यों कह सकते हैं? क्योंकि जब यहोवा और यीशु हर-मगिदोन में सभी सरकारों का नाश करेंगे, तब उनमें दक्षिण का राजा भी होगा। प्रकाशितवाक्य 19:20 में बताया गया है कि हर-मगिदोन दक्षिण के राजा के “जीते-जी” होगा। यह हम पूरे यकीन के साथ कह सकते हैं क्योंकि दानियेल और प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणियों से यही पता चलता है।

परमेश्‍वर के राज की तुलना एक पत्थर से और इंसानों के राज की तुलना एक बड़ी मूरत से की गयी है। हर-मगिदोन में परमेश्‍वर का राज इंसानों के राज का अंत कर देगा (पैराग्राफ 11 पढ़ें)

11. दानियेल 2:43-45 से क्या पता चलता है? (बाहर दी तसवीर देखें।)

11 दानियेल 2:43-45 पढ़िए। दानियेल ने एक भविष्यवाणी में कुछ हुकूमतों के बारे में बताया। वे ऐसे देश पर राज करेंगे, जहाँ परमेश्‍वर के ज़्यादातर लोग रहते हैं या फिर उन पर ज़ुल्म करेंगे। उन हुकूमतों को एक विशाल मूरत के अलग-अलग हिस्सों से दर्शाया गया है। सबसे आखिरी हुकूमत को मूरत के पैरों से दर्शाया गया है जो लोहे और मिट्टी के बने हैं। यह आखिरी हुकूमत ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति है। इस भविष्यवाणी से पता चलता है कि जब परमेश्‍वर का राज इंसानी सरकारों का नाश करेगा, तब ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति हुकूमत कर रही होगी।

12. (क) जंगली जानवर का सातवाँ सिर किसे दर्शाता है? (ख) यह क्यों एक अहम जानकारी है?

12 प्रेषित यूहन्‍ना ने भी कुछ ऐसी विश्‍व शक्‍तियों के बारे में बताया जो ऐसे देश पर राज करेंगे जहाँ परमेश्‍वर के ज़्यादातर लोग रहते हैं। यूहन्‍ना की भविष्यवाणी में इन हुकूमतों को एक जंगली जानवर से दर्शाया गया है जिसके सात सिर हैं। उस जानवर का सातवाँ सिर ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति है। यह एक अहम जानकारी है, क्योंकि भविष्यवाणी में यह नहीं दिखाया गया है कि सातवें सिर के बाद कोई और सिर निकलता है। जब यह सातवाँ सिर यानी ब्रिटेन-अमरीकी विश्‍व शक्‍ति हुकूमत कर रही होगी, तब यीशु अपनी स्वर्ग की सेना के साथ मिलकर उसका और पूरे जंगली जानवर का नाश कर देगा। *प्रका. 13:1, 2; 17:13, 14.

बहुत जल्द उत्तर का राजा क्या करनेवाला है?

13-14. (क) ‘मागोग देश का गोग’ किसे कहा गया है? (ख) क्या बात उसे यहोवा के लोगों पर हमला करने के लिए भड़काएगी?

13 यहेजकेल की एक भविष्यवाणी में बताया गया है कि उत्तर के राजा और दक्षिण के राजा का नाश होने से पहले क्या-क्या घटनाएँ हो सकती हैं। ऐसा लगता है कि यहेजकेल 38:10-23; दानियेल 2:43-45; 11:44–12:1 और प्रकाशितवाक्य 16:13-16, 21 में एक ही बात कही गयी है। इन सारी आयतों में एक ही समय पर होनेवाली घटनाओं की भविष्यवाणी की गयी है। बस उन्हें अलग-अलग तरीके से बताया गया है। तो आइए देखें कि इन भविष्यवाणियों के मुताबिक बहुत जल्द क्या-क्या घटनाएँ घट सकती हैं।

14 महा-संकट शुरू होने के कुछ समय बाद ‘सारे जगत के राजा’ यानी दुनिया के राष्ट्र मिलकर एक गठबंधन करेंगे। (प्रका. 16:13, 14; 19:19) बाइबल में उस गठबंधन को ‘मागोग देश का गोग’ कहा गया है। (यहे. 38:2) राष्ट्रों का यह गठबंधन या समूह परमेश्‍वर के सभी लोगों पर हमला करेगा और उनका नामो-निशान मिटाने की कोशिश करेगा। क्या बात उन्हें हमला करने के लिए भड़काएगी? प्रेषित यूहन्‍ना ने एक दर्शन में देखा कि उसी दौर में परमेश्‍वर के दुश्‍मनों पर बड़े-बड़े ओले बरसते हैं। शायद इसका मतलब है कि उस समय यहोवा के लोग दुश्‍मनों को यह संदेश सुनाएँगे कि उनका नाश होनेवाला है। यह संदेश ओलों की ज़बरदस्त मार जैसा होगा। शायद यही संदेश राष्ट्रों के गठबंधन को भड़काएगा कि वे परमेश्‍वर के लोगों पर हमला करके उन्हें पूरी तरह मिटा दें।—प्रका. 16:21.

15-16. (क) दानियेल 11:44, 45 में शायद किन घटनाओं की भविष्यवाणी की गयी है? (ख) उत्तर के राजा का और बाकी राष्ट्रों का क्या होगा जिन्हें मागोग देश का गोग कहा गया है?

15 दानियेल 11:44, 45 पढ़िए। शायद इन आयतों में दी गयी भविष्यवाणी का भी यही मतलब है कि परमेश्‍वर के दुश्‍मनों को कड़ा संदेश सुनाया जाएगा और वे परमेश्‍वर के लोगों पर आखिरी हमला करेंगे। उन आयतों में बताया गया है कि उत्तर का राजा ‘पूरब और उत्तर से मिलनेवाली खबरें’ सुनकर बेचैन हो जाएगा और “बड़ी जलजलाहट में आकर” निकल पड़ेगा। वह ‘बहुतों को मिटाने’ की कोशिश करेगा। यहाँ “बहुतों” का मतलब शायद परमेश्‍वर के लोग हैं। * तो हम कह सकते हैं कि दानियेल ने भी यही बताया कि परमेश्‍वर के सभी लोगों पर एक आखिरी हमला होगा।

16 जब उत्तर का राजा और दुनिया की बाकी सरकारें यहोवा के लोगों पर हमला करेंगी, तो सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर यहोवा का क्रोध भड़क उठेगा। तब हर-मगिदोन युद्ध शुरू होगा। (प्रका. 16:14, 16) इस युद्ध में उत्तर के राजा का और बाकी राष्ट्रों का नाश हो जाएगा जिन्हें मागोग देश का गोग कहा गया है। उस वक्‍त उत्तर के राजा की “मदद करनेवाला कोई न होगा।”​दानि. 11:45.

हर-मगिदोन में यीशु स्वर्ग की सेना के साथ मिलकर शैतान की दुनिया का नाश कर देगा और यहोवा के लोगों को बचाएगा (पैराग्राफ 17 देखें)

17. (क) दानियेल 12:1 में बताया गया मीकाएल कौन है? (ख) वह आज क्या कर रहा है और भविष्य में क्या करेगा?

17 उत्तर के राजा के नाश का ज़िक्र करने के तुरंत बाद दानियेल 12:1 में इस बारे में ज़्यादा जानकारी दी गयी है। (पढ़िए।) वहाँ लिखा है कि उत्तर के राजा और उसका साथ देनेवालों का नाश कैसे होगा और हम कैसे बचाए जाएँगे। उस आयत का मतलब क्या है? उसमें बताया गया मीकाएल मसीह यीशु का एक और नाम है, जो आज राज कर रहा है। जब 1914 में परमेश्‍वर का राज शुरू हुआ, तब से मीकाएल परमेश्‍वर के लोगों “की तरफ से खड़ा है।” बहुत जल्द वह एक और मायने में “खड़ा होगा।” कैसे? हर-मगिदोन नाम के युद्ध में वह परमेश्‍वर के दुश्‍मनों का नाश कर देगा। दानियेल ने कहा कि “संकट का ऐसा समय” आएगा जैसा पहले कभी नहीं आया था। हर-मगिदोन उस समय के आखिर में होगा। प्रकाशितवाक्य की भविष्यवाणी में हर-मगिदोन को और उससे पहले के समय को “महा-संकट” कहा गया है।—प्रका. 6:2; 7:14.

क्या आपका नाम “किताब में लिखा” होगा?

18. हमें भविष्य में घबराने की ज़रूरत क्यों नहीं होगी?

18 बहुत जल्द दुनिया पर ऐसा भयानक संकट टूट पड़ेगा जैसा पहले कभी नहीं हुआ था। मगर हमें घबराने की ज़रूरत नहीं होगी। दानियेल और यूहन्‍ना, दोनों ने बताया कि जो लोग यहोवा और यीशु की सेवा करते हैं, उन्हें उस संकट से बचाया जाएगा। दानियेल ने बताया कि उन्हीं लोगों को बचाया जाएगा जिनका नाम एक “किताब में लिखा” होगा। (दानि. 12:1) हम क्या कर सकते हैं ताकि हमारा नाम भी उस किताब में लिखा जाए? हमें यह ज़ाहिर करना चाहिए कि हम परमेश्‍वर के मेम्ने यानी यीशु पर विश्‍वास करते हैं। (यूह. 1:29) हमें अपना जीवन यहोवा को समर्पित करना चाहिए और बपतिस्मा लेना चाहिए। (1 पत. 3:21) हमें परमेश्‍वर के राज का साथ भी देना चाहिए। यह हम कैसे कर सकते हैं? दूसरों को यहोवा के बारे में सिखाकर।

19. हमें अभी से क्या करना चाहिए और क्यों?

19 हमें अभी से यहोवा पर और उसके संगठन पर भरोसा रखना चाहिए। परमेश्‍वर के राज का साथ देने का भी यही समय है। ऐसा करने से हमें उस वक्‍त बचाया जाएगा जब परमेश्‍वर का राज उत्तर के राजा और दक्षिण के राजा का नाश कर देगा।

गीत 149 शानदार जीत

^ पैरा. 5 आज “उत्तर का राजा” कौन है? उसका नाश कैसे होगा? इन सवालों के जवाब जानने से हमारा विश्‍वास मज़बूत होगा और हम महा-संकट के दौरान आनेवाली मुसीबतों का सामना कर पाएँगे।

^ पैरा. 12 दानियेल 2:36-45 और प्रकाशितवाक्य 13:1, 2 के बारे में ज़्यादा जानकारी के लिए 15 जून, 2012 की प्रहरीदुर्ग  के पेज 7-19 पढ़ें।

^ पैरा. 15 ज़्यादा जानकारी के लिए 15 मई, 2015 की प्रहरीदुर्ग  के पेज 29-30 पढ़ें।