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ଅଧ୍ୟୟନ ଲେଖା ୧୦

ଆପଣ ‘ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବକୁ’ ଖୋଲି ଫିଙ୍ଗିପାରିବେ

ଆପଣ ‘ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବକୁ’ ଖୋଲି ଫିଙ୍ଗିପାରିବେ

“ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବକୁ ତାର ଅଭ୍ୟାସ ସହ ଖୋଲି ଫିଙ୍ଗି ଦିଅନ୍ତୁ ।”​କଲ. ୩:୯.

ଗୀତ ୨୯ ऊँचा हमेशा करें तेरा नाम!

ଲେଖାର ଝଲକ a

୧. ବାଇବଲ ଅଧ୍ୟୟନ ଆରମ୍ଭ କରିବା ପୂର୍ବରୁ ଆପଣଙ୍କ ଜୀବନ କିପରି ଥିଲା ?

 यहोवा के साक्षियों के साथ बाइबल अध्ययन करने से पहले आपकी ज़िंदगी कैसी थी? हममें से कई लोग शायद अपने अतीत को याद करना पसंद नहीं करते। सही-गलत के बारे में हम वही मानते थे, जो दुनिया के लोग मानते हैं और हम उन्हीं की तरह ज़िंदगी जीते थे। ‘हमारे पास कोई आशा नहीं थी और हम इस दुनिया में बिना परमेश्‍वर के थे।’ (इफि. 2:12) लेकिन जब हम बाइबल अध्ययन करने लगे, तो हमारी ज़िंदगी बदल गयी।

୨. ବାଇବଲ ଅଧ୍ୟୟନରୁ ଆପଣ କʼଣ ଶିଖିଲେ ?

बाइबल अध्ययन करने से आपने जाना कि एक परमेश्‍वर है जिसका नाम यहोवा है और वह आपसे बहुत प्यार करता है। आपने सीखा कि उसे खुश करने और उसके परिवार का हिस्सा बनने के लिए आपको अपने तौर-तरीकों और सोच में बड़े-बड़े बदलाव करने होंगे। आपने यह भी सीखा कि आपको वे काम करने होंगे, जिन्हें यहोवा सही कहता है और उन कामों से दूर रहना होगा, जिन्हें वह गलत ठहराता है।​—इफि. 5:3-5.

୩. (କ) କଲସୀୟ ୩:୯, ୧୦ ପଦ ଅନୁସାରେ, ଯିହୋବା ଆମଠାରୁ କʼଣ ଚାହାନ୍ତି ? (ଖ) ଏହି ଲେଖାରୁ ଆମେ କʼଣ ଜାଣିବା ?

यहोवा हमारा बनानेवाला और पिता है। इसलिए उसे यह बताने का अधिकार है कि हमें अपनी ज़िंदगी किस तरह जीनी चाहिए। उसने बताया है कि बपतिस्मा लेने से पहले, हमें ‘पुरानी शख्सियत को उसकी आदतों समेत उतार फेंकना चाहिए।’ b (कुलुस्सियों 3:9, 10 पढ़िए।) जो लोग बपतिस्मा लेने की सोच रहे हैं, उन्हें इस लेख से तीन सवालों के जवाब मिलेंगे। (1) “पुरानी शख्सियत” क्या है? (2) यहोवा क्यों चाहता है कि हम इसे उतार फेंकें? (3) इसे उतार फेंकने के लिए हमें क्या करना होगा? इस लेख से उन लोगों को भी फायदा होगा, जिनका बपतिस्मा हो चुका है। वे सीखेंगे कि वे दोबारा पुरानी शख्सियत पहनने से कैसे दूर रह सकते हैं।

‘ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବ’ କʼଣ ଅଟେ ?

୪. ଯେଉଁ ବ୍ୟକ୍ତି ‘ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବ’ ପିନ୍ଧିଛି, ସେ କʼଣ କରେ ?

जो व्यक्‍ति “पुरानी शख्सियत” पहने हुए है, अकसर उसकी सोच और काम गलत होते हैं। वह शायद स्वार्थी हो, बात-बात पर गुस्सा करता हो, किसी का एहसान न मानता हो और घमंडी हो। उसे शायद अश्‍लील तसवीरें देखना या गंदी और मार-धाड़वाली फिल्में देखना पसंद हो। ऐसा नहीं कि वह पूरी तरह बुरा है। उसमें कुछ अच्छाइयाँ हो सकती हैं और शायद उसे अपनी गलतियों पर अफसोस भी हो। पर वह खुद को बदलने के लिए वह कोई कदम नहीं उठाता।​—गला. 5:19-21; 2 तीमु. 3:2-5.

जब हम “पुरानी शख्सियत” उतार फेंकते हैं, तो हम काफी हद तक गलत बातें सोचने और बुरे काम करने से खुद को रोक पाते हैं (पैराग्राफ 5) g

୫. କʼଣ ଆମେ ନିଜ ମନରୁ ଖରାପ ଚିନ୍ତାଧାରା ଓ ଖରାପ ଇଚ୍ଛାଗୁଡ଼ିକୁ ପୂରାପୂରି ଭାବରେ ଦୂର କରିପାରିବା ? ବୁଝାନ୍ତୁ । (ପ୍ରେରିତ ୩:୧୯)

हम सब पापी हैं, इसलिए हम अपने दिलों-दिमाग से सारे बुरे विचार या सारी बुरी इच्छाएँ नहीं मिटा सकते। कई बार हम शायद कुछ ऐसा कर बैठें या कह दें, जिसका बाद में हमें बड़ा अफसोस हो। (यिर्म. 17:9; याकू. 3:2) लेकिन जब हम पुरानी शख्सियत उतार फेंकते हैं, तो हम पहले जैसे नहीं रहते। हम बदल जाते हैं। हम काफी हद तक अपनी गलत सोच पर काबू रख पाते हैं और बुरे काम करने से खुद को रोक पाते हैं।​—यशा. 55:7; प्रेषितों 3:19 पढ़िए।

୬. ଯିହୋବା କାହିଁକି ଚାହାନ୍ତି ଯେ ଆମେ ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବକୁ ଛାଡ଼ୁ ?

यहोवा हमसे बहुत प्यार करता है और चाहता है कि हम अच्छी ज़िंदगी जीएँ। (यशा. 48:17, 18) इसलिए वह हमसे कहता है कि हम गलत बातें सोचना बंद कर दें और बुरी आदतें छोड़ दें। वह जानता है कि अगर हम ऐसा नहीं करेंगे, तो हम खुद को और दूसरों को भी दुख पहुँचा रहे होंगे। और जब हम दुख में होते हैं, तो यहोवा भी दुखी होता है।

୭. ରୋମୀୟ ୧୨:୧, ୨ ପଦ ଅନୁସାରେ, ଆମମାନଙ୍କୁ କେଉଁ ନିଷ୍ପତ୍ତି ନେବାର ଅଛି ?

हो सकता है कि जब हम खुद में बदलाव करने लगें, तो हमारे कुछ दोस्त और रिश्‍तेदार हमारा विरोध करें। (1 पत. 4:3, 4) वे शायद कहें कि हम आज़ाद हैं, हमें दूसरों की नहीं सुननी चाहिए बल्कि जो दिल में आए वह करना चाहिए। लेकिन सच तो यह है कि अगर हम यहोवा के स्तरों के मुताबिक नहीं जीते, तो हम आज़ाद नहीं होते। हम शैतान की दुनिया के साँचे में ढल रहे होते हैं। (रोमियों 12:1, 2 पढ़िए।) फैसला हमारे हाथ में है। हम चाहे तो पुरानी शख्सियत पहने रह सकते हैं, यानी पाप और शैतान की दुनिया को खुद पर असर करने दे सकते हैं। या हम पुरानी शख्सियत उतार फेंक सकते हैं, यानी यहोवा की मदद लेकर खुद को बदल सकते हैं और एक अच्छा इंसान बन सकते हैं।​—यशा. 64:8.

ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବକୁ ଖୋଲି ଫିଙ୍ଗିବା ପାଇଁ ଆପଣଙ୍କୁ କʼଣ କରିବାକୁ ହେବ ?

୮. ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବକୁ ଖୋଲି ଫିଙ୍ଗିବା ପାଇଁ ଯିହୋବା ଆମକୁ କିପରି ଭାବରେ ସାହାଯ୍ୟ କରନ୍ତି ?

यहोवा जानता है कि हमारे लिए अपने मन से गलत सोच निकालना और बुरी आदतें छोड़ना आसान नहीं है। इसमें वक्‍त और मेहनत लगती है। (भज. 103:13, 14) इसलिए यहोवा अपने वचन बाइबल, पवित्र शक्‍ति और संगठन के ज़रिए हमें बुद्धि, ताकत और ज़रूरी मदद देता है। हो सकता है उसकी मदद से आपने खुद को बदलना शुरू कर दिया हो। लेकिन बपतिस्मा लेने के लिए आपको शायद और भी बदलाव करने पड़ें। आइए जानें कि पुरानी शख्सियत को उतार फेंकने के लिए आप कौन-से कदम उठा सकते हैं।

୯. ବାଇବଲ ଜରିଆରେ ଆପଣ କʼଣ କରିପାରିବେ ?

बाइबल के ज़रिए खुद की जाँच कीजिए। बाइबल एक आईने की तरह है जिससे आप जान सकते हैं कि आपकी सोच, बोली और काम सही हैं या नहीं। (याकू. 1:22-25) बाइबल से खुद की जाँच करने में आपका बाइबल अध्ययन करानेवाला और मंडली के अनुभवी भाई-बहन आपकी मदद कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, वे आपको ऐसी आयतें बता सकते हैं, जिनसे आप जान पाएँगे कि आपकी खूबियाँ और खामियाँ क्या हैं। वे यह भी बता सकते हैं कि अपनी खामियों को दूर करने या कोई बुरी आदत छोड़ने के लिए आपको अच्छी सलाह कहाँ से मिल सकती है। वे आपको बाइबल पर आधारित किताबों-पत्रिकाओं में खोजबीन करना सिखा सकते हैं। और यहोवा है ना आपकी मदद करने के लिए! वह आपकी सबसे अच्छे-से मदद कर सकता है, क्योंकि वह जानता है कि आपके दिल में क्या है। (नीति. 14:10; 15:11) इसलिए हर दिन उससे प्रार्थना करने और उसके वचन बाइबल पढ़ने की आदत डालिए।

୧୦. ଇଲିଙ୍କ ଅନୁଭୂତିରୁ ଆପଣ କʼଣ ଶିଖନ୍ତି ?

୧୦ यकीन रखिए कि यहोवा के स्तरों के मुताबिक जीने में ही आपकी भलाई है। अगर हम यहोवा की बात मानेंगे, तो हमें फायदा-ही-फायदा होगा। हम खुद की इज़्ज़त कर पाएँगे, एक अच्छी ज़िंदगी जी पाएँगे और हमें सच्ची खुशी मिलेगी। (भज. 19:7-11) लेकिन अगर हम यहोवा के स्तरों के मुताबिक नहीं जीएँगे, तो हम शरीर के काम करने लगेंगे और हमें इनके बुरे अंजाम भुगतने पड़ेंगे। ईली नाम के एक आदमी का उदाहरण लीजिए। उसके माता-पिता यहोवा के साक्षी थे। उन्होंने उसे बचपन से ही यहोवा से प्यार करना सिखाया। लेकिन जब ईली एक नौजवान था, तो उसने गलत लोगों से दोस्ती की। उनकी देखा-देखी वह ड्रग्स लेने लगा, अनैतिक काम और चोरी करने लगा। धीरे-धीरे उसका स्वभाव बदल गया। वह बात-बात पर गुस्सा करने और मारपीट करने लगा। वह कहता है, “देखा जाए तो मैंने वे सारे काम किए, जिनके बारे में मुझे सिखाया गया था कि एक मसीही के नाते मुझे यह सब नहीं करना चाहिए।” मगर ईली ने बचपन में अपने माता-पिता से जो सीखा था, उसे वह नहीं भूला। कुछ समय बाद वह फिर से बाइबल अध्ययन करने लगा। अपनी आदतें छोड़ने के लिए उसने बहुत मेहनत की और सन्‌ 2000 में उसने बपतिस्मा ले लिया। यहोवा के स्तरों के मुताबिक जीने से उसे क्या फायदा हुआ? वह बताता है, “आज मेरे पास मन की शांति और साफ ज़मीर है।” c इस अनुभव से हम सीखते हैं कि जो लोग यहोवा के स्तरों के मुताबिक नहीं जीते, वे खुद को नुकसान पहुँचाते हैं। फिर भी यहोवा उन्हें नहीं छोड़ता। उनकी मदद करने के लिए वह हमेशा तैयार रहता है।

୧୧. ଯିହୋବା କେଉଁ କାମଗୁଡ଼ିକୁ ଘୃଣା କରନ୍ତି ?

୧୧ उन कामों से नफरत कीजिए, जिनसे यहोवा को नफरत है। (भज. 97:10) बाइबल में लिखा है कि यहोवा ‘घमंड से चढ़ी आँखों, झूठ बोलनेवाली जीभ और बेगुनाहों का खून करनेवाले हाथों’ से नफरत करता है। (नीति. 6:16, 17) वह “खूँखार और धोखेबाज़ लोगों से घिन करता है।” (भज. 5:6) यहोवा को इन कामों से इतनी नफरत है कि जब नूह के दिनों में लोग इनमें लगे हुए थे, तो यहोवा ने उन सबका नाश कर दिया। (उत्प. 6:13) एक और उदाहरण पर गौर कीजिए। यहोवा ने भविष्यवक्‍ता मलाकी के ज़रिए कहा कि वह ऐसे लोगों से नफरत करता है, जो अपने जीवन-साथी को तलाक देने के लिए साज़िश करते हैं। उसकी नज़र में उनका उपासना करना बेकार है। उसने यह भी कहा कि वह उन्हें सज़ा देगा।​—मला. 2:13-16; इब्रा. 13:4.

जैसे सड़े हुए खाने से हमें घिन आती है, वैसे ही हमें उन कामों से घिन करनी चाहिए जिन्हें यहोवा गलत कहता है (पैराग्राफ 11-12)

୧୨. ‘ଯାହା ମନ୍ଦ, ତାହା ଘୃଣା କରିବାର’ ଅର୍ଥ କʼଣ ?

୧୨ यहोवा चाहता है कि हम ‘बुरी बातों से घिन करें।’ (रोमि. 12:9) किसी चीज़ से घिन करने का मतलब है, उससे इतनी नफरत करना कि हम उसके पास जाने की भी न सोचें। उदाहरण के लिए, अगर आपसे कुछ सड़ा हुआ खाना खाने के लिए कहा जाए, तो क्या आप खाएँगे? सवाल ही नहीं उठता, बल्कि इस बारे में सोचकर ही आपको शायद उलटी आ जाए। उसी तरह, हमें ऐसे काम करने के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए, जिनसे यहोवा को नफरत है।

୧୩. ଆମମାନଙ୍କୁ ଖରାପ କଥାଗୁଡ଼ିକ ବିଷୟରେ ଭାବିବା ମଧ୍ୟ ଉଚିତ୍‌ ନୁହେଁ, କାହିଁକି ?

୧୩ गलत बातों के बारे में मत सोचिए। अकसर हम जो सोचते हैं, वही करते हैं। इसलिए यीशु ने कहा कि हमें गलत बातों के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए, क्योंकि अगर हम इनके बारे में सोचते रहें, तो हम बड़े-बड़े पाप कर सकते हैं। (मत्ती 5:21, 22, 28, 29) हम अपने पिता यहोवा को खुश करना चाहते हैं। इसलिए यह बहुत ज़रूरी है कि जब भी हमारे मन में कोई बुरा विचार आए, हम तभी-के-तभी उसे निकाल दें।

୧୪. (କ) ଆମ କଥାଗୁଡ଼ିକରୁ କʼଣ ଜଣାପଡ଼େ ? (ଖ) ଆମେ ନିଜକୁ କʼଣ ପଚାରିବା ଉଚିତ୍‌ ?

୧୪ बुरी बातें मत कहिए। यीशु ने कहा, “जो कुछ मुँह से निकलता है, वह दिल से निकलता है।” (मत्ती 15:18) इसका मतलब है कि हम जो कुछ कहते हैं, उससे पता चलता है कि हम कैसे इंसान हैं। इसलिए खुद से पूछिए, ‘क्या मैं तब भी सच बोलता हूँ, जब ऐसा करना आसान नहीं होता? क्या मैं ध्यान रखता हूँ कि मेरे मुँह से कोई गंदी बात न निकले? अगर मैं शादीशुदा हूँ, तो क्या मैं किसी विपरीत लिंग के व्यक्‍ति से बात करते वक्‍त सावधानी बरतता हूँ? जब कोई मुझे गुस्सा दिलाता है, क्या मैं तब भी शांति से जवाब देता हूँ?’ अगर आप इन सवालों के बारे में सोचेंगे, तो आप खुद को बदल पाएँगे। पुरानी शख्सियत एक कपड़े की तरह है और गाली-गलौज करना, झूठ बोलना और गंदी बातें कहना, उस कपड़े के बटन के बराबर हैं। जब आप ऐसी बातें कहना बंद करेंगे, तो आप मानो उस कपड़े के बटन खोल रहे होंगे। इस तरह आप पुरानी शख्सियत आसानी से उतार पाएँगे।

୧୫. ନିଜ ପୁରୁଣା ସ୍ୱଭାବକୁ ‘କାଠରେ ହତ’ କରିବାର ଅର୍ଥ କʼଣ ?

୧୫ खुद को बदलने के लिए कदम उठाइए। ऐसा करना कितना ज़रूरी है, यह समझाने के लिए प्रेषित पौलुस ने एक उदाहरण दिया। उसने कहा कि हमें अपनी पुरानी शख्सियत को “काठ पर ठोंक” देना चाहिए। (रोमि. 6:6) इसका क्या मतलब है? यहोवा को खुश करने के लिए यीशु ने काठ पर मौत सह ली। उसी तरह, यहोवा को खुश करने के लिए हमें अपनी बुरी आदतों और गलत इच्छाओं को मार डालना होगा। अगर हम ऐसा करेंगे, तो हमारा ज़मीर साफ होगा और हम हमेशा जीने की आशा रख पाएँगे। (यूह. 17:3; 1 पत. 3:21) याद रखिए कि यहोवा हमारे लिए अपने स्तर नहीं बदलेगा, बल्कि हमें उसके स्तरों के मुताबिक जीने के लिए खुद को बदलना होगा।​—यशा. 1:16-18; 55:9.

୧୬. ଆମେ ନିଜ ଖରାପ ଇଚ୍ଛାଗୁଡ଼ିକ ସହ ଲଢ଼ିବା କାହିଁକି ଜାରି ରଖିବା ଉଚିତ୍‌ ?

୧୬ अपनी बुरी इच्छाओं से लड़ते रहिए। बपतिस्मे के बाद भी आपको अपनी बुरी इच्छाओं से लड़ते रहना होगा। यह बात हमें मौरीसियो के अनुभव से साफ पता चलती है। जब वह एक नौजवान था, तो वह दूसरे लड़कों के साथ समलैंगिक संबंध रखने लगा। लेकिन कुछ समय बाद वह यहोवा के साक्षियों से मिला और बाइबल अध्ययन करने लगा। उसने अपनी ज़िंदगी में कई बदलाव किए और सन्‌ 2002 में उसने बपतिस्मा ले लिया। हालाँकि वह तब से यहोवा की सेवा कर रहा है, पर वह कहता है, “आज भी मुझे कई बार अपनी बुरी इच्छाओं से लड़ना पड़ता है।” लेकिन वह हार नहीं मानता। वह कहता है, “जब मैं अपनी बुरी इच्छाओं को अपने ऊपर हावी नहीं होने देता, तो यहोवा खुश होता है। और यह जानकर मुझे बहुत हिम्मत मिलती है।” d

୧୭. ନାବାୟହାଙ୍କ ଅନୁଭୂତିରୁ କʼଣ ଜଣାପଡ଼େ ?

୧୭ यहोवा से प्रार्थना कीजिए और उसकी पवित्र शक्‍ति पर निर्भर रहिए। (गला. 5:22; फिलि. 4:6) पुरानी शख्सियत उतार फेंकने और उसे दोबारा न पहनने के लिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी। ऐसा हम अपने दम पर नहीं कर सकते, हमें यहोवा की पवित्र शक्‍ति चाहिए। नाबायहा को ही लीजिए। वह बस छ: साल की थी जब उसका पिता उसे छोड़कर चला गया। इससे उसे बड़ा झटका लगा। इसका उसके स्वभाव पर भी गहरा असर हुआ। वह बात-बात पर गुस्सा हो जाती और लोगों पर भड़क उठती थी। कुछ समय बाद वह ड्रग्स बेचने लगी। इस वजह से उसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया। उस जेल में यहोवा के साक्षी गवाही देने के लिए आते थे। नाबायहा उनके साथ बाइबल अध्ययन करने लगी और धीरे-धीरे खुद को बदलने लगी। वह कहती है, “कुछ बुरी आदतें छोड़ना मेरे लिए बहुत आसान था, लेकिन सिगरेट पीने की लत मुझसे छूट ही नहीं रही थी।” करीब एक साल बाद जाकर वह यह लत छोड़ पायी। वह यह कैसे कर पायी? वह कहती है, “मैंने यहोवा से बहुत प्रार्थना की और उसने मेरी मदद की। मुझे यकीन है कि यहोवा को खुश करने के लिए अगर मैं बदल सकती हूँ, तो कोई भी बदल सकता है!” e

ଆପଣ ବି ବାପ୍ତିସ୍ମ ନେବାର ଯୋଗ୍ୟ ହୋଇପାରିବେ

୧୮. ପ୍ରଥମ କରିନ୍ଥୀୟ ୬:୯-୧୧ ପଦ ଅନୁସାରେ, ଯିହୋବାଙ୍କ ଅନେକ ସେବକ କʼଣ କରିପାରିଛନ୍ତି ?

୧୮ पहली सदी में यहोवा ने जिन मसीहियों को स्वर्ग में यीशु के साथ मिलकर शासन करने के लिए चुना था, उनमें से कुछ पहले बहुत बुरे-बुरे काम करते थे। जैसे, कुछ व्यभिचार करते थे, समलैंगिक संबंध रखते थे, तो कुछ चोरी करते थे। लेकिन पवित्र शक्‍ति की मदद से वे खुद को बदल पाए और ये सारे बुरे काम छोड़ पाए। (1 कुरिंथियों 6:9-11 पढ़िए।) उसी तरह, आज बाइबल का अध्ययन करने के बाद लाखों लोग खुद को बदल पाए हैं। f वे ऐसी आदतें छोड़ पाए हैं, जिन्हें अपने दम पर छोड़ना उनके लिए बहुत मुश्‍किल था। इसलिए अगर आप भी कोई बुरी आदत छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, तो यकीन रखिए, आप बदल सकते हैं और बपतिस्मा लेने के योग्य बन सकते हैं।

୧୯. ପରବର୍ତ୍ତୀ ଲେଖାରେ କʼଣ ଶିଖିବା ?

୧୯ जो लोग बपतिस्मा लेना चाहते हैं, उन्हें न सिर्फ पुरानी शख्सियत उतार फेंकनी होगी बल्कि नयी शख्सियत भी पहननी होगी। अगले लेख में बताया जाएगा कि वे यह कैसे कर सकते हैं और दूसरे उनकी मदद कैसे कर सकते हैं।

ଗୀତ ୪୧ मेरी प्रार्थना सुन

[फुटनोट]

a बपतिस्मा लेने के लिए हमें अपनी ज़िंदगी में कई बदलाव करने होंगे। इस लेख में हम जानेंगे कि पुरानी शख्सियत का मतलब क्या है, हमें क्यों इसे उतार फेंकना है और हम यह कैसे कर सकते हैं। अगले लेख में हम जानेंगे कि हम नयी शख्सियत कैसे पहन सकते हैं और बपतिस्मे के बाद भी इसे पहने रहने के लिए हमें क्या करना होगा।

b इसका क्या मतलब है? ‘पुरानी शख्सियत को उतार फेंकने’ का मतलब है कि हमें अपने मन से ऐसी सोच और इच्छाएँ निकाल देनी चाहिए, जो यहोवा को पसंद नहीं हैं। ऐसा हमें बपतिस्मा लेने से पहले करना चाहिए।​—इफि. 4:22.

c ज़्यादा जानने के लिए जुलाई-सितंबर 2012 की प्रहरीदुर्ग में दिया लेख, “ज़िंदगी सँवार देती है बाइबल​—मुझे यहोवा की तरफ लौटने की ज़रूरत थी” पढ़ें।

d ज़्यादा जानने के लिए 1 मई, 2012 की (अँग्रेज़ी) प्रहरीदुर्ग में दिया लेख, “ज़िंदगी सँवार देती है बाइबल​—वे मेरे साथ अच्छे-से पेश आए” पढ़ें।

e ज़्यादा जानने के लिए 1 अक्टूबर, 2012 की (अँग्रेज़ी) प्रहरीदुर्ग में दिया लेख, “ज़िंदगी सँवार देती है बाइबल​—मैं गुस्सैल स्वभाव की बन गयी” पढ़ें।

g तसवीर के बारे में: जिस तरह हम फटे-पुराने कपड़े उतार फेंकते हैं, उसी तरह हमें बुरी बातें सोचना और गलत काम करना छोड़ देना चाहिए।