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अध्ययन लेख 9

जीवन परमेश्‍वर जे तरफां तोहफो आहे, इनजी कदर कयो!

जीवन परमेश्‍वर जे तरफां तोहफो आहे, इनजी कदर कयो!

“उसी से हमारी ज़िंदगी है और हम चलते-फिरते हैं और वजूद में हैं।”​—प्रेषि. 17:28.

गीत 141 करिश्‍मा है जीवन

एक झलक a

1. यहोवा जे लाइ असां जो जीवन केतिरो अनमोल आहे?

 सोचिए, आपके पिताजी आपको विरासत में एक घर देते हैं। वह बहुत ही मज़बूत और सुंदर है। हाँ यह तो है कि कहीं-कहीं से उसका पेंट उतर गया है, लेकिन आज भी उसकी कीमत लाखों में है। तो क्या आप उस विरासत की, उस तोहफे की कदर नहीं करेंगे, उसे अच्छी हालत में रखने की कोशिश नहीं करेंगे? कुछ उसी तरह परमेश्‍वर यहोवा ने भी हमें एक अनमोल तोहफा दिया है और वह है हमारा जीवन। यहोवा के लिए हमारा जीवन इतना मायने रखता है कि हमारी खातिर उसने अपने बेटे तक की जान कुरबान कर दी।​—यूह. 3:16.

2. ॿियों कुरिंथियों 7:1 जे मुताबिक यहोवा असां खां छा चाहे थो?

2 यहोवा ही सबको जीवन देता है। (भज. 36:9) प्रेषित पौलुस भी यह बात मानता था, इसलिए उसने कहा, “उसी से हमारी ज़िंदगी है और हम चलते-फिरते हैं और वजूद में हैं।” (प्रेषि. 17:25, 28) सच में, हमारा जीवन परमेश्‍वर से मिला एक तोहफा है। वह हमसे बहुत प्यार करता है और ज़िंदा रहने के लिए हमें हर ज़रूरी चीज़ देता है। (प्रेषि. 14:15-17) लेकिन वह कोई चमत्कार करके हमारी जान को खतरों से नहीं बचाता। वह चाहता है कि हम खुद अपनी सेहत का खयाल रखें और इसके लिए हमसे जो हो सके, वह करें और उसकी सेवा करते रहें। (2 कुरिंथियों 7:1 पढ़िए।) पर अपनी सेहत का खयाल रखना और अपने जीवन की सुरक्षा करना क्यों ज़रूरी है और हम यह कैसे कर सकते हैं? आइए जानें।

ज़िंदगी जे तोहफे जी कदर कयो

3. पंहिंजी सेहत जो ख्याल रखण जी हिक वजह छा आहे?

3 अपनी सेहत का खयाल रखने की एक वजह यह है कि हम दिलो-जान से यहोवा की सेवा करना चाहते हैं। जब सेहत अच्छी होगी, तभी तो हम ऐसा कर पाएँगे। (मर. 12:30) हम चाहते हैं कि हम “अपने शरीर को जीवित, पवित्र और परमेश्‍वर को भानेवाले बलिदान के तौर पर अर्पित” करें। इसलिए हमें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे हमारी सेहत खराब हो। (रोमि. 12:1) माना कि हम खुद को पूरी तरह सेहतमंद नहीं रख सकते, कभी-न-कभी हम बीमार हो ही जाते हैं। लेकिन हमसे जितना हो सकता है, हमें अपनी सेहत का खयाल रखना चाहिए। इस तरह हम दिखाएँगे कि हमारे पिता यहोवा ने हमें जो अनमोल जीवन दिया है, उसकी हम बहुत कदर करते हैं।

4. राजा दाविद जी कहिड़ी इच्छा हुई?

4 राजा दाविद भी जीवन की बहुत कदर करता था। एक भजन में उसने जो लिखा, उससे पता चलता है कि वह ऐसा क्यों करता था। उसने लिखा, “क्या मेरे मरने से, गड्‌ढे में जाने से कोई फायदा होगा? क्या मिट्टी तेरी तारीफ करेगी? तेरी वफादारी का बखान करेगी?” (भज. 30:9) दाविद ने यह बात शायद तब लिखी थी जब वह बहुत बूढ़ा हो गया था। पर वह हर हाल में खुद को सेहतमंद रखना चाहता था और एक लंबी उम्र जीना चाहता था, ताकि वह यहोवा की महिमा करता रहे। हम सब भी तो यही चाहते हैं ना!

5. असां बीमार हुजूं यां ॿुढा थी वञूं, त बि असां छा करे सघूं था?

5 जब हम बीमार हो जाते हैं या हमारी उम्र ढलने लगती है, तो शायद हम उतना ना कर पाएँ जितना हम पहले करते थे। इस वजह से कभी-कभी शायद हमें खुद पर गुस्सा आए या हम दुखी हो जाएँ। लेकिन हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिए, बल्कि अपनी सेहत का खयाल रखने कि लिए हमसे जो हो सके, करना चाहिए। वह इसलिए कि चाहे हम कितने भी बीमार या बूढ़े हो जाएँ, हम दाविद की तरह यहोवा की तारीफ ज़रूर कर सकते हैं। हमारा शरीर चाहे कितना ही कमज़ोर हो जाए, यहोवा की नज़र में हमारा मोल कभी कम नहीं होगा। यह जानकर हमें कितना अच्छा लगता है! (मत्ती 10:29-31) कल को चाहे हमारी मौत भी हो जाए, यहोवा हमें ज़िंदा कर देगा, वह तो ऐसा करने के लिए तरस रहा है! (अय्यू. 14:14, 15) तो आज जब हम ज़िंदा हैं, हमें अपनी सेहत का खयाल रखने की पूरी कोशिश करनी चाहिए।

नुकसान करण वारियुनि आदतुनि खां बचो

6. खाइण-पीअण जे मामले में यहोवा असां खां छा चाहे थो?

6 बाइबल कोई ऐसी किताब नहीं जिसमें यह बताया गया हो कि हम अपनी सेहत कैसे बना सकते हैं या इसके लिए हमें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं। लेकिन बाइबल से हम यह ज़रूर जान सकते हैं कि इस बारे में यहोवा की क्या सोच है। जैसे, बाइबल में यहोवा ने हमें सलाह दी है कि हम ऐसी हर बात से दूर रहें जो हमारे शरीर को नुकसान पहुँचा सकती है। (सभो. 11:10) बाइबल में यह भी बताया गया है कि हम बहुत ज़्यादा शराब ना पीएँ, ना ही हद-से-ज़्यादा खाएँ। ऐसा करने से हमारी सेहत खराब हो सकती है, यहाँ तक कि हमारी जान भी जा सकती है। (नीति. 23:20) यहोवा चाहता है कि जब हम यह फैसला करते हैं कि हम क्या खाएँगे-पीएँगे या कितना खाएँगे-पीएँगे, तो हम खुद पर काबू रखें।​—1 कुरिं. 6:12; 9:25.

7. नीतिवचन 2:11 में ॾिनल सलाह असां खे सेहत जे मामले में सही फैसलो करण में कीअं मदद कंदी?

7 जब हम सबकुछ सोच-समझकर करते हैं, तो भी हम दिखाते हैं कि यहोवा ने हमें जो जीवन दिया है, उसकी हम बहुत कदर करते हैं। (भज. 119:99, 100; नीतिवचन 2:11, 12 पढ़िए।) खाने-पीने की ही बात ले लीजिए। अगर हमें पता हो कि कोई खाना खाने से हम बीमार पड़ जाते हैं, तो समझदारी इसी में होगी कि हम उसे ना खाएँ। हम तब भी समझदारी से काम लेते हैं जब हम अच्छी नींद लेते हैं, लगातार कसरत करते हैं और खुद को और अपने घर को साफ-सुथरा रखते हैं।

सावधान ऐं सुरक्षित रहो

8. बाइबल मां कीअं खबर पवे थी त यहोवा चाहे थो त असां हमेशा सुरक्षा जो ध्यान रखूं?

8 यहोवा ने इसराएलियों को ऐसे कई नियम दिए थे जिन्हें मानने से वे हादसों से बच सकते थे और घर पर और काम करते वक्‍त सुरक्षित रह सकते थे। (निर्ग. 21:28, 29; व्यव. 22:8) अगर कोई व्यक्‍ति अनजाने में किसी की जान ले लेता, तो उसे इसके भारी अंजाम भुगतने पड़ते थे। (व्यव. 19:4, 5) और अगर एक व्यक्‍ति अनजाने में किसी गर्भवती औरत को चोट पहुँचा देता और इससे उसके बच्चे की जान चली जाती, तो उस व्यक्‍ति को सज़ा दी जानी थी। (निर्ग. 21:22, 23) इस तरह बाइबल से साफ पता चलता है कि यहोवा चाहता है, हम हमेशा सुरक्षा का ध्यान रखें।

इन हालात में हम कैसे दिखा सकते हैं कि हम जीवन की कदर करते हैं? (पैराग्राफ 9)

9. असां कहिड़ियुनि ॻाल्हियुनि जो ध्यान रखे सघूं था जीअं कोई हादसो न थे? (तसवीरूं बि ॾिसो.)

9 जब हम घर पर और काम करते वक्‍त सुरक्षित रहने के लिए एहतियात बरतते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हमें अपने जीवन की कदर है। जैसे, हम ध्यान रखते हैं कि तेज़ धारवाली चीज़ें, दवाइयाँ और केमिकल वगैरह बच्चों की पहुँच से दूर हों। और जब हमें इन्हें फेंकना हो, तो हम इस तरह फेंकते हैं कि दूसरों को नुकसान ना हो। अगर हमने आग जलायी हो, पानी उबालने रखा हो या हम कोई औज़ार इस्तेमाल कर रहे हों, तो हम एहतियात बरतते हैं और उन्हें यूँ ही छोड़कर नहीं चले जाते। हम इस बात का भी ध्यान रखते हैं कि अगर हमने शराब पी हो या कोई ऐसी दवाई ली हो जिससे हमें सुस्ती आ रही हो या हमारी नींद पूरी ना हुई हो, तो हम गाड़ी ना चलाएँ। और हम यह भी ध्यान रखते हैं कि गाड़ी चलाते समय हाथ में पकड़कर फोन इस्तेमाल ना करें।

जॾहिं कोई विपत्ति अचे

10. विपत्ति अचण खां पहिरियों या उन जे दौरान असां छा करे सघूं था?

10 कुछ विपत्तियाँ ऐसी होती हैं जिन्हें आने से हम रोक नहीं सकते, जैसे प्राकृतिक विपत्तियाँ, महा-मारियाँ और दंगे-फसाद। लेकिन जब इस तरह की विपत्तियाँ आती हैं, तो हम अपने बचाव के लिए काफी कुछ कर सकते हैं। जैसे, हम जिस इलाके में रहते हैं वहाँ अगर कर्फ्यू लग जाए या कुछ पाबंदियाँ लगा दी जाएँ या उस इलाके को खाली करने के लिए कहा जाए, तो हम वे हिदायतें मानेंगे। (रोमि. 13:1, 5-7) कुछ विपत्तियों के बारे में पहले से पता लग जाता है। ऐसे में अधिकारी जो निर्देश देते हैं, उन्हें मानकर हम विपत्ति का सामना करने के लिए पहले से तैयार हो सकते हैं। जैसे, हम इस बात का ध्यान रख सकते हैं कि हमारे पास काफी मात्रा में पानी हो, खाने-पीने की ऐसी चीज़ें हों जो जल्दी खराब नहीं होतीं और ज़रूरी दवाइयाँ हों।

11. असां जे इलाके में कोई बीमारी तेज़ी सां फैले थी, त असां खे छा करण घुरिजे?

11 हम जहाँ रहते हैं, अगर वहाँ कोई ऐसी बीमारी फैल रही है जो बड़ी जल्दी एक-से-दूसरे को लग जाती है, तो हम क्या कर सकते हैं? ऐसे में अधिकारी हमें जो हिदायतें दें, हमें उन्हें मानना चाहिए। जैसे शायद हमसे कहा जाए कि हम लगातार हाथ धोएँ, उचित दूरी बनाए रखें, मास्क पहनें और अगर हममें बीमारी के लक्षण नज़र आएँ, तो खुद को दूसरों से अलग रखें। जब हम इस तरह एहतियात बरतते हैं, तो हम दिखाते हैं कि परमेश्‍वर ने हमें जो जीवन दिया है, उसकी हम कदर करते हैं।

12. जॾहिं विपत्ति ईंदी आहे, त असां नीतिवचन 14:15 में ॾिनल सिद्धांत कीअं मञी सघूं था?

12 इन हालात में शायद हमें अपने दोस्तों या पड़ोसियों से या फिर खबरों में ऐसी बातें सुनने को मिलें जो सच नहीं होतीं। लोगों की “हर बात पर” आँख मूँदकर यकीन करने के बजाय हमें सरकारी अधिकारियों और डॉक्टरों की तरफ से मिलनेवाली भरोसेमंद जानकारी पर ध्यान देना चाहिए। (नीतिवचन 14:15 पढ़िए।) शासी निकाय और शाखा दफ्तर के भाई सही जानकारी पाने के लिए बहुत मेहनत करते हैं और इसके बाद ही सभाओं या प्रचार के बारे में कोई निर्देश देते हैं। (इब्रा. 13:17) अगर हम उन निर्देशों को मानें, तो उससे हमारी और दूसरों की हिफाज़त होगी। और इससे शायद हमारे इलाके के लोग यहोवा के साक्षियों की और भी इज़्ज़त करने लगें।​—1 पत. 2:12.

खून जो मसलो अचण खां पहिरियों तैयारी कयो

13. जॾहिं खून चढ़ाइण जो दबाव अचे, त असां कीअं ॾेखारींदासीं त जीवन अनमोल आहे?

13 कई लोग यह बात जानते हैं कि यहोवा के साक्षी खून नहीं लेते, क्योंकि वे इसे पवित्र मानते हैं। यहोवा ने बाइबल में साफ-साफ लिखवाया है कि हमें खून नहीं लेना चाहिए। हम यह नियम हर हाल में मानते हैं, फिर चाहे हमारी जान पर ही क्यों ना बन आए। (प्रेषि. 15:28, 29) लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हमें अपनी जान प्यारी नहीं है। परमेश्‍वर ने हमें जो जीवन दिया है, उसे हम बहुत अनमोल समझते हैं। इसलिए हम ऐसे डॉक्टरों को दिखाते हैं जो बिना खून के बढ़िया-से-बढ़िया इलाज करने को तैयार हों।

14. छा ध्यान में रखण सां शायद ऑपरेशन कराइण जी नौबत ही न अचे?

14 अब तक हमने इस लेख में जिन सुझावों पर बात की, अगर हम उन्हें मानें और अपनी सेहत का खयाल रखें, तो शायद कोई बड़ा इलाज या ऑपरेशन कराने की नौबत ही ना आए। और अगर ऑपरेशन कराना भी पड़ा, तो उस दौरान ज़्यादा दिक्कत नहीं आएगी और ऑपरेशन के बाद हम जल्दी ठीक हो पाएँगे। अगर हम घर पर और काम की जगह सुरक्षा का ध्यान रखें और ट्रैफिक के नियम मानें, तो काफी हद तक हादसों और बड़े ऑपरेशन से बचा जा सकता है।

हम जीवन को अनमोल समझते हैं, इसलिए हम एडवान्स हेल्थ केयर डाइरेक्टिव भरते हैं और उसे हर वक्‍त अपने साथ रखते हैं (पैराग्राफ 15) d

15. (क) इहो छो ज़रूरी आहे त असां जो एडवान्स हेल्थ केयर डाइरेक्टिव अपडेट हुजे ऐं हमेशा असां सां गॾु हुजे? (तसवीर बि ॾिसो.) (ख) जीअं वीडियो में ॾेखारियल आहे, असां खून जे मामले में सही फैसलो कीअं खणी सघूं था?

15 परमेश्‍वर ने हमें जो जीवन दिया है, हम उसकी बहुत कदर करते हैं। इसलिए हम एडवान्स हेल्थ केयर डाइरेक्टिव (नो ब्लड कार्ड) भरते हैं और हर वक्‍त उसे अपने साथ रखते हैं। b इस कार्ड में लिखा होता है कि अगर खून चढ़वाने की बात आए, तो हमारा क्या फैसला होगा। इसमें हम सेहत और इलाज से जुड़ी और भी कुछ बातें लिख सकते हैं। क्या आपने एडवान्स हेल्थ केयर डाइरेक्टिव भरा है? कहीं उसमें दी जानकारी पुरानी तो नहीं हो गयी है? अगर आपने इसे अब तक नहीं भरा है या आपको इसमें कोई फेरबदल करना है, तो टाल-मटोल मत कीजिए, जल्द-से-जल्द इसे भरिए। इस कार्ड में ये बातें साफ-साफ लिखना बहुत फायदेमंद है। अगर कल को हमारी सेहत से जुड़ी कोई बड़ी समस्या खड़ी हो जाए, तो इलाज शुरू होने में बेवजह देर नहीं होगी। और डॉक्टर भी हमें कोई ऐसी दवा नहीं देंगे जिससे हमारी जान को खतरा हो सकता है। c

16. जेकॾहिं असां खे एडवान्स हेल्थ केयर डाइरेक्टिव न भरण अचे, त असां छा करे सघूं था?

16 हो सकता है, आप जवान हों और आपकी सेहत अच्छी हो, लेकिन हादसा किसी के साथ भी हो सकता है और कभी-भी कोई बीमार पड़ सकता है। (सभो. 9:11) इसलिए कितना अच्छा होगा कि हम सब एडवान्स हेल्थ केयर डाइरेक्टिव भरकर रखें। अगर आपको समझ में ना आ रहा हो कि यह कार्ड कैसे भरें, तो आप प्राचीनों से बात कर सकते हैं। वे इसे भरने में आपकी मदद कर सकते हैं, क्योंकि आम तौर पर उन्हें पता होता है कि इसे कैसे भरना है। वे यह समझने में ज़रूर आपकी मदद करेंगे कि खून से जुड़े कुछ मामलों में क्या-क्या फैसले लिए जा सकते हैं और फिर वे आपके फैसले इस कार्ड में लिखने में आपकी मदद कर सकते हैं। लेकिन याद रखिए कि प्राचीन आपके लिए कोई फैसला नहीं करेंगे, यह आपको खुद करना होगा।​—गला. 6:4, 5.

लिहाज़ ॾेखारियो

17. सेहत जे मामले में फैसलो कंदे वक्‍त असां लिहाज़ कीअं ॾेखारे सघूं था?

17 हम सेहत और इलाज के मामले में बहुत-से फैसले लेते हैं। और इनमें से कुछ फैसले हम बाइबल से प्रशिक्षण पाए अपने ज़मीर के हिसाब से लेते हैं। (प्रेषि. 24:16; 1 तीमु. 3:9) इसलिए कोई फैसला लेते वक्‍त और इस बारे में दूसरों से बात करते वक्‍त हमें फिलिप्पियों 4:5 में दिया सिद्धांत ध्यान में रखना चाहिए। वहाँ लिखा है, “सब लोग जान जाएँ कि तुम लिहाज़ करनेवाले इंसान हो।” लिहाज़ करने का मतलब है कि हम दूसरों पर अपनी राय ना थोपें। अगर वे कोई ऐसा फैसला लें जो हमें पसंद ना आए, तब भी हमें उनसे प्यार करते रहना है और उनका आदर करना है। लिहाज़ करने का यह भी मतलब है कि हम अपनी सेहत के बारे में बहुत ज़्यादा चिंता ना करें।​—रोमि. 14:10-12.

18. असां कीअं ॾेखारे सघूं था, त जीवन जे लाइ असां परमेश्‍वर जा अहसानमंद आहियूं?

18 जब हम सुरक्षित रहने के लिए पूरी एहतियात बरतते हैं और तन-मन से यहोवा की सेवा करते हैं, तो हम दिखाते हैं कि हम जीवन देनेवाले परमेश्‍वर यहोवा का कितना एहसान मानते हैं। (प्रका. 4:11) आज इस दुनिया में हमें कई बीमारियों से लड़ना पड़ता है और विपत्तियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन जब हमारे सृष्टिकर्ता ने हमें बनाया था, तो उसने ऐसा बिलकुल नहीं चाहा था। वह तो हमसे बहुत प्यार करता है और बहुत जल्द हमें हमेशा की ज़िंदगी देगा। उस वक्‍त कोई दर्द से नहीं कराहएगा और किसी की मौत नहीं होगी। (प्रका. 21:4) लेकिन तब तक आइए हम अपनी सेहत का अच्छा खयाल रखें और अपने पिता यहोवा की सेवा करते रहें।

गीत 140 हमेशा की ज़िंदगी!

a हमारा जीवन परमेश्‍वर से मिला एक अनमोल तोहफा है। इस लेख में हम कुछ ऐसी बातों पर गौर करेंगे जिससे जीवन के लिए हमारी कदर और बढ़ जाएगी। हम यह भी जानेंगे कि जब कोई विपत्ति आए तो हम कैसे सुरक्षित रह सकते हैं और अपनी सेहत का खयाल रख सकते हैं और हम ऐसा क्या कर सकते हैं ताकि हमारे साथ कोई हादसा ना हो। हम यह भी चर्चा करेंगे कि सेहत से जुड़ी बड़ी समस्याओं का सामना करने के लिए हम खुद को पहले से कैसे तैयार कर सकते हैं।

b इसे डी.पी.ए. कार्ड भी कहा जाता है।

d तसवीर के बारे में: एक जवान भाई एडवान्स हेल्थ केयर डाइरेक्टिव भर रहा है और बाहर जाते समय उसे अपने साथ ले जा रहा है।