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अध्ययन लेख 12

सृष्टि निहारें, यहोवा को जानें!

सृष्टि निहारें, यहोवा को जानें!

“उसके अनदेखे गुण दुनिया की रचना के वक्‍त से साफ दिखायी देते हैं। . . . ये गुण उसकी बनायी चीज़ों को देखकर अच्छी तरह समझे जा सकते हैं।”​—रोमि. 1:20.

गीत 6 यहोवा की शान आसमाँ करे बयान

एक झलक a

1. एक तरीका बताइए जिससे अय्यूब यहोवा को और अच्छे-से जान पाया।

 अय्यूब ने अपनी ज़िंदगी में बहुत-से लोगों से बातचीत की होगी। पर एक शख्स के साथ हुई बातचीत शायद वह कभी नहीं भुला पाया होगा। वह थी परमेश्‍वर यहोवा के साथ हुई बातचीत। यहोवा ने उससे कहा कि वह उसकी बनायी कुछ लाजवाब चीज़ों पर गौर करे। ऐसा करने से वह जान पाता कि यहोवा कितना बुद्धिमान है और उसे यकीन हो जाता कि वह अपने सेवकों की ज़रूरतें पूरी कर सकता है। जैसे परमेश्‍वर ने उसे बताया कि जिस तरह वह जानवरों का खयाल रखता है, उसी तरह वह अय्यूब का भी खयाल रख सकता है। (अय्यू. 38:39-41; 39:1, 5, 13-16) इस तरह सृष्टि की चीज़ों पर गौर करने से अय्यूब परमेश्‍वर के बारे में बहुत कुछ जान पाया।

2. कई बार यहोवा की सृष्टि पर ध्यान देना हमारे लिए क्यों मुश्‍किल हो सकता है?

2 हम भी यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देने से उसके बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं। लेकिन कई बार शायद ऐसा करना हमें मुश्‍किल लगे। हो सकता है, हम शहर में रहते हों जहाँ आस-पास प्रकृति की चीज़ें ज़्यादा देखने को नहीं मिलतीं। या शायद हम ऐसी जगह रहते हों जहाँ बहुत हरियाली है, लेकिन हमें लगे कि हमारे पास प्रकृति पर ध्यान देने का वक्‍त ही नहीं है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह क्यों बहुत ज़रूरी है कि हम समय निकालकर यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान दें। हम यह भी जानेंगे कि यहोवा और यीशु ने हमें सृष्टि से कैसे सिखाया और हम यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देने से कैसे और भी बातें सीख सकते हैं।

सृष्टि पर क्यों ध्यान दें?

यहोवा चाहता था कि आदम उसकी बनायी चीज़ों से खुशी पाए और जानवरों के नाम रखे (पैराग्राफ 3)

3. हम क्यों कह सकते हैं कि यहोवा चाहता था कि आदम उसकी बनायी चीज़ें देखकर खुशी पाए?

3 जब यहोवा ने पहले इंसान आदम को बनाया, तो वह चाहता था कि आदम उसकी बनायी चीज़ों से खुशी पाए। उसने आदम के रहने के लिए एक खूबसूरत फिरदौस बनाया और उससे कहा कि वह उसकी देखभाल करे और पूरी धरती को उस बगीचे जैसा बना दे। (उत्प. 2:8, 9, 15) सोचिए, आदम के लिए यह कितनी बड़ी बात थी! जब वह देखता होगा कि किस तरह एक बीज से अंकुर फूटता है और किस तरह फूल खिलते हैं, तो उसे कितना अच्छा लगता होगा। यहोवा ने आदम को एक और काम दिया। उसने उससे कहा कि वह सभी जानवरों के नाम रखे। (उत्प. 2:19, 20) यहोवा चाहता तो खुद भी ऐसा कर सकता था, पर उसने यह काम आदम को दिया। किसी भी जानवर का नाम रखने से पहले आदम ज़रूर उसे बड़े ध्यान से देखता होगा कि वह कैसा दिखता है, कैसी हरकतें करता है और तब जाकर उसके लिए एक सही नाम चुनता होगा। उसे इस काम में कितना मज़ा आया होगा! वह यह भी देख पाया होगा कि यहोवा कितना बुद्धिमान है और उसकी बनायी चीज़ें कितनी खूबसूरत और बढ़िया हैं।

4. (क) हमें क्यों यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए? (ख) आपको यहोवा की बनायी कौन-सी चीज़ें बहुत अच्छी लगती हैं?

4 सृष्टि की चीज़ों पर ध्यान देने की एक वजह यह है कि यहोवा खुद चाहता है कि हम ऐसा करें। उसने हमसे कहा है, “ज़रा अपनी आँखें उठाकर आसमान को देखो, किसने इन तारों को बनाया?” (यशा. 40:26) यहोवा ने ना सिर्फ आसमान में, बल्कि समुंदर और धरती पर भी ऐसी बहुत-सी लाजवाब चीज़ें बनायी हैं जिनसे हम उसके बारे में सीख सकते हैं। (भज. 104:24, 25) और ज़रा इस बारे में भी सोचिए कि उसने हम इंसानों को किस तरह बनाया है। जब हम प्रकृति के आस-पास होते हैं, तो हमें बहुत अच्छा लगता है। हम सुंदर नज़ारे देख सकते हैं, तरह-तरह की आवाज़ें सुन सकते हैं, अलग-अलग चीज़ें चख सकते हैं, उनकी खुशबू ले सकते हैं और उन्हें छूकर महसूस कर सकते हैं। इस तरह हम यहोवा की बनायी चीज़ों का पूरा-पूरा मज़ा ले पाते हैं।

5. रोमियों 1:20 के मुताबिक हमें यहोवा की बनायी चीज़ों पर क्यों ध्यान देना चाहिए?

5 बाइबल में एक और वजह बतायी गयी है कि हमें क्यों यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए। वह यह कि इससे हम जान पाते हैं कि यहोवा कैसा परमेश्‍वर है और उसमें कौन-कौन-से गुण हैं। (रोमियों 1:20 पढ़िए।) ज़रा यहोवा की बनायी किसी चीज़ को देखिए और उसकी बनावट पर ध्यान दीजिए। क्या उसे देखकर आपको नहीं लगता कि यहोवा बहुत बुद्धिमान है? और सोचिए यहोवा ने हमें खाने के लिए कितनी तरह-तरह की चीज़ें दी हैं! इससे साफ पता चलता है कि वह हमसे कितना प्यार करता है। जब हम यहोवा की बनायी चीज़ें देखकर उसके बारे में सोचते हैं, तो हम उसे और अच्छे-से जान पाते हैं और उसके और करीब आ जाते हैं। अब आइए देखें कि यहोवा कैसे सृष्टि से हम इंसानों को कई ज़रूरी बातें सिखाता है।

यहोवा सृष्टि से अपने बारे में सिखाता है

6. प्रवासी पक्षियों पर ध्यान देने से हम क्या सीख सकते हैं?

6 यहोवा ने हर चीज़ का एक समय तय किया है।  हर साल इसराएली फरवरी से मई के बीच लगलग पक्षियों को उत्तर की तरफ जाते देखते थे। यहोवा ने इसराएलियों से कहा था, “आकाश में उड़नेवाला लगलग भी जानता है कि कब उसे उड़कर दूसरी जगह जाना है।” (यिर्म. 8:7) ठीक जैसे यहोवा ने समय तय किया है कि कब ये प्रवासी पक्षी एक जगह से दूसरी जगह जाएँगे, उसी तरह उसने पहले से तय किया है कि वह कब दुष्टों का न्याय करेगा। आज जब हम प्रवासी पक्षियों को उड़ान भरते हुए देखें, तो इस बात पर हमारा भरोसा बढ़ना चाहिए कि यहोवा “तय वक्‍त” पर इस दुष्ट दुनिया का अंत करेगा।​—हब. 2:3.

7. ऊँचे उड़ते हुए एक पक्षी को देखकर हम क्या सीख सकते हैं? (यशायाह 40:31)

7 यहोवा अपने लोगों को ताकत देता है।  भविष्यवक्‍ता यशायाह के ज़रिए यहोवा ने अपने लोगों से वादा किया था कि जब कभी वे कमज़ोर या निराश महसूस करेंगे, तो वह उन्हें ताकत देगा। वे मानो “उकाब की तरह पंख फैलाकर ऊँची उड़ान भरेंगे।” (यशायाह 40:31 पढ़िए।) इसराएली अकसर देखते होंगे कि उकाब कैसे गर्म हवाओं का सहारा लेकर ऊपर उठते चले जाते हैं, जबकि वे ज़्यादा बार पंख भी नहीं फड़फड़ाते। ठीक जैसे यहोवा इन पक्षियों को उड़ान भरने की ताकत देता है, वह हमें भी ताकत से भर सकता है। तो अगली बार जब आप देखें कि एक बड़ा पक्षी कैसे आसमान में ऊपर उठता जा रहा है, तो याद रखिए कि यहोवा आपको भी ऊपर उठा सकता है, समस्याओं से उबरने की ताकत दे सकता है।

8. यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देने से अय्यूब ने क्या सीखा और आज हम क्या सीख सकते हैं?

8 यहोवा पर हम पूरा भरोसा कर सकते हैं।  यहोवा ने अय्यूब को ऐसी कई बातें बतायीं जिससे वह उस पर और भी भरोसा कर पाया। (अय्यू. 32:2; 40:6-8) यहोवा ने उसे सृष्टि की कई चीज़ों के बारे में बताया, जैसे तारों के बारे में, बादलों के बारे में और बिजली के बारे में। यहोवा ने उससे कई जानवरों के बारे में भी बात की, जैसे जंगली साँड़ और घोड़े के बारे में। (अय्यू. 38:32-35; 39:9, 19, 20) इन सब बातों के बारे में सोचने से अय्यूब समझ पाया कि यहोवा ना सिर्फ ताकतवर है, बल्कि बहुत बुद्धिमान भी है और हमसे बहुत प्यार करता है। इस तरह अय्यूब यहोवा पर और भी भरोसा करने लगा। (अय्यू. 42:1-6) आज जब हम भी यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देते हैं, तो समझ पाते हैं कि यहोवा हमसे कहीं ज़्यादा बुद्धिमान और ताकतवर है। वह हमारी हर मुश्‍किल भी दूर कर सकता है और वह ऐसा ज़रूर करेगा। यह बात ध्यान में रखने से हम यहोवा पर और भी भरोसा कर पाएँगे।

यीशु ने सृष्टि से अपने पिता के बारे में सिखाया

9-10. हम धूप और बारिश से यहोवा के बारे में क्या सीखते हैं?

9 यीशु सृष्टि के बारे में बहुत-सी बातें जानता था। जब यहोवा सब चीज़ों की सृष्टि कर रहा था, तो उसने “एक कुशल कारीगर” की तरह यहोवा का हाथ बँटाया। (नीति. 8:30) बाद में जब यीशु धरती पर आया, तो उसने अपने चेलों को सृष्टि की चीज़ों की मिसाल देकर अपने पिता के बारे में बहुत कुछ सिखाया। आइए उनमें से कुछ बातों पर ध्यान दें।

10 यहोवा हर किसी से प्यार करता है।  पहाड़ी उपदेश देते वक्‍त यीशु ने अपने चेलों को धूप और बारिश के बारे में बताया। ये ऐसी चीजें हैं जिन पर लोग ज़्यादा ध्यान नहीं देते, पर ज़िंदा रहने के लिए ये बहुत ज़रूरी हैं। यहोवा चाहता तो कुछ ऐसा कर सकता था कि बुरे लोगों को ना तो धूप मिले और ना बारिश। लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। वह हर किसी पर सूरज चमकाता है और बारिश बरसाता है। (मत्ती 5:43-45) इस तरह यीशु ने अपने चेलों को सिखाया कि यहोवा सब लोगों से प्यार करता है। तो जब कभी हम डूबते हुए सूरज का खूबसूरत नज़ारा देखें या रिमझिम बारिश का मज़ा लें, आइए याद रखें कि यहोवा सब तरह के लोगों से प्यार करता है। फिर हमारा भी मन करेगा कि हम हर तरह के लोगों को प्रचार करें और इस तरह दिखाएँ कि हम सब से प्यार करते हैं।

11. चिड़ियों को देखकर हमें कैसे हिम्मत मिल सकती है?

11 यहोवा हमारी सभी ज़रूरतें पूरी करता है।  पहाड़ी उपदेश देते वक्‍त यीशु ने यह भी कहा, “आकाश में उड़नेवाले पंछियों को ध्यान से देखो। वे न तो बीज बोते, न कटाई करते, न ही गोदामों में भरकर रखते हैं, फिर भी स्वर्ग में रहनेवाला तुम्हारा पिता उन्हें खिलाता है।” हो सकता है, जब यीशु ने यह बात कही, तो लोगों ने आसमान में पंछियों को उड़ते हुए देखा हो। फिर उसने उनसे कहा, “क्या तुम्हारा मोल उनसे बढ़कर नहीं?” (मत्ती 6:26) यीशु ने कितने बढ़िया तरीके से लोगों को इस बात का यकीन दिलाया कि यहोवा अपने सेवकों की ज़रूरतें पूरी करेगा। (मत्ती 6:31, 32) यह बात याद रखने से आज हमें भी बहुत हिम्मत मिलती है। स्पेन में रहनेवाली एक जवान पायनियर बहन की मिसाल पर ध्यान दीजिए। उसे रहने के लिए घर नहीं मिल रहा था, इसलिए वह बहुत परेशान हो गयी थी। लेकिन फिर उसने कुछ चिड़ियों को दाना चुगते और फल खाते हुए देखा। उन्हें देखकर उसे बहुत हिम्मत मिली। वह कहती है, “उन चिड़ियों को देखकर मुझे याद आया कि यहोवा जैसे उनका खयाल रखता है, वैसे वह मेरा भी खयाल रखेगा।” और ऐसा ही हुआ। कुछ समय बाद बहन को रहने के लिए एक जगह मिल गयी।

12. मत्ती 10:29-31 में चिड़ियों के बारे में जो बताया गया है, उससे हम यहोवा के बारे में क्या सीखते हैं?

12 यहोवा हममें से हरेक को अनमोल समझता है।  जब यीशु ने प्रेषितों को प्रचार करने के लिए भेजा, तो उसने उनकी हिम्मत बँधायी, ताकि विरोध आने पर वे घबरा ना जाएँ। (मत्ती 10:29-31 पढ़िए।) ऐसा करने के लिए उसने उन्हें छोटी चिड़ियों की मिसाल दी जो अकसर इसराएल में देखने को मिलती थीं। यीशु के दिनों में इन चिड़ियों का ज़्यादा मोल नहीं होता था। पर यीशु ने अपने चेलों से कहा, “उनमें से एक भी  तुम्हारे पिता के जाने बगैर ज़मीन पर नहीं गिरती।” फिर उसने उनसे कहा, “तुम बहुत-सी चिड़ियों से कहीं ज़्यादा अनमोल हो।” इस तरह यीशु ने अपने चेलों को यकीन दिलाया कि यहोवा उनमें से हरेक  को अनमोल समझता है, इसलिए अगर उनका विरोध किया जाए, तो उन्हें डरने की ज़रूरत नहीं है। चेले जब भी गाँव-बस्तियों में प्रचार करते वक्‍त किसी छोटी चिड़िया को देखते होंगे, तो उन्हें ज़रूर यीशु के ये शब्द याद आते होंगे। तो जब कभी आप भी कोई छोटी चिड़िया देखें, तो याद रखिए कि आप यहोवा के लिए बहुत खास हैं, क्योंकि उसके लिए आप भी “बहुत-सी चिड़ियों से कहीं ज़्यादा अनमोल हैं।” यहोवा आपके साथ है, इसलिए चाहे आपका कितना भी विरोध किया जाए, आप हिम्मत से उसका सामना कर सकते हैं।​—भज. 118:6.

सृष्टि से परमेश्‍वर के बारे में और कैसे जानें?

13. यहोवा की बनायी चीज़ों से और भी सीखने के लिए हमें क्या करना होगा?

13 हम यहोवा की बनायी चीज़ों से उसके बारे में और भी बहुत कुछ जान सकते हैं। इसके लिए हमें क्या करना होगा? सबसे पहले हमें यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देने के लिए समय निकालना होगा। फिर हमें सोचना होगा कि इन चीज़ों से हमें यहोवा के बारे में क्या पता चलता है। ऐसा करना शायद हमेशा आसान ना हो। कैमरून की रहनेवाली बहन जेरलडीन बताती हैं, “मैं एक शहर में पली-बढ़ी, इसलिए मैं जानती हूँ कि प्रकृति की चीज़ों पर ध्यान देने के लिए मेहनत करनी होती है।” ऐल्फॉनसो नाम के एक प्राचीन बताते हैं, “मैंने देखा है कि यहोवा की बनायी चीज़ों पर ध्यान देने के लिए पहले से एक समय तय करना बहुत ज़रूरी है। उस वक्‍त मैं अकेले में इत्मीनान से सोच पाता हूँ कि उन चीज़ों से मुझे यहोवा के बारे में क्या पता चलता है।”

जब दाविद अपने आस-पास की सृष्टि निहारता था, तो सोचता था कि उससे यहोवा के बारे में क्या पता चलता है (पैराग्राफ 14)

14. यहोवा की बनायी चीज़ों पर मनन करने से दाविद क्या समझ पाया?

14 दाविद यहोवा की बनायी चीज़ों के बारे में गहराई से सोचता था। एक बार उसने यहोवा से कहा, “जब मैं आसमान को निहारता हूँ जो तेरी हस्तकला है, जब मैं चाँद-सितारों को देखता हूँ जो तेरी रचना हैं, तो मैं सोच में पड़ जाता हूँ, ‘नश्‍वर इंसान है ही क्या कि तू उसका खयाल रखे?’” (भज. 8:3, 4) दाविद रात को जब भी तारों से भरे आसमान को देखता था, तो सिर्फ उनकी खूबसूरती नहीं निहारता था, बल्कि इस बारे में भी सोचता था कि उनसे उसे यहोवा के बारे में क्या पता चलता है। इस तरह वह समझ पाया कि यहोवा कितना महान है। दाविद ने इस बारे में भी मनन किया कि जब वह अपनी माँ की कोख में था, तो वह किस तरह बढ़ रहा होगा। जब उसने इस बारे में सोचा कि उसे कितने लाजवाब तरीके से बनाया गया है, तो वह समझ पाया कि यहोवा कितना बुद्धिमान है और यहोवा के लिए उसका दिल एहसान से भर गया।​—भज. 139:14-17.

15. आपने सृष्टि से यहोवा के कौन-से गुणों के बारे में जाना? (भजन 148:7-10)

15 आपके आस-पास भी यहोवा की बनायी ऐसी ढेरों चीज़ें होंगी जिनके बारे में आप सोच सकते हैं और दाविद की तरह उन पर मनन कर सकते हैं। इस तरह आप और अच्छे-से जान पाएँगे कि यहोवा में कौन-से गुण हैं। जैसे जब भी आप सूरज की गरमी महसूस करते हैं, तो इस बारे में सोचिए कि यहोवा कितना शक्‍तिशाली परमेश्‍वर है। (यिर्म. 31:35) या फिर जब आप किसी चिड़िया को घोंसला बनाते हुए देखते हैं, तो इस बारे में मनन कीजिए कि यहोवा कितना बुद्धिमान है। या जब आप किसी पिल्ले को देखते हैं, जो अपनी ही पूँछ पकड़ने की कोशिश कर रहा है, तो क्या इससे यह नहीं पता चलता कि यहोवा हमेशा खुश रहता है और उसे हँसी-मज़ाक पसंद है? और जब आप एक माँ को अपने नन्हे-मुन्‍ने के साथ खेलते हुए देखते हैं, तो यहोवा का धन्यवाद कीजिए कि वह आपसे प्यार करता है। पूरी कायनात, यहोवा की बनायी हर चीज़ उसकी तारीफ करती है, फिर चाहे वह छोटी हो या बड़ी, हमसे दूर हो या हमारे पास। हमें बस नज़र उठाकर उसे देखना है, उस पर मनन करना है, तब हम यहोवा के बारे में बहुत कुछ जान पाएँगे।​भजन 148:7-10 पढ़िए।

16. हमें क्या ठान लेना चाहिए?

16 हमारा परमेश्‍वर बहुत ही बुद्धिमान है, शक्‍तिशाली है, वह हमसे बहुत प्यार करता है और उसने हरेक चीज़ बहुत सुंदर बनायी है। अगर हम अपने आस-पास की सृष्टि को निहारें, तो हम उसके ये गुण साफ देख पाएँगे और उसके बारे में और भी बहुत कुछ जान पाएँगे। तो आइए हम यहोवा की बनायी चीजें निहारने के लिए समय निकालें और सोचें कि इनसे हम उसके बारे में क्या सीख सकते हैं। इस तरह हम उसके और भी करीब आ पाएँगे। (याकू. 4:8) अगले लेख में हम जानेंगे कि माता-पिता अपने बच्चों को सृष्टि की चीज़ें दिखाकर कैसे सिखा सकते हैं, ताकि वे भी यहोवा के करीब आएँ।

गीत 5 यहोवा के बेजोड़ काम

a यहोवा ने जो कुछ बनाया है, वह बहुत ही लाजवाब है। उसकी बनायी चीज़ें देखकर हम हैरान रह जाते हैं। फिर चाहे बेहिसाब ऊर्जा से भरा सूरज हो या एक नाज़ुक-सी कली। यहोवा की बनायी चीज़ें देखकर हम यह भी जान पाते हैं कि वह कैसा परमेश्‍वर है और उसमें कौन-कौन-से गुण हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि हमें क्यों समय निकालकर सृष्टि को निहारना चाहिए और ऐसा करने से हम कैसे यहोवा के और भी करीब आ सकते हैं।