प्रहरीदुर्ग—अध्ययन संस्करण सितंबर 2013

दो बातों के बीच फर्क करने की तकनीक से फायदा पाइए

यीशु अकसर दो बातों के बीच फर्क बताकर सिखाता था। जानिए कि दो बातों के बीच फर्क बताने की इस तकनीक का इस्तेमाल कर आप दूसरों को बाइबल सच्चाइयाँ कैसे सिखा सकते हैं।

यहोवा की चितौनियाँ विश्‍वासयोग्य हैं

यहोवा ने हमेशा से अपने लोगों को मार्गदर्शन देने के लिए चितौनियों का इस्तेमाल किया है। आज हम यहोवा की चितौनियों पर क्यों भरोसा कर सकते हैं?

यहोवा की चितौनियों को अपने हृदय के हर्ष का कारण बनाइए

क्या हम खुशी-खुशी यहोवा की आज्ञाएँ मानते हैं, या फिर कभी-कभी ये हमें बोझ लगती हैं? हम उसकी चितौनियों पर कैसे अपना भरोसा बढ़ा सकते हैं?

क्या आपकी कायापलट हुई है?

हरेक मसीही को “कायापलट” करने की अहमियत क्यों पहचाननी चाहिए? कायापलट करने में क्या शामिल है? और हम इसमें कामयाब कैसे हो सकते हैं?

बुद्धिमानी से निजी फैसले लीजिए

हम कैसे यह पक्का कर सकते हैं कि हमारे फैसले परमेश्‍वर की इच्छा के मुताबिक हैं? फैसले लेने के बाद, उनके मुताबिक काम करने में क्या बात हमारी मदद कर सकती है?

पायनियर सेवा करने से यहोवा के साथ हमारा रिश्‍ता मज़बूत होता है

आठ तरीकों पर गौर कीजिए कि कैसे पायनियर सेवा करने से यहोवा के साथ आपका रिश्‍ता मज़बूत हो सकता है? क्या बात आपको इस खास सेवा में बने रहने में मदद दे सकती है?

आपने पूछा

जैसा कि यूहन्‍ना 11:35 में बताया गया है, लाज़र का पुनरुत्थान करने से पहले यीशु ने क्यों आँसू बहाए?