प्रहरीदुर्ग अंक 3 2016 | जब मौत किसी अपने को हमसे जुदा कर दे

हममें से कोई भी मौत के कहर से नहीं बच सकता। जब हमारे परिवार का कोई सदस्य या दोस्त हमसे बिछड़ जाता है, तो हम खुद को कैसे सँभाल सकते हैं?

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जब मौत किसी अपने को हमसे जुदा कर दे

हम इस दुख से कैसे उबर सकते हैं? क्या हम कभी उनसे दोबारा मिल सकते हैं, जो अब नहीं रहे?

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क्या रोना और दुखी होना गलत है?

अगर किसी को लगे कि आप हद-से-ज़्यादा दुखी हो रहे हैं, तो आप क्या करेंगे?

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अपनों से बिछड़ने के दुख का सामना करना

पवित्र शास्त्र में ऐसी कुछ सलाह दी गयी है, जिससे कई लोग अपना दुख कम कर पाए हैं।

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जो अपनों से बिछड़ गए हैं, उन्हें दिलासा दीजिए

कई बार अच्छे दोस्त भी उनकी ज़रूरतों को समझ नहीं पाते, जिन्होंने अपनों को खोया है।

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जो अब नहीं रहे, उन्हें ज़िंदा किया जाएगा!

क्या पवित्र शास्त्र में बतायी आशा पर यकीन किया जा सकता है?

क्या आप जानते थे?

यीशु कोढ़ियों से जिस तरह पेश आया, वह बाकी लोगों से अलग कैसे था? यहूदी धर्म गुरु किस आधार पर तलाक देने की मंज़ूरी देते थे?

पवित्र शास्त्र सँवारे ज़िंदगी

मैंने औरतों की और खुद की इज़्ज़त करनी सीखी

जोसफ एरेनबोगन ने पवित्र शास्त्र से कुछ ऐसा सीखा, जिससे उसकी पूरी ज़िंदगी ही बदल गयी।

क्या ऐसी दुनिया मुमकिन है, जहाँ हिंसा न हो?

कई लोगों की, जो पहले हिंसा करते थे, मदद की गयी जिससे वे अपने बुरे काम छोड़ पाए। जिस बात ने उन्हें बदलाव करने के लिए उभारा, वही बात दूसरों को भी बदलने में मदद कर सकती है।

जाँचिए, परखिए, फिर मानिए

आज कई तरह के ईसाई हैं, जो आपस-में अलग-अलग विचारधाराओं और नज़रिए के कारण बँट गए हैं। तो फिर आप यह कैसे पता लगा सकते हैं कि कौन सच्चाई सिखा रहा है?

क्या आपने कभी सोचा है?

क्या परमेश्वर का नाम लेना गलत है?

और जानकारी देखिए

क्या बाइबल में परमेश्‍वर के विचार लिखे हैं?

कई बाइबल लेखकों ने खुद कहा कि उन्होंने जो लिखा वह परमेश्‍वर की तरफ से था। क्यों?