आओ सुलह करें
1. दिल है बेचैन,
बस ये सोचूँ,
कब तक ये दर्द दिल में रखूँ?
हुई थी भूल,
हम दोनों से,
बीती बातें
जब याद आएँ दिल रो पड़े।
(कोरस)
मुरझा गए हैं जो रिश्ते,
चाहूँ फिर से वो खिल उठें।
दोस्ती तेरी प्यारी मुझे,
चलो मिलके, सुलह करें।
2. गिले-शिकवे
किए जो माफ़,
ज़िकर उनका मैं क्यों करूँ?
ढक देता प्यार
ख़ताएँ लाख,
ऐसा ही प्यार
जताना है मुझे हर बार।
(कोरस)
मुरझा गए हैं जो रिश्ते,
चाहूँ फिर से वो खिल उठें।
दोस्ती तेरी प्यारी मुझे,
चलो मिलके, सुलह करें।
(खास पंक्तियाँ)
ठाना है मैंने,
पहल करना है अब मुझे।
मुड़के ना अब देखें,
आओ मिलके बढ़े आगे।
3. याह ने रखी
मिसाल प्यार की,
बेटा अनमोल दिया अपना।
चलूँ जब मैं
उसकी राह पे
और माफ़ करूँ,
तब सुकून और राहत पाऊँ।
(कोरस)
मुरझा गए हैं जो रिश्ते,
चाहूँ फिर से वो खिल उठें।
दोस्ती तेरी प्यारी मुझे,
चलो मिलके, सुलह करें।
चलो मिलके, सुलह करें।
ठाना है मैंने।