1 नवंबर, 2023
भारत
भारत में अधिवेशन में बम धमाकों के बाद भाई-बहन एक-दूसरे को मदद और दिलासा दे रहे हैं
जैसा कि हमारी वेबसाइट पर पहले बताया गया था, रविवार, 29 अक्टूबर, 2023 को भारत के केरल में एक क्षेत्रीय अधिवेशन के दौरान कुछ बम धमाके हुए। दुख की बात है कि इस दिल-दहलानेवाले हादसे में हमारी दो बहनों की मौत हो गयी। अफसोस, उनके अलावा एक 12 साल की बच्ची को गंभीर चोटें आयीं, जिस वजह से उसकी भी मौत हो गयी। साथ ही, 55 भाई-बहन घायल हो गए, जिनमें से कुछ बुरी तरह जल गए।
फिलहाल हमारी तीन बहनें और दो भाइयों की हालत बहुत गंभीर है और वे अस्पताल में भरती हैं। अधिकारियों ने बताया है कि सुबह करीब 9:40 बजे, जब शुरूआती प्रार्थना हो रही थी, तब कम-से-कम तीन बम विस्फोट हुए। इस हमले का आरोपी पुलिस की हिरासत में है और जाँच-पड़ताल जारी है।
कई अधिकारी और सेवाकर्मी फौरन वहाँ पहुँच गए। हादसे के तुरंत बाद हमें जो आपातकालीन सेवाएँ मिलीं, हम उसके लिए बहुत शुक्रगुज़ार हैं। हम अस्पताल के स्टाफ के भी बहुत एहसानमंद हैं, जो घायल लोगों की देखभाल कर रहे हैं।
जब हाज़िर लोगों ने देखा कि सब भाई-बहन कैसे एक-दूसरे की मदद कर रहे हैं, तो यह बात उनके दिल को छू गयी। एक बहन जो वहीं हॉल में थीं, बताती हैं, “जब बम धमाके हुए, तो मैं यहोवा से तुरंत प्रार्थना करने लगी। अटेंडेंट और दूसरे भाइयों ने तुरंत हमें सुरक्षित बाहर निकाला, उन्होंने हमारा बहुत ध्यान रखा। हम महसूस कर पाए कि यहोवा हममें से हरेक का कितना खयाल रख रहा है।”
भारत शाखा दफ्तर के प्रतिनिधि, सर्किट निगरान और वहाँ के प्राचीन भाई-बहनों का हौसला बढ़ा रहे हैं और ज़रूरत की चीज़ों का इंतज़ाम कर रहे हैं। एक प्राचीन जो शाखा दफ्तर से केरल के भाई-बहनों की हिम्मत बँधाने के लिए गए हैं, बताते हैं, “यह सच है कि भाई-बहन सदमे में हैं, सहमे हुए हैं और कुछ तो बुरी तरह घायल भी हैं, लेकिन वे अच्छी बातों पर ध्यान लगाए हुए हैं। जब मैंने उनसे बात की, तो मेरा हौसला बढ़ गया। इस मुश्किल वक्त में वे यहोवा पर पूरी तरह निर्भर हैं। उन्हें देखकर मेरा विश्वास और मज़बूत हो गया।”
दुनिया-भर में सभी भाई-बहन इस हादसे के शिकार लोगों और उनके परिवारवालों के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। हम उन सभी को प्रार्थना में याद कर रहे हैं जिन पर इस हादसे का असर हुआ है। ऐसे वक्त में जब हम बाइबल में दी आशा को ध्यान में रखते हैं तो हमें सुकून मिलता है, एक ऐसे भविष्य की आशा जहाँ कोई हिंसा नहीं होगी, कोई दुख-तकलीफ नहीं होगी और कोई भी नहीं मरेगा। हमने ठान लिया है कि हम हर हाल में यहोवा पर पूरा भरोसा रखेंगे।—भजन 56:3.