1 अप्रैल, 2022
यूक्रेन
रिपोर्ट #5 | यूक्रेन पर आए संकट के दौरान भाई-बहनों का प्यार साफ नज़र आया
हमें बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि 29 मार्च, 2022 तक मारियुपोल शहर में सात और भाई-बहनों की जान चली गयी। अब तक पूरे यूक्रेन में 17 भाई-बहनों की जान जा चुकी है।
यूक्रेन में विपत्ति राहत-समितियों के भाई दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। वे अपनी जान खतरे में डालकर राहत का सामान पहुँचा रहे हैं और ऐसे इलाकों में भाई-बहनों को ढूँढ़ रहे हैं जहाँ युद्ध की वजह से तबाही मची है।
खारकीव, क्रामाटोर्स्क और मारियुपोल जैसे शहरों में बहुत नुकसान हुआ है। विपत्ति राहत-समितियों के भाइयों ने इन शहरों में खाने-पीने की चीज़ें, दवाइयाँ और दूसरे ज़रूरी सामान पहुँचाए। विपत्ति राहत-समिति का एक भाई हर दिन करीब 2,700 प्रचारकों तक खाना और दवाइयाँ पहुँचाता है। इसके लिए उसे 500 से भी ज़्यादा किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और फौजियों के कई नाकों से गुज़रना पड़ता है।
विपत्ति राहत-समितियों ने भाई-बहनों को युद्ध के इलाकों से निकालने के लिए गाड़ियों का भी इंतज़ाम किया है। चेर्नीहीव विपत्ति राहत-समिति के साथ काम करनेवाले एक भाई ने बताया: “जब सेना, घरों पर बम गिराने लगी, तो हम समझ गए कि अब शहर के अंदर रहना सुरक्षित नहीं है। बमबारी के दौरान बिजली नहीं थी और इंटरनेट भी नहीं चल रहा था, इसलिए भाई-बहनों से संपर्क करना मुश्किल हो रहा था। ऐसे में, प्राचीन फौरन उन जगहों पर गए जहाँ भाई-बहन बेसमेंट में छिपे थे और उन्हें बताया कि शहर से भागने के लिए गाड़ियों का इंतज़ाम किया गया है।”
एक आदमी जिसका ट्रान्सपोर्ट का बिज़नेस है, हमारी मदद करने के लिए तैयार हो गया। उसने अपनी वैन और बसों से नौ चक्कर लगाए और हमारे 254 भाई-बहनों को चेर्नीहीव शहर से निकाला। एक बार तो उसने भारी मशीनों का इस्तेमाल करके सड़क की मरम्मत भी की ताकि बस वहाँ से गुज़र सके। हमारे भाई इस मदद के लिए बहुत शुक्रगुज़ार थे।
इस युद्ध में कई लोगों ने अपने अज़ीज़ों को खोया है। हम इस दुख में उनके साथ हैं। लेकिन यहोवा ने वादा किया है कि बहुत जल्द ऐसा वक्त आएगा जब मौत नहीं रहेगी और कोई मातम नहीं मनाएगा। हमें इस समय का बेसब्री से इंतज़ार है।—प्रकाशितवाक्य 21:3, 4.
29 मार्च, 2022 तक यूक्रेन से आगे बतायी खबर मिली है। स्थानीय भाइयों के मुताबिक यह खबर पक्की है। लेकिन आँकड़े इससे भी ज़्यादा हो सकते हैं, क्योंकि देश के हर इलाके के भाई-बहनों से संपर्क बनाए रखना मुश्किल है:
हमारे भाई-बहनों पर क्या असर हुआ है?
17 प्रचारकों की मौत हो गयी है
35 प्रचारक घायल हुए हैं
36,313 प्रचारकों को अपना घर छोड़कर भागना पड़ा और उन्हें यूक्रेन में ही किसी दूसरी जगह पनाह लेनी पड़ी
114 घर तहस-नहस हो गए
144 घरों को बहुत नुकसान हुआ
612 घरों को थोड़ा-बहुत नुकसान हुआ
1 राज-घर तहस-नहस हो गया
7 राज-घरों को बहुत नुकसान हुआ
23 राज-घरों को थोड़ा-बहुत नुकसान हुआ
राहत काम
यूक्रेन में 27 विपत्ति राहत-समितियाँ भाई-बहनों की मदद कर रही हैं
इन समितियों ने 34,739 प्रचारकों को सुरक्षित जगहों में ठहराने का इंतज़ाम किया
16,175 प्रचारकों को दूसरे देशों में भागना पड़ा और वहाँ के भाई-बहन उनकी मदद कर रहे हैं