यहोवा के साक्षी उन लोगों के पास क्यों जाते हैं, जो किसी और धर्म को मानते हैं?
हमने देखा है कि कई लोग बाइबल के विषयों पर बात करना पसंद करते हैं, फिर चाहे वे किसी और धर्म को क्यों न मानते हों। यह सच है कि हर किसी को अपना धर्म मानने का हक है इसलिए हम ज़बरदस्ती दूसरों को अपना संदेश नहीं सुनाते।
धर्म के बारे में चर्चा करते वक्त हम बाइबल की सलाह पर चलने की कोशिश करते हैं और सामनेवाले से “कोमल स्वभाव और गहरे आदर के साथ” बात करते हैं। (1 पतरस 3:15) हम जानते हैं कि कुछ लोग हमारा संदेश ठुकरा देंगे। (मत्ती 10:14) लेकिन जब तक हम लोगों से बात नहीं करेंगे, हमें कैसे पता चलेगा कि उन्हें हमारे संदेश में दिलचस्पी है या नहीं। हम यह भी जानते हैं कि लोगों के हालात बदलते रहते हैं।
मिसाल के लिए, शायद एक व्यक्ति के पास फलाँ दिन बात करने के लिए बिलकुल भी फुरसत न हो, लेकिन अगली बार वह हमसे बात करने के लिए तैयार हो। यह भी हो सकता है कि एक व्यक्ति बाइबल के संदेश में दिलचस्पी न ले, मगर फिर उसकी ज़िंदगी में कोई ऐसी समस्या या हालात पैदा हो जाएँ जिस वजह से वह हमारी सुनने को राज़ी हो। इसीलिए हम एक-से-ज़्यादा मौकों पर लोगों से बात करने की कोशिश करते हैं।