क्या यहोवा के साक्षियों ने अपनी खुद की ही बाइबल बना ली है?
यहोवा के साक्षी काफी समय से अलग-अलग बाइबल अनुवादों का इस्तेमाल करते आए हैं। लेकिन अगर उनकी अपनी भाषा में नयी दुनिया अनुवाद बाइबल मौजूद हो तो वे उसी का इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। क्यों? क्योंकि उसमें परमेश्वर का नाम सही जगह पर दिया गया है, उसका अनुवाद एकदम सही है और समझने में आसान है।
उसमें परमेश्वर का नाम सही जगह पर दिया गया है। कई बाइबल प्रकाशक बाइबल लिखने का श्रेय उसे नहीं देते, जिसे असल में दिया जाना चाहिए। मिसाल के लिए, एक बाइबल अनुवाद में 70 से ज़्यादा लोगों की एक सूची दी गयी है, और यह सूची उन लोगों की है जिन्होंने किसी-न-किसी तरह से इसके बनने में योगदान दिया था। लेकिन उसी बाइबल में से, उसके रचनेवाले यानी यहोवा परमेश्वर का नाम हर जगह से गायब है।
इसके विपरीत नयी दुनिया अनुवाद बाइबल में, परमेश्वर का नाम हज़ारों बार उन्हीं जगहों पर दर्ज़ है, जहाँ वे इब्रानी और यूनानी भाषा में सबसे पहले दर्ज़ किए गए थे। लेकिन जिन्होंने इस बाइबल का अनुवाद किया या उसे छापा उन लोगों का नाम गुप्त रखा गया है।
एकदम सही। बाइबल असल में क्या सिखाती है, यह बात बहुत-से अनुवादों में सही तरीके से नहीं बतायी गयी है। मिसाल के लिए, एक बाइबल में मत्ती 7:13 को इस तरह अनुवाद किया गया है: “तंग रास्ते से जाओ क्योंकि चौड़ा है वह रास्ता जो नरक की ओर ले जाता है और वह रास्ता आसान है।” पर बाइबल लेखक ने यहाँ शब्द “नरक” के बजाय शब्द “विनाश” इस्तेमाल किया था। तो फिर अनुवादकों ने “नरक” शब्द क्यों इस्तेमाल किया? शायद इसलिए कि वे नरक की शिक्षा में विश्वास करते हैं और मानते हैं कि बुरे लोग नरक की आग में हमेशा-हमेशा के लिए जलाए जाएँगे। पर बाइबल ऐसा नहीं सिखाती। इसीलिए, नयी दुनिया अनुवाद में मत्ती 7:13 ऐसा कहता है: “सँकरे फाटक से अंदर जाओ, क्योंकि चौड़ा और खुला है वह रास्ता जो विनाश की तरफ ले जाता है।”
समझने में आसान। एक अच्छा अनुवाद न सिर्फ सही होना चाहिए बल्कि ऐसा होना चाहिए, जो आसानी से समझ में आए। एक मिसाल पर गौर कीजिए। मत्ती 5:3 का अनुवाद ऐसे किया है: “धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं।” कहने को यूनानी भाषा से किया यह अनुवाद बिलकुल सही है, मगर समझने में मुश्किल है। असल में लेखक यहाँ जो कहना चाहता था, उसे नयी दुनिया अनुवाद में जिस तरह बताया गया है वह समझने में आसान है। वहाँ लिखा है: “सुखी हैं वे जिनमें परमेश्वर से मार्गदर्शन पाने की भूख है।”
एक और तरीके से नयी दुनिया अनुवाद खास है: इसे लोगों को मुफ्त दिया जाता है। इस वजह से ऐसे लाखों लोग अपनी ही भाषा में बाइबल पढ़ रहे हैं, जिनके लिए इसे खरीदना शायद मुमकिन ना होता।