क्या यहोवा के साक्षी मानते हैं कि उनका धर्म ही सच्चा धर्म है?
अपने धर्म को सच्चे दिल से माननेवाला हर कोई यही सोचेगा कि उसका धर्म ही सच्चा है और परमेश्वर को भाता है। नहीं तो, वह उस धर्म को मानता ही क्यों?
यीशु मसीह इस धारणा से सहमत नहीं था कि कई धर्म या रास्ते हैं और सब-के-सब उद्धार की ओर ले जाते हैं। इसके बजाय उसने कहा: “सँकरा है वह फाटक और तंग है वह रास्ता, जो जीवन की तरफ ले जाता है और उसे पानेवाले थोड़े हैं।” (मत्ती 7:14) यहोवा के साक्षी मानते हैं कि उन्हें वह रास्ता मिल गया है। वरना वे किसी और धर्म की तलाश में रहते।