आन्द्रे निस्मैचनी: फुटबॉल मेरी ज़िंदगी थी
जब आन्द्रे ने अपना सपना पूरा किया, तो उसके साथ बहुत कुछ हुआ। इससे वह सोचने लगा कि जीने का मकसद क्या है। उसे ऐसी जगह जवाब मिला जिसकी उसने उम्मीद ही नहीं की थी।
जब आन्द्रे ने अपना सपना पूरा किया, तो उसके साथ बहुत कुछ हुआ। इससे वह सोचने लगा कि जीने का मकसद क्या है। उसे ऐसी जगह जवाब मिला जिसकी उसने उम्मीद ही नहीं की थी।