पवित्र शस्त्र सँवारे ज़िंदगी
“सच तो यह है कि मेरे मन में बहुत सवाल थे”
जन्म: 1976
देश: होंडुरास
अतीत: चर्च का पास्टर
मेरा बीता कल
मेरा जन्म होंडुरास के ला-सेबा शहर में हुआ है। मैं परिवार का इकलौता लड़का हूँ, मेरी चार बहनें हैं। परिवार में मैं ही हूँ जो सुन नहीं सकता। हम जहाँ रहते थे वहाँ का माहौल बहुत खराब था और हम गरीब भी थे। एक दिन काम की जगह पर पापा के साथ एक दुर्घटना हुई जिसमें उनकी मौत हो गयी। तब से घर के हालात और बिगड़ गए। उस वक्त मैं चार साल का था।
पापा के बाद मम्मी ने हमारा खयाल रखने की पूरी कोशिश की। लेकिन कभी-कभार मम्मी के पास इतने पैसे नहीं होते थे कि वह मुझे कपड़े दिला सके। इसलिए बारिश के मौसम में मुझे अकसर ठंड लगती थी क्योंकि मेरे पास गरम कपड़े नहीं होते थे।
बचपन में मैंने होंडुरास साइन लैंग्वेज सीखी। इसकी मदद से मैं दूसरे बधिर लोगों से बात कर पाता था। मेरी मम्मी और बहनों को यह भाषा नहीं आती थी, इसलिए वे किसी तरह कोशिश करके इशारों में मुझसे बात करते थे। मम्मी मुझसे बहुत प्यार करती थी, वह मुझे हर खतरे से बचाती थी। वह किसी तरह इशारों से समझाती थी कि मुझे धूम्रपान और शराब जैसी बुरी आदतों से दूर रहना चाहिए। आज तक कभी मुझे इन चीज़ों की लत नहीं लगी। इस बात के लिए मैं मम्मी का बहुत एहसान मानता हूँ।
जब मैं छोटा था, तो मम्मी मुझे कैथोलिक चर्च ले जाती थी। चर्च में ऐसा कोई नहीं था, जो मुझे सारी बातें साइन लैंग्वेज में सिखाता, इसलिए मुझे कुछ समझ नहीं आता था। मैं इतना बोर हो जाता था कि जब मैं दस साल का हुआ, तो मैंने चर्च जाना छोड़ दिया। पर मैं ईश्वर के बार में जानना चाहता था।
सन् 1999 में जब मैं 23 साल का हुआ, तो एक स्त्री से मिला। वह अमरीका से थी और प्रोटेस्टेंट चर्च जाती थी। उसने मुझे बाइबल से कुछ बातें सिखायीं और अमेरिकन साइन लैंग्वेज भी। बाइबल से मैंने जो भी सीखा, वह मुझे इतना पसंद आया कि मैंने सोच लिया कि मैं पास्टर बनूँगा। इसलिए पास्टर बनने के लिए मैं पोर्टोरिको गया, वहाँ बधिरों के लिए एक बाइबल स्कूल था। फिर 2002 में, मैं ला-सेबा वापस आया और मैंने दोस्तों की मदद से बधिरों के लिए एक चर्च शुरू किया। मेरी एक दोस्त का नाम पाट्रीसिया था। बाद में मैंने उसी से शादी कर ली।
चर्च में मैं होंडुरास साइन लैंग्वेज में बाइबल पर भाषण देता था। कभी-कभी बधिर लोगों को समझाने के लिए मैं बाइबल की कहानियों की तसवीरें दिखाता था या उन कहानियों का नाटक करके दिखाता था। मैं आस-पास के शहरों में जाकर बधिर लोगों से मिलता था, उनकी हिम्मत बँधाता था और उनकी परेशानियाँ दूर करने की कोशिश करता था। बाइबल सिखाने के लिए मैं अमरीका और ज़ाम्बिया भी गया। लेकिन हकीकत में, मैं बाइबल के बारे में ज़्यादा कुछ नहीं जानता था। मैं सिर्फ वही सिखाता था जो मुझे सिखाया गया था और जो मुझे तसवीरों से समझ आता था। सच पूछो तो मेरे मन में बहुत सवाल थे।
एक दिन मुझे पता चला कि चर्च के कुछ लोग मेरे बारे में झूठ फैला रहे हैं। उनका कहना था कि मैं पियक्कड़ हूँ और मेरा किसी और के साथ चक्कर चल रहा है। यह सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ और गुस्सा भी आया। कुछ समय बाद, मैंने और पाट्रीसिया ने चर्च छोड़ दिया।
पवित्र शास्त्र ने मेरी ज़िंदगी किस तरह बदल दी
यहोवा के साक्षी अकसर हमारे घर आते थे, पर हमने पहले कभी उनकी नहीं सुनी। लेकिन चर्च छोड़ने के बाद पाट्रीसिया ने साक्षियों के साथ बाइबल पढ़ना शुरू कर दिया। उसे पढ़ाने के लिए थौमस और लिक्सी नाम के पति-पत्नी आते थे। उनकी मुझे यह बात अच्छी लगी कि वे बधिर नहीं थे, फिर भी उन्होंने साइन लैंग्वेज सीखी। इसलिए कुछ समय बाद, मैं भी पाट्रीसिया के साथ बाइबल अध्ययन में बैठने लगा।
हमने अमेरिकन साइन लैंग्वेज के वीडियो की मदद से कुछ महीनों तक अध्ययन किया। उसके बाद हमारे कुछ दोस्तों ने बताया कि यहोवा के साक्षी इंसानों के पीछे चलते हैं और उनके विचार सिखाते हैं। उनकी बातों में आकर हमने पढ़ना छोड़ दिया। थौमस ने मुझे सबूत भी दिखाए कि यहोवा के साक्षी इंसानों को अपना अगुवा नहीं मानते, लेकिन मैंने उसकी बात पर यकीन नहीं किया।
कुछ महीने बाद पाट्रीसिया डिप्रेशन में चली गयी। उसने ईश्वर से प्रार्थना की कि वह यहोवा के साक्षियों को उसके पास दोबारा भेजे। कुछ ही समय बाद, हमारी एक पड़ोसिन पाट्रीसिया से मिलने आयी। वह एक यहोवा की साक्षी है। उसने कहा कि वह लिक्सी को उससे मिलने के लिए कहेगी। लिक्सी ने एक सच्चे दोस्त की तरह पाट्रीसिया का खयाल रखा। वह हर हफ्ते आकर उसका हौसला बढ़ाती थी और उसका बाइबल अध्ययन कराती थी। पर मैं अब भी साक्षियों पर भरोसा नहीं कर पा रहा था।
सन् 2012 में यहोवा के साक्षी एक खास अभियान में हौंडुरास साइन लैंग्वेज में एक डीवीडी बाँट रहे थे। वीडियो का नाम था, क्या आप सच्चाई जानना चाहेंगे? लिक्सी ने हमें भी एक डीवीडी दी। जब मैंने उसे देखा तो मैं हैरान रह गया। उसमें बताया था कि नरक और अमर आत्मा जैसी शिक्षाएँ बाइबल के मुताबिक सही नहीं हैं। और मैं अब तक यही सब सिखा रहा था।
अगले ही हफ्ते मैं थौमस से बात करने के लिए यहोवा के साक्षियों के राज-घर गया। मैंने उसे बताया कि मैं बाइबल से बधिर लोगों को सच्चाई सिखाना चाहता हूँ पर एक साक्षी बनकर नहीं। मैं अलग से बधिर लोगों के लिए एक चर्च खोलना चाहता हूँ। दोबारा मुझमें यह जोश देखकर थौमस को खुशी तो हुई पर उसने मुझे इफिसियों 4:5 पढ़ाया जहाँ बताया है कि सच्ची मसीही मंडली में एकता होनी चाहिए।
फिर थौमस मुझे अमेरिकन साइन लैंग्वेज में एक वीडियो भी दिया। उसका नाम था, जेहोवाज़ विटनेसेज़—फेथ इन ऐक्शन, पार्ट 1: आउट ऑफ डार्कनेस। उस वीडियो में दिखाया गया था कि कुछ आदमी बाइबल की शिक्षाओं के बारे में सच्चाई जानना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने बाइबल का गहराई से अध्ययन किया। मुझे वह वीडियो बहुत अच्छा लगा क्योंकि मैं भी उन आदमियों की तरह सच्चाई की तलाश में था। उस वीडियो को देखकर मुझे यकीन हो गया कि साक्षी सच्चाई सिखाते हैं, क्योंकि उनकी सारी शिक्षाएँ बाइबल से होती हैं। मैंने दोबारा अध्ययन करना शुरू किया और 2014 में मैंने और पाट्रीसिया ने बपतिस्मा लिया और हम साक्षी बन गए।
मुझे क्या फायदा हुआ
मुझे यहोवा के साक्षियों की यह बात अच्छी लगती है कि वे नैतिक तौर पर शुद्ध रहते हैं, क्योंकि वे एक पवित्र परमेश्वर की उपासना करते हैं। वे गाली-गलौज नहीं करते और दूसरों के साथ अच्छा व्यवहार करते हैं। वे एक-दूसरे के साथ शांति से रहते हैं और एक-दूसरे की हिम्मत बँधाते हैं। भले ही वे किसी भी देश में रहते हों, कोई भी भाषा बोलते हों, उनमें एकता है और वे बाइबल से एक-जैसी बातें सिखाते हैं।
मुझे बाइबल की सच्चाइयाँ सीखकर खुशी हुई क्योंकि मैंने जाना कि यहोवा इस पूरी धरती का मालिक है, सर्वशक्तिमान परमेश्वर है। उसे सबसे प्यार है, उनसे भी जो सुन नहीं सकते। मैं बहुत एहसान मानता हूँ कि परमेश्वर मुझसे इतना प्यार करता है। मैंने यह भी जाना कि बहुत जल्द यह धरती खूबसूरत बन जाएगी, हमारी सेहत अच्छी होगी और हम हमेशा तक जी पाएँगे। मैं उस दिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा हूँ!
मुझे और पाट्रीसिया को दूसरे बधिर लोगों को बाइबल की सच्चाइयाँ सिखाना बहुत अच्छा लगता है। हम अपने पुराने चर्च के चार लोगों का बाइबल अध्ययन करा रहे हैं। आज जब मैं लोगों को सिखाता हूँ, तो मेरे मन में कोई सवाल नहीं उठते जैसे पहले उठते थे। यहोवा के साक्षियों के साथ अध्ययन करके मुझे मेरे सारे सवालों के जवाब मिल गए।